ट्राइग्लिसराइड एक प्रकार का फैट है जो व्यक्ति के खून में पाया जाता है। इस फैट द्वारा शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। कही बार ज्यादा तेल मसाले वाला अधिक कैलोरी फ़ूड खाने से बिनजरूरी ट्राइग्लिसराइड बढ़ता है। जिसके कारण शरीर के कही हिस्सों में चर्बी का प्रमाण बढ़ता है।
हृदय रोग की शुरुआत दो तरह के फैट के कारण होती है, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड। कोलेस्ट्रॉल में 1 फैटी एसिड और ट्राइग्लिसराइड में 3 फैटी एसिड होते है। यह दोनों नॉर्मल लेवल से अधिक हो जाये तो हार्ट अटैक, हृदय बीमारी और स्ट्रोक का खतरा रहता है।
इस फैट से जुडी पूरी जानकारी हम आपको Triglycerides In Hindi में बता रहे है। जिसमे आप जानेगे ट्राइग्लिसराइड क्या है कैसे बनता है, लक्षण, कारण, नॉर्मल लेवल। और ट्राइग्लिसराइड कम करने के उपाय, इलाज, दवा की जानकारी।
Triglycerides In Hindi
तैलीय खाद्य पदार्थ, बटर, अल्कोहल, शुगर वगेरा का सेवन करने पर हमारे खून में ट्राइग्लिसराइड जमा होता है। जो एक तरह का फैट चर्बी है, जिससे हमें एनर्जी मिलती है। शरीर में ट्राइग्लिसराइड 150 मिग्रा/डेसीलीटर से कम होना चाहिए। इससे ज्यादा का लेवल हाई ट्राइग्लिसराइड कहा जाता है। जो बढ़ता ही जाये तो धमनिया ब्लॉक हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड में अंतर
कही लोग समझते है कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड एक ही है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। दोनों के बिच में उनकी कार्यविधि आधारित अंतर है।
- कोलेस्ट्रॉल चिकना वेक्सी होता है, जो हमारा लिवर बनाता है। ट्राइग्लिसराइड तेल से बनता है।
- कोलेस्ट्रॉल हमारे खून की कोशिका निर्माण और हॉर्मोन बनाने में मदद करता है।
- ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल हमारी बॉडी ही बनाती है, दूसरा नॉनवेज आहार से ज्यादा मिलता है।
- कोलेस्ट्रॉल में 1 फैटी एसिड और 47 कार्बोन्स होते है। ट्राइग्लिसराइड में 3 फैटी एसिड और ग्लिसरों होता है।
- वनस्पति तेल (खाद्य तेल) में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता, उसमे ट्राइग्लिसराइड होता है।
- ट्राइग्लिसराइड से कैलोरी बहुत मिलती है, कोलेस्ट्रॉल से नहीं मिलती।
- कोलेस्ट्रॉल छोटा होने के कारण मिलीग्राम में खाया जाता है, जबकि ट्राइग्लिसराइड ग्राम्स में खाते है।
हाई ट्राइग्लिसराइड के लक्षण
शरीर की किसी भी समस्या या बीमारी को हम कुछ खास लक्षण द्वारा समझते है। वैसे ही हाई ट्राइग्लिसराइड के लिए भी हम लक्षण जानने का प्रयास करते है। पर इसके बहुत ज्यादा लक्षण नहीं है। केवल कुछ असामान्य परिस्थिति द्वारा आप समझ सकते है।
- हार्ट में दर्द महसूस होना
- अनियंत्रित चर्बी बढ़ते रहना
- ब्लड में शुगर का प्रमाण बढ़ना
- ज्यादा कफ बनते रहना
Triglycerides In Hindi में यही पता करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। की कोनसे लक्षणों के आधारित स्थिति बुरी है या नहीं उसका पता लगाया जाये। फिर भी ऊपर के लक्षण द्वारा थोड़ी मदद ले सकते है।
हाई ट्राइग्लिसराइड के कारण
निम्नलिखित कारणों से आपका ट्राइग्लिसराइड लेवल हाई हो जाता है। यदि इन कारणों का समाधान किया जाये तो स्थिति अच्छी हो जाती है।
- बहुत ज्यादा तेल मसाला वाला खाने से
- बहार के जंक फ़ूड का सेवन करने से
- किडनी से जुडी बीमारी के कारण
- ज्यादा खा कर एक ही जगह बैठे रहने पर
- शरीर में गतिविधि की कमी
- अल्कोहल या शराब के नशे करने पर
- स्टेरोइड की दवाई लेने पर
ट्राइग्लिसराइड का इलाज उपाय
इस स्थिति से पीड़ित कही लोगो के मन में प्रश्न होगा की ट्राइग्लिसराइड कम कैसे करे। तो इसके लिए निचे बताये गए इलाज और उपाय का अच्छे से पालन करे।
- ट्राइग्लिसराइड कम करने के लिए सबसे पहले तेल खाना कम करे या बंद कर दीजिये।
- आपको जीरो ऑइल कुकिंग फूड्स खाने चाहिए, जिसमे तेल नहीं होता।
- जीरो ऑइल कुकिंग कैसे करते है उसके बारे में आपको यूट्यूब पर ढेरो वीडियो मिल जायेगे।
- जिनसे भी तेल बनता है वो सब खाना बंद करे जैसे मूंगफली, नारियल, बादाम।
- दूध में भी फैट ज्यादा होता है, इसलिए मलाई निकाल कर ही पिए।
- यदि आप डायबिटीज के मरीज है तो मीठा ना खाये और करेला जूस पीजिये।
- ट्राइग्लिसराइड नॉर्मल लेवल पर आये इसलिए रोजाना एक्सरसाइज या योगा करे।
- हो सके उतना अपनी शरीर की गतिविधि को बढ़ाये, एक ही स्थान पर बैठे ना रहे।
- स्मोकिंग और अल्कोहल से हो सके उतना दूर रहिये।
- मोटापा की समस्या से पीड़ित है तो वेट लॉस एक्सरसाइज करे।
- हरी पत्तेदार सब्जिया और अवोकेडो जैसे हैल्थी फ्रूट खाने में शामिल करे।
- यदि आप तेल खाना चाहते है तो केवल मुफा पूफा हो वैसा ही तेल उपयोग में ले।
ट्राइग्लिसराइड कितना होना चाहिए
- अच्छे स्वास्थ्य के लिए ट्राइग्लिसराइड की नॉर्मल वैल्यू 150 मिग्रा/डेसीलीटर से कम होनी चाहिए।
- 150 से 200 मिग्रा/डेसीलीटर ट्राइग्लिसराइड खतरा बढ़ने की चेतावनी देता है।
- 200 से अधिक मात्रा होने पर हाई ट्राइग्लिसराइड हो जाता है। जिससे कभी भी हृदय सम्बंधित समस्या हो सकती है।
- यदि आप जानना चाहते है की अपने खून में ट्राइग्लिसराइड कितना है। तो डॉक्टर से सलाह लीजिये और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाए।
- इस टेस्ट द्वारा आपके खून में रहे संपूर्ण फैट की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
ट्राइग्लिसराइड की दवा क्या है
Triglyceride Medicine अक्सर हाई ट्राइग्लिसराइड होने पर दी जाती है। यदि आपको खाने में परहेज करने से या व्यायाम करने से कोई अच्छे परिणाम नहीं मिलते। तो बेशक आप दवाई की तरफ आगे बढ़ सकते है। कुछ दवाई है जिनकी मदद से ट्राइग्लिसराइड को कम किया जा सकता है।
- Fenofibrate
- Rosuvastatin
- Nicotinic Acid
- Omega 3S
कही लोगो को आनुवंशिकता ट्राइग्लिसराइड भी हो सकता है, यानी जेनेटिक्स से ही ये समस्या है। ऐसे मरीजों के लिए भी यह दवा सही काम करेगी। किसी भी मेडिसिन को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुरी लीजिये।
आशा करता हु Triglycerides In Hindi पर पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।