बाजरे की रोटी के नुकसान और फायदे Pearl Millet (Bajra) In Hindi

ग्राम्य भारत का एक बड़ा हिस्सा बाजरे की रोटी (Bajre Ki Roti) को रोजाना खाने में लेता है। पर्याप्त मात्रा में इस रोटी को आहार में लेना फायदेमंद है। पर इसमें गोइट्रोजेन नामक तत्व पाया जाता है जो फेफड़े, किडनी, थाइरोइड बीमारी का कारण बनता है । जिससे अधिक सेवन करने पर बाजरे की रोटी के नुकसान बढ़ जाते है।

बाजरे की रोटी के नुकसान और फायदे Pearl Millet (Bajra) In Hindi

बाजरा रोटी तो जग प्रसिद्ध है लेकिन इससे पूरी, खिचड़ी, कचोरी, थेपला, लड्डू, चूर्ण इत्यादि व्यंजन बनाए जा सकते है। पुराने जमाने में लोग अपने कुल देवता को रिझाने के लिए उन्हें बाजरे के लड्डू चढ़ाते थे। धार्मिक और स्वास्थ्यकिय दोनों रूप से इस देसी सुपर फ़ूड को बेहतरीन माना जाता है।

बाजरे की रोटी Pearl Millet (Bajra) In Hindi

भारत में उगाये जाने वाले एक तरह के अनाज को बाजरा कहा जाता है। बाजरे के दाने आकार में छोटे और कठोर होते है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है की कम पानी और शुष्क जगह पर भी आसानी से उग जाता है। इसकी फसल तैयार होने में ज़्यादा से ज़्यादा 65 दिन लगते है।

हाइब्रिड बाजरा की किस्म को सबसे अच्छा माना जाता है। बाजरे का वैज्ञानिक नाम पेनिसिटम टाईफाॅइडिस (Pennisetum glaucum) है। विश्व में सबसे ज़्यादा बाजरे का उत्पादन भारत, चाइना, अफ्रीका और लेटिन अमेरिकन देशो में होता है। भारत के राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बाजरा की खेती होती है।

इसका इंग्लिश मीनिंग Pearl Millet होता है, जिसे हम Bajra In Hindi कहते है। आयुर्वेद की दृष्टि से बाजरे को उत्तम अनाज माना गया है। बाजरे की तासीर गरम होती है इसलिए योग्य मात्रा में खाना चाहिए। बाजरे के दानो को पीस कर आटा तैयार किया जाता है, जिससे बाजरे की रोटी बनती है।

बाजरा के पोषक तत्व Pearl Millet Nutrition

अब जानते है प्रति 200 ग्राम बाजरे में उपलब्ध पौष्टिक गुणों के बारे में।

  • कैलोरी – 720 kcal
  • फैट – 1.4 g
  • प्रोटीन – 22 g
  • डाइट्री फाइबर – 17 g
  • सोडियम – 10 mg
  • पोटैशियम – 390 mg
  • फोलेट – 170 mcg
  • आयरन – 6 mg
  • मैग्नीशियम – 228 mg
  • फ़ास्फ़रोस – 570 mg
  • विटामिन बी 6 – 768 mg
  • कॉपर – 1.5 mg
  • ज़िंक – 3.4 mg

Bajra Nutrition Facts में ओमेगा 3 फैटी एसिड, थियामिन, राइबोफ्लेविन, कार्बोहाइड्रेट्स, मैगनिज, सेलेनियम और नियासिन जैसे पौष्टिक गुण भी शामिल है।

बाजरे की रोटी के नुकसान Bajra Side Effects

किसी भी खाद्य पदार्थ की सही मात्रा शरीर को फायदे देती है। पर ज़्यादा खाने पर कितनी भी लाभकारक चीज नुकसानकारक बन सकती है। बाजरे की रोटी पर यह बात बिलकुल फिट है। वैसे तो एक हेल्थी अनाज के रूप में बाजरा खाना सलामत है। पर इसे पर्याप्त या कम मात्रा में खाना ही गुणकारी है।

(1) थायरॉइड हार्मोन में बढ़ोतरी

थायरॉइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो हार्मोन्स को बनाती है। थाइरॉइड 2 प्रकार के होते है, हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथायरॉइड। बाजरा रोटी के अधिक सेवन से थायरॉइड हार्मोन में बढ़ोतरी होती है। जिससे किसी भी व्यक्ति को गले में थायरॉइड हो सकता है।

थायरॉइड के साथ घेंघा जैसे दूसरे भी गले के रोग उत्पन्न होने की संभावना रहती है। हाइपरथायरॉइडिज्म पीड़ित व्यक्ति बाजरे का सेवन न करे। खास कर महिलाओ को यह रोग ज़्यादा होता है। इसलिए बाजरे की रोटी को थोड़ा कम खाना ही बेहतर है।

(2) आयोडीन की कमी

आयोडीन एक तरह का रसायनिक तत्व है। जो हमे आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थो द्वारा आसानी से मिल जाता है जिसे आहारीय आयोडीन कहते है। पर बाजरे की रोटी आयोडीन शोषण को बाधित करती है जिस वजह से शरीर में आयोडीन की कमी होती है।

शरीर में आयोडीन की कमी होने से मानसिक और शारीरिक दोनों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पैदा होती है। इससे गर्दन में सूजन, हाइपरथायरॉइडिज्म वगेरा जैसी समस्या हो सकती है। ऐसे में नुकसान से बचने के लिए बाजरा ना खाये।

(3) पाचन प्रक्रिया पर दुष्प्रभाव

पचने में भारी होने के कारण बाजरा पाचन प्रक्रिया पर दुष्प्रभाव डालता है। बाजरे में फाइबर की अत्याधिक मात्रा होती है। जिस वजह से बाजरा बहुत देर से पाचन होता है। अन्य खाद्य पदार्थो की तुलना में यह ग्लूकोज को धीमी गति से जारी करता है।

अधुलनशील और धुलनशील दोनों तरह के फाइबर बाजरे में मौजूद है। इस प्रीबायोटिक फाइबर के कारण यह पाचन प्रणाली में पनपते बैक्टीरिया को समर्थन देता है। जिससे पाचन सम्बंधित विकार खड़े होते है। यदि शरीर की पाचन शक्ति कमजोर है तो बाजरा रोटी का सेवन ना करे।

(4) तनाव में रहना

वैसे तो बाजरे में पाए जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमागी विकास में मददगार है। पर जैसे की हमने ऊपर बताया की आयोडीन की कमी से मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है। जिस कारण व्यक्ति बाजरे का अधिक सेवन करता है तो वह धीरे धीरे तनाव, अवसाद की स्थिति में आ जाता है।

एक अनाज के रूप में बाजरे को अच्छा माना जाता है। लेकिन इसमें उपलब्ध कही ऐसे पोषक तत्व है जिसकी अत्याधिक मात्रा शरीर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। दिमागी स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या है तो बाजरे से दूर रहे।

(5) त्वचा की नमी कम होना

जान कर हैरानी होगी लेकिन हा एक रिसर्च के दौरान पाया गया है की अधिक बाजरा त्वचा को शुष्क बनाता है। यह समस्या घेंघा रोग यानि की गॉइटर (Goitre) के कारण होने की संभावना रहती है। जिस वजह से रूखी त्वचा वाले लोग बाजरे का कम ही सेवन करे।

त्वचा की प्राकृतिक नमी को बाजरा छीन सकता है और उसे सुखी, शुष्क, बेजान बनाता है। इसके तैल शोषक तत्व स्किन के लिए हानिकारक बन सकते है। यदि बाजरे का पर्याप्त सेवन किया जाए तो इससे त्वचा और बालो की खूबसूरती बरकरार रहती है।

(6) फेफड़ो को नुकसान

अति मात्रा में बाजरे से बने व्यंजन या बाजरे की रोटी खाने से फेफड़ो को नुकसान पहुंच सकता है। बाजरे के कारण फेफड़े के वायु मार्ग में सूजन आ जाती है। जिसे ब्रोन्कियल अस्थमा कहा जाता है इस कारण श्वसन सम्बंधित विकार भी हो सकते है।

सांस की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को बाजरे की रोटी के नुकसान ज़्यादा है। इसलिए उन्हें ऐसी रोटी कम मात्रा में खानी चाहिए। सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर बीमारी हो तो डॉक्टरी सलाह के अनुसार ही आहार ले।

(7) किडनी में खराबी

किडनी जिसे हम हिंदी में वृक्क या गुर्दे के नाम से जानते है। यह क्षार-अम्ल को संतुलित करने वाला महत्व पूर्ण अंग है। बाजरे में ऑक्सालेट्स (Oxalates) की भरपूर मात्रा है। कोई बार अगर बाजरे को ठीक से पकाया नहीं जाता, तो यह नुकसानदायक बनता है।

इसके कारण गुर्दे की पथरी होने की संभावना रहती है। यदि आप पहले से ही किडनी के पेशेंट है तो बाजरा बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए। क्यों की इसमें उपलब्ध फाइटिक एसिड भोजन के अवशोषण में विकार डाल सकता है। जिससे किडनी की समस्या ओर भी बढ़ सकती है।

(8) एलर्जी होने की संभावना

बाजरा के कारण कभी कभार फ़ूड एलर्जी भी लग सकती है। लेकिन बहुत ही कम किस्सों में देखा गया है की कोई व्यक्ति बाजरे का अधिक सेवन करने पर एलर्जी का शिकार हुआ हो। एलर्जी के कारण आंखो में से पानी निकलना, गले में खराश और स्किन एलर्जी हो सकती है।

यदि आपको बाजरे की रोटी खाने पर कोई भी प्रकार की एलर्जी हो तो तुरंत इसका सेवन बंद करे। अगर आप सुनिश्चित नहीं है की आपको बाजरे से एलर्जी है या नहीं, तो शुरुआत में थोड़ा खा कर देखे। आहार शैली में कुछ नया शामिल करने से पहले चिकित्स्क से परामर्श जरूर करे।

बाजरे की रोटी के फायदे Bajra Roti Ke Fayde

औषधीय गुणों से भरपूर बाजरा प्रकृति से मधुर, गर्म, रूखा, कफ से आराम दिलाने वाला तथा वातपित्तकारक होता है। बाजरा स्वास्थ्यवर्धक और बलकारक खाद्य पदार्थ है। बाजरे की रोटी के फायदे के आगे उसके नुकसान बहुत कम नजर आते है।

(1) सिरदर्द से तुरंत राहत

कही बार सिर में जोर जोर से दर्द होता है और यह घंटो तक चलता है। यह विटामिन्स की कमी कारण हो सकता है। पर बाजरा में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है जो सिरदर्द से तुरंत राहत देने में मददगार है। बाजरे की पोटली बना कर सेंकने से सिरदर्द में आराम मिलता है।

(2) दस्त की समस्या दूर होती है

दस्त की समस्या में बाजरे की रोटी खाने से कही फायदे मिलते है। अगर कोई कारणसर दस्त नहीं रुक रहा तो बाजरा का सेवन करने से अपचा से जल्दी राहत मिलती है। दस्त की समस्या से निजात पाने के लिए हर रोज 1 से 2 बाजरे की रोटी का सेवन करे।

(3) हार्ट के लिए हेल्थी फ़ूड

मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों के कारण बाजरा हृदय की सेहत के लिए गुणकारी है। यह हृदय सम्बंधित बीमारियों से बचाता है। जो लोग दिल की बीमारियों से जूझ रहे है उनके लिए बाजरे की रोटी खाना अच्छा है। यह हार्ट अटेक और कार्डियाक अरेस्ट के खतरे को कम करता है।

(4) विटामिन बी से भरपूर

उच्च मात्रा में विटामिन बी के स्वास्थ्य गुणों से भरपूर बाजरा सेहतमंद अनाज है। विटामिन बी शरीर में बहुत ही महत्व पूर्ण डीएनए यानि लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। साथ ही यह विटामिन बी 12 की कमी को भी पूरा करता है।

(5) बाजरा है ग्लूटेन फ्री

जो लोग सीलिएक बीमारी से ग्रसित होते है उन्हें ग्लूटेन रहित डाइट खाने की सलाह दी जाती है। बाजरा एक ग्लूटेन फ्री खुराक है। जो व्यक्ति को सीलिएक की बीमारी से बचाता है। यह बीमारी छोटी आंत में होने वाली खतरनाक बीमारी है। पर इसके बचाव में बाजरा उत्तम खुराक है।

(6) मांसपेशियों के विकास में

हाइ प्रोटीन स्त्रोत होने के कारण बाजरा मांसपेशियों के विकास में मददगार है। साथ ही बाजरा मांसपेशियों में होने वाले नुकसान को भी कम करता है। मांसपेशियों में तनाव, सूजन, दर्द वगेरा के इलाज में बाजरा महत्व पूर्ण भूमिका निभाता है।

(7) डायबिटीज में उपचारक

मधुमेह पीड़ितों के लिए बाजरा की रोटी खाना बहुत ही अच्छा है। नियमित रूप से बाजरे की रोटी खाने पर डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। बाजरे के अंदर मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा है। जो शरीर के ग्लूकोज को नियंत्रण करने में सहायक का काम करता है। टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए बाजरा खाना फायदेमंद है।

(8) कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में

कोलेस्ट्रॉल की सही मात्रा न होने से शरीर में कही प्रकार की दिक्कत हो सकती है। पर बाजरे की रोटी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है। बाजरे में मौजूद फाइबर रक्त में से खराब कोलेस्ट्रॉल को बहार बिकाल देता है।

सवाल जवाब

Pearl Millet यानि बाजरा को लेकर मन में कही सवाल उठते है। अधिकतर लोगो द्वारा पूछे गए मुख्य सवालों के जवाब हमने निचे बताये है।

बाजरे के व्यंजन (Recipe) कोनसे है?

बाजरे के व्यंजन की पूरी लिस्ट हमने निचे दी है। तो आइये जानते है बाजरे से क्या क्या व्यंजन बनते है।

  • पूरी
  • हलवा
  • कचोरी
  • रोटी
  • चूर्ण
  • लड्डू
  • खिचड़ी
  • मठरी
  • चूरमा

बाजरे का खिचड़ा कैसे बनाया जाता है?

निचे दिए गए आसान तरीके से बाजरे का खिचड़ा तैयार किया जाता है।

  • स्वच्छ बाजरे के दानो को एक रात भिगो दे।
  • बाजरे का पानी निकाल कर ब्लेंड कर ले पर इसे पूरी तरह पीसना नहीं है।
  • दरदरे बाजरे को कुकर में डाल कर उसमे थोड़ा घी डाल दे।
  • फिर उसमे हींग, जीरा, अदरक पेस्ट, हल्दी पाउडर डालकर मसाले को हल्का सा भूनें।
  • बाद में फिर से बाजरा के दाने और मुंग की दाल डाल कर भून ले।
  • अब उसमे थोड़ा सा पानी और नमक डाले और एक सिटी तक पकने दे।
  • अब तैयार है आपका बाजरे का खिचड़ा स्वाद के लिए इसमें तड़का भी लगा सकते है।

बाजरे के लड्डू (Bajre Ke Laddu) कैसे बनाये?

यहाँ हमने स्वादिष्ट बाजरे के लड्डू बनाने की रेसिपी आपके साथ शेयर की है।

  • एक कढ़ाई में उसके आधे भाग तक शुद्ध घी डाल कर गरम करे। उसमे गोंद डाल कर धीमी आंच में पकाए। जब यह फूल जाए तो एक प्लेट में निकाल दीजिये।
  • कढ़ाई में बचे हुए घी को डाल कर भुनने दे जब तक इसका रंग बदल नहीं जाता तब तब तक पकाए।
  • फिर आटे को एक अलग कटोरे में निकाले।
  • गुड़ के छोटे टुकड़ो को कढ़ाई में पिघला कर गैस बंद कर दे।
  • काजू बादाम को बारीक़ पीस कर बाजरे के आटे में डाले। और घिसा नारियल, गोंद, इलायची पावडर और पिघला हुआ गुड मिला ले।
  • लड्डू के मिश्रण को अपने हाथो से मध्यम कद में गोल बनाना शुरू करे।
  • थोड़ी देर बाद तैयार होंगे आपके स्वादिष्ट बाजरे के लड्डू इसे बंद हवा वाले डिब्बे में पैक कर के रखे। जिससे यह लड्डू 2 महीने तक सुरक्षित रह सके।

बाजरे की रोटी कैसे बनाते है?

गुणवत्ता से भरपूर बाजरे की रोटी बनाने की विधि कुछ इस तरह है।

  • जरूरत अनुसार बाजरे का आटा ले और उसमे गरम पानी डाल कर गुंदना शुरू करे।
  • लेकिन याद रहे आटा नरम ना हो जाए।
  • आटा तैयार होने के बाद गोल आकार के लड्डू की तरह बनाए।
  • उसे अपने हाथो में ले कर उंगलियों से हलके से दबा कर गोल घुमाये।
  • यह रोटी टूट सकती है इसलिए रोटी सही तरीके से बनाए।
  • रोटी को आकार देने के बाद उसमे तवे में डाल कर दोनों तरफ से सेंक ले।
  • बाजरे की रोटी बहुत ही ड्राई होती है इसलिए इसे हमेशा घी लगाकर ही परोसे।

बाजरे की तासीर कैसी होती है?

तासीर में बाजरा गरम होता है। जिस वजह से बाजरे के व्यंजन या बाजरे की रोटी को पर्याप्त मात्रा में खाना उत्तम है। ये ठंड के दिनों में खाना अच्छा है।

बाजरे की रोटी में कितना प्रोटीन होता है?

एक बाजरे की रोटी में 9 से 13 ग्राम जितना प्रोटीन होता है।

बाजरे की रोटी में कितनी कैलोरी होती है?

एक बाजरे की रोटी में 119 से 209 ग्राम तक कैलोरी (Calorie) की मात्रा होती है।

बाजरे की रोटी खाने से क्या होता है?

बाजरा रोटी खाने से शरीर ऊर्जावान और बलवर्धक बनता है। साथ ही यह रोटी सही मात्रा में खाने पर स्वास्थ्यकिय लाभ मिलते है।

बाजरे में कोनसा विटामिन पाया जाता है?

इसके अंदर विटामिन बी अधिक मात्रा में पाया जाता है।

बाजरे की रोटी कब खानी चाहिए?

वैसे तो किसी भी टाइम बाजरे की रोटी खायी जा सकती है पर सर्दियों के मौसम में यह रोटी ज़्यादा फायदेकारक बनती है। सुबह नाश्ते में और दोपहर के भोजन में बाजरे की रोटी ले सकते है।

क्या बाजरे में शुगर होती है?

बाजरा मीडियम ग्लाइसेमिक इंडेक्स में शामिल है इसके अंदर शुगर की मध्यम मात्रा होती है।

अब आपको बाजरे की रोटी के नुकसान और फायदे के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी है। जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

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