अनुलोम विलोम के चमत्कार Anulom Vilom Benefits In Hindi

सांस लेने-छोड़ने की एक प्रकार की प्रक्रिया को अनुलोम विलोम कहा जाता है। इस तरह की ब्रीथिंग एक्सरसाइज करना हर उम्र के व्यक्ति के लिए आसान होता है। दुनिया भर में इसके फायदे प्रचलित होने के बाद एक्सपर्ट्स इसे अनुलोम विलोम के चमत्कार भी कहते है। दिन में केवल 15 मिनट भी यह प्रक्रिया करे तो पुरे शरीर को ढेरो फायदे मिलते है।

अनुलोम विलोम के चमत्कार Anulom Vilom Benefits In Hindi

यदि हमारे शरीर में सांसो की गतिविधि सही चलती रहे तो कही रोगो से बचा जा सकता है। इसके लिए अच्छा वातावरण, आहार और एक्सरसाइज का होना जरुरी है। हर किसी के पास इतना समय नहीं होता की वह योगा या जिम वर्कआउट में अपना समय व्यतीत कर सके। ऐसे में अनुलोम विलोम करना सबसे अच्छा विकल्प है।

अनुलोम विलोम के चमत्कार Anulom Vilom Benefits In Hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम हमारी इड़ा और पिंगला नाड़ी को शुद्ध करता है। जिस से हमारी सुषुम्ना नाड़ी खुल जाती है। नाड़ी प्रवाह खुलने से दिमाग शांत रहता है। Anulom Vilom न सिर्फ नाड़ी को खोलता है। बल्कि उन्हें साफ़ करके नवजीवन भी देता है।

बच्चो से लेकर बूढ़ो तक सभी के लिए उपयोगी यह आसन करना बहुत आसान है। जिससे हमारी कही स्वास्थ्य समस्या हल हो जाती है। इस पोस्ट में केवल अनुलोम विलोम के चमत्कार फायदे के बारे में बताया है। इसे शुरुआत से सिखने के लिए यहाँ पढ़े।

किसी योगी की त्वचा कितनी तेजस्वी होती है, यह सब होता है प्राणायाम की वजह से। हमारे सभी रोगो की जड़ में तीन वायु के दोष है। वात, पित्त और कफ इन तीनो दोष के असंतुलन से सब रोग होते है। स्वस्थ्य से जुडी कई सारी समस्या अनुलोम विलोम प्राणायाम योग से ठीक हो जाती है।

(1) निखरी त्वचा के लिए

आजकल हर कोई खूबसूरत दिखने की तमन्ना रखता है। लेकिन कही वजह से त्वचा सुस्त और मुरझाई हुई दिखती है। प्राणायाम से शरीर की आंतरिक सफाई होने से त्वचा प्राकृतिक रूप से साफ़ होती है। हमारे रक्त को शुद्ध कर के त्वचा रोग से छुटकारा दिलवाता है। नाड़ियो को शुद्ध कर के उन्हें खोलता है। जिस से रक्त का प्रवाह बढ़ने से त्वचा को पोषण मिलता है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम स्किन को हेल्थी बनाता है साथ ही बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी रोकने में सहायक है। ज्यादातर स्किन प्रॉब्लम्स अंत:स्राव के असंतुलन से होते है प्राणायम हमारे अंत:स्राव को संतुलित करता है।

(2) बालों की खूबसूरती में

अक्सर बालो का झड़ना आम हो गया है लम्बे घने बाल हर औरत का सपना होता है। प्राणायाम टेन्शन कम करके ऑक्सीजन के बहाव को बढाता है। खून का बहाव बालो की जड़ो में मजबूती और पोषण देता है। प्राणायम बालो का झड़ना कम करता है, साथ ही बालो को सफ़ेद होने से रोकता है।

प्राणायाम योग से बिना पैसे खर्च किये सुंदर बाल पा सकते है। प्राणायाम बालो को स्वस्थ और चमकीले बनाता है। आज कल फैले हुए अति प्रदुषण का असर सुंदरता एवं स्वास्थ्य पर पड़ता है। बालों के स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए नियमित अनुलोम विलोम प्राणायम करना बेहतर है।

(3) कैंसर से लड़ने में सहायक

अनुलोम विलोम प्राणायाम कैंसर को दूर रखने में सहायक है। यह कैंसर की गाठ को बनने नहीं देता। प्रदूषित वातावरण में रहने की वजह से कोष में विकृति आ जाती है। कोष असामान्य रूप से बढ़ने लगता है, यह गाठ कैंसर की भी हो सकती है। कैंसर के मरीज को कपालभाति, नाड़ी शोधन के साथ अनुलोम विलोम करना चाहिए।

प्राणायाम कैंसर के दौरान कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से होने वाली हानिकारक असर से बचाता है। हमारे मन और दिमाग को शांत रखता है जो हमे कैंसर से लड़ने में सहायता करता है। योग और प्राणायम करने से कैंसर पेशेंट् को अच्छा फील होता है।

(4) हृदय के लिए लाभकारी

अनुलोम विलोम से शुद्ध रक्त ह्रदय तक आसानी से पहुंच पाता है। साथ ही खुनके बहाव को बढ़ाता है और धमनियों को खोलता है। जिस वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना कम हो जाती है। और कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रण में रहता है। प्राणायम से धमनियों का बहाव आसानी से चलता है।

ह्रदय रोग होने से थकान, चक्कर, हार्ट ब्लॉकेज वगेरा हो सकता है। ब्लॉकेज की वजह से धड़कन बंद हो कर हार्ट अटैक आ सकता है। प्राणायम सभी ब्लॉक नाड़ियो को खोलता है जिस कारण खून का प्रवाह मिलता रहता है। और कार्य अच्छे से होता है।

(5) आँखों के लिए फायदे

कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी स्क्रीन पर लम्बे समय तक देखते रहने से दृष्टि कमजोर हो जाती है। ऐसे में भ्रामरी प्राणायाम के साथ अनुलोम विलोम प्राणायाम किया जाये तो आँखों को फायदा मिलता है। अनुलोम विलोम प्राणायम के बाद भ्रस्त्रिका प्राणायाम करने से आँखो की रोशनी बेहतर होती है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम से आँखों को सीधा फायदा नहीं होता। मगर ऑक्सीजन और खून का प्रवाह बढ़ने से थोड़ा फायदा हो जाता है। जिससे आँखों को आराम मिलता है, पास और दूर की द्रष्टि सुधरती है। इन्फेक्शन वाली आँखों में पानी आना, जलन होना भी कम होता है।

(6) दिमागी विकास में लाभदायक

अनुलोम विलोम करने से माईग्रेन, डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है। मूड अच्छा रहता है और फ्रेशनेस फील होती है। दिमाग के दोनों हिस्सों का समान विकास होता है। दाहिनी नासिका से दिमाग के बाए हिस्से का और बायीं नासिका से दिमाग के दाहिने हिस्से का विकास होता है।

दिमाग के दोनों हिस्सों का विकास होने से सर्जनात्मकता, तार्किक क्षमता, निर्णयक्षमता, एकाग्रता बढ़ती है। मानसिक रोगियों के लिए प्राणायाम काफी राहतमंद है। हमारी याद शक्ति, समझने की क्षमता को बढ़ाता है। दिमाग में गाँठ बनने नहीं देता। दिमाग की कार्यप्रणाली को मजबूत करता है।

(7) तनाव कम करता है

आज डिप्रेशन और माईग्रेन बहोत से लोगो की समस्या बन चुकी है। ऐसे में रोजाना 10 मिनट प्राणायाम करने से अनुलोम विलोम के चमत्कार देखने मिलते है। अगर आपका मूड ऑफ रहता है आलस आती है तो अनुलोम विलोम का प्रयोग करे। मूड स्विंग में भी इसका प्रयोग कर सकते है।

प्राणायाम से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन हॉर्मोन बढ़ते है। जिससे मूड अच्छा रहता है और हमें दर्द से लड़ने की ताकत मिलती है। साथ ही प्राणायाम एकाग्रता को बढ़ाता है और नींद लाने में मददगार है। तनाव की स्थिति ज्यादा रहती है तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करे।

(8) पाचनतंत्र में फायदे

अनुलोम विलोम प्राणायाम के दौरान सांस अंदर बहार करने से पेट को आंतरिक मसाज मिलती है। जिससे पाचनतंत्र काफी अच्छा रहता है। जो हमारे अंदरूनी अंगो को तरोताजा रखने में मददगार है। इसी कारण हमे ताजगी और स्फूर्ति महसूस होती है।

इन्फेक्शन, कब्ज और पेट सम्बन्धित बीमारियों को दूर रखता है। आंतो को आंतरिक मजबूती बढ़ाता है जो वजन कम करने में सहायक है। खून में ऑक्सीजन का ज्यादा बहाव आंतरिक अंगो को नवजीवन देता है। मेटाबोलिज्म बढ़ने से वजन अपने आप काम होने लगता है।

(9) मधुमेह और उच्च रक्तचाप में

अनुलोम विलोम प्राणायाम खून में ऑक्सीजन बहाव बढ़ाके शर्करा को नियंत्रण में रखता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। खून में इन्सुलीन के बहाव को नियंत्रित करता है। हाई और लो दोनों बीपी को संतुलित रखता है।

टाइप 1 और 2 दोनों डायबिटीज पीड़ितों के लिए अनुलोम विलोम करना लाभकारक है। रक्त में शर्करा के प्रमाण को नियंत्रित करने में यह सहायक का काम करता है। रोजाना 10 मिनट भी यह आसन करने पर शरीर में अनुलोम विलोम के चमत्कारिक फायदे नज़र आयेंगे।

(10) श्वसन प्रणाली में फायदे

श्वसन प्रणाली को तंदुरस्त रखने के लिए अनुलोम विलोम असरकारक है। प्राणायाम करने से श्वसन प्रणाली सम्बन्धित परेशानिया दूर होती है। श्वसन प्रणाली साफ़ रहती है, सभी एलर्जी को दूर करता है। सायनस, टॉन्सिल आदि रोगो को मिटने में सहायरूप है।

बदलते मौसम के साथ हमें अक्सर सर्दी, जुखाम या वायरल फीवर हो जाता है। जिसमे नाक बंद रहती है और ठीक से सांस नहीं ले पाते। ऐसी स्थिति में भी अनुलोम विलोम के चमत्कार देखने मिल सकते है।

(11) ध्यान केंद्रित करने में सहायक

बायीं नाडी को चंद्र नाडी इड़ा और दाई नाडी को सूर्य नाडी यानी की पिंगला कहते है। सूर्य नाड़ी से गर्म हवा जाती है और चंद्र नाड़ी से ठंडी हवा जाती है। अनुलोम विलोम प्राणायाम गर्म और ठंडी हवा के प्रमाण को संतुलित करता है। जिससे ध्यान केंद्रित करने में आसानी रहती है।

साथ ही प्राणायाम शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बहार निकालता है। ध्यान करने से पहले प्राणायम करने से ध्यान में  अवश्य सहायता मिलेगी। प्राचीन काल में कही महानुभावो ने इसी क्रिया द्वारा ध्यान में सिद्धि हांसिल की है।

(12) फेफड़ो के लिए

अनुलोम विलोम प्राणायम फेफड़ो में ज्यादा ऑक्सीजन भरके शक्ति देता है। फेफड़ो की कार्यक्षमता बढ़ाता है ,जो अस्थमा के मरीज के लिए फायदेमंद है। ब्रोंकाइटिस और फेफड़ो में टीबी इत्यादि इन्फेक्शन से छुटकारा दिलवाता है। नियमित प्राणायाम करने से फेफड़ो की ब्लॉकेज खुल जाते है।

अनुलोम विलोम करने से फेफड़ो के सभी छिद्र खुल जाते है। स्मोकिंग, उनहेल्थी आदते, प्रदूषण इन वजह से फेफड़ो पर असर होता है। कोरोना के वायरस भी फेफड़ो पर असर करते है। ऐसे में इम्युनिटी बनाये रखने के लिए प्राणायाम करना बेहतर है।

आशा करती हु अनुलोम विलोम के चमत्कार अच्छे से बता पायी हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

DAWAiLAJ
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