विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग और लक्षण

अक्सर लोग छोटी-छोटी बीमारियों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते। जैसे की सिरदर्द को सामान्य बीमारी समझते है पर इसका अधिक प्रभाव होना, विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग का लक्षण हुआ तो? आगे जाकर यह माइग्रेन या ब्रेन ट्यूमर जैसे बड़े रोग में परिवर्तित होता है। इसलिए रोग के सामान्य लक्षणों को गंभीरता से लेकर सही समय पर इसका उपचार करना चाहए।

विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग

आपके रोजिंदा खाने में विटामिन बी 12 के आहार शामिल ना हो तो इसकी कमी उतपन्न होती है। जो लोग अधिक तनाव में रहते है उनमे इसका प्रमाण ज़्यादा देखने को मिलता है। जब की अच्छी सेहत पाने के लिए संतुलित मात्रा में विटामिन्स की उपलब्धि होना बहुत जरूरी है।

कई लोगो ने सवाल किया है की शरीर में Vitamin B 12 कितना होना चाहिए। इसका जवाब है की एक स्वस्थ मानव शरीर में इसकी सही मात्रा 400- 500 पिकोग्राम/मिली लीटर जितनी होनी चाहिए।

अब पोस्ट शुरू करने से पहले विटामिन बी 12 के लक्षण समझ लीजिये।

  1. मुँह में छाले पड़ना
  2. त्वचा का पीला पड़ जाना
  3. साँसे फूलना
  4. लगातार सिरदर्द रहना
  5. शरीर में कमजोरी महसूस करना
  6. कान बजना
  7. आँखों की रौशनी कम होना
  8. डिप्रेशन में आना
  9. हाथ-पाँव में दर्द होना
  10. भूख कम लगना

विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग

ऊपर आपने देखा की Vitamin B12 Deficiency Symptoms In Hindi क्या है। अगर आप में भी इस प्रकार के लक्षण कही दिनों तक अधिक मात्रा में पाए जाते है। तो सावधान हो जाये और अपने आहार में विटामिन बी 12 खाद्य पदार्थ को शामिल करे।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जब इनकी कमी उत्पन्न हो तब कई बीमारिया हो सकती है। निचे कुछ ऐसे रोगो के बारे में बताया गया है जो विटामिन बी 12 की कमी की वजह से होते है।

(1) एनिमिआ

सामान्य शब्दों में कहा जाये तो आयरन, हीमोग्लोबिन और रक्त की कमी से होने वाले रोग को एनिमिआ कहते है। इस रोग में नसों को पर्याप्त प्रमाण में ऑक्सीजन नहीं मिल पाने से शरीर को अच्छी ऊर्जा प्राप्त नहीं होती। एक अंदाज़ अनुसार भारत में आधे से भी ज्यादा बस्ती एनिमिआ रोग से पीड़ित है।

एनिमिआ से बचने के लिए हरी सब्जिया और टमाटर का सेवन करना लाभदायी है। इसके अलावा आप डॉक्टर की सलाह आधारित गोलिया भी ले सकते है।

(2) स्मृति हास

ज़्यादातर लोग कहते है की बढ़ती उम्र में याद शक्ति कम हो जाती है। पर विटामिन बी 12 की कमी होने के करण भी स्मृतिहास जैसी बीमारी कोई भी उम्र में हो सकती है। पर अगर खान-पान में तकेदारी रखी जाये तो इस बीमारी को दूर रखा जा सकता है।

आहार में शामिल करे गुणवत्ता सभर खुराक जो आपकी सेहत को अच्छी रखेगा। जैसे की दूध पीना, सोयाबीन खाद्य पदार्थ लेना इन सबसे याद शक्ति तेज रहेगी और मानसिक स्वस्थ्य भी अच्छा रहेगा।

(3) दृष्टि दोष

आज कल लोग टीवी और मोबाइल के सामने ही ज्यादा वक़्त बिताते है। ऐसी स्थिति में सबसे बड़ा खतरा आँखों को होता है। आँखो को ठीक से आराम ना मिल पाने की वजह से भी दृष्टि दोष हो सकता है। दृष्टि दोष को चिकित्स्कीय भाषा में मायोपिया कहा जाता है। स्क्रीन या किताबो से आवश्यक दुरी बनाये रखने से आँखों को कम नुकसान होगा।

विटामिन बी 12 की कमी होने के कारण दृष्टि दोष की समस्या देखने को मिलती है। आगे चल कर लेन्स या चश्में पहनना अनिवार्य हो जाता है। या तो फिर चश्मे से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती है।

(4) मुँह में छाले

मसालेदार खाना खाने से होने वाली ये समस्या बहुत दर्दनाक होती है। मुँह में छाले पड जाने से खाने और बोलने में अधिक तकलीफ सहन करनी पड़ती है। अगर लम्बे समय तक कब्ज रहा हो तो भी यह समस्या देखने को मिलती है। ज़्यादा दबा कर ब्रश करने के कारण दांत और आस-पास की त्वचा को नुकासन होता है। इसकी वजह से भी मुँह में छाले हो सकते है।

मुँह में छालो का घरेलू उपाय यह है, की एक गिलास पानी में टमाटर का रस मिलाकर कुल्ले करने से आपको फर्क नजर आएगा। बर्फ का टुकड़ा छाले वाले भाग पर घिसने से आपको राहत मिल सकती है। हल्दी में थोड़ा पानी मिला कर पेस्ट बना ले, और छालो पर लगा ले, यह एक अच्छा एंटीसेप्टिक भी रहेगा।

(5) थकान

जो लोग अधिक परिश्रम करते है उनमे थकान होना सामान्य बात है। अति व्यस्तता होने के कारण लोग अपने खान-पान पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते। इसलिए उनके शरीर में ऊर्जा की कमी होती है। शरीर को आराम ना देने से भी थकान महसूस होती है।

थकान को दूर करने के लिए खूब पानी पीना चाहिए, फ्रूट जूस पीना चाहिए। खुराक में पौष्टिक आहार के स्रोत को शामिल करे। और शरीर को योग्य प्रमाण में आराम भी देते रहे। सभी उपचार के बाद भी यदि शरीर में लगातार थकान महसूस होती है तो विटामिन्स की मेडिसिन लेनी चाहिए।

(6) झुन झुनी

हाथ-पाँव में जकड़न होने की वजह से झुन-झुनी महसूस होती है। बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है। शरीर में रक्त की कमी हो तो झुन-झुनी की तकलीफ होती है। ऑक्सीजन और विटामिन बी 12 की कमी होने की वजह से भी हाथ या पैर सुन्न हो जाने की फरियाद रहती है।

इससे छुटकारा पाने के लिए, नारियल या फिर बादाम का तेल गरम करे। और उसमे थोड़े प्रमाण में हल्दी को मिलाइए फिर हाथ और पैर पर लगा कर मालिश कीजिए। ऐसी समस्या में मौसमी फलो का आहार शरीर के लिए अच्छा रहता है। विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग में यह बीमारी विश्व स्तर पर देखने को मिलती है।

(7) गैस

पाचन क्रिया ठीक न रहती हो तो ज़्यादातर गैस की समस्या देखने को मिलती है। जो लोग धूम्रपान करते है उनमे सामन्य की तुलना में इस बीमारी का प्रमाण अधिक ज़्यदा होता है। पेट फूल जाना, दर्द होना, डकार न आना यह इसके मुख्य लक्षण है।

गैस की समस्या का समाधान करने के लिए निम्बू का रस पीना अति फायदेकारक है। इसके अलावा हरड़े चूसना और भुनी हींग के साथ काले नमक को गरम पानी में डाल कर पिने से गैस की समस्या में राहत होती है। ज़्यदा से ज़्यदा पानी पिए और पेट को साफ़ रखने की कोशिश करे।

(8) चिड़चिड़ापन

चिड़चिड़ापन एक आवेग युक्त प्रक्रिया है जो उत्तेजना भरी भावना होती है। ज़्यदा तनाव लेने वाले लोग इसका जल्दी शिकार होते है। बिना वजह परेशान होना, आक्रमक बनना, किसी भी बात पर बुरा मान जाना, जल्दी गुस्सा आना यह सब इसके समान्य लक्षण है। आजकल के समय में बच्चो में भी यह बीमारी ज़्यादा देखने को मिलती है।

थोड़ा आराम कीजिए, प्रकृतिक सुंदरता से भरे स्थलों का प्रवास कीजिये, धूम्रपान कम करे, थोड़े समय शांत या अकेले रहे, अपने पसंदीदा व्यक्तिओ से मिले और नकारात्मक बातो से दूर रहे। इससे आपका चिड़चिड़ापन दूर तो होगा ही साथ में मानसिक शांति भी बनी रहेगी।

(9) कब्ज

भोजन में अगर पौष्टिक खाद्य पदार्थ की कमी हो तो कब्ज की समस्या देखने को मिलती है। जिनको कब्ज हो वह दिन भर थकान और कमजोरी महसूस करते है। भूख कम लगती है और हृदय की धड़कने तेज़ हो जाती है। कब्ज की वजह से पेट में काफी दर्द होता है और पेट फूल जाता है।

इसके निवरण के लिए खाने में फल और सब्जी आहार स्रोत शामिल करे। रोज़ सुबह उठ कर गर्म पानी पिने से कब्ज की समस्या दूर होती है। कई योगासन करने से कब्ज की बीमारी में राहत मिलती है।

(10) पाचनतंत्र के रोग

अधिक मात्रा में जंक फूड्स का सेवन किया जाऐ तो पाचनतंत्र सबंधित रोग उत्पन होते है। इसके लक्षणों में यह है की पेट में दर्द महसूस होना, उल्टी आना, सीने में जलन होना, भोजन बहार निकल आना और थकावट या सुस्ती लगना। अधिक मात्रा में मीठा या तीखा भोजन करने वाले और पर्याप्त प्रमाण में पानी न पिने वाले लोगो को, पाचन तंत्र विषयक रोग होने की संभावना ज़्यदा है।

रात के वक़्त अगर हल्का भोजन लिया जाऐ और मसालेदार खुराक को कम खाये तो पाचन तंत्र ठीक रहता है। खूब पानी पिए और नियमित व्यायाम करे तो आप रोग से भी दूर रहेंगे और स्वास्थ्य भी काफी अच्छा रहेगा।

आखरी शब्द

इस आधुनिक जमाने में सुविधा के साथ बहुत सारी दुविधाए भी उपलब्ध है। इसलिए सबसे पहले कोई बात सोचनी हो तो स्वास्थ्य के बारे में सोचिए। क्यों की इस दुनिया में सबसे अमिर व्यक्ति वह है जिसका आरोग्य अच्छा है। आज कल फैली हुई महामारी से कई लोग पीड़ित है, ऐसी परिस्थिति में आपकी सेहत अच्छी हो तो सच में सफल हो।

आशा करती हु की विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग के विषय में दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट है। पोस्ट में दी गयी जानकारी पसंद आयी हो तो शेयर और सब्सक्राइब जरूर करे। मिलने है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक के लिए टेक केयर।

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