संक्रमण से होने वाली बीमारी डेंगू, टाइफॉइड और चिकनगुनिया के कारण प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण दीखते है। पर यह जान कर सवाल उठता है की प्लेटलेट्स क्या है और हमारे शरीर में इसका क्या महत्व है। प्लेटलेट्स एक प्रकार की रक्त कोशिका है जो अधिक मात्रा में होने वाले रक्त स्त्राव को रोकता है।
स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में Platelets की सही मात्रा होना जरूरी है। इसकी कम या ज़्यादा मात्रा से शरीर स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स की नॉमर्ल संख्या 150,000 से 450,000 एम्एल् होनी चाहिए।
प्लेटलेट्स क्या है Platelets In Hindi
लाल रक्त कोशिकाओं के एक प्रकार को प्लेटलेट्स के नाम से जाना जाता है। कही बार बाह्य या आंतरिक चोट लगने के कारण खून निकलने लगता है। ज़्यादा खून न बहे इसलिए चोट वाली जगह पर प्लेटलेट्स खून के थक्को को जमाने का काम करता है। मुख्य रूप से यह हमारे बोन मेरो में विकसित होते है।
नियमित रूप से शराब, धूम्रपान और अल्कोहोल लेते रहने से दिन प्रतिदिन प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। लेकिन आहार और जीवनशैली में सुधार ला कर इस समस्या को खतम किया जा सकता है। इसके अलावा प्लेटलेट्स की संख्या में गड़बड़ी होना एक अनुवांशिक कारण भी हो सकता है।
बोन मेरो की लाल और सफ़ेद रक्त कोशिका प्लेटलेट्स के तोर पर विकसित होती है। दिखने में यह अंडाकार और नुकीली होती है। प्लेटलेट्स की अधिक मात्रा भी हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए प्लेटलेट्स ज़्यादा या कम होने के बजाए सही मात्रा में होना जरूरी है। प्लेटलेट्स क्षतिग्रस्त उत्तको को सही करने का काम करता है।
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण
कुछ खास प्रकार के अल्कोहोल का नियमित सेवन करने से और आनुवंशिक रोगो के कारण प्लेटलेट्स की कमी होती है। एक संशोधन में बताया गया है की शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या 10,000 से कम हो जाए। तब व्यक्ति में प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण देखने मिलते है।
स्वास्थ्य निष्णांत द्वारा कहा गया है की प्लेटलेट्स रक्त में मौजूद सूक्ष्म कण है। उनकी कमी के कारण कुछ इस तरह के लक्षण दीखते है।
- नाक में से खून निकलना।
- घांव या चोट लंबे समय तक न भरना।
- लाल रंग का पेशाब आना।
- मल लाल या काले रंग का आना।
- महिलाओ में मासिक धर्म के दौरान ज़्यादा मात्रा में रक्त स्त्राव होना।
- मलाशय में खून आना।
- शरीर के ऊपर छोटे छोटे लाल चकत्ते होना।
- मसूड़ों में से खून निकलना।
- गहरे लाल रंग की उल्टी होना।
- शरीर में थकान रहना।
- दिन में 4-5 बार चक्कर आना।
- घांव होने पर अधिक खून निकलना।
- शरीर पर लाल या जामुनी रंग के छोटे छोटे दाने निकलना।
- ज्यादा देर तक सिरदर्द रहना।
जब शरीर में प्लेटलेट्स की कमी उत्पन्न हो तो मरीज में ऊपर बताये गए लक्षण देखने मिलते है। ऐसे में डॉक्टर को तुरंत संपर्क करे और जरूरी दवाइ ले। प्लेटलेट्स की कमी पूरी करने के लिए आप प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले आहार को खाने में ले सकते है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय Platelets Badhane Ke Upay
आमतौर पर डॉक्टर्स द्वारा दी गयी प्लेटलेट्स बढ़ाने की टेबलेट खा कर इस समस्या से राहत पा सकते है। चाहे तो प्राकृतिक चीजों द्वारा भी प्लेटलेट्स बढ़ाया जा सकता है। जिससे शरीर पर कोई नकारात्म असर नहीं होती।
डेंगू, मलेरिया या टाइफॉइड कोई भी बीमारी को झट से दूर करने के लिए प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय जानना जरुरी है। संक्रमण कारक खतरनाक बीमारियों का सामना करने के लिए आप प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल का लाभ उठा सकते है।
(1) गिलोय फॉर प्लेटलेट्स
गिलोय औषधि शरीर की कही स्वास्थ्यकीय परेशनियो को दूर करने में सहायक है। गिलोय से बना जूस प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाता है। गिलोय जूस कमजोर हुई पाचन प्रणाली को ठीक करता है। और डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों में काफी हद तक राहत देता है।
उपाय
- प्लेटलेट्स की कमी से होने वाली बीमारी में मरीज को रोजाना सुबह खाली पेट गिलोय का रस पीना चाहिए।
- गिलोय जूस में तुलसी के पत्ते डाल कर ताजगी एवं ऊर्जा प्रदान करने वाला लाभकारक जूस बनाया जा सकता है।
- प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण में एक है जल्दी से घांव न भरना। लेकिन गिलोय के पत्तो को पीस कर बनाया गया लेप लगाने से घांव तेजी से भरता है।
- गिलोय से बना काढ़ा नियमित रूप से पीने पर प्लेटलेट्स की कमी जल्दी दूर होती है।
- कड़वे और तीखे स्वाद वाले गिलोय जूस में शहद डाल कर आप जूस को स्वादिष्ट बना सकते है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय (Platelets Bdhane Ke Upay) में गिलोय सबसे अधिक असरकारक औषधि है। जो शरीर को कही रोगो से बचा कर सुरक्षित रखती है।
(2) पपीता बढ़ाता है प्लेटलेट्स काउंट
दुनियाभर के कही अध्ययनों में यह बात की पुष्टि मिल चुकी है की पपीता प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने वाला उत्तम फल है। पपीता फल में मौजूद कही ऐसे पोषक तत्व है जो प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण को दूर करते है। पपीता फल और उसकी पत्तिया दोनों प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मददगार है।
उपाय
- डेंगू फीवर या कोई भी प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग में पपीता फल को हेल्थी सलाड के रूप में खाना अच्छा है।
- भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा अनुसार घांव को जल्दी भरने के लिए पपीता फल की पत्तियों का लेप बना कर लगाना चाहिए।
- नियमित रूप से पपीता फल का जूस पीने से प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है।
- पपीते के पत्तो के अंदर एसिटोजिनिन (Acetogenin) नाम का फाइटोकेमिकल मौजूद है। जिससे पपीते के पत्तो का काढ़ा पीने से प्लेटलेट्स काउंट में वृद्धि होती है।
- डेंगू बुखार से निपटने के लिए रोजाना 1 या 2 पपीता फल खाना श्रेष्ठ है।
पपीता फल शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ा कर तंदुरस्ती प्रदान करता है। एलोपेथिक दवाइयों के बजाय साइड इफ़ेक्ट रहित पपीता फल खाना ज़्यादा फायदेकारक है।
(3) प्लेटलेट्स वृद्धि के लिए चुकंदर
सुपर फ़ूड श्रेणी में शामिल चुकंदर रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स के उत्पादन में मदद करता है। चुकंदर न ही केवल प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक है बल्कि यह आयरन और हीमोग्लोबिन जैसे रक्त सम्बंधित विकारो को भी दूर करता है।
उपाय
- प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और हेमोस्टैटिक गुणों से भरपूर चुकंदर का जूस पीने से ब्लड प्लेलेट्स काउंट में वृद्धि होती है।
- चुकंदर के रस का फायदा ज़्यादा करने के लिए उसमे गाजर का रस डालना लाभकारी है। क्यों की दोनों रस प्लेटलेट्स की संख्या में जल्दी बढ़ोतरी करते है।
- कंदमूल चुकंदर की जड़ प्लेटलेट्स के फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाती है। जिस कारण चुकंदर को काट कर सलाड के रूप खाना भी लाभकारक है।
- प्रोटीन से भरपूर चुकंदर रस में एक चम्मच शहद डाल कर पीने से रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है।
- चुकंदर रस को सुबह खाली पेट पीने से स्वास्थ्यकिय लाभ ज्यादा मिलते है। ब्लड प्लेलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए इसे खाली पेट पीना श्रेष्ठ है।
चुंकदर में आयरन की अच्छी मात्रा में मौजूदगी है जिससे एनिमिआ जैसी रक्त की बीमारी आसानी से दूर होती है। साथ ही इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा है जिससे शरीर मजबूत और स्वस्थ बनता है।
सवाल जवाब
अधिकतर लोगो के मन में प्लेटलेट्स को ले कर कही सवाल उठते है। उनमे से मुख्य सवालों के जवाब हमने यहाँ प्रस्तुत किये है।
प्लेटलेट्स की संख्या कितनी होनी चाहिए?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति में 150,000 से 450,000 एम्एल् तक प्लेटलेट्स की संख्या होनी चाहिए।
प्लेटलेट्स क्यों कम होती है?
नियमित रूप से अल्कोहोल का सेवन, अत्यधिक शराब, धूम्रपान, डेंगू, मलेरिया, चीकनगुनिया जैसी बीमारी और आनुवंशिक कारणों से प्लेटलेट्स की संख्या कम होती है।
नार्मल प्लेटलेट कितनी होनी चाहिए?
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से चार लाख प्लेटलेट्स होने चाहिए। यह नॉर्मल रेंज कम या ज्यादा हो तो उपचार करना जरुरी है।
प्लेटलेट्स को कैसे बढ़ाया जाए?
डॉक्टर्स के द्वारा दी गयी दवाइयों से प्लेटलेट्स की कमी को पूरा किया जाता है। इसके अलावा प्लेटलेट्स बढाने वाले फल, सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थो को खाने में शामिल करना चाहिए।
प्लेटलेट्स ज्यादा होने से क्या होता है?
Platelets की संख्या ज़्यादा होने पर हृदय स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। साथ ही कोई भी इंफेक्शन लगने का खतरा ज़्यादा रहता है।
प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग?
शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो तब शरीर कमजोर हो जाता है। प्लेटलेट्स की वजह से कुछ रोग होते है या होने की संभावना रहती है जो कुछ इस तरह है।
- डेंगू
- मलेरिया
- चिकनगुनिया
- नॉर्मल फीवर
- थ्रोम्बोसाइटोपेनिया
- टाइफॉइड
क्या खाने से प्लेटलेट बढ़ता है?
रक्त के सूक्ष्म कण प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए फल और सब्जिया आहार में लेना उत्तम है। प्लेटलेट्स की कमी को दूर करने के लिए निचे दिए गए खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करे।
- पपीता
- कीवी
- संतरा
- पालक
- ब्रोकोली
- आंवला
- चुकंदर
- गाजर
- गिलोय जूस
- बकरी का दूध
- नारियल पानी
आशा करती हु प्लेटलेट्स क्या है और प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण समझाने में सफल रही हु। हमारी पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे शेयर करना बिलकुल न भूले।