मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी को डेंगू कहा जाता है। संक्रमण के कारण भी यह बीमारी लग सकती है। डेंगू के बुखार में पाचन प्रणाली को बहुत नुकसान पहुंचता है। जिस वजह से खुराक पाचन में काफी परेशानिया होती है। अब सवाल यह होता है की डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। जिससे पाचन क्रिया अच्छी रहे और डेंगू बुखार में भी राहत मिले।
जब डेंगू की बीमारी हो तब पाचन में हलके हो ऐसे खाद्य पदार्थ आहार में लेना उत्तम है। इस बीमारी में शरीर कमजोर हो जाता है इसलिए शक्तिवर्धक और आसानी से पाचन हो जाए ऐसे खुराक लेने की अधिकतर स्वास्थ्य निष्णांत सलाह देते है। अगर आपके शरीर में डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर का संपर्क करे और Dengue Diet Chart को फॉलो करे।
डेंगू में क्या खाना चाहिए Dengue Diet In Hindi
इस बुखार की स्थिति में प्लेटलेट्स नॉर्मल रेंज से कम होने लगते है। जिसके कारण डेंगू का प्रमाण बढ़ता जाता है। ऐसे में प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल और खाद्य पदार्थ खाने पर डेंगू बुखार कम होता है।
डेंगू के पीड़ितों को मुख्य रूप से फल, सब्जिया, सलाड, सूप वगेरा खाना चाहिए। ऐसे खाद्य पदाथ पचने में हलके और ऊर्जा प्रदान करने वाले होते है। साथ ही ऐसे गुणकारी फूड्स शरीर में फाइबर, मिनरल, विटामिन्स की कमी को आसानी से पूरा करते है।
Dengue Fever से जल्द ही छुटकारा पाने के लिए निचे दीए गए फूड्स को अपने रोजाना डाइट में शामिल करे।
(1) ब्रोकोली
विटामिन के और फोलेट के स्वास्थ्य गुणों से भरपूर ब्रोकोली डेंगू से लड़ने में मददगार है। यह सब्जी रोग प्रतिकारक शक्ति में बढ़ावा करती है। साथ ही शरीर को बाहरी संक्रमण का सामना करने की ताकत देती है।
ब्रोकोली की सब्जी को पानी में उबाल कर खाने से काफी फायदे होते है। इसके अलावा ब्रोकोली सब्जी को कम तेल मसाले में बना कर भी खाया जा सकता है।
(2) पालक
आमतौर पर लोग पालक की सब्जी और परोठे खाना पसंद करते है। पर डेंगू में पालक का पूरा फायदा उठाने के लिए पालक जूस और सूप पीना लाभकारक है। पालक में प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन सी और ई पाए जाते है।
पालक शरीर के विषाक्त पदार्थो को बहार निकाल कर शरीर को शुद्ध बनाती है। डेंगू में पाचन क्रिया पर दुष्प्रभाव पड़ता है। पर पालक पाचन प्रक्रिया को मजबूत रखती है और उसकी कार्य क्षमता में सुधार करती है।
(3) पपीता
एक अध्ययन के आधार पर पता चला है की पपीता फल और उसका जूस डेंगू बुखार में लाभदायी है। पपीते का जूस प्लेटलेट्स को बढ़ाने में कारगर है। पपीते का पत्ता पपेन और काइमोपपैन जैसे एंजाइमों से भरपूर है।
पपीता फल पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। डेंगू के उपचार में पपीता फल को सबसे ज़्यादा लाभकारी माना जाता है। पपीता के पत्ते का रस शरीर में 30 मिली प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में मदद करता है।
(4) संतरा
संतरे को विटामिन सी का सबसे बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है। संतरा डेंगू की बीमारी में प्रभावी फल है जो इस समस्या को तेजी से दूर करता है। संतरे के अंदर प्रचुर मात्रा में पौष्टिक गुणों की उपलब्धि है।
Dengue बीमारी के मरीज सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले संतरा रस में शहद मिला कर पीए। संतरा जूस में डेंगू को जड़ से ख़त्म करने की ताकत होती है। नियमित रूप से संतरा जूस पीना गुणकारी है।
(5) मेथी
हरी सब्जियों में शामिल मेथी शरीर को अनेक स्वास्थ्य लाभ देती है। मेथी में एस्ट्रोजेन नामक तत्व डेंगू में होने वाली कमजोरी को दूर करता है। डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का बढ़ना बहुत जरूरी होता है यह काम मेथी करती है।
बुखार कम करने के लिए मेथी के दानो को पीस कर शहद के साथ उबाल कर पीना फायदेमंद है। डेंगू में कम तेल मसाले में बनी में मेथी की सब्जी खाने से शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली में बढ़ावा होता है।
(6) कीवी
एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होने के साथ कीवी फल में फाइबर, कैल्शियम, मैग्नेशियम और पोटैशियम की अच्छी मात्रा है। यह फल डेंगू बुखार में बॉडी के प्लेटलेट्स को गिरने से रोकने में सहायक है।
रोजाना 2 से 3 कीवी फल का सेवन करने से इम्युनिटी मजबूत होती है। डेंगू के मरीजों को तुरंत ऊर्जा प्राप्ति के लिए कीवी फ्रूट का सेवन करना फायदेकारक है। Dengue Diet Chart में कीवी को जरूर शामिल करे।
(7) चिकन
जो लोग मांसाहार लेते है उनके लिए चिकन एक बेस्ट ऑप्शन है। अधिकतर लोगो को चिकन खाना पसंद है साथ ही यह संक्रमण की असर को कम करने में और इम्युनिटी बूस्ट करने में भी फायदेकारक है।
बॉईल किया हुआ चिकन और उसका सूप पीना डेंगू के मरीजों के लिए लाभकारी है। चिकन का गरम सूप शरीर को नमी देता है। यह सूप टेस्टी होने के साथ शरीर में विटामिन्स की कमी को आसानी से पूरा करता है।
(8) फिश
सी फ़ूड मछली को आप अपनी Dengue Diet में बेजिझक शामिल कर सकते है। लेकिन याद रहे मछली को उबाल कर ही खाना है। तेल मसाले में बने हुए खाद्य पदाथ डेंगू के खतरे को और भी बढ़ा सकते है।
सप्ताह में सिर्फ 2 या 3 बार मछली खाने पर भी इसके अनगिनत लाभ मिलते है। मछली के अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा में उपस्थिति होती है। जो पाचन क्रिया पर भी हकारात्मक प्रभाव डालता है।
(9) आलू बुखारा
स्वाद में मीठा और पोषक तत्वों से भरपूर आलू बुखारा पाचन प्रणाली को ठीक तरह से कार्य करने में प्रोत्साहित करता है। इसलिए डेंगू से होने वाले विकार दूर करने के लिए नियमित रूप से आलू बुखारा खाना उत्तम है।
इसी के साथ आप ड्राई फ्रूट के रूप में सूखा आलू बुखारा को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते है। दिन में केवल 3 बार आलू बुखारा खाने पर पाचन क्रिया बिलकुल अच्छी तरह से कार्य करने लगती है।
(10) नारियल पानी
प्राकृतिक पेय के नाम से मशहूर नारियल पानी डेंगू में काफी राहत देता है। इसके नैचरल एंटी ऑक्सीडेंट गुण शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाते है। जिस कारण डेंगू या नॉर्मल फीवर में जल्दी आराम मिलता है।
नारियल पानी के अंदर अच्छी मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स की मौजूदगी है जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मददगार है। इस पानी में कही प्रकार के मिनरल्स और पोषक गुण मौजूद है। जिससे डेंगू का अच्छे से इलाज होता है।
(11) दूध
शरीर की गरमी कम करने के लिए हमेशा डेंगू दवाइयों के साथ दूध को जरूर पीना चाहिए। उसमे भी गाय और बकरी का दूध तो बहुत असरकारक होता है। डेंगू में यह ब्लड प्लेटलेट की कमी को आसानी से पूरा करता है।
बकरी और गाय दोनों के दूध में सेलेनियम की अच्छी मात्रा होती है। जिससे ब्लड प्लेटलेट काउंट में बढ़ावा होता है। शहद वाला और हल्दी वाला दूध पीने से शरीर को डेंगू बुखार से लड़ने की ताकत प्रदान होती है।
(12) नींबू
संक्रमण की इस बीमारी से निजात पाने के लिए नींबू का रस लाभदायी है। एक गिलास गरम पानी में नींबू का रस निचोड़ कर पीने से डेंगू में राहत मिलती है। नींबू शरीर में एंटी बॉडी बनाने का काम करता है।
नींबू की तासीर ठंडी होती है इसलिए डेंगू मरीजों को यह किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता। यह शरीर में सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को बनाने का काम करता है। जो सूक्ष्मजीवों का मुकाबला करने में सहायक होते है।
सवाल जवाब
अधिकतर लोगो को डेंगू बुखार (Dengue Fiver) को लेकर मन में कही तरह के प्रश्न होते है। निचे हमने ऐसे ही लोगो द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिए है।
डेंगू में क्या नहीं खाना चाहिए?
इस बीमारी में पाचन क्रिया बुरा असर होता है इसलिए डेंगू बुखार से पीड़ितों को निचे दिए गए आहार को खाने में नहीं लेना चाहिए।
- ज़्यादा मिर्च मसाले वाले खुराक
- ठंडे खाद्य पदार्थ
- कोल्ड्रिंक्स
- कैफीन युक्त पेय
- स्वीट्स
- मैदा से बने फ़ूड
डेंगू में कौन कौन से फल खाने चाहिए?
किसी भी तरह की बड़ी या छोटी कोई भी बीमारी हो तो फलों का सेवन करना हमेशा लाभदायी होता है। डेंगू से लड़ने में निम्नलिखित फल लाभदायी है।
- पपीता
- कीवी
- संतरा
- तरबूज
- सेब
- केला
- अनार
- आम
- जामुन
डेंगू के रोगी को क्या क्या खाना चाहिए?
बीमारियों में ज़्यादातर पौष्टिक गुणवत्ता से भरे फ़ूड लेना उत्तम है, जो कुछ इस तरह है।
- संतरा जूस
- हर्बल टी
- फ्रूट सलाड
- कोदरी
- नारियल
- पपीते पत्तो का रस
- कीवी
- नींबू का रस
- चिकन
- पालक
- हल्दी
- रायता
डेंगू में अंडा खाना चाहिए?
नॉनवेज फ़ूड में आप अंडा खा सकते है क्यों की डेंगू बुखार में शरीर को अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा आप चिकन और मटन को भी आहार में ले सकते है।
डेंगू में दूध कैसे पीना चाहिए?
आमतौर पर लोग कोई भी समय दूध का सेवन कर लेते है। लेकिन सही तरीके से और सही मात्रा में पीने से डेंगू में ज़्यादा लाभ मिलते है। डेंगू मरीजों के लिए गाय और बकरी का दूध उत्तम है। इस दूध को रात को सोने से पहले हल्दी डाल कर पीना चाहिए।
इसके अलावा सुबह खाली पेट एक गिलास गरम बकरी के दूध में शहद मिलकर पीने से भी डेंगू बुखार में फायदे मिलते है। दूध में पौष्टिक तत्वों की भरमार होने से यह किसी भी बीमारी में पीना फायदेमंद होता है।
बकरी का दूध गर्म पीना चाहिए या ठंडा?
ग्राम्य भारत के कही विस्तारो में बकरी के दूध को कच्चा पीना फायदेकारक माना जाता है। उनका मानना है की दूध उबाल कर पीने से उसके पोषक तत्व ख़तम हो जाते है। कुछ लोगो द्वारा ऐसी बात प्रचलित की गयी है की बकरी का कच्चा दूध पीना डेंगू मरीजों के लिए लाभदायक है।
पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह कहना है की कोई भी पशु का बिना उबाला हुआ दूध शरीर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए बकरी के दूध को गरम कर के पीना ही बेहतर है।
डेंगू में बकरी का दूध कैसे पीना चाहिए?
कैल्शियम स्त्रोत दूध डेंगू बुखार में कही तरह के फायदे देता है। बकरी दूध (Goat Milk) में प्रोटीन, फाइबर, शुगर और विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है। जिस कारण डेंगू में बकरी का दूध पीना फायदेकारक होता है।
बकरी के दूध को उबाल कर एक गिलास में डाले फिर उसमे थोड़ी सी हल्दी भी डाल दे। इसी के साथ आप इस दूध में शहद डाल कर भी फायदे प्राप्त कर सकते है। डेंगू दवाइयों के साथ दूध पीना बेहतरीन है।
डेंगू मच्छर कब काटता है?
खास कर बारिश के मौसम में मच्छरों की समस्या ज़्यादा बढ़ जाती है। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते। एक अध्ययन के मुताबिक डेंगू मच्छर सूर्योदय होने के 2 घंटे बाद और सूर्यास्त के कुछ घंटे पहले तक ज्यादा एक्टिव रहते है।
डेंगू की पहचान क्या है?
एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने पर डेंगू होता है। इसमें सूजन, आंख की समस्या, तेज सिरदर्द, त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना और नाक से खून निकलना जैसे लक्षण देखने को मिलते है। साथ ही डेंगू होने पर तेज बुखार होता है।
डेंगू मच्छर मारने की दवा?
यदि मच्छर को ख़तम कर दिया जाये तो डेंगू मलेरिआ जैसी बिमारियों का खतरा कम हो जाता है। मच्छर मारने के लिए मार्किट में स्प्रे, कोइल, लिक्विड, क्रीम जैसी दवाये उपलब्ध है। सबसे अच्छी दवाई की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ सकते है।
डेंगू बुखार कितने दिनों तक रहता है?
सामन्य तोर पर डेंगू के मरीज को 5 से 7 दिनों तक बुखार रहता है। थोड़े दिनों बाद व्यक्ति पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है। लेकिन थोड़े बहुत किस्सों में डेंगू का बुखार ज़्यादा दिनों तक भी रहता है।
डेंगू होने के बाद क्या करना चाहिए?
जब डेंगू का संक्रमण लगे तब तुरंत तेल मसाले वाले खुराक और धूम्रपान बंद करे। फिर नजदीकी डॉक्टर का संपर्क कर के उनसे जरूरी दवाइया ले। अगर संक्रमण का खतरा ज़्यादा हो तो आप इंजेक्शन भी ले सकते है।
खुराक में फल, सब्जिया और डेरी प्रोडक्ट्स को शामिल करे। डेंगू बुखार में उबाला हुआ स्वच्छ पानी ही पीने में लेना चाहिए। फलों का रस और सब्जियों का सूप पीना फायदेकारक है।
मच्छर किसे ज्यादा काटते है?
एक संशोधन अनुसार सभी ब्लड ग्रुप की तुलना में ओ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों को मच्छर ज़्यादा काटते है। इस ब्लड ग्रुप वाले इंसानो की तरफ मच्छर चुंबक की तरह आकर्षित होते है। दूसरी तरफ बी ब्लड ग्रुप वालो को मच्छर सामन्य रूप से ही काटते है।
डेंगू फैलने का क्या कारण है?
अत्याधिक डेंगू फैलने का सबसे बड़ा कारण यह है की संक्रमित मच्छरों द्वारा ज़्यादा से ज़्यादा लोगो को काटना। डेंगू मच्छर के काटने पर यह बीमारी संक्रमण की तरह तेजी से फैलने लगती है।
डेंगू मच्छर किस जल में उत्पन्न होता है?
डेंगू मच्छर गंदे और बहते जल के अलावा किसी भी जल में हो सकते है। डेंगू मच्छर से बचने के लिए घर के आस पास किसी भी जगह पर पानी न एकत्र होने दे।
बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिए?
संक्रमण वाली इस बीमारी के बचाव में कही तरह के उपाय करने चाहिए। जैसे की आस पास की जगहों की सफाई करना, ज़्यादा गंदकी न फैलने देना। एक ही जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर ज़्यादा पनपते है।
इसलिए एक ही बर्तन या गमले में ज़्यादा वक्त तक पानी न रखे बल्कि इस पानी को बदलने रहना चाहिए। मच्छर से बचने के लिए मच्छर की अगरबत्ती, कोइल या इलेक्ट्रिक कोइल का इस्तेमाल कर सकते है।
आशा करती हु डेंगू में क्या खाना चाहिए अच्छे से बता पायी हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में ऐसी ही एक हेल्थ जानकारी के साथ तब तक टेक केयर।