पुत्रजीवक और शिवलिंगी बीज के फायदे Putrajeevak Beej

भारत में पुरातन काल से स्त्री एवं पुरुष की प्रजनन सम्बंधित समस्याए दूर करने के लिए, पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज का उपयोग किया जाता है। जो लोग संतान प्राप्ति चाहते है और उनमे कोई कमी है तो यह बीज उसे दूर करते है।

पुत्रजीवक और शिवलिंगी बीज के फायदे Putrajeevak Beej

शिवलिंग जैसे आकार वाले शिवलिंगी बीज बांझपन को दूर करते है। साथ ही स्त्री एवं पुरुष के स्वास्थ्य विकारो को भी यह बीज कम करते है। शिवलिंगी बीज के साथ प्रयोग में लिए जाने वाले पुत्रजीवक बीज यौन शक्ति में बढ़ावा करते है। इन बीजो का सेवन करने से आसानी से गर्भ रहता है।

संतान विहीन दंपति के लिए पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज के फायदे अनेक है। जो लोग इनफर्टिलिटी यानि बच्चे न होने की समस्या से जूझ रहे है। उनके लिए Putrajeevak Beej और Shivlingi Beej का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है।

पुत्रजीवक और शिवलिंगी बीज के फायदे

एक पुरानी मान्यता अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज का उपयोग करना फायदेमंद है। इसकी तासीर ठंडी होती है और यह गर्भाशय को मजबूत करता है। शिवलिंगी बीज बुखार, चर्म रोग और स्त्री-पुरुष यौन शक्ति को बढ़ाने का कार्य करते है।

(1) गर्भ धारण के लिए

शिवलिंगी बीज और पुत्रजीवक बीज गर्भ धारण के लिए काफी मददगार है। इन बीजो का नियमित रूप से सेवन करने पर बांझपन की समस्या दूर होती है। यह दोनों बीज गर्भपात की समस्या होने से बचाते है।

अंडाशय की कार्य क्षमता में भी यह दोनों बीज बढ़ावा करते है। बीज के साथ आप काढ़ा बनाने के लिए इन औषधियों के पत्ते और छाल मिला सकते है। यह काढ़ा पीने से गर्भाशय रोग मुक्त और स्वस्थ रहता है।

(2) नपुंसकता करता है दूर

शुक्राणु सही मात्रा में रिलीज़ न होने पर नपुंसकता की समस्या होती है। जिस तरह स्त्री रोगो के लिए पुत्रजीवक और शिवलिंगी बीज फ़ायदेकरज है। उसी तरह पुरुष नपुंसकता दूर करने के लिए यह अच्छा उपाय है।

वीर्य में स्वस्थ शुक्राणु की संख्या बढ़ाने के लिए इन दोनों बीज का पाउडर बहुत लाभदायी पुरवार हुआ है। साथ ही यह पुरुषो के हार्मोन्स में होती गड़बड़ी एवं तनाव को दूर करने में सहायक बनता है।

(3) स्त्री रोगो का उपचार

विज्ञान के अनुसार महिलाओ की प्रजनन प्रणाली यानि गर्भाशय, योनि और अंडाशय के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होती है, उसे स्त्री रोग कहते है। स्त्री रोगो के उपचार में पुत्रजीवक और शिवलिंगी बीज फायदेमंद है।

स्त्री प्रजनन सम्बंधित रोग और रजोनिवृत्ति के विकार को यह बीज दूर करते है। कही महिला स्वास्थ्य निष्णातों की सलाह अनुसार शिवलिंगी और पुत्रजीवक बीज से बना काढ़ा नियमित पीने से ज़्यादातर रोग दूर रहते है।

(4) कमजोरी दूर होती है

मासिक धर्म के दौरान अधिक मात्रा में रक्त स्त्राव होने पर शरीर में कमजोरी आती है। ऐसी कमजोरी दूर करने के लिए पुत्रजीवक एवं शिवलिंगी बीज का इस्तेमाल कर सकते है। इन बीजो को गुनगुने पानी के साथ पीना अच्छा है।

पीरियड्स के दिनों होते भारी रक्त स्त्राव की मात्रा को यह कम करता है। एक अध्ययन के अनुसार यह बीज मासिक धर्म के दौरान होती मूड स्विंग की समस्या में भी राहत देता है।

(5) चैन भरी नींद आती है

ज़्यादातर लोग तनाव में रहंते है जिस कारण वह अच्छे से नींद नहीं ले पाते। स्त्रीओ को रजोनिवृत्ति के दौरान पेट दर्द और सिरदर्द रहने से नींद नहीं आती। ऐसे में चैन भरी नींद पाने के लिए पुत्रजीवक, शिवलिंगी बीज अच्छे है।

रात को सोने से पहले एक गिलास गरम दूध के अंदर शिवलिंगी और पुत्रजीवक बीज को पीस कर डालें। रोजाना रात को खाने के 2 घंटे बाद यह मिश्रण पीने से चेन भरी, अच्छी नींद मिल जाती है।

(6) यौन शक्ति बढ़ाता है

यौन शक्ति ज़्यादा होने से संभोग का कार्य बेहतर बनता है। लेकिन जब कोई कारणोंसर यौन शक्ति में कमी हो तो चिंता, तनाव या डिप्रेशन का भोग भी बन सकते है। अच्छी यौन शक्ति दाम्पत्य जीवन को सुखमयी बनाती है।

कामेच्छा में बढ़ावा हो इसलिए आप पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज के फायदे जरूर उठाए। इन बीज को पीस कर दूध या गुनगुने पानी में शहद डाल कर, रोजाना सोने से पहले पी ले।

(7) नॉर्मल डिलीवरी के लिए

आज कल सीजेरियन यानि ऑपरेशन से डिलीवरी होना बिलकुल आम बात बन गयी है। लेकिन नॉर्मल डिलीवरी हो इसके लिए आप पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज का प्रयोग कर सकते है।

एक पुरानी मान्यता के अनुसार शिवलिंगी औषधि की जड़ को गर्भवती स्त्री, अपनी कमर के आसपास लपेटे रखे तो उसकी नॉर्मल डिलीवरी होती है। उसमे भी पुष्य नक्षत्र से लाई हुई शिवलिंगी जड़ बहुत उपयोगी मानी जाती है।

(8) जुखाम-बुखार में राहत

बदलते मौसम के दौरान जुखाम या बुखार होना एक सामन्य बात है। कमजोर रोग प्रतिकारक शक्ति होने से भी यह समस्या हो सकती है। जुखाम-बुखार में राहत पाने के लिए पुत्रजीवक, शिवलिंगी बीज का उपयोग करे।

पित्त रोगो के कारण होते जुखाम में इन बीजो से बना आयुर्वेदिक काढ़ा लाभदायक है। यह काढ़ा बनाने के लिए पीसे हुए अदरक को पानी में उबाले। और उसमे शहद, पुत्रजीवक, शिवलिंगी बीज मिलाए।

(9) जहर की असर को कम करे

कही बार साप या बिच्छू के डंख मारने पर शरीर में जहर की असर शुरू हो जाती है। पर पुत्रजीवक और शिवलिंगी औषधि का लेप उस जगह पर लगाने से जहर की असर कम हो जाती है।

गुनगुने पानी में 1-2 ग्राम पुत्रजीवक, शिवलिंग का पाउडर और नींबू का रस डाल कर पीने से शरीर में विष की असर कम होने लगती है। इसके अलावा इन गुणकारी बीज से बना काढ़ा भी पी सकते है।

(10) सिरदर्द से छुटकारा

आज कल लोग ज़्यादा तनाव में रहने लगे है जिस कारण सिरदर्द की समस्या आम बात बन गयी है। सिरदर्द से तुरंत छुटकारा पाने के लिए पुत्रजीवक और शिवलिंगी बीज और पत्तो का लेप लगाए।

यह दिमागी स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी औषधिया है। साथ ही में कही प्रकार के मस्तिष्क विकारो से भी लड़ने में सहायक है। रोजाना इन बीजो से बना काढ़ा पीने से दिमागी स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होती है।

पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज का उपयोग

  • इन बीजो का पाउडर या औषधि कोई भी प्रकार का नुक्सान नहीं करते। पर हमेशा याद रखे आपको पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज का सही तरह से इस्तेमाल करना है।
  • पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज को आप कोई भी नजदीकी आयुर्वेदिक स्टोर या ऑनलाइन खरीद सकते है।
  • यह बीजो में कभी कभार गंदकी आ सकती है इसलिए इसका उपयोग करने से पहले इन बीजो को अच्छी तरह से साफ कर ले।
  • स्वच्छ बीजो का घर पर ही आप पाउडर बनाए तो अच्छा रहेगा।
  • इन बीजो के पाउडर को बिलकुल बारीक़ पीसे।
  • हर रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने गाय के दूध में इन दोनों बीजो का पाउडर डाल कर पीना है।
  • यह प्रक्रिया दिन में 2 बार दोहराए जिससे आपको सिर्फ 40 दिनों में परिणाम नज़र आने लगेंगे।

आशा करती हु पुत्रजीवक बीज और शिवलिंगी बीज से जुडी जानकारी आपको पसंद आयी हो। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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