बकायन पेड़ की पूरी जानकारी Bakayan Tree In Hindi

नीम वृक्ष की प्रजाति शामिल बकायन पेड़ एक गुणकारी औषधि है। इसे महानिम्ब के नाम से भी कही विस्तारो में जाना जाता है। Bakayan Tree In Hindi का आयुर्वेद में विशिष्ट स्थान है। जिस वजह से काढ़ा, दवाइया और लेप बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

बकायन पेड़ की पूरी जानकारी Bakayan Tree In Hindi

औषधिय गुणों से भरपूर बकायन वृक्ष का वानस्पतिक नाम मेलिया अज़ेदाराच (Melia Azedarach) है। बकायन वृक्ष की लकड़ी घर की कही जरूरी चीजे बनाने में काम आती है। आयुर्वेद के अनुसार बवासीर, नेत्ररोग, मुह के छाले, पेट मे दर्द, आँतो के कीड़े, प्रमेह, श्वेतप्रदर, खुजली दूर करने में बकायन पेड़ उपयोगी है।

बकायन पेड़ Bakayan Tree In Hindi

नीम की तरह बकायन वृक्ष के पत्ते भी स्वाद में कड़वे होते है। इसके फल भी बिलकुल नीम के फल समान ही दीखते है। यह छायादार पेड़ गरमी के मौसम में आसपास ठंडक फैलता है। नीम के पेड़ की तरह यह 9 से 12 मीटर तक ऊंचाई में होते है।

पर कुछ संशोधनों में यह बात की पृष्टि मिली है। की अगर सही मात्रा में और सावधानी पूर्वक बकायन पेड़ का उपयोग नहीं करते तो यह हानिकारक बन सकता है। क्यों की इस वृक्ष के अधिकतर हिस्से थोड़े से विष युक्त होते है। जिस कारण यह स्वास्थ्य के लिए कभी कभार नुकसानदायक बन सकते है।

फलो के मुकाबले इस वृक्ष के फूल ज़्यादा विषैले होते है। सबसे ज़्यादा विष युक्त बकायन पेड़ का बीज होता है। लेकिन कही मान्यताओं अनुसार इन बीजो की माला बना कर घरो की खिड़कियों पर लगाने से सभी रोगमुक्त रहते है। बकायन फलो की माला पहनने से संक्रमण रोग से बचा जा सकता है।

फरवरी और मार्च महीने के बिच इस पेड़ के फलो और कहि हिस्सों में दूधिया रस निकलना शुरू हो जाता है। इस समय के दौरान काढ़ा बनाने के लिए इसके पत्ते और दूसरे हिस्सों का प्रयोग न करे। साथ ही लकड़ी की इमारत बनाने के लिए इस वृक्ष का उपयोग किया जाता है।

बकायन के फायदे Benefits For Bakayan Tree In Hindi

अंग्रेजी में बकायन पेड़ को पर्शियन लिलक (Persian lilac) या इंडियन लिलक (Indian lilac) कहा जाता है। यह पेड़ अपनी गुणवत्ता के कारण दुनियाभर में मशहूर है। अब जानते है बकायन के पेड़ से कौन कोनसे स्वास्थ्य लाभ मिलते है।

(1) नेत्र रोग में लाभकारी

आँखों की मोतियाबंद जैसी बीमारी में बकायन का पेड़ लाभकारी है। इस पेड़ के फल और पत्ते नेत्र रोगो का अच्छे से इलाज करते है। आँखे लाल होना, आँख में से पानी निकलना जैसी समस्या को यह पेड़ दूर करता है।

इस पेड़ के फलो को पीस कर टिकिया की तरह बना ले और अपनी आँखों पर रखे इससे नेत्र रोग में काफी राहत मिलती है। इस पेड़ के सूखे पत्तो का पाउडर से बना लेप भी आँखों के ऊपर लगाया जाता है।

(2) बुखार का उपचार

शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति कमजोर होने से बुखार जैसी कोई भी संक्रमण वाली बीमारी शरीर में आसानी से प्रवेश करती है। इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बकायन पेड़ का उपयोग करे।

ज्वर दूर करने के लिए बकायन की छाल और उनके बीज को अच्छी तरह से पीस लेना है। इसमें शहद और पानी मिलकर आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार करे। यह काढ़ा पीने से बुखार का आसानी से उपचार किया जा सकता है।

(3) बवासीर का अक्सीर इलाज

महानिम्ब के औषधिय गुणों से बवासीर का अक्सीर किया जाता है। बकायन पेड़ के बीज बवासीर का इलाज करने में सबसे ज़्यादा लाभदायी होते है। सुबह शाम बकायन का काढ़ा पीने से बवासीर की समस्या ख़तम होती है।

सूखे बकायन पेड़ के बीज का पाउडर, गिरी और सौंफ को समान मात्रा में पीस ले और इन सबको आपस में मिला ले। ऐसे पाउडर का दिन में 2 से 3बार सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।

(4) मुँह के छाले करे दूर

अधिक तीखा या गरम खाने से मुँह में छाले पड़ने की संभावना रहती है। मुँह में छाले हो तब खाना कहते वक्त, ब्रश करते या बोलते वक्त बहुत दर्द होता है। छालो की समस्या मिटाने के लिए बकायन गुणकारी औषधि है।

20 ग्राम महानीम की छाल को 10 ग्राम सफेद कत्थे के साथ पीसकर मुंह के अंदर लगाने से मुँह के छाले सरलता से दूर हो जाते है। बकायन का काढ़ा पीने से भी आंतरिक गरमी दूर की जा सकती है।

(5) सिरदर्द में लाभदायक

ज़्यादा टेंशन लेने से या सोचते रहने से कभी कभार सिरदर्द होता है। सिरदर्द हम आम बात समझते है लेकिन योग्य समय पर इसका उपचार करना जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए बकायन ट्री लाभकारी है।

सिरदर्द दूर करने के लिए बकायन के फूल और पत्तो को पीस कर लेप बना ले। यह लेप सिर पर लगाने से जल्द ही आपको सिरदर्द से मुक्ति मिलती है। बकायन फूलो का रस सिर पर लगाने से ठंडक मिलती है।

(6) डायबिटीज पीड़ितों के लिए

जो लोग मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे है उनके लिए बकायन वृक्ष चमत्कारी औषधि समान है। नियमित रूप से इस औषधि से बना काढ़ा पीने पर रक्त में शर्करा का प्रमाण नियंत्रित बना रहता है।

महानीम के बीज और गिरी चावल को पानी के साथ पीस लेना है। फिर इसमें 10 ग्राम घी मिला कर इसका सेवन करना है। डायबिटीज के मरीज रोजाना इस प्रक्रिया को दोहराएगे तो इसके अनेक फायदे मिलते है।

(7) खुजली से राहत

एलर्जी, संक्रमणकारक रोगो का हमला, इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी और कोई बीमारी के कारण बहुत खुजली आना जैसी समस्या प्रकट होती है। ऐसी खुजली को दूर करने में बकायन पेड़ आपकी मदद करता है।

सभी प्रकार के चर्म रोग जैसे की फोड़े-फंसी, खुजली इत्यादि को यह वृक्ष नष्ट करता है। बकायन के 10-20 फूलों को पीसकर लेप बना ले। शरीर के जिस हिस्से में खुजली हो वहा लगा ले ऐसा करने से खुजली में राहत मिलती है।

(8) गर्भवती महिलाओ के लिए

गर्भावस्था के दौरान महिलाओ को अनेक स्वास्थ्य लक्षी समस्याओ का सामना करना पड़ता है। गर्भाशय सम्बंधित परेशानी को दूर करने के लिए महिलाए Bakayan Tree In Hindi का बेजिझक इस्तेमाल कर सकती है।

5 मिली महानिम्ब के पत्ते का रस और अकरकरा का रस मिला कर सुबह शाम इस मिश्रण का सेवन करे। नियमित तोर पर ऐसा करने से पाचन तंत्र और गर्भाशय साफ़ और स्वस्थ रहता है।

(9) मासिक धर्म में लाभदायी

महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान कही तरह के स्वास्थ्य विकार होते है। जैसे की पेट दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द, कही मन न लगना, पैर के ऊपरी हिस्सों में दर्द होना। इसे कम करने के लिए बकायन वृक्ष को उपयोग में ले।

मासिक धर्म में 6 मिली महानीम के फूलों का रस और 1 चम्मच मधु रस मिला मिला कर इस मिश्रण को चाटना है। ऐसा करने पर मासिक धर्म सम्बंधित विकार जल्दी से दूर हो जाते है।

(10) घांव जल्दी से भरता है

कही बार चोट आने पर उस जगह पर घांव हो जाता है। अगर कोई कारणोंसर यह गाव जल्दी से भर नहीं रहा तो इसके लिए बकायन वृक्ष की सहाय ले। इसका काढ़ा और लेप घांव को तेजी से ख़तम करता है।

घांव का इलाज करने के लिए ताज़े बकायन पेड़ के पत्ते और इसी पेड़ के बीजो को मिला कर एक पेस्ट तैयार करे। जिस जगह पर चोट लगी हो वह यह लेप लगा ले इससे घांव जल्दी से ठीक होता है।

आशा करती हु बकायन पेड़ Bakayan Tree In Hindi की पूरी जानकारी आपको पसंद आयी हो। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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