टेस्टी मैदे से बना स्वादिष्ट खाना पूरी, कचोरी, भटोरे, समोसे हर किसी को पसंद होते है। लेकिन क्या आपको पता है मैदा कैसे बनता है और इसे खाने के नुकसान क्या है। मैदा ठीक तरह से पचन भी नहीं हो पाता, इस वजह से यह आंतो में चिपक जाता है। मैदा स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसलिए इसका कम से कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
बहार मिलने वाले फ़ास्ट फ़ूड के अंदर भरपूर मात्रा में मैदे का उपयोग किया जाता है। इस सफ़ेद आटे को कही लोग धीमा जहर भी कहते है। क्यों की यह धीरे धीरे कर के हमारे पुरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के बाद आपको Maida In Hindi की पूरी जानकारी प्राप्त हो जाएंगी।
मैदा क्या है और कैसे बनता है Maida In Hindi
मैदे से बनी चीज़े हम सबने खायी है और Maida Flour को देखा भी है। लेकिन हमें ये नहीं पता यह आटा कैसे बनता है और इसका मतलब क्या है। सरल भाषा में कहे तो गेहू के सफ़ेद भाग पर प्रक्रिया द्वारा बनने वाले सफ़ेद आटे को मैदा कहा जाता है।
मैदे में शरीर के लिए गुणकारी ऐसे पोषक तत्व की मौजूदगी नहीं है। मैदे के अंदर फाइबर बिलकुल नहीं होता, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसान कारक है। इसमें नुकसानकारक कार्बोहाड्रेट और फैट की मात्रा ज़्यादा है। जिससे मैदे से बने जंक फूड्स खाने वाली व्यक्ति के शरीर में, अयोग्य चर्बी जमा होती है।
पोषक तत्वों की बात करे तो इसमें बहुत ही कम मात्रा में फेनोलिक यौगिक, फाइटिक एसिड, फाइटोएस्ट्रोनिन और लिग्नांस पाया जाता है। जिससे शरीर को कुछ अधिक फायदे नहीं मिल पाते। पोषक तत्वों की कमी के कारण मैदे की तासीर अम्लीय यानि की एसिडिक हो जाती है।
रोजाना दैनिक आहार में से मैदे से बने खाद्य पदार्थो को दूर करना चाहिए। कभी कभार टेस्ट के लिए आप मैदे से बनी चीजे खा सकते है। मगर इसे ज़्यादा खाने पर स्वास्थ्य सबंधित नुकसान होते है। मैदे को Maida In English में इसे Wheat Flour Maida (व्हाइट फ्लॉर) यानि की सफ़ेद आटा कहा जाता है।
मैदा कैसे बनता है Maida Kaise Banta Hai
ज़्यादातर लोगो को पता नहीं होगा की मैदे को गेहू में से बनाया जाता है। पर गेहू और मैदे के आटे में बहुत फर्क है। गेहू का आटा स्वास्थ्य के लिए लाभदायी होता है। और मैदे का आटा शरीर को नुकसान पहुंचाता है। गेहू और मैदे का आटा बनने की प्रक्रिया में भी काफी अंतर है।
मैदा बनने की प्रक्रिया में पहले गेहू को अच्छे से साफ़ कर के सूखा दिया जाता है। फिर गेहू से मैदा बनने वाली मील में उसे लाते है। सबसे पहले गेहू की ऊपरी परत को निकाला जाता है। जिनमे भरपूर पौष्टिक गुण प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन होते है।
सूखे गेहू में से ऊपरी परत को निकालने के बाद उसमे सिर्फ बिच वाला हिस्सा ही बचता है। यह परत निकलने के बाद गेहू बड़े बड़े टुकड़ो में टूट जाते है। इसकी भूसी निकाल कर बचे हुए कणो से इसकी सूजी बनाई जाती है। यह प्रक्रिया में पहले सूजी बनती बाद में मैदा बनता है।
इसके बाद सफ़ेद रंग वाले स्टार्च कणो को अच्छी तरह से पीसा जाता है। जो बाद में सफ़ेद पाउडर की तरह दिखने लगता है। यह पाउडर ही मैदे का आटा होता है, जिसका उपयोग हम स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में करते है।
मैदा खाने के नुकसान Maida Ke Nuksan
मैदा बनने की प्रक्रिया के दौरान ऊपरी परत निकाली जाती है। जिससे गेहू में रहे सभी पोषक तत्व ख़तम हो जाते है। मैदा खाने के फायदे से ज़्यादा नुकसान होते है।अधिक मात्रा में मैदे से बने हुए फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
(1) डायाबिटीज होने की संभावना
मैदे के अंदर हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो रक्त में शर्करा के प्रमाण को तेजी से बढ़ाता है। यह शरीर में इंसुलिन बनने से भी रोकता है। जिससे अधिक मात्रा में मैदे से बने जंक फूड्स का सेवन करने पर, मधुमेह होने की संभावना रहती है। डायाबिटीज पीड़ितों को मैदे का सेवन नहीं करना चाहिए।
(2) हृदय स्वास्थ्य के लिए घातक
अति मैदे से बने खाद्य पदार्थ खाते रहने से हृदय रोग होने का खतरा बढ़ता है। मैदे में पाए जाने वाले, कार्बोहाइड्रेट मोनोसाच्चेराइड और डिसाकाराइड हृदय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते है। इस कारण LDL कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ जाता है। इसी के साथ उच्च रक्तचाप जैसी समस्या भी खड़ी हो सकती है।
(3) अस्वस्थ मोटापा बढ़ता है
प्रचुर मात्रा में मैदे के अंदर फैट और स्टार्च होता है। जिसके कारण वजन तेजी से बढ़ने लगता है। और पेट के अंदर अधिक मात्रा में अयोग्य चर्बी जमा होती है। साथ ही मैदा खाने से ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि होती है। इसलिए आप मोटापा की समस्या से पीड़ित है, तो मैदे का सेवन करने से बचे।
(4) अर्थराइटिस होने का खतरा
मैदा में हड्डियों के लिए जरूरी ऐसे पोषक तत्व कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी होती है। मैदा एसिडिक होता है, जो हड्डियों में से कैल्शियम को अवशोषित करता है। मैदा खाने से मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। और अर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
(5) पाचन तंत्र की समस्या
जो लोग पाचन सबंधित विकार से परेशान है, उनके लिए मैदे का सेवन करना हानिकारक है। इसमें डाइट्री फाइबर नहीं होता, जिससे मैदा पाचन क्रिया पर नकारात्मक असर डालता है। मैदा खाने से कब्ज, एसिडिटी, बवासीर, पेट में ऐंठन और पेट दर्द जैसी समस्याए उत्पन्न होती है। कभी कभार मैदा पाचन न होने से आंतो में चिपकने लगता है।
(6) एलर्जी लगने का कारण
ज़्यादा मात्रा में मैदे से बने जंक फूड्स का सेवन करने पर एलर्जी लग सकती है। गेहू की कई प्रकार की प्रजातियों में ग्लूटेन पाया जाता है, जो एक तरह का प्रोटीन है। मैदे के अंदर ग्लूटेन की मात्रा है, जो एलर्जी लगने का कारण बन सकती है।
(7) रोग प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी
रोग प्रतिकारक शक्ति कमजोर होने से कोई भी बाहरी संक्रमण शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकता है। मैदा को अत्यधिक मात्रा में खाने पर रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है। मैदा बनने की प्रक्रिया के दौरान उसमे से मिनरल्स, विटामिन्स और खनिज तत्व निकाल दिए जाते है। जिससे मैदा खाने पर शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता। और रोग प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
मैदा खाने के फायदे Maida Ke Fayde
आटा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन मैदे का नहीं। मैदे में पोषक तत्वों की अधिक मात्रा में कमी है। जिस वजह से मैदा खाने से शरीर को कुछ ज़्यादा फायदे नहीं प्राप्त होते। सिर्फ कुछ ही फायदे है जो निचे अनुसार है।
- खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए और ग्रेवी को गाढ़ा बनाने के लिए खाना बनाते वक्त, उसमे मैदे का इस्तेमाल किया जाता है।
- जो लोग हर रोज गेहू की रोटी खाना नहीं पसंद करते। वह लोग कही बार मैदा के आटे से बनी रोटी को भी आहार में ले सकते है।
- स्वादिष्ट नमकीन बनाने के लिए मैदा उपयोगी है।
- मैदे से बना कम आहार खाने पर भी भूख जल्दी दूर हो जाती है।
- मैदे का फेसपेक बना कर लगाने से त्वचा पर निखार आता है।
- मैदा का स्क्रब बना कर लगाने से स्किन पर जमी हुई मृत त्वचा आसानी से निकल जाती है, और त्वचा मुलायम होती है।
सूजी और मैदा में फर्क क्या है
आपको बता दू की सूजी और मैदा दोनों ही गेहू से बने होते है। पर उन दोनों में थोड़े बहुत फर्क नजर आते है।
- सूजी छोटे छोटे दानो के स्वरूप में होती है। और मैदा सफ़ेद आटा या पाउडर की तरह दीखता है।
- सूजी खाने से फायदे होते है। जबकि मैदा खाने पर ज़्यादातर शारीरिक नुकसान होता है।
- मैदे का रंग बिलकुल सफ़ेद होता है और सूजी का रंग हल्का सा पीला होता है।
- सूजी में शरीर के लिए जरूरी ऐसे मिनरल, विटामिन, प्रोटीन और खनिज तत्व होते है। वही दूसरी तरफ मैदे में पोषक तत्वों की अत्यधिक कमी है।
- गेहू की ऊपरी परत निकालने के बाद उसके टुकड़ो में से भूसी निकाल कर सूजी बनाई जाती है। सफ़ेद कणो को अच्छी तरह से पीस कर मैदा बनाया जाता है।
- रोजाना नाश्ते में सूजी से बनी चीजे हलवा, इडली, उपमा, उत्तपम वगेरा सेहतप्रद है। जबकि मैदे से बने समोसे, कचोरी, पिज़्ज़ा, भटूरे वगेरा नुकसानकारक है।
मैदा और गेहू में क्या अंतर है
गेहू का आटा मैदे के आटे की तुलना में हर तरह से श्रेष्ठ है। गेहू का आटा पौष्टिक गुणों का खजाना है। यो चलिए समझते है मैदा और गेहू का अंतर।
- गेहू का आटा मिनरल, विटामिन, फाइबर से समृद्ध स्त्रोत है। जबकि मैदा में से रिफाइनिंग प्रक्रिया के दौरान ही ऊपरी परत के साथ पोषक तत्व भी निकल जाते है।
- रंग में गेहू हल्का सा भूरा होता है। और मैदे का रंग सफ़ेद होता है।
- मैदे के मुकाबले गेहू की रोटी में ज्यादा स्वास्थ्य लाभ है।
- गेहू का आटा फाइबर का बेहतरीन स्त्रोत है, वजन घटाने के लिए यह उपयोगी है। वही दूसरी तरफ मैदे में फाइबर की मात्रा नहीं है, जिससे मोटापा होता है।
- गुणों का खजाना गेहू से बनी चीजे हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। जबकी मैदे से बनी चीजों का ज़्यादा मात्रा में सेवन करने पर हृदय रोग होए की संभावना रहती है।
- गेहू के आटे को इंग्लिश में Whole Wheat Flour कहते है। मैदे को इंग्लिश में Fine Flour या White Flour के नाम से जाना जाता है।
फेमस मैदा रेसिपी Maida Recipe In Hindi
स्वाद शौखिनो के लिए मैदे से बने जायकेदार व्यंजन बहुत ख़ास होते है। कभी कभी संतुलित मात्रा में स्वाद के लिए मैदे से बनी रेसिपी को आप खा सकते है। तो चलिए जानते है मैदे से बनी इंडियन फेमस रेसिपीज के नाम।
- मैदा ढोसा
- मैदा चकली
- नमकीन मठरी
- मैदा का पापड़ी
- स्पाइसी मैदा स्टिक
- मैदे की पूरी
- मैदा के नमकपारे
- मैदे की रोटी
- टेस्टी मैदा कचोरी
- मैदा के समोसे
मैदा का उपयोग कैसे करे
स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए तो आप मैदे का इस्तेमाल कर ही सकते है। पर त्वचा के लिए भी मैदा फायदेमंद है, जिसकी जानकारी हमने निचे विस्तार से दी है।
- जब आपको कुछ रोजाना खाने से अलग खाने का मन करे तब आप मैदे से बने खाद्य पदार्थ को ग्रहण कर सकते है।
- स्वादिष्ट रसोई और ग्रेवी को गाढ़ा बनाने के लिए उसमे मैदे का सफ़ेद पाउडर दाल के उसे जायकेदार बना सकते है।
- बहार के तले हुए जंक फूड्स के बदले, आप घर पे बने मैदा के स्वादिष्ट व्यंजन खाये।
- त्वचा में तुरंत निखार लाने के लिए मैदे से बने फेसपेक का इस्तेमाल करे।
- फेसपेक बनाने के लिए 1 चम्मच मैदे का पाउडर, 1 चुटकी हल्दी और 2 चम्मच नींबू के रस में थोड़ा पानी दाल कर मिला लीजिये।
- मैदे के इस मिश्रण को 25 से 30 मिनट तक चेहरे पर लगा कर रखे। बाद में उसे स्वच्छ गुनगुने पानी से धो ले।
- इसके अलावा आप मैदा और दही को मिला कर भी चेहरे पर लगा सकते है।
मैदा की कीमत क्या है Maida Price
भारत की ज्यादातर किराना दुकान में आपको मैदा मिल जायेगा। जहा 1 किलोग्राम मैदा की कीमत ₹40 से ₹70 के बिच में रहती है। यदि आप थोड़ी बेहतर क्वालिटी का मैदा आटा खरीदना चाहते है। तो निचे की लिंक द्वारा अमेज़न से खरीद सकते है।
आशा करती हु मैदा कैसे बनता है, मैदा खाने के नुकसान Maida In Hindi के बारे में पूरी जानकारी देने में सफल रही ही। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।