अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे Arjun Ki Chhal Ke Fayde

प्रकृति का उपहार पेड़ हमारे जीवन में खास महत्व रखता है। भारत देश में अनेक प्रकार की गुणकारी औषधियों की भरमार है। उनमे से एक है Arjun Ki Chhal, जिसे दालचीनी के साथ उपयोग में लिया जाये। तो अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे अधिक बढ़ जाते है। जो शरीर स्वास्थ्य को अच्छा बनाते है और बीमारियों को दूर रखते है।

अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे Arjun Ki Chhal Ke Fayde

आयुर्वेद में इन दोनों औषधियों का महत्व ज़्यादा है काढ़ा या लेप बनाने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। अर्जुन के पेड़ से ज़्यादातर लोग परिचित होंगे क्यों की यह वृक्ष भारत के कही हिस्सों में पाया जाता है। और दालचीनी या उसके पाउडर का उपयोग मसाले के तोर पर व्यंजनों में किया जाता है।

अर्जुन की छाल और दालचीनी क्या है

स्वास्थकिय गुणों से भरपूर दोनों औषधिया शरीर को अनगिनत फायदे देने में मददगार है। देश की प्रचलित और कश्मीर की पारम्परिक चाय में इलायची, केसर और दालचीनी का समन्वय किया जाता है। इसी तरह की हर्बल टी बनाने में अर्जुन की छाल का भी प्रयोग किया जाता है। दोनों को विस्तार में समझने के लिए निचे दी गयी जानकारी उपयोगी है।

अर्जुन का पेड़ Arjun Ka Ped

प्रकृति सुंदरता के पर्याय वृक्ष न केवल ऑक्सीजन देने का कार्य करते है। बल्कि यह अपने औषधीय गुणों से शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभावकारी असर डालते है। अर्जुन का पेड़ ऐसा वृक्ष है जो शरीर स्वास्थ्य पर हकारात्मक असर छोड़ता है। अर्जुन पेड़ की छाल सबसे ज़्यादा गुणकारी मानी जाती है।

छाल में हृदय रोग, क्षय, पित्त, कफ, बुखार, सर्दी, खांसी, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी अधिकांश बीमारी को दूर करने की क्षमता है। महिलाए एवं पुरुषो की शारीरिक समस्या के निकाल के लिए अर्जुन की छाल चमत्कारिक फायदे प्रदान करती है। छाल के अलावा अर्जुन पेड़ के पत्ते, फल, फूल वगेरा भी स्वास्थ्य लाभ देते है।

अर्जुन छाल की तासीर ठंडी होती है। औषधीय अर्जुन पेड़ में से छाल को निकाल कर उसका चूर्ण बनाया जाता है। यह चूर्ण तंदुरस्त स्वास्थ्य के लिए असरकारक है। इस चूर्ण का नियमित सेवन करने पर रक्त प्रवाह में होते अवरोध दूर होते है।

दालचीनी Cinnamon In Hindi

अधिकतर श्रीलंका और दक्षिण भारत में पाए जाने वाले छोटे पर सदाबहार पेड़ को दालचीनी नाम से जाना जाता है। दालचीनी का पेड़ 10 से 15 मीटर तक ऊँचा होता है और तासीर गरम होती है।

अंग्रेजी में दालचीनी वृक्ष को कैशिया बार्क (Cassia bark) कहते है। दालचीनी पत्तो से काढ़ा और तेल तैयार किया जाता है। जिसका उपयोग शरीर की तंदुरस्ती बढ़ाने में होता है। दालचीनी एक तरह का सुगंधित मसाला है। जो लोग दालचीनी के फायदे से अनजान है वह सिर्फ मसाले के तोर पर ही इसका इस्तेमाल करते है।

लेकिन इसके एक नहीं अनेक उपयोग है जिससे कही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है। दालचीनी का पाउडर और छाल दोनों का उपयोग स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में, काढ़ा तैयार करने में किया जाता है। दालचीनी वृक्ष के फल कद में छोटे हरे या सफ़ेद रंग के होते है। इस वृक्ष के फूल और पत्तियों का उपयोग लेप बनाने में होता है।

अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे

दालचीनी और अर्जुन की छाल के बारे में जानने के बाद अब पता चल गया होगा दोनों औषधीया कितनी गुणकारी है। यह दोनों गुणकारी औषधि साथ मिल कर फायदे का प्रमाण बढ़ा देती है।

पोस्ट में बताये गए ज्यादातर सभी फायदे प्राप्त करने के लिए Arjun Chhal Powder चाहिए। इसलिए आप चाहे तो निचे बताई गयी लिस्ट द्वारा सबसे अच्छे अर्जुन पाउडर खरीद सकते है। इनकी प्राइस कीमत ₹35 से ₹250 के बिच में है।

  1. Jain Arjun Chaal Powder (100gm) ₹135
  2. Herb Essential Pure Arjuna (100gm) ₹150
  3. Kamdhenu Arjun Chhal Powder (250gm) ₹250
  4. Patanjali Vadmans Arjun Kwath (300gm) ₹36

अब शुरू करते है Arjun ki chhal ke fayde दालचीनी के साथ क्या है।

(1) एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

शरीर को प्राकृतिक तरीके से डेटॉक्स करने के लिए दालचीनी और अर्जुन की छाल लाभदायी है। यह मिनरल, विटामिन, पोषक तत्व तथा कई तरीके के खनिजों से भरे हुए होते है। सप्ताह में सिर्फ 1 या 2 बार अर्जुन छाल और दालचीनी का काढ़ा पीने से शरीर की तंदुरस्ती बनी रहती है।

अर्जुन की छाल एवं दालचीनी दोनों एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। इनके पेय पदार्थ में विटामिन सी, ई, बीटा-केरोटीन, केरोटिनाड्स उपलब्ध है। जो शरीर की कोशिकाओं को खराब होने से बचा कर स्वस्थ रखने का काम करते है।

(2) पाचन विकार से राहत

आहार को छोटे छोटे कणो में तब्दील करने की प्रक्रिया को पाचन प्रणाली क्रिया कहते है। लेकिन गलत खान पान और अनियमित दिनचर्या के कारण इस कार्य प्रणाली को नुकसान पहुँचता है। पाचन विकार दूर करने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी और अर्जुन छाल की चाय पीना अच्छा है।

इससे बना काढ़ा पाचन क्रिया को ठीक करने में मदद करता है। गैस, कब्ज, दस्त, बवासीर, पेट दर्द और एसिडिटी की समस्या में यह काढ़ा उपचारक है। इसके अलावा अर्जुन की छाल और दालचीनी पतंजलि चूर्ण से भी पाचन क्रिया में सुधार आता है।

(3) स्वस्थ हृदय के लिए

धूम्रपान, शराब वगेरा हृदय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते है। हृदय की अच्छे से देखभाल करने पर हमे लंबी और खुशहाल रोग मुक्त ज़िंदगी मिलती है। हृदय रोगियों के लिए अर्जुन छाल एवं दालचीनी का बेहतरीन काढ़ा फायदेकारक है।

इसके लिए आपको एक गिलास में टमाटर का रस लेना है। उसमे अर्जुन छाल का चूर्ण और दालचीनी पाउडर को डाल कर अच्छे से मिक्स करना है। इस मिश्रण से बना काढ़ा नियमित पीने पर हृदय रोगो से छुटकारा मिलता है।

(4) अत्याधिक रक्त स्त्राव नहीं होता

महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान अत्याधिक रक्त स्त्राव होने से कमजोरी और दर्द महसूस होता है। जब रक्त का अतिरिक्त मात्रा में स्त्राव होता है तब शरीर में एनिमिआ के लक्षण दीखते है। दालचीनी में आयरन की अच्छी मात्रा है जो इस बीमरी को दूर करने में सहायक है।

अत्याघिक रक्त स्त्राव को कम करने के लिए दालचीनी मसाले की सुखी लकड़ी को बारीक़ पीस ले। और उसमे अर्जुन छाल का पाउडर मिश्रित करे। उसमे थोड़ा शहद डाल कर इस मिश्रण का सेवन करे। महिलाओ को पीरिड्स के दौरान यह घरेलू उपाय करने पर फायदे मिलते है।

(5) जोड़ो के दर्द में आराम

जोडों में दर्द किसी चोट, संक्रमण, प्रतिरक्षा विकार, एलर्जी प्रतिक्रियाओं के कारण होता है। बदलते मौसम का प्रभाव सीधा हमारे शरीर स्वास्थ्य पर पड़ता है। जिस वजह से जोड़ो का दर्द उत्पन्न होता है। लेकिन अर्जुन पेड़ के पत्तो का लेप इस दर्द को तुरंत कम करता है।

लेप बनाने के लिए अर्जुन पेड़ के पत्तो को अच्छी तरह से पीस ले। फिर उसमे दालचीनी एवं अर्जुन की छाल का पाउडर डाल दे। बाद में स्वच्छ दालचीनी तेल को उसमे मिला दीजिये। इस मिश्रण को जोड़ो के दर्द वाले भाग पर लगा ले और उसमे एक पट्टी बांध ले। ऐसा करने पर दर्द जल्दी ठीक हो जाता है।

(6) अल्सर घांव सुखाने में

अल्सर एक प्रकार का घांव होता है जो पेट, आहार नाल या आंतो के अंदरूनी हिस्सों पर विकसित होता है। पेट में होने वाला अल्सर का घांव जल्दी से भर नहीं पाता। इसके कारण हमेशा पेट दर्द होने की शिकायत रहती है। इसे दूर करने में अर्जुन की छाल और दालचीनी कारगर है।

पेप्टिक या गैस्ट्रिक दोनों प्रकार के अल्सर को खतम करने में अर्जुन छाल और दालचीनी का काढ़ा पीना बेहतर है। यह अल्सर की असर को धीरे धीरे कम करता है और अल्सर के घांव भी सुखाता है।

(7) शुगर लेवल कंट्रोल में

एंटी ऑक्सीडेंट के बेहतरीन स्त्रोत होने के कारण दालचीनी तथा अर्जुन छाल रक्त में शर्करा के प्रमाण को नियंत्रित करते है। जिन लोगो में डाइट कंट्रोल और फिजिकल एक्टिविटी अच्छी नहीं होती उनमे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ता है।

मधुमेह पीड़ितों को एक गिलास गरम पानी में नीम पाउडर, आमलकी छाल, हल्दी, दालचीनी के साथ अर्जुन की छाल मिला कर काढ़ा तैयार करना चाहिए। सप्ताह में सिर्फ 2 बार यह काढ़ा पीने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

(8) बेड कोलेस्ट्रॉल कम करता है

खून में प्रोटीन और लिपिड से बने संरचनात्मक द्रव को कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल के दो प्रकार होता है बेड और गुड कोलेस्ट्रॉल। बुरा कोलेस्ट्रॉल शरीर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। बेड कोलेस्ट्रॉल को ख़तम करने के लिए दालचीनी और Arjun Ki Chhal उपयोगी है।

सुबह खाली पेट अर्जुन छाल का चूर्ण और बारीक़ दालचीनी को मिक्स कर के सेवन करे। इससे शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। साथ ही यह ट्राइग्लिसराइड स्तर को भी नियंत्रित करता है।

(9) रक्त पतला करने की क्षमता

शरीर में मौजूद खून गाढ़ा होने से कही स्वास्थ्य सम्बंधित विकार खड़े होते है। रक्त में थक्के जमने पर पुरे शरीर में हर जगह ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। ब्लड थिनर्स के कारण हृदय स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

ऐसे में रक्त को पतला करने के लिए अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे जरूर लेने चाहिए। रोजाना पौष्टिक गुणों से भरपूर दालचीनी तथा अर्जुन छाल से बनी चाय का सेवन करेंगे तो रक्त पतला होगा। इसी के साथ यह रक्त को शुद्ध करने का कार्य भी करते है।

(10) मजबूत रोग प्रतिकारक शक्ति

रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी तो कई बड़ी बीमारिया और इंफेक्शंस से भी शरीर खुद ही अपना बचाव कर लेगा। लेकिन रोग प्रणाली कमजोर होगी तो संक्रमण के कारण हम बार बार बीमार पड़ सकते है। सर्दी, खांसी, झुखाम, बुखार इत्यादी से परेशान है तो घरेलू उपाय आजमाए।

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अर्जुन की छाल और दालचीनी पाउडर डाला हुआ गरम पानी पुरे दिन पीना चाहिए। जिससे शरीर की रोग प्रतिकार प्रणाली में बढ़ावा होता है। यह उपाय बिलकुल किसी अच्छी दवाई की तरह काम करता है।

अर्जुन की छाल और दालचीनी का उपयोग

पेड़-पौधे न सिर्फ प्रकृति की सुंदरता बढ़ाने का काम करते है बल्कि यह इंसानों के लिए भी लाभदायक होते है। पेड़ शरीर को ऑक्सीजन देने का महत्व पूर्ण काम तो करते ही है। साथ में यह स्वास्थ्य को अच्छा रखने में भी मददगार होते है।

स्वास्थ्य लक्षी समस्या को हल करने का उत्तम उपाय है अर्जुन की छाल और दालचीनी की चाय या काढ़ा। तो आइये जानते है इन दोनों औषधियों का कैसे उपयोग किया जाता है।

  • एक छोटे से बर्तन में स्वच्छ पानी ले और गैस पर रखे।
  • पानी थोड़ा गरम हो जाए उसके बाद आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर और एक चौथाई चम्मच दालचीनी का पाउडर डाले।
  • धीमी आंच में इस मिश्रण को एक बार उबलने दे।
  • फिर इसे निचे उतार कर गरम दूध में मिला दीजिये।
  • इसके बाद आप इसमें गुड़ या शर्करा डाल सकते है।
  • आप चाहे तो इसमें थोड़ा सा शहद भी मिला सकते है।
  • थोड़ी देर तक इस मिश्रण को अच्छे से मिक्स करे।
  • अब तैयार है सेहत के गुणों से भरपूर अर्जुन की छाल और दालचीनी की चाय।

अर्जुन की छाल ब्लड प्रेशर में कैसे लाभदायी है

आयुर्वेद चिकित्स्क पद्धति में अर्जुन पेड़ का प्रयोग हज़ारो सालो किया जाता है। रक्तचाप सही बनाये रखने में अर्जुन की छाल रामबाण औषधि समान है। इस पेड़ की छाल से हर्बल दवाइया बनाई जाती है। जिसका उपयोग उच्च रक्तचाप को नियंत्रण करने में होता है। साथ ही यह हार्ट अटेक के खतरे को भी कम करता है।

हृदय संबंधित कही समस्याओ का हल करने के लिए अर्जुन की छाल लाभकारक है। अनगिनत गुणों से भरपूर अर्जुन का पेड़ भारत के कही हिस्सों में देखने को मिलता है। आदिवासी लोग स्वास्थ्य विकार दूर करने के लिए इस पेड़ को औषधि की तरह उपयोग में लेते है।

रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अर्जुन छाल का काढ़ा पीना बेहद लाभदायी है। काढ़ा बनाने के लिए 5 ग्राम चूर्ण को 200 ग्राम पानी में उबालें। लगभग 50 ग्राम बचे हुए पानी को छानकर पीने से ब्लडप्रेशर नॉर्मल रहता है। साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य से जुडी ज़्यादातर परेशानियों को दूर करता है।

आशा करती हु अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे की जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

DAWAiLAJ
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