ज्यादा पानी पीने के नुकसान Jyada Pani Pine Ke Nuksan

किसी भी चीज का अति मात्रा में सेवन करना शरीर स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालता है। लोग कहते है ज्यादा खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं। लेकिन यह भी जान लेना जरूरी है की ज्यादा पानी पीने के नुकसान क्या है। जिस तरह कम मात्रा में पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न होती है। उसी तरह ज़्यादा पानी पीने से ओवरहाइड्रेशन यानि की इंटॉक्सिकेशन की समस्या हो सकती है।

ज्यादा पानी पीने के नुकसान Jyada Pani Pine Ke Nuksan

ज़्यादातर लोग यही सलाह देते है की ज़्यादा पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। इससे वजन तेजी से कम होता है, पाचन प्रणाली अच्छी तरह के कार्य करती है, त्वचा चमकदार बनती है। लेकिन सच बात यह है की पानी ज़्यादा या कम नहीं बल्कि अपनी जरूरत अनुसार पीना चाहिए।

अति मात्रा में पानी पीने से क्या नुकसान होते है, पानी पीने का सही समय, दिन में कितना पानी पीना चाहिए। जैसे प्रश्नो के उत्तर पाने के लिए पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

ज्यादा पानी पीने के नुकसान Pani Pine Ke Nuksan

मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत पानी होता है जो शरीर को ऊर्जा और ताजगी देता है। कही रिसर्चो के मुताबिक व्यक्ति 1 सप्ताह तक भोजन के बिना रह सकता है। लेकिन पानी के बगैर व्यक्ति ज़्यादा से ज़्यादा 4 या 5 दिन तक रह सकता है। मानव शरीर में 1% पानी की कमी भी उसे प्यास लगने पर मजबूर कर देती है।

शरीर के लिए पानी बेहद जरूरी है लेकिन उसकी अति मात्रा सेहत को नुकसान पहुंचाती है। तो आइये जानते है ज्यादा पानी पीने के नुकसान क्या हो सकते है।

(1) हृदय स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को ज़्यादा मात्रा में पानी नहीं पीना चाहिए। क्यों की इससे उनकी हृदय लक्षी समस्या बढ़ सकती है। ऐसे लोगो को डॉक्टर से पूछ कर ही सही मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा सामन्य व्यक्ति भी हद से ज़्यादा पानी पी ले तो हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

ज़्यादा पानी पीने से धमनियों में पानी आ जाती है। धमनिया पुरे शरीर में ऑक्सीजन एवं रक्त को पहुंचाने का कार्य करती है। पर उसमे पानी आने पर सूजन हो जाती है। जिसकी वजह से हृदय पर दबाव पड़ता है। यह हृदय विफलता का कारण भी बन सकता है।

(2) लिवर में खराबी

लिवर खाने को पाचन करने का मुख्य कार्य करता है। साथ ही पचे हुए भोजन को वसा और प्रोटीन में बदलने का काम भी करता है। पर ज़्यादा पानी पीने से लिवर में खराबी होती है। और लिवर ठीक तरह से अपना कार्य नही कर पाता।

ज़्यादा पानी पीने के नुकसान में लिवर के साथ किडनी स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित होता है। यकृत रोग या किडनी की समस्या वाले दर्दी ज़्यादा पानी के सेवन से बचे।

(3) पेट दर्द होता है

अत्याधिक मात्रा में भोजन लेने पर जिस तरह पेट दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। वैसे ही अधिक मात्रा में पेट के अंदर पानी जाने से पेट दर्द होता है। पेय जल पेट के अंदर जाने से पेट फूल जाता है। ज़्यादा पानी पीने से भूख में कमी होती है।

पेट दर्द होने के साथ चक्कर आना जैसे लक्षण भी दीखते है। इसके अलावा सूजन आना, उबकाई आना जैसे चिन्ह भी इस समस्या में हो सकते है।

(4) पाचन प्रणाली में नुकसान

कही लोगो का कहना है की ज़्यादा पानी पीने से पाचन प्रक्रिया अच्छी तरह से कार्य करती है। यह बात पूर्णतः सच नहीं है, हा गरिष्ठ भोजन पचाने के लिए शरीर को ज़्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की ज़्यादा से ज़्यादा पानी पी लेना उत्तम है।

पाचन प्रणाली के लिए पानी की अति मात्रा नुकसानकारक हो सकती है। इसके कारण कभी कभार गैस, कब्ज, बवासीर, एसिडिटी जैसे पाचन विकारो का सामना करना पड़ता है। इस तरह ज्यादा पानी पीने के नुकसान पाचन क्रिया में देखने मिलते है।

(5) रात में नींद टूटना

अधिक प्यास लगना और थोड़ी थोड़ी देर बाद फिर से पानी पीना जैसी समस्या को किसी गंभीर बीमारियों के लक्षण समझे जाते है। ज़्यादा पानी पी लेने से बार बार मूत्र आता है। अगर आप रात को सोने से पहले अति मात्रा में पानी का सेवन कर लेते है। तो प्रायः पूरी रात इस समस्या का सामना करना पड़ता है।

रात में बहुत बार उठने के कारण अनिंद्रा की परेशानी से गुजरना पड़ता है। इसलिए हमेशा रात को सोने से पहले अपनी जरूरत के, अनुसार पर्याप्त मात्रा में पानी पीना ही बेहतर है। रात में जल्दी नींद लाने के आसान तरीके यहाँ पढ़े।

(6) यूरिक एसिड की समस्या

यूरिक एसिड रक्त में पाए जाने वाला एक रसायण है। यह रसायण तब बनता है जब शरीर में प्यूरिन नाम का पदार्थ टूटता है। अधिकांश यूरिक एसिड रक्त में घुल जाते है और गुर्दे के माध्यम से बहार निकल जाते है। ज़्यादा पानी पीना जैसी लापरवाही के कारण यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है।

अधिकतर लोगो का मानना है की ज़्यादा पानी पीने से यूरिक एसिड का खतरा कम होता है। लेकिन किसी वक्त ज़्यादा पानी पीना यूरिक एसिड की समस्या को और भी बढ़ा देता है। यूरिक एसिड की समस्या कम करने के लिए अति पानी पीने के बजाए पानी से भरपूर फ़ूड तरबूज़, ब्लूबेरी, गाजर, संतरा, कीवी का सेवन करे।

(7) इंटॉक्सिकेशन का कारण

जरूरत से ज़्यादा पानी पीना इंटॉक्सिकेशन का कारण भी बन सकता है। ओवरहाइड्रेशन की वजह से चक्कर आना, उलटी होना, थकान और सुस्ती महसूस होना जैसी समस्याए होती है। इस स्थिति के दौरान इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस और लौ सोडियम जैसी परेशानिया होती है।

2 से 3 लीटर पानी पी लेने पर वॉटर इंटॉक्सिकेशन होता है। ओवरहाइड्रेशन के कारण किडनी और लिवर को अधिक नुकसान पहुंचता है। यह समस्या ज़्यादा वक्त चले तो किडनी की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। यह रोग मे पीले रंग का या मटमैला रंग का पेशाब आना जैसे लक्षण दीखते है।

(8) हाइपोनेट्रेमिया का खतरा

हाइपोनेट्रेमिया एक ऐसी स्थिति है जो रक्त में सोडियम के निम्न स्तर के कारण होती है। ज़्यादातर खिलाड़ियों में यह रोग का खतरा अधिक होता है। इसके लक्षण भी डिहाइड्रेशन लक्षणों की तरह ही है। अधिक उम्र वाली व्यक्तियों में हाइपोनेट्रेमिया होने की संभावना रहती है।

दौड़वीरो यानि की रनर्स जिन्हें ज्यादा दौड़-धूप करना पड़ता है। उनके पसीने से सोडियम निकलता है जिसे हाइपोनेट्रेमिया कहते है। ज़्यादा एक्सरसाइज करने पर भी यह होता है। ऐसे वक्त ज़्यादा मात्रा में पानी पीया जाए तो शरीर में नुकसान होता है।

पानी पीने का सही तरीका

आज कल के जमाने में 95% लोग गलत तरीके से या गलत समय पर पानी पी लेते है। ऐसे में वह पानी पीने के फायदे के बजाय ज्यादा पानी पीने के नुकसान को न्योता देते है । तो आइये जानते है पानी पीने का सही तरीका क्या है।

  • अधिकतर लोग खाने के दौरान या खाना खाते वक्त बार बार पानी पीते है। आयुर्वेद में इसे जहर माना गया है। खाने के लगभग 45 मिनट बाद ही पानी पिए। यदि आपको भोजन करते समय या करने के बाद अधिक प्यास लगती है। तो खाने के बाद सिर्फ 2 या 3 घूंट पानी पिए।
  • कही उतावले लोग बहुत जल्दी जल्दी पानी पीते है। इसके कारण पेट दर्द और पेट फूलना जैसी समस्याए होती है। इसलिए पानी को धीरे धीरे सिप कर के पीना चाहिए।
  • अगर आपको ठंडा पानी पीने की आदत है। तो यह गले के रोग, पाचन विकार, जोड़ो का दर्द वगेरा होता है। हो सके तो मिट्टी से बने घड़े यानि की मटके का पानी पिए। यह प्राकृतिक रूप से पानी को ठंडा करता है। साथ ही पानी के PH को भी मेंटेन करता है।
  • कुछ लोग प्यास लगे या न लगे पर पुरे दिन पानी पीते रहते है। बहुत ज़्यादा पानी पीने पर शरीर के तरल पदार्थो को नुकसान पहुंचता है। और रक्त कोशिकाओं में भी पानी का अधिक स्तर जमा हो जाता है। इस वजह से जब प्यास लगे तब ही पानी पीना बेहतर है।
  • खड़े रह कर, चल कर या भाग कर पानी पीने से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थितियों में पानी पीने से किडनी स्वास्थ्य को हानि होती है। इसलिए हमेशा शांति से बैठ कर ही पानी पिए।

पानी पीने का सही समय

बहुत से लोग अलग अलग सुझाव देते है की खाने के पहले पानी पीना चाहिए, खाने के बाद पानी पीना चाहिए। ऐसे में हम कंफ्यूज हो जाते है की पानी पीने का सही समय क्या है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जब प्यास गले तब पानी पीना चाहिए।

लेकिन कुछ वक्त में पानी पीया जाए तो यह अधिक फायदे देता है। तो जान लेते है की पानी पीने का श्रेष्ठ समय कोनसा है।

  • सुबह उठ कर 2 या 3 गिलास पानी पी लेना चाहिए यह पानी पीने का आदर्श समय है। इससे आप सुबह खाली पेट पानी पीने के फायदे भी हासिल कर सकते है।
  • अगर आप ब्रश करने से पहले ही पानी पी लेते है तो ज़्यादा फायदेमंद है। क्यों की आयुर्वेद के अनुसार सुबह बासी मुँह की पहली लार कही शारीरिक समस्या हल करने में सहायक है।
  • खाने के 30 मिनट पहले तक और खाने के कम से कम 45 मिनट या ज़्यादा से ज़्यादा 1 घंटे तक पानी न पिए।
  • इसके अलावा दिन में किसी भी समय जरुरत अनुसार पानी पी सकते है।

1 दिन में कितना पानी पीना चाहिए

कम या ज़्यादा मात्रा में पानी पी लेने से अच्छा है की, ये जान ले पानी को कितनी मात्रा में पीना चाहिए। एक संशोधन अनुसार किडनी की वॉटर फ़िल्टर करने की क्षमता 24 घंटो में 15 लीटर की है। और 1 घंटे में लगभग 800 ml वॉटर फ़िल्टर कर सकती है।

हर व्यक्ति अपनी आयु, वजन, लिंग के आधार पर सही मात्रा में पानी पी सकता है। पानी पीने की सही मात्रा कुछ इस तरह है।

  1. पुरुष – 3 लीटर
  2. महिला – 2 से 2.5 लीटर

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। यह पानी की सही मात्रा है इससे शरीर में पानी की कमी या पानी की ज़्यादा मात्रा वाली समस्या नहीं होती।

पानी कैसे पीना चाहिए

मानव शरीर को ज़िंदा रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है। केवल 3 प्रतिशत पानी पीने लायक है उनमे से 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है। इसलिए पृथ्वी पर पीने के लिए योग्य सिर्फ 0.6 प्रतिशत ही पानी है।

ऐसी स्थिति में पानी का इस्तेमाल सोच समझ कर करना चाहिए। बहार बोतल में मिलने वाला फ़िल्टर किया हुआ पानी भी उतना भरोसे लायक नहीं होता। इसलिए हमेशा स्वच्छ नल से आया हुआ, गुनगुना और मटके का पानी ही पीजिए। अब जानते है पानी कैसे पीना चाहिए।

  • हमेशा स्वच्छ पानी ही पीने में लेना चाहिए। क्यों की गंदा पानी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल कर कही बीमारियों को बुलावा देता है।
  • सुबह उठने के बाद कुल्ला या ब्रश किये बिना ही 2 से 3 गिलास पानी पीना उत्तम है।
  • गर्म या गुनगुना पानी पीने से कही स्वास्थ्य लक्षी समस्याए दूर रहती है।
  • एक दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
  • खड़े हो कर कभी पानी न पिए हमेशा शांति से बैठ कर पानी पिए।
  • एक ही बारी में बहुत सारा पानी मत पिए पानी को घूंट घूंट में पीना अच्छा है।
  • आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखे हुए पानी को अमृत के समान माना गया है। इससे आपको अनेक स्वास्थ्य सबंधित फायदे मिलते है।

आशा करती हु ज्यादा पानी पीने के नुकसान की जानकारी पढ़ने में अच्छी लगी होगी। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

DAWAiLAJ
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