कंठामृत वटी के 10 चमत्कारी फायदे Kanthamrit Vati Uses In Hindi

दिव्य कंठामृत वटी खांसी एंवम गले की आयुर्वेदिक दवाई है। जिसका सही तरह से उपयोग (Kanthamrit Vati Uses In Hindi) कर के आप अनेक फायदे प्राप्त कर सकते है। मुख्यतर गले के रोग और मुँह की समस्या में ये दवाई चमत्कारी परिणाम देती है।

Kanthamrit Vati Uses In Hindi कंठामृत वटी के 10 चमत्कारी फायदे

भारत की लोकप्रिय ब्रांड पतंजलि इस आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का निर्माण करती है। इसमें डाले जाने वाले घटक तत्त्व स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है। जिस कारण ये दवाई ज़्यादा लाभदायक बन जाती है। ग्राहकों के मुताबिक दवा संपूर्ण आयुर्वेदिक है जिससे कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते।

कंठामृत वटी क्या है Kanthamrit Vati In Hindi

गला या गले से निकली आवाज़ को कंठ कहते है और अमृत यानि अमरता देने वाला रस। इन दोनों शब्दों को जोड़ कर दवाई का नाम कंठामृत रखा गया है। कंठामृत एक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाई है जो अपने नाम जैसे ही गुण रखती है।

कंठामृत टैबलेट शुगर फ्री होती है और इसके कोई भी नुकसान नहीं है। फिर भी अगर आप पहले से कोई दवाई का सेवन कर रहे है। या कोई बड़ा ऑपरेशन करवाया है तो डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाई का सेवन करे।

कंठामृत वटी के मुख्य घटक Kanthamrit Vati Ingredients

हर्बल कंठामृत वटी को बनाने में कही गुणकारी चीज़ो का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे ये दवाई और भी ज़्यादा फायदेकारक बन जाती है। तो आइये जानते है कंठामृत वटी के में कौन कोनसे घटक (Ingredients) डाले जाते है।

  1. मुलेठी
  2. लौंग
  3. कपूर
  4. फुदीना शत
  5. काली मिर्च
  6. सोंठ
  7. कबाब चीनी
  8. बहेड़ा
  9. अदरक
  10. तुलसी
  11. दालचीनी
  12. शहद

इन सब लाभकारी चीज़ो द्वारा आयुर्वेदिक तरीके से कंठामृत दवाई का निर्माण किया जाता है। ये सभी चीज़े गले से सम्बंधित रोगो को आसानी से दूर करती है। जिसमे मुलेठी, तुलसी, दालचीनी, सोंठ जैसी चीज़े पुरे शरीर स्वास्थ्य को अधिक फायदे देती है।

कंठामृत वटी के उपयोग Kanthamrit Vati Uses In Hindi

पतंजलि दिव्य कंठामृत टैबलेट कही तरह से उपयोगी है। ये दवाई अनेक स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओ का हल करती है। जिसकी पूरी जानकारी हमने निचे दर्शायी है।

  • श्वसन सम्बन्धित समस्या
  • गले के सभी प्रकार के रोग
  • खांसी या खराश में
  • सर्दी या नाक बहना
  • मुँह के छाले
  • गले का संक्रमण
  • आवाज़ बैठना
  • स्वाद सुधारक

गले की समस्या, श्वसन रोग पीड़ित और अन्य स्वास्थ्य लक्षी परेशानी से जो लोग गुज़र रहे है। वह बिना हिचकिचाहट कंठामृत गोली का उपयोग कर सकते है।

कही बार हमें आइस क्रीम खाने के बाद गले में समयसा आती है। जिसके निवारण में यह दवा कही डॉक्टर द्वारा दी जाती है।

कंठामृत वटी के फायदे Kanthamrit Vati Benefits In Hindi

ग्राहकों की विश्वसनीय ब्रांड पतंजलि अपने हर उत्पाद को 100 प्रतिशत सुरक्षित बनाती है। जिससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता और केवल फायदे देखने मिलते है। पतंजलि दिव्य कंठामृत वटी के फायदे निचे अनुसार है।

(1) गले के दर्द में राहत

मुख्यतर वायरल संक्रमण के कारण गले में दर्द होना एक आम बात है। जब गले में बहुत दर्द हो रहा हो तो आप बेजिझक कंठामृत वटी का सेवन कर सकते है। ये दवाई हर तरह के गले के रोग को आराम से दूर करती है।

कही बार एलर्जी या टॉन्सिल के कारण भी गले में दर्द होने लगता है। ऐसे में दिव्य कंठामृत वटी की एक टैबलेट पानी के साथ ले लेनी चाहिए। जिससे आपको गले में हो रहे दर्द से छुटकारा मिल जायेगा।

(2) गले की सूजन कम होती है

ज़्यादातर ठंडी चीज़ो का सेवन करने से गले में सूजन आ जाती है। जिससे खाना निगलने में काफी मुश्केलियो का सामना करना पड़ता है। गले की सूजन ठीक करने में पतंजलि कंठामृत टैबलेट मदद करती है।

साथ ही आपको गले की सूजन हो तब ठंडी चीज़ो का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। इस दवाई को गरम पानी के साथ ही लेना बेहतर है। जिससे आपको कम समय में अच्छे परिणाम देखने मिलेंगे।

(3) गले की खराश करे दूर

सर्दियों के मौसम में योग्य देखभाल ना करने से गले के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचता है। उसमे भी गले की खराश हो तो दर्द अधिक होता है। साथ ही बोलने में या आवाज़ निकालने भी बहुत दिक्कत आने लगती है।

ऐसे में कंठामृत वटी की एक गोली खा लेना उपचार समान है। इस दवाई का निर्माण करते वक्त डाले जाते घटक में तुलसी, अदरक, मुलेठी शामिल है। जो गले के स्वास्थ्य को अच्छा रखने में मदद रूप बनते है।

(4) गला या आवाज़ बैठना ठीक करे

ज़्यादा ज़ोर से या बहुत चिल्ला कर बोलने से गले की आवाज़ बैठ जाती है। ऐसा होने से हमारी नॉर्मल आवाज़ में अचानक परिवर्तन आ जाता है। गले में से आवाज़ कम और धीरी निकलने लगती है इससे कभी कभार दर्द भी होता है।

इस स्थिति में कंठामृत वटी का उपयोग करना लाभदायक है। क्यों की टैबलेट में गले से सम्बंधित सभी प्रकार के विकार को ठीक करने की क्षमता है। जिस कारण यह दवाई गले की बैठी हुई आवाज़ को ठीक करती है।

(5) मुँह के छालों में लाभकारक

बहुत तीखे और तेल-मसाले वाले खाद्य पदार्थ आहार में लेने से मुँह में छाले पड़ जाते है। यह स्थिति ज़्यादा रहने से कब्ज़ या पेट सम्बंधित समस्याए हो सकती है। मुँह के छालो को जल्दी से ठीक करने के लिए कंठामृत का सेवन करे।

इसके लिए आपको सबसे पहले ज़्यादा तेल-मसाले वाले, तले-भुने खुराक को बंद करना होगा। फिर एक ग्लास गुनगुने पानी के साथ कंठामृत टैबलेट को लेना है। इस प्रक्रिया से मुँह के छाले जल्दी से दूर हो जाते है।

(6) उल्टी की समस्या का समाधान

किसी बीमारी में या गर्भावस्था के दौरान उल्टी होना आम बात है। लेकिन कही बार गलत खान-पान के कारण भी हम इस समस्या का शिकार बन जाते है। बार बार उल्टी करने से शरीर कमजोर होने लगता है।

उल्टी की समस्या का समाधान करने के लिए Kanthamrit Vati Uses In Hindi को जान ले। इस दवाई का उपयोग करने से ज़्यादा उल्टी की परेशानी दूर होती है। सफर के दौरान होती उल्टी में भी आप इसे खा सकते है।

(7) गले की खराबी ठीक करे

वायरस या बैक्टीरिया के कारण गले में संक्रमण या खराबी आ सकती है। जिससे खाना निगलने में और ठंडा पानी पीने में दिक्क्त होती है। कंठामृत वटी गले की खराबी को प्राकृतिक रूप से ठीक करने का कार्य करती है।

गरम पानी के साथ रात को सोने से पहले इस टैबलेट को लेना चाहिए। ऐसा करने से गले की खराबी आसानी से ठीक हो जाती है। जिससे गला संक्रमण युक्त और अच्छी से तरह कार्यरत बनता है।

(8) खांसी में आराम दिलाए

शरीर के श्वसन मार्ग या फेफड़ों में किसी इंफेक्शन के कारण खांसी की समस्या होती है। खांसी के 2 प्रकार होते है एक सुखी खांसी और दूसरी कफ वाली खांसी। दोनों तरह की खांसी से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद कंठामृत को उपयोग में ले।

खांसी में आराम पाने के लिए गरम या गुनगुने पानी के साथ इस टैबलेट का सेवन करे। इस गोली का सीधा प्रभाव श्वसन नली पर पड़ता है। जो वायु मार्ग में आती सभी प्रकार की दिक्क्तों को दूर करता है।

(9) बलगम समस्या निवारक

बलगम जिसे हम सामान्य भाषा में कफ के नाम से जानते है। वह फेफड़ो के काफी अंदर से निकले जाने वाला एक चिपचिपा पदार्थ है। ठंड के दिनों में बलगम की समस्या होना आम बात है। इस समस्या का निवारण करने में कंठामृत लाभदायी है।

कफ हो गया हो तो आप कंठामृत वटी को ले सकते है। दवाई शरीर में गहराई से असर करती है और जमे कफ को तोड़ती है। साथ ही दवाई सर्दी, जुखाम, बुखार और नजला की समस्या को ख़तम करती है।

(10) मुँह का स्वाद खुल जाता है

अधिक मसालेदार खुराक खाने से या संक्रमण के कारण कभी कभार मुँह का स्वाद बिगड़ जाता है। इस समस्या में कोई भी स्वाद नहीं आता या कड़वा स्वाद आता है। मुँह का स्वाद खुल जाए इसलिए कंठामृत वटी का उपयोग करे।

मुँह का जायका बिगड़ जाने पर सुबह-शाम कंठामृत वटी की 1-1 गोलियों का सेवन करे। इससे हमे धीरे-धीरे सभी खाद्य पदार्थो का सही स्वाद आने लगता है। बार-बार मुँह सुखना जैसी समस्या का भी ये दवाई हल करती है।

कंठामृत वटी लेने का तरीका Kanthamrit Vati Dosage

अनेक स्वास्थ्यकिय गुणों से भरपूर कंठामृत वटी सही समय पर सही तरीके से लेनी चाहिए। अगर आप पहली बार कंठामृत का सेवन कर रहे है। तो निचे बताये गए तरीके द्वारा दवाई का सेवन करे।

  • एक दिन में ज़्यादा से ज़्यादा कंठामृत की 4 या 5 गोलिया ले सकते है।
  • कंठामृत वटी टैबलेट्स 2 प्रकार की आती है।
  • 1 को गोली आप पानी के साथ निगल सकते है।
  • इसके अलावा दूसरी गोली को चूसा भी जा सकता है जिसके कही फायदे है।
  • रात को सोने से पहले या मध्याह्न भोजन के बाद दवाई का सेवन करे।
  • अगर आपको पहले से कोई अन्य समस्या है तो डॉक्टरी सलाह जरूर ले।

कंठामृत वटी की कीमत Kanthamrit Vati Price

100% आयुर्वेदिक होने से कंठामृत वटी एक विश्वसनीय दवाई है। जिसे आप नज़दीकी पतंजलि स्टोर या ऑनलाइन खरीद सकते है। इसकी सामान्य कीमत ₹150 तक रहती है।

  • 40 टैबलेट – ₹50
  • 60 टैबलेट – ₹70
  • 80 टैबलेट – ₹90

बच्चो से लेकर बुजुर्गो तक हर कोई इस दवाई का सेवन कर सकता है। अपनी जरूरत के अनुसार आप इस दवाई को सही मात्रा में ख़रीदे। जो बिलकुल सस्ती और लाभदायक टैबलेट है।

आशा करती हु कंठामृत वटी Kanthamrit Vati Uses In Hindi की अच्छी जानकारी दे पायी हु। दवाई को लेकर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हमे कमेंट में जरूर बताए।

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