शरीर की मांसपेशियों में रहा क्रिएटिन टूटने पर क्रिएटिनिन नामक अपशिष्ट उत्पाद बनता है। जिसे किडनी मूत्र मार्ग द्वारा शरीर से बहार निकाल देती है। यदि क्रिएटिनिन अपनी नॉर्मल रेंज 1.2 मिलीग्राम/डीएल से ज्यादा हो जाये। तो वह किडनी के लिए खतरा बन जाता है। इसे जांच करने के लिए यूरिन या सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट करना जरुरी है।
आमतौर पर क्रिएटिनिन टेस्ट किडनी फंक्शन का पता लगाने के लिए किया जाता है। जिसमे देखा जाता है किडनी वेस्ट प्रोडक्ट को फ़िल्टर कर पा रही है या नहीं। जिसके लिए मरीज के पेशाब या खून की जाँच की जाती है। यदि ब्लड में क्रिएटिनिन ज्यादा पाया जाये तो इसका मतलब किडनी में कुछ समस्या है।
क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है Creatinine Test In Hindi
क्रिएटिनिन ब्लड और यूरिन में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है। यह नॉर्मल वैल्यू में रहते हुए मूत्र द्वारा बहार निकल जाये तो कोई समस्या नहीं। परंतु कुछ केस में किडनी की कार्यक्षमता सही ना होने के कारण क्रिएटिनिन पूरी तरह फ़िल्टर नहीं हो पाता।
सही फ़िल्टर ना होने के कारण उसका प्रमाण खून में बढ़ता रहता है। जो शरीर के कही ऑर्गन्स के लिए खतरा बन सकता है। इस समस्या का इलाज करने के लिए क्रिएटिनिन टेस्ट (Creatinine Test) किया जाता है। टेस्ट परिणामो के आधारित किडनी की सही स्थिति पता चल पाती है।
हर व्यक्ति में शरीर के मांस अनुसार ज्यादा या कम क्रिएटिनिन पाया जाता है। इसी कारण क्रिएटिनिन टेस्ट करने पर लैब द्वारा दी गयी नॉर्मल वैल्यू व्यक्ति के लिंग, वजन, उम्र आधारित होती है।
क्रिएटिनिन टेस्ट के प्रकार Types Of Creatinine Test
मसल्स से क्रिएटिन टूट कर क्रिएटिनिन बनता है। जो सीधा खून नलिका से किडनी तक जाता है। और अंत में पेशाब के साथ बहार हो जाता है।
इसका मतलब क्रिएटिनिन की जाँच करनी हो तो यूरिन या ब्लड से की जा सकती है। इसी के आधार पर क्रिएटिनिन टेस्ट के निम्नलिखित तीन प्रकार है।
- Creatinine Blood Test – ब्लड सैंपल द्वारा रक्त परिक्षण
- Creatinine Urine Test – यूरिन सैंपल द्वारा मूत्र परिक्षण
- Creatinine Clearance Test – ब्लड और यूरिन द्वारा जाँच
मरीज की स्थिति अनुसार डॉक्टर KFT (Kidney Function Test) कराने की भी सलाह दे सकते है।
क्यों और कब क्रिएटिनिन टेस्ट करवाना चाहिए
यदि मरीज में किडनी रोग के निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है, तो क्रिएटिनिन टेस्ट करवाना जरुरी है।
- किडनी या आसपास के हिस्से में दर्द होना
- पहले के मुकाबले पेशाब कम या ज्यादा आना
- सामान्य खुराक से भूख कम लगना
- सही से नींद ना आना
- मुंह, हाथ या पेट पर सूजन दिखना
- पीठ या कमर दर्द की समस्या
- हाई ब्लड प्रेशर रहना
- उल्टी होना और थकान
कुछ अन्य परिस्थितियों में भी डॉक्टर की सलाह के आधार पर क्रिएटिनिन टेस्ट करवाया जाता है। जैसे की,
- किडनी की बीमारी का पता करने के लिए
- किडनी बीमारी के इलाज को मॉनिटर करने
- दवाइयों की असर देखने के लिए
- सिटी स्कैन करवाने से पहले
- रूटीन हेल्थ चेकउप में
- डायबिटीज मरीज के लिए
क्रिएटिनिन टेस्ट की प्रक्रिया Process Of Creatinine Test
ब्लड क्रिएटिनिन टेस्ट में मरीज को किसी भी तैयारी की आवश्यकता नहीं है। पर कोई दवाई चल रही हो तो उसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए।
(1) सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट
- सबसे पहले सुई की मदद से मरीज का ब्लड सैंपल लिया जायेगा।
- फिर उसे सेंट्रीफ्यूज कर के सीरम प्राप्त किया जायेगा।
- इस सीरम पर क्रिएटिनिन टेस्ट प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
(2) यूरिन क्रिएटिनिन टेस्ट
- इस टेस्ट प्रक्रिया के पहले मरीज को 24 घंटे तक अपना मूत्र इकट्ठा करना होता है।
- जिसके लिए किसी खास कंटेनर या बॉटल की आवश्यकता होती है।
- डॉक्टर अपनी सलाह अनुसार जो समय बताते है उसी तरह मूत्र इकट्ठा करे।
- अपना यूरिन सैंपल फ्रिज में या किसी ठंडी जगह पर रखना है।
- 24 घंटे पुरे होने के बाद सैंपल को लैब भिजवा दीजिये।
- लैब में आपके यूरिन पर क्रिएटिनिन टेस्ट प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
(3) क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट
कभी-कभी व्यक्ति की परिस्थिति अनुसार यूरिन और सीरम दोनों प्रकार के टेस्ट करना जरुरी होता है। जिसे क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट कहते है। इसकी प्रक्रिया बिलकुल ऊपर बताई वैसी ही है। बस इसमें दोनों पर टेस्ट के टोटल परिणाम देखे जाते है।
क्रिएटिनिन टेस्ट का परिणाम Creatinine Test Result
सबसे पहले पुरुष और स्त्री में सीरम क्रिएटिनिन के नॉर्मल रेंज (स्तर) को समझ लीजिये।
- पुरुषो में – 0.8 से 1.3 mg/dl
- महिलाओं में – 0.7 से 1.1 mg/dl
अब यूरिन क्रिएटिनिन टेस्ट की नॉर्मल रेंज को भी समझ लीजिये।
- पुरुषो में – 955 से 2936 mg
- महिलाओं में – 601 से 1689 mg
उम्र के हिसाब से शरीर में जितना ज्यादा मांस होगा, क्रिएटिनिन भी उतना अधिक होगा।
सीरम और यूरिन दोनों का परिक्षण किया जाये तो उसे क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट कहेगे। ऐसे टेस्ट में लैब व्यक्ति की उम्र, वजन और लिंग अनुसार नॉर्मल रेंज बताते है।
यदि क्रिएटिनिन परिणाम ऊपर बताई नॉर्मल रेंज में आते है तो कोई समस्या नहीं। परंतु नॉर्मल रेंज से ज्यादा आते है तो किडनी सम्बंधित कोई समस्या है।
क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण Causes Of Creatinine
शरीर में निचे बताई गड़बड़ी होने के कारण क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ जाता है।
- किडनी ख़राब होने पर
- डायबिटीज की स्थिति में
- उच्च रक्तचाप के कारण
- अधिक मोटापा के कारण
- कुछ दवाइयों के कारण
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से
- पथरी की समस्या में
- मूत्र मार्ग में रूकावट आने पर
जिस तरह क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण है। वैसे ही कुछ कारण क्रिएटिनिन घट भी जाता है। जैसे की,
- व्यक्ति में मसल्स कम है
- शरीर दुबला-पतला है
- खाने में प्रोटीन आहार की कमी
- प्रेगनेंसी की स्थिति में
क्रिएटिनिन घटना कोई बड़ी समस्या नहीं है। इसे प्रोटीन युक्त आहार के साथ सही किया जा सकता है।
क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत Creatinine Test Price
भारत में तीनो प्रकार के क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत कुछ इस तरह है।
- Serum Creatinine Test Price – ₹100 से ₹300
- Urine Creatinine Test Price – ₹200 से ₹500
- Creatinine Clearance Test – ₹200 से ₹700
आशा करता हु Creatinine test in hindi की पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।