विटामिन सी की कमी के लक्षण Vitamin C Ki Kami Se Kya Hoga

अक्सर लोगो को यही लगता है की रोज़ाना दिखी जाने वाली आम बीमारिया बस थोड़े वक़्त के लिए ही है। पर यह छोटी दिखने वाली बीमारी कभी-कभी बड़ा रूप भी धारण कर सकती है। जैसे की विटामिन सी की कमी के लक्षण में सिर दर्द होना, कमजोरी या फिर सुस्ती महसूस करना जैसी बातो को लोग अनसुना कर लेते है। पर यह सही नहीं है, अगर यह लक्षण बार-बार देखने को मिलते है तो डॉक्टर के पास जाना बेहतर रहेगा।

विटामिन सी की कमी के लक्षण Vitamin C Ki Kami Se Kya Hoga

कई लोगो ने सवाल किया है की Vitamin c ki kami se kya hota hai? आज की इस पोस्ट में इसकी विशेष जानकारिया दी गयी है। त्वचा बेजान हो जाना, बालो का रूखापन, मसूड़ों में दर्द होना और रोग प्रतिकारक क्षमता कम हो जाना जैसे विटामिन सी की कमी के सामान्य लक्षण है।

विटामिन सी की कमी के लक्षण

विटामिन सी की कमी होने के कारण कही दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। इससे आप बार-बार बीमार भी पड सकते है। यदि vitamin c foods में शामिल फल और सब्जी आहार लिया जाए तो इसकी कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम और योगा किया जाए तो बहुत सी परेशानीयो से छुटकारा मिलता है। साथ ही विटामिन सी का सबसे अच्छा स्त्रोत संतरे का सेवन करना अति लाभदायी होगा। आप चाहे तो रोजाना एक ग्लास संतरे का जूस भी पि सकते है। अब विटामिन सी की कमी के लक्षण तरफ नजर कर लेते है।

(1) वजन कम हो जाना

भूख कम लगने के कारण ज़्यादा खाना नहीं खा पाना भी विटामिन सी की कमी का लक्षण है। और इसकी वजह से वजन बहुत तेजी से कम होने लगता है। जो स्वस्थ्य के लिए खतरे के समान है, क्यों की वजन तेज़ी से कम होने पर शरीर को सही मात्रा पोषक तत्वों की प्राप्ति नहीं हो पाती। जिसकी वजह से शरीर को ज़रूरी प्रोटीन, विटामिन और फाइबर नहीं मिल पाते और विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग हो सकते है।

इससे बचने के लिए आप घरेलू उपाय भी आजमा सकते है। जैसे की आप चूर्ण या फिर हरड़े का सेवन करके भूख बढ़ा सकते है, और फलो के रस का सेवन भी फायदेमंद रहेगा। पुरे दिन कुछ न कुछ कार्यो में अपने आप को व्यस्त रखे तो भूख काफी बढ़ सकती है। एक साथ ही ज़्यादा खुराक लेने के बजाय थोड़े-थोड़े समय के बाद खाना चाहिए।

(2) कमजोरी महसूस करना

आज-कल की व्यस्त जीवनशैली में सबको ठीक से आराम करने का भी समय नही मिल पाता। ऐसे वक़्त पे शरीर अति परिश्रम करने के कारण थकान महसूस करता है। योग्य समय पर आराम न मिल पाने से शरीर में कमजोरी होती है। जिसकी वजह से सांसे फूलना, शरीर में दर्द रहना जैसे इसके सामन्य लक्षण नजर आते है। इसलिए काम करने के बाद अपने आप को राहत देना भी ज़रूरी है।

बादाम, अखरोट, मूंगफली का सेवन करने से शरीर को शक्ति प्रदान होगी। नियमित रूप से केले और दूध का सेवन करने से भी आपको सही मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होगी। योग्य मात्रा में भोजन ले, 7 या 8 घंटे की नींद ले और आहार में पौष्टिक खुराक फल, सब्जी को शामिल करे। कमजोरी दूर करने के रामबाण इलाज की पूरी जानकारी यहाँ पढ़े।

(3) दांतो में दर्द होना

दांतो में सड़न हो जाना या फिर मसूड़ों से खून बहने की वजह से दांत कमजोर हो जाते है। ज़्यादा ठंडा या गर्म खुराक लेने से या फिर अधिक मीठा खाने से भी यह समस्या होती है। बच्चो का प्रिय चॉकलेट और केन्डी खाने की वजह से उनके दांतो में सड़न हो जाती है। इसलिए दांतो की योग्य देख-भाल करना ज़रूरी बनता है। विटामिन सी दांतो के लिए एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक माना जाता है। जो बैक्टेरिया को नष्ट करके रक्त प्रवाह को ठीक करता है।

नीम एक अति उपयोगी औषधीय गुणों का भंडार है, जो कई तरह के फायदे देता है। नीम के पत्तो को पानी में पूरी रात भिगो कर सुबह उस पानी में थोड़ा नमक दाल कर माउथवॉश करने से, दांतो के सबंधित सभी समस्याओ से छुटकारा मिलता है। साथ ही नीम का दातुन करना भी उत्तम माना जाता है। यदि आप दर्द की पीड़ा से तुरंत छुटकारा पाना चाहते है तो टेबलेट का सेवन कर सकते है।

(4) सिर दर्द होना

जब हम अधिक तनाव वाली परिस्थिति में हो तब ऐसे में सिर दर्द होना आम बात है। पर बार-बार सिर का दर्द रहना विटामिन सी की कमी के लक्षण हो सकता है। और शायद यह बीमारी आगे जाकर माइग्रेन में भी बदल सकती है। तो फिर सिर दर्द का इलाज सही वक़्त पर ही करना चाहिए, ताकि आगे चल कर समस्या बड़ी ना हो।

सिर दर्द का इलाज करने लिए कुछ आसान तरीको का इस्तेमाल करना बेहतर होगा। जैसे की मोबाइल और कम्प्यूटर स्क्रीन से दूरी बनाये रखे। बालो में नारियल या बादाम के तेल से मालिश करे इससे मांसपेशियों को भी राहत मिलेगी, पूरी नींद लेकर शरीर को आराम दे और नीबू पानी पीना भी असरकरक होगा। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जिया खाना भी बेहतर है।

(5) छाती में दर्द

जो लोग धूम्रपान करते है और भारी खुराक लेते है, उनमे पाचन सबंधित समस्याए देखने को मिलती है इसके कारण छाती में दर्द होता है। चककर आना, कमजोरी महसूस करना, ज़्यादा पसीना आना, छाती में चुभन होना और छाती को भारीपन महसूस करना जैसे इसके सामन्य लक्षण है। यह बीमारी आगे हार्ट अटेक भी बन सकती है। इसलिए इसके कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर के पास जाना जरुरी है।

छाती का दर्द कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना ज़रूरी है। पानी को हल्का सा गर्म करे और और उसमे एक चम्मच सेब का सिरका डाल कर पीना अच्छा रहेगा, हल्दी वाला दूध पीना भी काफी फायदेमंद है। और अपने रोज़ाना खाने में अदरक, तुलसी, लहसुन को शामिल करे। सुबह की शुरुआत अदरक वाली चाय से करे।

(6) जोड़ो में सूजन

शरीर में कैल्शियम की कमी होने की वजह से हड्डिया कमजोर हो जाती है। यह समस्या 30 की उम्र के बाद ज़्यादा दिखी जाती है। तभी से घुटनो का दर्द होने की समस्या होती है, जिसकी वजह से काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में थोड़ी सावधानिया बरतने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है।

जोड़ो की सूजन कम करने के लिए घुटनो में नारियल या जैतून के तेल की मालिश करनी चाहिए। और आहार में कैल्शियम की मात्रा ज़्यादा हो ऐसे खाद्य पदार्थ ले। बादाम, अखरोट, किशमिश, पालक और मछली का सेवन लाभकारी है। दूध में भरपूर कैल्शियम उपलब्ध है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के लिए उत्तम है।

(7) सांस लेने में परेशानी

शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से सांस लेने में दिक्क्त होती है। फेफसो में सूजन हो या फिर कोई बाहरी संक्रमण लगा हो तब भी सांस लेने में परेशानी हो सकती है। यह बीमारी लम्बे समय तक चली तो अस्थमा का रूप धारण करती है। मोटापा, हार्ट की बीमारी, ज्यादा ठंड, धूम्रपान और प्रदूषण भी इसके कारण है।

सांसे फूल जाने की समस्या को डिस्पेनिया कहा जाता है। इसके उपचार में प्राणायम करना बेहतर माना जाता है। साथ ही कॉफी पिने से श्वशन नलिका खुल जाती है जिससे हवा भी मिलती है। गर्म पानी में शहद डाल कर पीना एक अच्छा उपाय रहेगा। हो सके तो बाबा रामदेव के वीडियो देखे और दिन में 30 मिनट रोजाना योगा करना शुरू कर दीजिये।

(8) ऐनिमिआ की समस्या

खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने की वजह से रक्ताल्पता नाम की बीमारी होती है, जिसे हम हीमोग्लोबिन की कमी या ऐनिमिआ कहते है। आंखे, होठ, त्वचा, नाख़ून और हथेलिया पीला पड़ जाना, चक्कर आना, थोड़ा काम करने के बाद थकान महसूस करना और धड़कने तेज होना इसके आम लक्षण है। खून की कमी दूर करने के लिए आयरन फॉलिक एसिड की गोलिया दी जाती है।

भारत जैसे देश में ज़्यादातर महिलाओ में यह बीमारी देखने को मिलती है। इसलिए किशोरियों को स्कूल में हर सप्ताह इसकी गोलिया दी जाती है। इसका घरेलू उपाय यह है की, रोज़ाना भीगी हुई बादाम को पीस कर दूध के साथ लेनी चाहिए। ऐनिमिआ को दूर करने के लिए शकरकंद, टमाटर, सेब, केला और हरी पत्तेदार सब्जिया खाने में शामिल करनी चाहिए।

(9) घांव ठीक होने में ज़्यादा वक़्त लगना

कई बार कुछ चोट लगने के कारण शरीर में घांव होते है। ऐसे वक़्त घांव जो गहरा हो तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर सही वक़्त पर इसका इलाज न किया जाये तो यह गंभीर रूप लेता है। यदि विटामिन सी की कमी होगी तो घाव जल्दी नहीं भर पायेगा।

घांव जल्दी भरने के लिए हल्दी या गाय का देसी घी लगाना बेहतर है। अगर आप चाहते है की कोई भी घाव होने पर उससे जल्दी रहत मिले। तो Vitamin C Foods का सेवन करते रहे और विटामिन सी की कमी के लक्षण आने ही ना दे।

(10) रोग प्रतिकारक शक्ति में कमी

रोग प्रतिकारक क्षमता कम होने की वजह से बार-बार बीमार होने की समस्या रहती है। कोविड 19 के इस समय पर हर कोई अपनी इम्युनिटी बढ़ाना चाहता है। नागरिको में जागृतता आयी है की अगर रोग प्रतिकारक शक्ति कम हो तो कोई भी बाहरी संक्रमण लग सकता है। इसलिए हो सके उतना हेल्थी फूड्स खाने में शामिल करे, व्यव्याम से अपने शरीर को स्वस्थ रखे।

रात को सोने से पहले दूध को गरम करके हल्दी के साथ मिला कर पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायी है। और पुरे दिन गर्म पानी पिने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है। विटामिन सी फल आंवले का जूस और अदरक वाली चाय पिने से राहत मिलती है। अपने खाने में प्रोटीन, विटामिन और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने से रोग प्रतिकारक शक्ति में वृद्धि होती है।

(11) चिड़चिड़ापन

बेवजह गुस्सा आना, जल्दी से परेशान हो जाना, बहुत ही कम या ज़्यादा बोलना, आक्रामक हो जाना, कोई भी चीज पर ध्यान न लगना, छोटी-छोटी बातो पर गुस्सा करना, दुसरो के साथ मौखिक या फिर शरीरिक रूप से दुर्व्यवहार करना यह सब चिड़चिड़ेपन के लक्षण है। जो लोग अधिक तनाव युक्त जीवनशैली जिते है उनमे चिड़चिड़ापन ज़्यादा होता है। यह आगे जाकर डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी में भी बदल सकता है।

चिड़चिड़ापन दूर करने में मनोचिकित्स्क आपकी सहायता करता है। इसके अलावा संतुलित आहार और गहरी निंद्रा लेना भी अच्छा रहेगा। नियमित रूप से योग और व्यायाम करने से मानसिक स्वास्थ्य तंदुरस्त रहेगा। और जब कभी बहुत गुस्सा आ जाए तो मन कही और लगाने की कोशिश करे।

(12) बाल और त्वचा का रूखापन

जब त्वचा और बाल रूखे हो तब उनकी ज़्यादा देखभाल लेनी पड़ती है। और सर्दियों के मौसम में तो इसकी समस्या और बढ़ जाती है। ऐसे में बॉडी लोशन का बार-बार उपयोग करना पड़ता है। बढ़ती उम्र के साथ यह स्किन अत्यधिक पतली हो जाती है। बाल बेजान, निस्तेज हो जाते है ऐसे में साबुन और डिटर्जेंट का उपयोग कम करना चाहिए। ड्राई स्किन और हेयर विटामिन सी की कमी के कारण हो सकते है।

रूखापन दूर करने के लिए त्वचा और बालो में हर सप्ताह 2 या 3 बार नारियल, बादाम और जैतून के तेल को मिला कर मालिश करनी चाहिए। पेट्रोलियम जैली, एलोवेरा, सूरजमुखी तेल, दूध और ओटमील भी रूखेपन के लिए अक्सीर उपाय है। साथ ही चंदन, ग्लिसरीन और शहद का फेस पैक लगाने से त्वचा का रूखापन दूर होगा। इसके अलावा विटामिन सी के खाद्य पदार्थ आवला, संतरा, कीवी, निम्बू, टमाटर और हरी सब्जिया डाइट में लेनी चाइए।

आखरी शब्द

इस दुनिया में सबसे अमीर इंसान वही है जो निरोगी जीवन जी रहा हो। अभी से ही स्वास्थ्य की जागृतता हो तो आगे जाकर यह आपकी सबसे बड़ी भेट रहेगी। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने भी कहा है ”स्वास्थ्य के बिना जीवन, जीवन नहीं होता, बल्कि दुःख और आलस्य की अवस्था होती है।”

आशा करती हु की विटामिन सी की कमी के लक्षण और इलाज Vitamin C Se Kya Hota Hai विषय में दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी हो। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक के लिए टेक केयर।

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