Star Anise In Hindi: चक्रफूल क्या है, फायदे और नुकसान की जानकारी

Star Anise In Hindi में इसे चक्र फूल कहा जाता है, जो की एक मसाला है। इसका उपयोग व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है। सितारों की तरह दिखने वाला यह मसाला स्वास्थ्य की द्रष्टि से बहुत गुणकारी है।

Star Anise In Hindi: चक्रफूल क्या है, फायदे और नुकसान की जानकारी

यह मुख्यरूप से वियतनाम और चीन देश की पैदाइश है। जिसे अपने गुणों के कारण दुनियाभर के लोगो ने पसंद किया। यह फूल एलिसियम वेरम नाम के पेड़ पर उगता है। सदाबहार पेड़ पर उगते इस फूल का उपयोग हर मौसम में किया जा सकता है।

इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीपैरासिटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते है। साथ ही इसमें कही पोषक तत्वों का खजाना भी शामिल होता है। चक्रफूल का स्वाद थोड़ा सौंफ और मुलेठी से मिलता है।

एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर इस फूल को आप कही तरह से उपयोग में ले सकते है। बहुत से आयुर्वेदिक उत्पादनो में इस फूल के पाउडर का इस्तेमाल होता है।

चक्रफुल क्या है (Star Anise In Hindi)

स्टार यानि सितारों के आकार से बने एक तरह के मसाले को चक्रफुल कहा जाता है। इस फूल का वैज्ञानिक नाम एलिसियम वेरम (Illicium verum) है। जो इलीसिएसी (Illiciaceae) परिवार का सबसे करीबी सदस्य है।

पहले के जमाने में व्यंजनों की सुगंध बढ़ाने के लिए इस फूल का प्रयोग किया जाता था। धीरे-धीरे इसे एक मसाले के रूप में इस्तेमाल किया गया। आज के समय में इसका उपयोग स्वास्थ्यकारी और स्वाद वर्धक मसाले के रूप में किया जाता है।

तारे के जैसे दिखने वाला यह फूल लाओस, कंबोडिया, भारत, फिलीपींस और जमैका में ज़्यादा उगता है। केवल यह फूल ही नहीं बल्कि इसका पूरा पौधा आयुर्वेदिक रूप से लाभकारक है।

मुख्य तोर पर चीन के सदाबहार स्टार एनिस ट्री पर यह फूल देखने मिलते है। वहा के पारंपरिक भोजन में भी इस फूल का विशेष उपयोग किया जाता है।

चक्रफुल के अन्य नाम (Star Anise Names In Hindi)

अलग-अलग प्रदेशो में चक्रफुल को विभिन्न नाम से जाना जाता है। यहाँ हमने चक्रफुल के सभी नामो की जानकारी दी है।

  1. Chakra Phool (चक्रफूल मसाला) : हिंदी
  2. Star Anise Seed (स्टार अनेस सीड) : इंग्लिश
  3. Ba jiao (बा जिओ) : चाइनीस
  4. Bunga lawang (बुंगा लवंग) : मलेशियन
  5. Badiyan (बादिया) : फ़ारसी

चक्रफुल के गुणकरी फायदे (Benefits Of Star Anise)

व्यंजनों में लज़ीज़ स्वाद लाने वाला चक्रफुल मसाला गुणकारी तत्वों से युक्त है। इसका स्वाद हल्का सा मीठा और थोड़ा कड़वा होता है। इसके बीजो में से निकलता तेल भी काफी गुणकारी होता है।

विविध व्यंजनों में ही नहीं बल्कि कुछ आयुर्वेदिक दवाइया और सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका उपयोग किया जाता है। चक्रफुल मुख्यरूप से सफेद-गुलाबी से लाल या हरे-पीले रंग के होते है। यहाँ इस फूल के सभी फायदों की संपूर्ण जानकारी दर्शाई है।

(1) पाचन तंत्र में लाए सुधार

कही बार कुछ उल्टा सीधा खा लेने से पाचन तंत्र में विकार आता है। जिस कारण अपचा, पेट दर्द, ऐंठन, आंतो में सूजन, गैस, दस्त या कब्ज जैसी समस्याए होती है।

इसके उपचार में आप चक्रफुल को ले सकते है। कहा जाता है की भोजन के बाद कुछ चक्रफुल को चबाने पर पाचन प्रक्रिया अच्छी तरह से कार्य करती है।

इसके अंदर विटामिन सी और फ़ास्फ़रोस जैसे कही गुणकारी तत्व पाए जाते है। जो पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते है। गैस की समस्या का निवारण करने के लिए आप चक्रफुल से बना काढ़ा पी सकते है।

उपयोग विधि

  • यदि पाचन लक्षी समस्या है तो आप भोजन के बाद चक्रफुल को चबा सकते है।
  • सौंफ, अजवाइन, जीरा, दारुहल्दी और चक्रफुल को उबाल कर काढ़ा बनाया जा सकता है।
  • आप चक्रफुल के पाउडर को पानी में डाल कर पी सकते है।
  • भोजन बनाते वक्त चक्रफुल मसाले को डालने से पाचन विकार में राहत मिलती है।

(2) मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

गर्म पानी द्वारा की जाती एरोमा थेरेपी में चक्रफुल का उपयोग होता है। यह मालिश की थेरपी मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है। इसमें गुणकारी तेल द्वारा मष्तिष्क पर मालिश की जाती है।

दिमागी स्वास्थ्य में सुधार लाती इस थेरेपी में चक्रफुल के तेल का इस्तेमाल होता है। जो लोग तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओ से जूझ रहे है। उनके लिए चक्रफुल के तेल से की जाती यह थेरेपी लाभकारी है।

इस थेरेपी में कही सुगंधित पौधे और तेल उपयोग में लिया जाता है। चक्रफुल के तेल से आने वाली सुगंध मस्तिष्क को शांति प्रदान करती है। डिप्रेशन की गोलियों के बजाए आप चक्रफुल का उपयोग कर सकते है।

तरीका क्या है

  • आप अगर घर पर ही एरोमा थेरेपी करना चाहते है, तो उसके लिए गरम पानी और चक्रफुल का तेल लीजिये।
  • इसके लिए आपको सर में पहले गरम पानी से थोड़ा भाप करना है।
  • फिर चक्रफुल का तेल सर पर लगाना है और हल्के हाथो से मालिश करनी है।

(3) दांत को चमकदार बनाए

दांतो की योग्य सफाई न रखने के कारण दांतो का रंग थोड़ा फीका पड़ जाता है। समय के चलते दांतो में पीलापन और अन्य कुछ समस्याए भी हो सकती है।

इसके बचाव में आप Star Anise का उपयोग कर सकते है। दांतो का पीलापन हटाने में चक्रफुल का पाउडर कारगर है। इसे रोजाना दांतो पर घिसने से पीलापन दूर होता है।

कही प्रकार के दंत मंजन की बनावट में चक्रफुल का उपयोग होता है। कहा जाता है की इससे दांतो की सफाई की जाए तो पुरे दिन मुँह में ताजगी रहती है।

सेवन विधि

  • चक्रफुल को पीस कर उसका पाउडर बना लीजिये।
  • रोजाना सुबह शाम 2 वक्त इस पाउडर से दांतो की सफाई करे।
  • इसे पानी में उबाल कर आप कुल्हा भी कर सकते है।

(4) जीवाणु विरोधी गुण है

अधिकांश बीमारिया होने का कारण यही होता है की शरीर पर बाहरी जीवाणुओं का आक्रमण होना। लेकिन चक्रफुल बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन रोकने मे सहायक है।

इस औषधिय मसाले में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक पाए जाते है। जो कीटाणुओं को हमारे शरीर में प्रवेश करने से रोकते है।

संशोधन के मुताबिक इसमें शीकिमिक एसिड, एनेथोल और लिनालूल है। यह जीवाणु विरोधी होने के कारण बाहरी सांखरमन से शरीर की रक्षा करते है। यह त्वचा, मुँह, आँख, नाक और कान कभी जगह से संक्रमण को रोकते है।

इस्तेमाल कैसे करे

  • चक्रफुल और अनु गुणकारी चीज़ो से बने काढ़े को पीए।
  • संक्रमण के दौरान आप चक्रफुल को चबा भी सकते है।

(5) रक्तचाप नियंत्रण करने में

सामान्य भाषा में कहे तो रक्त वाहिकाओं पर आते दबाव को रक्तचाप कहते है। भारत सहित दुनिया भर के अनेक लोग इस हृदय संबंधी गंभीर समस्या से जूझ रहे है।

इस परेशानी में निजात पाने के लिए आप चक्रफुल का उपयोग कर सकते है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीस्पास्मोडिक गुण मौजूद है। जो हृदय स्वास्थ्य से जुडी अधिकतर समस्याओ में राहत दे सकते है।

हृदय रोग एवं कोलेस्ट्रॉल भी इसके कारण नियंत्रित रहता है। हृदय स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए आप रोजाना खाने में चक्रफुल को शामिल कर सकते है।

उपयोग विधि

  • नियमित एक चक्रफुल को चबाना चाहिए।
  • कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाए तो चक्रफुल का काढ़ा पीए।
  • चक्रफुल के पाउडर को आप पानी के साथ भी पी सकते है।

(6) कैंसर से बचाव करे

दुनिया की सबसे खतरनाक एवं जानलेवा बीमारियों में कैंसर का नाम आता है। शरीर में जब अस्वस्थ कोशिकाए ज़्यादा मात्रा में बनने लगती है, तब यह बीमारी होती है।

यदि आप कैंसर के शुरुआती स्टेज में है तो कुछ उपाय द्वारा इसे मिटाया जा सकता है। इसके लिए चक्रफुल भी मददरूप है। क्यों की इसके अंदर अधिक मात्रा में एंटी कैंसर गुणों की उपस्थिति है।

मसाले में पॉलीसैकेराइड और शिकिमिक एसिड नामक तत्व मौजूद है। जो कैंसर की कोशिकाओं के विकास में अवरोधरूप बनते है। चक्रफुल के अंदर एंटी कैंसर गुण होते है जो आपको कैंसर के खतरे से बचाते है।

उपयोग कैसे करे

  • लोंग, इलायची, सोंफ और चक्रफुल को पानी में डाल कर धीमी आंच में उबाले।
  • अच्छे से उबलने के बाद थोड़ा ठंडा कर के इस मिश्रण को पीए।

(7) स्तनपान कराने वाली महिलाओ के लिए

अयोग्य खान पान के कारण कुछ नवजात शिशु की माताओ के स्तनों में अच्छे से दूध नहीं आ पाता। जिसका असर उनके बच्चे पर भी होता है और वह भूखे रह जाते है।

माता का दूध न मिलने के कारण बच्चे को बहार का दूध पिलाया जाता है। जो माता के दूध के मुकाबले शिशु को अच्छे से पोषण नहीं दे पाता। मगर नवजात शिशु की माता अपने भोजन में चक्रफुल का प्रमाण बढ़ाए तो यह समस्या कम हो सकती है।

स्तनों में दूध की वृद्धि करने के लिए यह एक कारगर घरेलू औषधि है। चक्रफुल में मौजूद पोषक तत्वों के कारण ज़्यादा दूध बनता है, और स्तनों से बहार आसानी से आ पाता है।

उपयोग का तरीका

  • गैस पर एक पतेली रखे और उसमे 300 ग्राम दूध डाले।
  • धीमी आंच पर दूध को उबल ने दीजिये।
  • थोड़े समय में दूध के अंदर चक्रफुल का पाउडर डाले और अच्छे से हिलाए।
  • इस मिश्रण को रोजाना सुबह शाम पीना है।

(8) मुँह की दुर्गंध दूर करे

मुँह की योग्य तरीके से सफाई न रखने पर मुँह से दुर्गंध आने की समस्या होती है। मुँह से बदबू आने का मुख्य कारण बैक्टेरिया होते है, जो मुख्य रूप से दांतो के बिच पैदा होते है।

मोतियों जैसे चमकदार पाने के लिए और मुँह की दुर्गंध को दूर करने के लिए आप चक्रफुल का इस्तेमाल कर सकते है। यह मुँह में से आने वाली बांस को दूर करता है।

सुबह शाम चक्रफुल के पानी से कुल्हा करने से मुँह में ताजगी रहती है। इसमें माइक्रोबियल, एंटी इफ्लेमेंटरी और एंटी ऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा होती है, जो मुँह के कीटाणुओं को ख़तम करते है।

इस्तेमाल कैसे करे

  • आप रोजाना चक्रफुल के पानी से कुल्हा कर सकते है।
  • चक्रफुल वनस्पति के पत्तो को चबाने से मुँह की दुर्गंध ठीक होती है।
  • इसके आलावा आप चक्रफुल और अन्य गुणकारी चीज़ो का काढ़ा बना सकते है।

8 जल्दी पीरियड लाने की टेबलेट

चक्रफुल के नुकसान (Side Effects Of Star Anise)

वैसे तो चक्रफुल के बहुत से फायदे देखने मिलते है। मगर इसके अत्याधिक सेवन से कुछ नुकसान होने की संभावना भी रहती है। इसलिए हमेशा योग्य मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए।

(1) नशे की लत

नशे को हमेशा बुरी चीज़ ही माना जाता है। किसी भी चीज़ का नशा अच्छा नहीं होता। उसी तरह चक्रफुल का बार-बार और अत्याधिक मात्रा में सेवन भी हानिकारक हो सकता है।

चक्रफुल की ज़्यादा लत ना लगे इसलिए रोजाना एक निश्चित मात्रा में चक्रफुल का सेवन करे। आप चाहे तो कुछ समय इसका सेवन बंद भी कर सकते है।

(2) दस्त की समस्या

खाना सही तरीके से पचन न होने पर दस्त की समस्या होती है। जिसमे व्यक्ति को पानी जैसे ढीले मल की परेशानी होती है। दस्त की समस्या होने का एक कारण है अधिक मात्रा में चक्रफुल का सेवन करना।

अगर आप किसी स्वास्थ्य विकार के कारण ज़्यादा चक्रफुल खा लेते है। तो पाचन प्रक्रिया सही तरह से अपना कार्य नहीं कर पाती और दस्त हो सकता है।

(3) उल्टी हो सकती है

आमतौर पर कोई बीमारी या प्रेग्नेंसी के लक्षणों के दौरान उलटी हो सकती है। कभी कभार कुछ अयोग्य आहार लेने से भी उलटी की समस्या होती है।

नियमित भोजन में यदि ज़्यादा मात्रा में चक्रफुल डाले जाए तो इससे उलटी भी हो सकती है। साथ ही बार बार उबकिया आने की परेशानी भी हो सकती है।

(4) गर्भवती महिलाए दूर रहे

गर्भ धारण करने वाली महिलाओ को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में चक्रफुल के सेवन से महिला एवं शिशु के स्वास्थ्य को हानि पहुंच सकती है।

इसलिए गर्भावस्था के दौरान चक्रफुल का सेवन पर्याप्त मात्रा में या नहींवत करना सही है। यह खाने में स्वाद बढ़ाने वाला एक मसाला है जो कभी कभार पेट से जुडी समस्याए भी कड़ी कर सकता है।

कुछ केस तो ऐसे भी देखने मिले है जहा गर्भावस्था में चक्र फूल द्वारा प्रेगनेंसी रुक जाने का खतरा बनता है। इसलिए ऐसी स्थिति में बिना डॉक्टरी सलाह के कुछ भी एक्स्ट्रा नहीं खाना चाहिए।

सवाल जवाब (FAQ)

लाभकारी पोषक गुणों से भरपूर चक्रफुल को लेकर लोगो में कही प्रश्न है। जिनमे से मुख्यतर सवालों के जवाब हमने यहाँ दर्शाई है।

(1) स्टार अनीस को हिंदी में क्या कहते हैं?

Star Anise को हिंदी में चक्रफुल के नाम से जाना जाता है।

(2) चक्र फूल खाने के क्या फायदे हैं?

चक्रफुल के कही फायदे देखने मिलते है। जैसे की,

  • संक्रमण से दूर रह सकते है।
  • दांत चमकदार बनते है।
  • पाचन तंत्र में सुधार आता है।
  • फंगल इन्फेक्शन रोकने में सहायक है।
  • एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है।
  • नींद में सुधार लाता है।

(3) चक्र फूल का दूसरा नाम क्या है?

चक्रफुल का दूसरा नाम स्टार एनिस है, इसे अन्य कही प्रादेशिक भाषाओ में भी बुलाया जाता है।

(4) चक्र फूल का उपयोग कैसे करें?

कही तरह से आप चक्रफुल को उपयोग में ले सकते है, जैसे की

  • दंत मंजन के रूप में इसका उपयोग करना सही है।
  • इसका आयुर्वेदिक काढ़ा भी आप सकते है।
  • इस फूल का पाउडर बना कर उपयोग में लिया जाता है।
  • चक्रफुल द्वारा स्वास्थ्यकारी चाय बनाई जा सकती है।
  • चक्रफुल उबाला हुआ पानी आप पी सकते है।
  • इसका पेस्ट बना कर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

आशा करती हु चक्र फूल (Star Anise) सम्बंधित पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक।

DAWAiLAJ
Logo