हृदय सम्बंधित समस्या का पता करने के लिए ईसीजी टेस्ट (ECG Test) किया जाता है। ECG का फुल फॉर्म Electrocardiogram है, जिसे EKG भी कहते है। इस टेस्ट में हार्ट की विद्युत् गतिविधि को ईसीजी की माध्यम से रिकॉर्ड किया जाता है।
हार्ट के मसल्स में इलेक्ट्रिक कंपन होता है, जिसकी वजह से हार्ट पंप करता है। इसी इलेक्टिक एक्टिविटी को ईसीजी टेस्ट में नोट करते है। यह एक्टिविटी ग्राफ के रूप में नजर आती है। जिसे देख कर डॉक्टर पता लगाते है की हार्ट अच्छे से कार्य कर रहा है या नहीं।
ईसीजी टेस्ट क्या है ECG Test In Hindi
ईसीजी मशीन की मदद से दिल की धड़कनो का ग्राफ रिपोर्ट निकाला जाये उसे ECG Test कहते है। इस रिपोर्ट द्वारा मरीज के हृदय की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है।
टेस्ट में देखा जाता है की हार्ट रेट स्लो, फ़ास्ट या नार्मल है। फिर रिपोर्ट द्वारा हार्ट रिधम को समझा जाता है। ईसीजी ग्राफ से हार्ट अटैक, बीपी की समस्या के बारे में पता लग जाता है।
बहुत सी फिल्मो में आपने देखा होगा पेशेंट बेड पर होता है। और एक मशीन की स्क्रीन पर उसकी दिल की धड़कनो का ग्राफ दिखाई दे रहा होता है। यह सब ECG Test Report ही होता है।
ईसीजी टेस्ट क्यों करते है
डॉक्टर हृदय से जुडी समस्याओ को समझ कर उसका निराकरण करने के लिए ईसीजी टेस्ट कराने की सलाह देते है। व्यक्ति में निम्नलिखित हार्ट प्रॉब्लम्स होने पर ईसीजी टेस्ट करते है।
- हार्ट अटैक
- सीने में दर्द
- सांस लेने में परेशानी
- तेज हृदय धड़कन
- हृदय से असामान्य आवाज सुनाई देना
- हृदय मांसपेशि बड़ा होने पर
- थकान या कमजोरी में
नॉर्मल हार्ट एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है। परंतु हृदय सम्बंधित समस्या होने पर धड़कने असामान्य हो जाती है।
ईसीजी टेस्ट के प्रकार Types Of ECG
हृदय सम्बंधित ज्यादातर समस्याओ के निराकरण में 3 तरीके के ईसीजी टेस्ट होते है।
(1) Stress Test
कुछ हार्ट प्रॉब्लम्स केवल एक्सरसाइज करते समय होती है। जिसका पता करने के लिए एक्सरसाइज करते समय ईसीजी टेस्ट टेस्ट किया जाता है।
(2) Holter Monitor
यदि पेशेंट की हार्ट एक्टिविटी 24 से 48 घंटो तक रिकॉर्ड करनी हो। तो पेशेंट के सीने पर इलेक्ट्रोड जोड़ दिया जाता है। इलेक्ट्रोड से जुड़े मॉनिटर को अपनी जेब में रखा जा सकता है।
(3) Event Recorder
कही बार हृदय में समस्या हो रही होती है, लेकिन कोई लक्षण नजर नहीं आते। ऐसी स्थिति में लक्षण का अनुभव होने पर उसे तुरंत रिकॉर्ड करने के लिए इवेंट रिकॉर्डर उपयोग में लिया जाता है।
ईसीजी टेस्ट की प्रक्रिया Process Of ECG Test
इतना कुछ जानने समझने के बाद मन में प्रश्न जरूर होता है की ईसीजी टेस्ट कैसे होता है प्रक्रिया क्या है।
- टेस्ट करने के लिए सबसे पहले छाती के भाग से कपडे हटा दिए जाते है।
- फिर जेल की मदद से 14-15 इलेक्ट्रोड्स को छाती, बांह और पैरो पर चिपका देते है।
- कही बार इलेक्ट्रोड्स को सही लगाने के लिए त्वचा के बाल भी हटाए जाते है।
- इसके बाद शरीर पर लगाए इलेक्ट्रोड को तार की मदद से ईसीजी मशीन में जोड़ा जाता है।
- सभी फिटिंग को एक्सपर्ट द्वारा अच्छे से चेक किया जाता है।
- सब कुछ सही होने पर ईसीजी मशीन ऑन करके हृदत के इलेक्ट्रिक सिग्नल को रिकॉर्ड करते है।
- इलेक्ट्रिक एक्टिविटी स्क्रीन पर ग्राफ के रूप में दिखाई देती है।
- संपूर्ण प्रक्रिया में मरीज सामान्य सांसे लेता रहता है और बातचीत नहीं कर सकता।
- ईसीजी टेस्ट की प्रक्रिया 10-15 मिनट में पूरी हो जाती है।
नार्मल ईसीजी रिपोर्ट ECG Test Report
टेस्ट पूरा होने के बाद मरीज की हार्ट एक्टिविटी का ग्राफ पेपर डॉक्टर के हाथ में आ जाता है। जिससे पता चलता है नार्मल ईसीजी रिपोर्ट है या एबनॉर्मल।
(1) नार्मल ईसीजी रिपोर्ट
एक सामान्य हृदय 1 मिनट में 50 से 100 बार धड़कता है। यदि ईसीजी रिपोर्ट कुछ ऐसा ही आता है तो मतलब सब नॉर्मल है।
परंतु हृदय में कोई समस्या होगी तो बहुत धीमा या ज्यादा तेजी से धड़केगा। जो ईसीजी टेस्ट करते वक़्त ग्राफ रिपोर्ट में दिख जाता है।
(2) एबनॉर्मल ईसीजी रिपोर्ट
डॉक्टर ईसीजी रिपोर्ट पैटर्न देख कर समझ जाते है की हृदय का स्वास्थ्य सही नहीं है।
ऐसे में कही पूर्व बीमारिया और आने वाली समस्या के बारे में पता चल जाता है।
असामन्य ग्राफ ही एबनॉर्मल कहा जाता है, जो खतरे की घंटी है।
ईसीजी टेस्ट की कीमत ECG Test Price
भारत में ईसीजी टेस्ट की कीमत ₹200 से ₹600 के बिच में है। ECG Test Price का कम ज्यादा होना लैब की सुविधा पर निर्भर करता है।
आप चाहे तो ऑनलाइन गूगल पर सर्च कर के ईसीजी टेस्ट की लेटेस्ट प्राइस देख सकते है। साथ ही घर बैठे ऑनलाइन टेस्ट भी बुक करवा सकते है। पर यह सब कुछ डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करे।
सवाल जवाब (FAQ)
ईसीजी परिक्षण से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालो के जवाब निचे दिए है।
(1) ECG जांच से क्या पता चलता है?
ECG Test करने पर दिल से जुडी अधिकतर समस्याओ के बारे में पता लगाया जा सकता है। जैसे हृदय के ब्लॉकेज, सीने में दर्द, साँस लेने में कठनाई इन सबके बारे में पता चलता है।
(2) ईसीजी में क्या होता है?
ECG Test में छाती पर 12-14 सेंसर (इलेक्ट्रोड) लगाए जाते है। इन सेंसर के तार कंप्यूटर मॉनिटर से जुड़े होते है। इलेक्ट्रोड विद्युत संकेतो की गति को रिकॉर्ड करते है। कंप्यूटर इन रिकॉर्डेड गति को कागज पर उतारता है।
(3) ECG Test के नुकसान क्या है?
इस परिक्षण में मरीज को किसी भी तरह के नुकसान या हानि नहीं होती। यह एक्सपर्ट्स द्वारा किया जाने वाला एक सुरक्षित टेस्ट है।
आशा करता हु ECG Test In Hindi की पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक स्वस्थ रहिये मस्त रहिये।