अधोमुख श्वानासन करने का तरीका और फायदे Adho Mukha Svanasana

हानिकारक प्रदूषण की वजह से हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ती है। इस असर को दूर करने के लिए योगा करना जरुरी है। योग सिर्फ तंदुरस्ती नहीं देता बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य और आंतरिक सुख में बढ़ोतरी करता है। अधोमुख श्वानासन ऐसा ही आसन है जो शरीर को ढेरो स्वास्थ्य लाभ देता है। Adho Mukha Svanasana एक व्यापक रूप से किया जाने वाला लोकप्रिय आसन है।

अधोमुख श्वानासन करने का तरीका और फायदे Adho Mukha Svanasana

यह आसन पुरे शरीर के लिए लाभदायी है। योग विद्या ऐसा शास्त्र है जो हर उम्र के लोग कर सकते है। आज इस पोस्ट में जानेगे अधोमुख श्वानासन योग क्या है, अधोमुख श्वानासन करने का तरीका और फायदे। साथ ही ये भी जानेगे की योगा करते वक़्त क्या सावधानी रखनी चाहिए।

अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana) योग क्या है

यह आसन पूर्ण स्थिति में स्वान के खड़े रहने की स्थिति जैसा दिखता है। इसलिए इस आसन को अधो मुख श्वानासन कहते है। संस्कृत में अधो मतलब “नीचे” मुख मतलब “चेहरा”, स्वान का मतलब “कुत्ता” और आसन का मतलब “बैठना” होता है। अंग्रेजी में इसे “Downward Facing Dog Pose” कहा जाता है। यह आसन उर्ध्व मुख श्वानासन का उल्टा आसन है। इस आसन में शरीर का उल्टा V का आकार बनता है।

Adho Mukha Svanasana सूर्य नमस्कार के आसन श्रुंखला में आठवे क्रम में आता है। अष्ठांग विन्यास योग से उतर आया यह आसन सूर्य नमस्कार के साथ में किया जाता है। इस आसन में श्वान की तरह पुरे शरीर को खींचना होता है। जिस से पूरी बॉडी पर की स्ट्रेचिंग हो जाये, जैसे श्वान करते है।

अधोमुख श्वानासन एक जटिल आसन है इस आसन में रक्त प्रवाह ज्यादा सिर की और बढ़ता है। इस से शरीर में गर्मी बढ़ती है। जिस से अकड़ कर अंग ठंडा पड़ जाने की संभावना ख़तम हो जाती है। नियमित अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है। बालो को मजबूत और चमकीले बनाने के लिए अधिक लाभदायक है।

अधोमुख श्वानासन करने से पहले ये आसन करे

Adho Mukha Svanasana करने से पहले अपने हाथ और पाँव का लचीलापन बढ़ाने के लिए कुछ आसन दिए गए है। जिस से आसन करने में कोई दिक्क्त नहीं आती इसलिए पहले ये आसन करना चाहिए।

  • कुंभकासन
  • धनुरासन
  • दण्डासन
  • उत्तानासन

अधोमुख श्वानासन योग करने का तरीका

अधोमुख श्वानासन योग करने का तरीका

  1. सबसे पहले किसी शांत जगह का चुनाव कीजिये।
  2. पेट के बल लेट जाये, पाँव को पास-पास रखे और पाँव की उंगलियों को मोड़कर जमीन पर टिकाये।
  3. अब दोनों हाथो को नीचे रखे मार्जरी आसन में आ जाए दोनों पाँव के पंजे और हथेलिया जमीन पर टिका ले।
  4. दोनों हाथ की उंगलिया फैला ले और हाथो पर समान वजन बाँट ले। दोनों हाथ समांतर एक रेखा में रखे हस्त बंध की स्थिति में आ जाए।
  5. घुटनो को थोड़ा मोड़ दे, अब सांस भरिये और हाथो को अंदर मोड़िये सिर को दोनों हाथो के बिच अंदर मोड़ने की कोशिश करे।
  6. अब हाथ सीधे करने की कोशिश करे हो सके उतना हाथो को सीधा करिये हथेलिया धड़ से दूर होनी चाहिए। हाथ एकदूसरे के पास नहीं बल्कि सही दुरी पर होने चाहिए तभी कंधे खुलेंगे।
  7. दोनों घुटनो को ऊपर उठाते जाइये और सीधे करते जाए, नितंब को उपर उठाये पाँव सीधे रखने की कोशिश करे।
  8. घुटनो को सीधा करे और दोनों पाँव के पंजे और हथेलिया पुरे जमीन से चिपका के रखिये। उलटे V का आकार बनाये। अगर पाँव जमीन से ऊपर उठ जाये तो वह तौलिया फोल्ड करके रखे।
  9. कूल्हों को पीछे दबाये और ऊपर करे दोनों पाँव समांतर एक सीध में रखे। आपकी एड़िया जमीन को छू सकती है या नहीं ये आपके लचीलापन पर निर्भर है।
  10. सिर को जितना हो सके उतना अंदर की तरफ खिचिये और हो सके उतना स्ट्रेच कीजिये। इस से आपके पाँव के पिछले हिस्से पर खिंचाव आयेगा।
  11. इस स्थिति में थोड़ी देर रहिये 10-20 सेकंड तक साँस रोके और इसी स्थिति में अपने पाँव के पंजो को देखने की कोशिश करे। पाँव के पंजो को ऊपर नहीं उठाना।
  12. सिर को आगे की तरफ तनाव मुक्त स्थिति में छोड़ दे। अपनी दृष्टि नीचे पाँव की और बनाये रखिए।
  13. हाथ और पाँव की स्थिति को बरकरार रखे अपने कंधो को बिना किसी दबाव के खोलिए।
  14. लेकिन ख्याल रखे की रीढ़ की हड्डी को ज्यादा ना खींचे नाही बगल से झुकना है।
  15. आसन की पूर्ण स्थिति में पेट और जांध के बीच जगह होनी चाहिए।
  16. अब वापस सांस छोड़ते हुए सिर को दोनों हाथो के बिच से आगे उपर ले आइये। पाँव को घुटनो से मोड़कर वज्रासन या सुखासन की स्थिति में आ जाये।
  17. इस आसन को कम से कम 5 बार दोहराए, ताकि Adho Mukha Svanasana के फायदे पुरे मिले।

अधोमुख श्वानासन के फायदे Adho Mukha Svanasana Benefits In Hindi

  • Adho Mukha Svanasana हाथ की भुजाये और पाँव के पिंडियो की मांसपेशियों को टोन करता है।
  • कंधो को खोलता है और कंधो की मांसपेशियों पर खिचाव पड़ने से कंधो की स्ट्रेचिंग होती है।
  • रीढ़ की हड्डी को खींचकर सीधा करता है पाँव की पिंडियो को खिचाव महसूस होने से पाँव में नयी शक्ति का संचार होता है।
  • सिर के नीचे से लेकर पाँव की एड़ियों तक खिचाव होने से पुरे शरीर की स्ट्रेचिंग हो जाती है।
  • दौड़वीर को तत्काल पाँव को आराम देने के लिए Adho Mukha Svanasana करना चाहिए। इसे करने से तत्काल पाँव के दर्द से राहत मिलती है।
  • पाँव शक्तिशाली बनते है और तत्काल स्फूर्तिला का अनुभव करवाता है।
  • सिर के पास रक्तप्रवाह बढ़ने से मस्तिष्क को नई ऊर्जा मिलती है। यादशक्ति बढ़ती है गुस्सा कम हो जाता है और दिमाग शांत रहने लगता है।
  • रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाकर उसे नवजीवन बक्शता है। शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है।
  • सिर की और ज्यादा रक्त बहने से बालो को अधिक पोषण मिलता है। जिस से बाल जल्दी सफ़ेद होना, बालो का झड़ना, बालो से जुडी सारी समस्या को सुलझा देता है।
  • सिर दर्द, डिप्रेशन, माइग्रेन, तनाव, नींद ना आने की समस्या का समाधान करता है।
  • एकाग्रता और यादशक्ति को बढ़ाता है, सुनने की क्षमता बढ़ाने के लिए अच्छा आसन है।
  • सिर के पास रक्तप्रवाह बढ़ने से आँखों की रोशनी को तेज करता है।
  • पेट के स्नायु को खींचकर पेट की चर्बी या मोटापा कम करता है।
  • रोजाना इस आसन को करने से कब्ज का परमानेंट इलाज हो जाता है।
  • शरीर से पुराने से पुराने हानिकारक तत्वों को भी बहार निकाल फेंकता है।
  • फेफड़ों की स्वसन क्षमता बढ़ाता है और फेफड़ो के स्नायु को मजबूत करता है।
  • सायटिका पेइन में राहत दिलवाता है।
  • चेहरे पर रक्तप्रवाह बढ़ने से चेहरा चमकने लगता है।
  • मस्तिष्क में ज्यादा ऑक्सीजन पहुँचता है इस से मूड अच्छा हो जाता है।
  • बॉडी को स्वस्थ और शेप में रखने के लिए कारगर आसन है।

अधोमुख श्वानासन योग में रखे सावधानिया

किसी भी योगासन का अभ्यास करने से पहले सावघानी रखने से अनिच्छनीय अकस्मात से बचा जा सकता है। और संभवित नुकसान को टाला जा सकता है। Adho Mukha Svanasana नीचे दर्शायी हुई समस्या से ग्रस्त लोग ना करे।

  • हाथ पैर में चोट लगने पर या कमजोरी महसूस होने पर ये आसन ना करे।
  • अर्थराइटिस के दर्द में ये आसन करना अच्छा नहीं है।
  • पीठ दर्द और पीठ पे चोट होने पे भी ये आसन ना करे।
  • उच्च रक्तचाप के दर्दियो को इस आसन से दूर रहना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी के दौरान महिलाये इस आसन से दूर रहे।
  • अगर आपको उंगलियों पे उठना नहीं आता तो आप पैरो के नीचे तौलिया रखकर आसन करे।
  • अगर आपकी बॉडी ज्यादा लचीली नहीं है आप जमीन तक नही पहुंच सकते तब आप सामने कुर्सी रखकर उसपे हाथ टिकाये।
  • कंधे, कूल्हे, बाहें, कमर, और भुजाओ में दर्द या चोट लगने पर आसन नहीं करना है।
  • ह्रदय रोग और स्लिप डिस्क की समस्या में यह आसन करना उचित नहीं माना जाता।
  • चक्कर आने की समस्या में यह आसन ना करे इस से गिरने की संभावना रहती है।

आसन में आने के बाद खुद को चेक करे

  • क्या आपकी उंगलिया फैली हुई है।
  • हाथ और कंधो की चौड़ाई सही है या नहीं।
  • पेरो के बिच की दुरी कूल्हों की दुरी से अधिक है या नहीं।
  • साँस लेना जारी रखे आपको गहरी साँस लेते रहना है।
  • मन पूरी तरह शांत और योग पर केंद्रित है।

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अधोमुख श्वानासन करने के बाद ये आसन करे

अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए आप चाहे तो Adho Mukha Svanasana करने के बाद निचे बताये आसन कर सकते है।

  1. एकपदा अधोमुख श्वानासन (One Leg Down Dog)
  2. परिव्रता अधोमुख श्वानासन (Dog Down Twist)
  3. उत्तानासन (Uttanasana)
  4. अर्ध पिंच मयूरासन (Dolphine Pose)
  5. शीर्षासन (Headstand)

पहलीबार अधोमुख श्वानासन करने वालो के लिए ख़ास टिप्स

Adho Mukha Svanasana उन लोगो के लिए पीड़ादायी हो सकता है, जिनकी बॉडी लचीली नहीं है। बिना लचीलापन बढ़ाये इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी में दर्द हो सकता है। इसलिए पहली बार कर रहे है तो कुछ खास टिप्स को जरूर ध्यान में रखे।

  • हाथ और पंजो को आसन के लिए तैयार करे।
  • मार्जरी आसन में जाकर रीढ़ की हड्डी को तैयार करे।
  • धनुरासन या बालासन करके कंधो को लचीला बनाये।
  • शरीर की मजबूती के लिए पुश उप करना बेहतर है।

मोटे लोगो के लिए अधोमुख श्वानासन करने की टिप्स

मोटे लोगो के लिए अधोमुख श्वानासन करना उतना आसान नहीं होता। क्युकी उनके शरीर का पूरा वजन दोनों हाथो पे और कलाई पे आ जाता है। इस से वो ज्यादा समय तक आसन में नहीं रह पाते है। उन्हें पहले वार्मअप करना चाहिए।

  • हो सके तो सबसे पहले हाई कैलोरी फ़ूड पर नियंत्रण कर के अपने वजन को कम करने की कोशिश करे।
  • दिन में 2 बार सुबह-शाम पेट कम करने की एक्सरसाइज करे।
  • आसन में आने के लिए दोनों हाथो की उंगलिया अच्छे से फैला लेनी चाहिए।
  • दोनों हाथो की भुजाओ पे और कंधो पे वजन बाट दे।
  • बाहरी भुजा, समलंबिका पेशी और गले पे वजन आने दे।
  • हाथ दबाये मगर ज्यादा दर्द महसूस होने पर हाथो के नीचे तौलिया रखे।
  • हाथो को पहले कुर्सी पर या पेड़ का सहारा लेकर टेके बाद में धीरे-धीरे नीचे जाइये।

आशा करती हु अधोमुख श्वानासन योग की पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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