लिवर की बीमारी या उसे हुई क्षति का पता लगाने के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट किया जाता है। जिसमे बिलीरुबिन, एंजाइम और प्रोटीन की मात्रा देखि जाती है। डॉक्टर LFT Test में कुल 11 पैरामीटर को नॉर्मल रेंज में है या नहीं वो देखते है।
शरीर के सभी आंतरिक अंगो में लिवर सबसे बड़ा अंग है। जो मेटाबोलिज्म (पाचन) की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण मध्यस्थी का कार्य करता है। हम जो भी खाना खाते है उसे पचाना और रक्त को साफ़ करने का काम लिवर करता है।
यदि इन फंक्शन में कोई खराबी आ जाये तो लिवर सही से कार्य नहीं कर पाता। जिसे समझने के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट कराना जरुरी है। ताकि लिवर की कार्यक्षमता समझते हुए मरीज का इलाज किया जा सके।
लिवर फंक्शन टेस्ट क्या है LFT Test In Hindi
LFT Test खून के नमूने द्वारा होने वाली एक सामान्य जांच प्रक्रिया है। LFT का पूरा नाम या फुल फॉर्म Liver Function Test है। नाम से ही पता चलता है की इसमें लिवर के विभिन्न फंक्शन की जांच होती है।
लिवर के फंक्शन (कार्य) क्या है
- Metabolism – कार्ब्स, प्रोटीन और फैट की पाचनक्रिया
- Drug & Toxin – दवाई, अप्रिष्ट पदार्थ को अलग करता है
- Blood Purification – रक्त साफ़ करने का काम
- Excretion – बिलीरुबिन को बहार निकालता है
- Storage – ग्लाइकोजन, विटामिन (ए, डी, इ, के, बी12) और मिनरल्स को संग्रह करता है।
- Plasma Protein Synthesis – एल्ब्यूमिन, ग्लोब्युलिन, फाइब्रिनोजन बनाता है।
- Clotting Factor – ब्लड में धक्का बनाने का काम
- Albumin Synthesis – बॉडी टिश्यू रिपेयर के लिए
इसके अलावा लिवर बाइल प्रोडक्शन और एंजाइम एक्टिवेशन में भी मदद करता है। जिससे पाचनक्रिया आसान बनती है। LFT Test में इन सभी फंक्शन की जांच कर के बीमारी का पता लगाया जाता है।
LFT Test कब किया जाता है Purpose Of LFT
यदि व्यक्ति में लिवर खराबी के कुछ लक्षण नजर आये। या निम्नलिखित स्थिति में डॉक्टर LFT Test कराने की सलाह देते है।
- पेट में दर्द
- भूख कम लगना
- असामान्य वजन घटना
- पाचनक्रिया में समस्या
- ज्यादा मलत्याग
- एसिडिटी में
- पीलिया की स्थिति में
- यूरिन ज्यादा पीला होना
- हेपेटाइटिस में
- उलटी आना
- हाथ-पांव में सूजन
- दवाइयों का असर देखने
- रूटीन हेल्थ चेकउप
लिवर फंक्शन टेस्ट में यदि परिणाम नॉर्मल रेंज से ज्यादा आते है। तो कुछ निचे अनुसार की बीमारी के बारे में पता चल सकता है।
- पीलिया
- हेपेटाइटिस
- लिवर सिरोसिस
- फैटी लिवर
- अलक्होलिक लिवर
- लिवर कैंसर
- पित्ताशय की बीमारी
- पथरी
लिवर फंक्शन टेस्ट की प्रक्रिया Process Of LFT Test
अगर आप किसी दवा का सेवन करते है तो टेस्ट से पहले उसके बारे में डॉक्टर को बताये। साथ ही टेस्ट के कुछ समय पहले खाना बंद करे। क्यों की कुछ खाद्य पदार्थ और दवाइया टेस्ट परिणाम को प्रभावित कर सकते है।
- सबसे पहले सुई की मदद से 2-3 ml जितना आपका ब्लड सैंपल लिया जायेगा।
- सुई बांह की नस पर लगने से सामान्य दर्द हो सकता है।
- रक्त नमूने को ट्यूब में लेकर लैब भेज दिया जाता है।
- जांच प्रक्रिया में लैब कुछ घंटे या 1 दिन तक का समय ले सकती है।
यदि जांच के लिए खून देने के बाद आपको चक्कर, कमजोरी या दर्द महसूस हो। तो तुरंत घर ना जाये और अपने डॉक्टर को जरूर बताये।
लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणाम (नॉर्मल रेंज) LFT Test Result
एलएफटी (लिवर जांच) में 3 तरह के टेस्ट होते है, तीनो की जानकारी निचे अनुसार है।
Bilirubin | Enzyme | Proteins |
Total Bilirubin | SGOT (AST) | Total Protein |
Direct Bilirubin | SGPT (ALT) | Globulin |
Indirect Bilirubin | ALP | Albumin |
——– | GGT | A:G Ratio |
बिलीरुबिन में डायरेक्ट, इनडायरेक्ट और टोटल बिलीरुबिन के बारे में पता लगाया जाता है। एंजाइम में SGOT, SGPT, ALP, GGT टेस्ट करते है। प्रोटीन्स में ग्लोब्युलिन, एल्ब्यूमिन, टोटल प्रोटीन और ऐ:जी रेशिओ देखते है।
ये सब LFT Test में समाविष्ट है और इनकी नॉर्मल रेंज कुछ इस तरह है।
No | Test Name | Normal Value |
1 | Total Bilirubin | 0.7-1.2 mg/dl |
2 | Direct Bilirubin | 0.2-0.7 mg/dl |
3 | Indirect Bilirubin | 0.1-0.4 mg/dl |
4 | SGOT/AST | 5-40 IU/L |
5 | SGPT/ALT | 5-35 IU/L |
6 | Alkaline Phosphate | 30-135 IU/L |
7 | Total Proteins | 6.5-8.5 g/dl |
8 | Albumin | 3.5-5.5 g/dl |
9 | Globulin | 2.5-3.5 g/dl |
10 | A:G Ratio | 1.2-1.5 |
(1) बिलीरुबिन टेस्ट
लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनने वाले अपशिष्ट उत्पाद को बिलीरुबिन कहा जाता है। ब्लड में बिलीरुबिन सामान्य स्तर 0.7-1.2 mg/dl से ज्यादा हो जाये। तो शरीर में पीलिया और अन्य बीमारी प्रवेश कर सकती है। ऐसा तब होता है जब लिवर सही से कार्य ना कर पाए।
(2) एस्पार्टेट एमिनोट्रांसफरेज़ जांच (AST)
SGOT या AST लिवर एंजाइम है। यदि LFT Test में AST अपनी नॉर्मल रेंज 5-40 IU/L से ज्यादा हो। तो यह लिवर ख़राब होने का संकेत देता है। जब लिवर ख़राब होता है तो वो AST एंजाइम को ब्लड में छोड़ना शुरू करता है।
(3) एलेनिन ट्रांसमिनेज़ टेस्ट (ALT)
यदि लिवर सामान्य तरीके से काम ना कर रहा हो तो खून में ALT प्रवेश कर लेता है। और अपनी नॉर्मल वैल्यू 5-35 IU/L से ज्यादा परिणाम दिखाता है। हाई वैल्यू लिवर क्षति का संकेत देती है।
(4) एल्कलाइन फॉस्फेटस जांच (ALP)
व्यक्ति में एल्कलाइन फॉस्फेटस एंजाइम हड्डिया, पित्त नलिका और लिवर में पाया जाता है। ALP जांच अन्य पैरामीटर के साथ संयोजन में की जाती है। अक्सर वायरल हेपेटाइटिस की स्थिति में ALP 30-135 IU/L से बढ़ता है और लिवर को नुकसान होता है।
(5) प्रोटीन या एल्बुमिन टेस्ट
एल्ब्यूमिन लिवर द्वारा बनाया गया मुख्य प्रोटीन होता है। जो शारीरिक अंगो में कही तरह महत्वपूर्ण है। एल्ब्यूमिन टेस्ट से पता चलता है लिवर इसे सही से बना रहा है या नहीं। एल्ब्यूमिन अपनी नॉर्मल रेंज 3.5-5.5 g/dl में रहे तो अच्छा है।
इन LFT Test के साथ मरीज की स्थिति अनुसार डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट के लिए भी कह सकते है। जैसे Coagulation test या aPTT जांच।
लिवर फंक्शन टेस्ट की कीमत LFT Test Price
भारत की ज्यादातर लैब्स में लिवर प्रोफाइल टेस्ट की कीमत ₹300 से ₹700 है। इस तरह के LFT test price लैब की सुविधा अनुसार कम या ज्यादा हो सकते है।
टेस्ट डॉक्टर के बताये लैब में या ऑनलाइन वेबसाइट से बुक कर सकते है। यदि डॉक्टर एलएफटी के साथ सोनोग्राफी कराना भी कहते है। तो खर्चा थोड़ा ज्यादा हो सकता है।
आशा करता हु LFT Test In Hindi की पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक स्वस्थ और मस्त रहिये।