अर्जुन के पेड़ (Arjun Ka Ped) की पहचान और औषधीय गुण

भारत में होने वाले गुणकारी वृक्षों में से एक है अर्जुन का पेड़ (Arjun Ka Ped) जिसके औषधीय गुण अनेक है। इस वृक्ष में सबसे ज़्यादा फायदेकारक अर्जुन पेड़ की छाल होती है। अर्जुन की छाल हृदय रोग, अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल, कफ, बुखार, क्षय, पित्त, खांसी और महिला लक्षी रोगो को दूर करती है।

अर्जुन के पेड़ (Arjun Ka Ped) की पहचान और औषधीय गुण

हज़ारो सालों से भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में अर्जुन वृक्ष का विशिष्ट स्थान रहा है। अर्जुन की छाल में से कही प्रकार की सुंदरता बढ़ाने वाली क्रीम्स बनाई जाती है। Arjuna Tree का गुणकारी पौधा आयुर्वेदिक दवाई बनाने में भी काम आता है।

अर्जुन के पेड़ (Arjun Ka Ped) की पहचान और औषधीय गुण

स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद औषधि के रूप में अर्जुन पेड़ को जाना जाता है। यह पेड़ तकरीबन 70 से 80 फिट लंबा होता है। इस पेड़ के पत्ते 7 से 20 सेंटीमीटर लंबे और आयताकार या नुकीले होते है। भारत में अर्जुन की छाल से बनी गुणकारी औषधियों का अधिक उपयोग किया जाता है।

वसंत ऋतू यानि मार्च, अप्रैल और मई के महीनो में अर्जुन पेड़ में फल आने लगते है। यह फल 2 से 5 सेंटीमीटर तक लंबे होते है। कच्ची अवस्था में यह फल हरे तथा पीले रंग के दीखते है। पूरा पक जाने पर यह फल भूरे तथा लाल रंग के हो जाते है। इन फलों में हलकी सी मधुर सुगंध होती है।

बाजार में आजकल अर्जुन के पेड़ (Arjun Ka Ped) से बनी काफी लाभकारी दवाइया और औषधिया मिलती है। अगर आपको अर्जुन के पेड़ की पहचान नहीं है तो इससे बनी चीजे दुकान में से खरीद सकते है। अर्जुन की छाल आपको कोई भी पतंजलि स्टोर पर 100 ग्राम ₹15 की कीमत में मिल जाएगी।

पुराने ज़माने में वैध अपने दर्दी को ठीक करने के लिए कही प्रकार की औषधिया देते थे। आज भी भारत में आयुर्वेद के रूप में ऐसी कही औषधिया मौजूद है। जो डॉक्टरी दवाइयों के मुकाबले ज़्यादा शक्तिशाली है। अर्जुन पेड़ भी ऐसे लाभकारी वृक्षो में से एक है। जिससे कही स्वास्थ्यकिय लाभ प्रदान होते है।

(1) अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल में

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए अर्जुन की छाल बहुत लाभकारी है। यह धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड को कम करती है। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने के लिए अर्जुन वृक्ष का काढ़ा पीना अच्छा है।

हृदय रोगो से निजात पाने के लिए भी यह उपाय करना फायदेमंद है। क्यों की अर्जुन की छाल में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक शरीर के बेड कोलेस्ट्रॉल को कम कर के हृदय को सुरक्षित रखता है।

(2) उच्च रक्तचाप दूर करने में

हाइ ब्लड प्रेशर की समस्या से आज कल कही लोग जूझ रहे है। बहुत से लोग रक्तचाप नियंत्रण की दवाइया खा कर ही जीते है। लेकिन वह अर्जुन पेड़ के औषधिय गुण जान ले तो रक्तचाप का अच्छा इलाज होता है।

अर्जुन की छाल ब्लड प्रेशर की समस्या का बेहतरीन उपाय है। नियमित रूप से अर्जुन की छाल और उसके पत्तो से बना हुआ काढ़ा पीने से काफी हद तक राहत मिलती है। आप चाहे तो इसके अंदर शहद भी मिला सकते है।

(3) हृदय स्वास्थ्य के लिए गुणकारी

हृदय सम्बंधित अधिकतर बीमारियों को दूर करने में अर्जुन का पेड़ सहायक है। यह हृदय स्वास्थ्य लक्षी विकार जैसे की रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, अनियमित धड़कन, हृदय विफलता और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।

रोजाना सामान्य चाय के बजाए अर्जुन की छाल से बनी चाय पीने से दिल की बीमारिया दूर रहती है। इसके अलावा अर्जुन की सुखी हुई छाल का चूर्ण दूध में डाल कर आप पी सकते है।

(4) खांसी का रामबाण इलाज

आमतौर पर खांसी का इलाज करने की कोई जरूरत नहीं होती, खांसी अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन कभी कभार खांसी की समस्या बहुत बढ़ जाती है। ऐसे में अर्जुन की औषधि का काढ़ा पीना रामबाण इलाज है।

सुखी खांसी या कफ वाली खांसी दोनों में इसका उपचार श्रेष्ठ है। काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास गरम पानी में ताज़े अड़ूसी के पत्ते उबाले। फिर उसमे अर्जुन छाल का पाउडर और शहद मिला कर पी ले।

(5) पेट गैस से राहत पाने में

पेट के अंदर वायु या गैस बनना यह एक सामन्य प्रक्रिया है लेकिन यह अत्यधिक मात्रा में हो तो इलाज करना जरूरी है। इस पाचन विकार को दूर करने में अर्जुन का काढ़ा बेहद चमत्कारिक फायदे देता है।

पेट गैस का तुरंत इलाज करने के लिए अर्जुन की छाल से बना काढ़ा और चाय पीना लाभकारक है। अर्जुन की छाल से बना काढ़ा ज़्यादा फायदेकारक बने इसलिए आप उसमे अदरक और शहद को भी ऐड करे।

(6) मधुमेह नियंत्रण में लाभदायी

चयापचय के समूह रोगो को डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। इसके 2 प्रकार होते है टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। मधुमेह नियंत्रण में गुणकारी अर्जुन वृक्ष का काढ़ा पीना बेहतर उपाय है।

मधुमेह नियंत्रण के लिए अर्जुन की छाल, नीम की छाल, आमलकी छाल, गिलोय के पत्ते और हल्दी से बना आयुर्वेदिक काढ़ा पीना उपचार समान है। अर्जुन की छाल मधुमेह नियंत्रण में काफी लाभकारी है।

(7) घांव या चोट जल्दी भर जाते है

कभी कभार कोई बाहरी या अंदरूनी चोट लगने पर शरीर की उस जगह पर घांव होता है। लेकिन शरीर में मिनरल्स, विटामिन्स की कमी या कोई बीमारी होने पर घांव जल्दी से नहीं भर पाते।

घांव को तेजी से भरने के लिए अर्जुन पेड़ की पत्तिया और लैवेंडर का तेल मिला कर लेप बनाए। इन दोनों चीजों में एंटी बैक्टीरिअल गुणों की मौजूदगी है। इस लेप को लगाने से घांव थोड़े ही दिनों में भर जाता है।

(8) हड्डियों को मजबूत करने में

शरीर के आधार स्त्रोत समान हड्डिया मजबूत होने से पूरा शरीर अच्छा रहता है। लेकिन कैल्शियम और अन्य विटामिन्स की कमी होने के कारण हड्डिया कमजोर हो जाती है। अर्जुन औषधि हड्डियों का स्वास्थ्य सुधारता है।

आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर अर्जुन की छाल का लेप लगाने से जोड़ो और हड्डियों में होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है। साथ ही यह फ्रेक्चर जैसी समस्या को भी जल्दी ठीक करता है।

आशा करती हु अर्जुन पेड़ (Arjun Ka Ped) की जानकारी अच्छी तरह दे पायी हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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