सितोपलादि चूर्ण के फायदे, उपयोग Sitopaladi Churna In Hindi

हज़ारो सालों से भारत में आयुर्वेद के नज़रिये से सितोपलादि चूर्ण को उत्तम माना जाता है। ज़्यादातर चूर्ण में शरीर को तंदुरस्त रखने की ताकत होती है। लेकिन Sitopaladi Churna ज़्यादा से ज़्यादा शरीर लक्षी समस्याओ का हल करता है। चिकित्सीय दृष्टि से देखा जाये तो यह कही प्रकार की सेहतमंद चीजों से बनाया जाता है। जिस वजह से शरीर को सितोपलादि चूर्ण के फायदे अधिक मिलते है।

सितोपलादि चूर्ण के फायदे, उपयोग Sitopaladi Churna In Hindi

सामान्य मार्किट या आयुर्वेद की दुकान पर सितोपलादि चूर्ण आसानी से मिल जाता है। बैद्यनाथ जैसी अधिकतर बड़ी ब्रांड्स इस चूर्ण को बनाती है। पर आप हमेशा अपनी और अधिकांश लोगो की पसंद अनुसार विश्वसनीय ब्रांड से ही चूर्ण को खरीदे। आप चाहे तो सितोपलादि चूर्ण को घर पे भी बना सकते है।

सितोपलादि चूर्ण क्या है Sitopaladi Churna In Hindi

कई लाभकारी चीजे जैसे की मिश्री, दालचीनी, इलायची, वंशलोचन और पिप्पली से बनाए जाने वाले चूर्ण को सितोपलादि चूर्ण कहा जाता है। एकाधिक लोग इसे आयुर्वेदिक दवाई के रूप में जानते है। मौसम परिवर्तन के दौरान शरीर में सर्दी, खांसी, झुखाम, बुखार जैसे संक्रमण लग जाते है।

ऐसे संक्रमणों से बचने के लिए कही बार इंजेक्शन या दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। पर नियमित रूप से आहार के बाद सितोपलादि चूर्ण का सेवन किया जाये तो इन समस्याओ से राहत मिलती है। खास कर कफ, खांसी, गले में जलन, खराश वगेरा दूर करने में सितोपलादि चूर्ण के फायदे ज्यादा है।

सितोपलादि चूर्ण की तासीर ठंडी होती है। जो शरीर की गर्मी और विषाक्त पदार्थो को बहार निकाल देता है। और शरीर में ठंडक, ताज़गी एवं ऊर्जा प्रदान करता है।

प्राचीन काल के महान ग्रंथ चरक चिकित्स्क संहिता के 8 वे अध्याय राजयक्ष्मा में सितोपलादि चूर्ण का उल्लेख किया है। एवं कुछ अन्य ग्रंथ जैसे की शार्ङ्गधरसंहिता, गदनिग्रहा, योगरत्नाकर, भैषज्यरत्नावली में भी कफ निवारक के रूप में Sitopaladi Churna की मौजूदगी है।

सितोपलादि चूर्ण के फायदे Benefits Of Sitopaladi Churna

बच्चो से वृद्धो तक हर कोई सितोपलादि चूर्ण का सेवन कर सकता है। व्यक्ति को अपनी वय अनुसार ज्यादा या कम चूर्ण का सेवन करना चाहिए। यह चूर्ण वात, पित्त और कफ जन्य ज़्यादातर रोगो को दूर करने में सहायक है। यहाँ Sitopaladi churna ke fayde बताये है, जो ज्यादातर गले से सम्बंधित समस्याओ के लिए है।

(1) कफ इलाज में सितोपलादि चूर्ण

यह चूर्ण गले के रोग में सबसे ज़्यादा फायदे देता है। ज़्यादा ठंडे गर्म या तेल मसले वाले खुराक लेने पर गले में कफ जमा होते है। ऐसे कफ के इलाज में सितोपलादि चूर्ण का सेवन करना लाभकारक है।

लेकिन याद रहे की इस चूर्ण को दिन में सिर्फ एक बार लिया जाता है। अगर आप कफ सिरुप भी पी रहे है तो चूर्ण और सिरुप दोनों को लेने का समय अलग अलग रखे। क्यों की कफ सिरप और चूर्ण दोनों साथ में सही काम नहीं कर पाएंगे।

(2) टॉन्सिल में सितोपलादि के फायदे

टॉन्सिल्स गले में दोनों तरफ के भागो पर होता है। यदि टॉन्सिल पर दाग धब्बे पड़ते है तो समझ लेना चाहिए की यह टॉन्सिलिटिस का संकेत है। वैसे तो यह कोई गंभीर रोग तो नहीं है पर वायरल संक्रमण होता है।

वायरल संक्रमण को टालने के लिए दवा के रूप में Sitopaladi Churna का इस्तेमाल करना चाहिए। यह चूर्ण गले की सूजन को कम करता है। और टॉन्सिलिटिस को भी कम समय में ठीक कर देता है। टॉन्सिल्स के कारण गले में ज्यादा दर्द रहता है तो Tonsils Medicine जरूर लीजिये।

(3) फेंफ़डो के लिए लाभकारी

फेफड़े शरीर में रक्त को शुद्ध करने का कार्य करते है। लेकिन फेफड़े का महत्व हमे तभी समझ आता है जब सांस सबंधित कोई समस्या खड़ी हो।

फेफड़ो को मजबूत करने के लिए सितोपलादि चूर्ण काफी फायदे देता है। निर्धारित मात्रा में इस चूर्ण को नियमित खाने पर फेफड़ो की कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होती है।

(4) दमा या अस्थमा निवारक

दमा होने पर गले में सूजन महसूस होती है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। वात एवं पित्त दोष के कारण दमा या अस्थमा की बीमारी होती है। सितोपलादि चूर्ण वात और पित्त दोष को दूर करता है।

अस्थमा पीड़ित व्यक्तियों के लिए सितोपलादि चूर्ण के फायदे अनेक है। यह चूर्ण गले की सूजन को कम करने में सहायक है। श्वषन प्रणाली अच्छी तरह से कार्य कर पाए इसलिए रोजाना सितोपलादि चूर्ण का सेवन करे।

(5) पसली के दर्द में राहत

पसलिया एक प्रकार की घुमावदार हड्डिया होती है। पर लगातार खांसी आने के कारण पसली में सूजन आ जाती है। इसके अलावा अत्याधिक तनाव और आस्टियोआर्थराइटिस की वजह से भी पसली में दर्द होता है।

पसली दर्द में राहत पाने के लिए Sitopaladi Churna का उपयोग करे। रीड की हड्डियों को मजबूत करने में सितोपलादि चूर्ण को नियमित रूप से सोने से पहले खा सकते है।

(6) शरीर की जलन कम करता है

विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में प्यूरिन बढ़ने से हाई यूरिक एसिड का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारणवश हाई यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है, और हाथ पांव में जलन होती है।

इस समस्या के निवारण में सितोपलादि चूर्ण कही तरह के फायदे देता है। यह चूर्ण शरीर की जलन को जड़ से ख़तम कर देता है। और शरीर में ठंडक प्रदान करने का काम करता है।

(7) पुराने बुखार में लाभकारक

पुराने बुखार यानि की टाइफोइड (मियादी बुखार) की बीमारी लंबे समय तक चलती है। और थोड़े टाइम बाद यह बीमारी फिर से होने की संभावना रहती है। टाइफोइड पाचन तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन आने के कारण होता है।

पुराना बुखार दूर करने में सितोपलादि चूर्ण सहायक है। यह चूर्ण बनाते वक्त उसमे पिप्पली को डाला जाता है। जो टाइफोइड की समस्या को आसानी से दूर करता है। साथ ही यह टाइफोइड के कारण होने वाली कमजोरी को ख़तम करता है।

(8) साइनस की बीमारी में उपचार

आम तोर पर साइनस को सांसो की समस्या या इंफेक्शन के कारण होने वाली बीमारी माना जाता है। मेडिकल भाषा में इसे साइनोसाइटिस कहते है। यह बीमारी लंबे समय तक रहे तो ऑपरेशन भी करवाना पड़ता है।

साइनस की बीमारी के शुरुआती लक्षणों को दूर करने का काम सितोपलादि चूर्ण करता है। साइनस के मरीजों के लिए भी यह चूर्ण का सेवन करना उपचार समान है। साइनस के कारण बंद नाक, सांस न ले पाना जैसी परेशानियों को यह चूर्ण दूर करता है।

(9) गर्भावस्था में सितोपलादि के फायदे

गर्भावस्था के दौरान आहार का चयन बिलकुल ध्यान पूर्वक करना पड़ता है। इसलिए महिलाए ज़्यादातर पचने में हलकी हो ऐसी चीजे खाना पसंद करती है। सितोपलादि चूर्ण पाचन में हल्का होता है और पाचन क्रिया को भी अच्छी तरह से कार्य करने के लिए ऊर्जा देता है।

गर्भवती महिलाओ के लिए के लिए सितोपलादि चूर्ण खाने के बहुत फायदे है। यह चूर्ण गर्भावस्था में होने वाले पाचन विकार की समस्या से लड़ता है। और माता एवं शिशु दोनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखता है।

(10) अरुचि कम करता है

अनियमित दिनचर्या और भोजन को टालते रहने जैसे कही कारणोसर भोजन के प्रति अरुचि जागती है। अरुचि का मतलब है खाने में मन न लगना। कभी कभार कोई संक्रमण या बीमारी के कारण भी अरुचि होती है।

भूख बढ़ाने के लिए और अरुचि दूर करने में सितोपलादि चूर्ण कारगर है। इस चूर्ण में इलायची और पिप्पली जैसी चीजों को डाला जाता है। जो खुराक के प्रति रूचि जगा कर भूख को बढ़ाता है।

सितोपलादि चूर्ण और शहद

अक्सर लोगो का यही सवाल है की सितोपलादि चूर्ण को कैसे खाए, इसका उपयोग क्या है। इस चूर्ण का उपयोग बेहद आसान तरीके से करना होता है। साथ ही इसमें पुष्परस को मिला कर खाया जाता है, जिससे सितोपलादि चूर्ण और शहद के फायदे एक साथ मिल जाते है।

  • सितोपलादि चूर्ण को कभी सूखा नहीं लेना चाहिए क्यों की यह गले में चिपक सकता है। और निगलने में परेशानी भी करता है।
  • हमेशा चूर्ण को किसी प्रवाही खाद्य पदार्थ में मिला कर खाना चाहिए।
  • सितोपलादि चूर्ण को खाने के लिए सबसे पहले उसे एक छोटे बर्तन में डाल दीजिये।
  • चूर्ण की मात्रा 3 से 5 ग्राम तक रखे तो बेहतर रहेगा।
  • ऊपर से थोड़ा शहद डाल कर चम्मच द्वारा अच्छे से मिक्स करे।
  • थोड़ी देर इस मिश्रण को मिक्स करने बाद इसे चाटना चाहिए।
  • अगर आप शहद नहीं डालना चाहते तो इसमें देसी घी या गुड़ मिला कर भी खा सकते है।

सितोपलादि चूर्ण कैसे बनता है

बाजार में कही बड़ी ब्रांड्स के सितोपलादि चूर्ण उपलब्ध है। लेकिन वह कंपनी में से प्रोसेस्ड हो कर आते है। इसलिए ऐसे सितोपलादि चूर्ण कितने भरोसे पात्र है, उसकी गुणवत्ता कैसी है। उसके बारे में मनमे शंका रहती है।

अगर आप घर पर ही प्राकृतिक रूप से सितोपलादि चूर्ण बनाने का आसान तरीका जानना चाहते है। तो आपको कुछ चीजे लानी होगी जो निचे दी गयी है।

सामग्री

  • दालचीनी (10 ग्राम)
  • वंशलोचन (80 ग्राम)
  • इलायची (20 ग्राम)
  • पिप्पली (40 ग्राम)
  • मिश्री (160 ग्राम)

सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि

  • चूर्ण बनाने के एक दिन पहले पिप्पली, इलायची और दालचीनी को धुप में सूखा दे। ताकि इन सब चीजों को पीसने में आसानी रहे।
  • अब बारी है वंशलोचन की तो मार्किट में ज़्यादातर प्रोसेस्ड वंशलोचन मिलता है, जो बिलकुल सफेद रंग का होता है। लेकिन हमे प्राकृतिक और अच्छा वंशलोचन लेना है जो हलके पीले रंग का हो।
  • अब आपको उन पांचो चीजों को मिक्सर ग्राइंडर में पीस लेना है। पर आप पत्थर से बने खल का उपयोग करेंगे तो ज़्यादा बेहतर रहेगा।
  • आप इन सब को जितना अच्छा पिसेंगे चूर्ण उतना लाभकारक बनेगा।
  • अब तैयार है आपका स्वास्थकिय गुणों से भरपूर सितोपलादि चूर्ण।
  • इसे महीनो तक संभाल कर रखा जा सकता है यह चूर्ण जल्दी बिगड़ता नहीं।
  • इसे एक ऐसे डब्बे में रखे जहा कोई भी जगह से हवा प्रवेश न कर सके।

सितोपलादि चूर्ण की कीमत

अमेज़न पर आपको बेस्ट ब्रांड और सबसे अच्छी क्वालिटी के सितोपलादि चूर्ण आसानी से मिल जायेगे। जहा 100 ग्राम सितोपलादि चूर्ण की कीमत ₹130 से ₹170 के बिच में होती है। यहाँ निचे सभी बेस्ट सितोपलादि प्रोडक्ट की लिस्ट है।

  1. Dabur Sitopaladi Churna 100 gm (₹160)
  2. Baidyanath Sitopaladi Churna 60 gm (₹135)
  3. Zandu Sitopaladi Churna 180 gm (₹275)
  4. Patanjali Divya Sitopaladi 50 gm (₹45)

आशा करती हु सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna) के फायदे के बारे में अच्छी जानकारी दे पायी हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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