बायोप्सी क्या है Biopsy Test In Hindi टेस्ट प्रक्रिया, कीमत

बायोप्सी टेस्ट में शरीर के छोटे से सेल या टिश्यू को कलेक्ट कर के उसे माइक्रोस्कोप में जांच किया जाता है। बॉडी के जिस हिस्से की जांच करनी हो उस हिस्से का टिश्यू लिया जाता है। इसी टेस्ट प्रक्रिया को Biopsy Test In Hindi की जानकारी द्वारा अच्छे से समझते है।

बायोप्सी क्या है Biopsy Test In Hindi टेस्ट प्रक्रिया, कीमत

ज्यादातर केस में बायोप्सी सेमी सर्जिकल होता है। जिसमे टिश्यू को कलेक्ट कर के माइक्रोस्कोप में देखते है की क्या वो नॉर्मल है या नहीं। यदि अबनॉर्मल या असामान्य है तो उसके पीछे कैंसर या दूसरी कोई अन्य वजह हो सकती है।

बायोप्सी क्या है Biopsy Test In Hindi

सरल भाषा में कहे तो टिश्यू के सैंपल को बायोप्सी कहा जाता है। जो जीवित शरीर के किसी भी हिस्से से लिया जा सकता है।

डॉक्टर हर किसी को बायोप्सी करने की सलाह नहीं देते। जब बॉडी का कोई पार्ट या ऑर्गन नॉर्मल फंक्शन नहीं करता। तब डॉक्टर मरीज को बायोप्सी टेस्ट कराने की सलाह देते है।

अक्सर मरीज की सर्जरी होने पर बायोप्सी टेस्ट किया जाता है। या डॉक्टर को कैंसर की आशंका होने पर भी बायोप्सी करते है। पर ये जरुरी नहीं की बायोप्सी किया जा रहा है तो कैंसर ही होगा।

केवल कुछ लक्षण देख कर डॉक्टर अनुमान लगाते है की शायद कैंसर हो सकता है। जैसे बॉडी के टिश्यू में अचानक कोई ग्रोथ नजर आये। इसी के साथ वजन भी तेजी से घटने लगे तो कैंसर की संभावना हो सकती है।

बायोप्सी टेस्ट करने की खास वजह यही जानना होता है की सेल नॉर्मल है या नहीं। कैंसर सबसे बड़ी वजह होती है जिसमे सेल नॉर्मल नहीं दीखता। इसीलिए ज्यादातर लोग Biopsy Test In Hindi को कैंसर के साथ जोड़ देते है।

बायोप्सी के प्रकार Types Of Biopsy

जरुरत अनुसार अलग-अलग प्रकार की बायोप्सी की जाती है। जिसमे कुछ शार्प टूल्स की मदद से टिश्यू को निकाला जाता है।

  1. स्क्रैपिंग – इस प्रकार की बायोस्पी मुँह के अंदर या गर्भाशय की गर्दन से कोशिकाए निकालने के लिए की जाती है।
  2. नीडल – नीडल बायोप्सी में सुई की मदद से तरल सैंपल निकालते है। इसमें जरुरत अनुसार नीडल साइज उपयोग में लेते है। शरीर के अंदर तक के टिश्यू को नीडल से निकाला जाता है।
  3. पंच – त्वचा में सड़न होने पर उसे दूर करने के लिए पंच उपकरण का उपयोग किया जाता है। पंच बायोप्सी गोल उपकरण से छेद करने के लिए होती है।
  4. एंडोस्कोपिक – शरीर के अंदरूनी अंगो की जांच करने के लिए एंडोस्कोप उपकरण का उपयोग किया जाता है।
  5. बोन बायोप्सी – शरीर की हड्डियों के लिए सामान्य नीडल के बजाय खास बोन बायोप्सी होती है। जिसमे कभी हड्डी की ऊपरी परत का सैंपल चाहिए होता है या कभी बोन मेरो का।
  6. लिवर/किडनी – लिवर या किडनी के टिश्यू लेने के लिए नीडल को उस ऑर्गन तक पहुंचाया जाता है। जो सिटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड की मदद से होता है।
  7. प्रोस्ट्रेट – इस बायोप्सी में 2-3 नीडल को एक साथ स्किन में डाली जाती है।
  8. सर्जिकल – सर्जिकल बायोप्सी में पुरे टिश्यू को हटा दिया जाता है।
  9. स्टीरियोटेक्टिक – मस्तिष्क से बायोप्सी नमूना लेने के लिए स्टीरियोटैक्टिक प्रक्रिया से सैंपल लेने की सही जगह पता चलती है।

बायोप्सी कब और क्यों करते है

शरीर में रहे शंकास्पद टिश्यू की स्थिति पता करने के लिए बायोप्सी टेस्ट करते है। ज्यादातर केस में कैंसर की शंका होने पर बायोप्सी करते है।

स्किन में कोई खास संक्रमण हो रहा हो, जिसकी स्थिति ऊपर से पता ना चल रही हो। तो ऐसे केस में बायोप्सी की मदद से स्थिति जानने का प्रयास किया जाता है।

लिवर, किडनी जैसे ऑर्गन में कोई समस्या आ जाये या अपना कार्य ठीक से ना कर पाए। तो इन ऑर्गन के रोग में रहे जड़ को जानने के लिए बायोप्सी करना जरुरी है।

यदि मरीज की सर्जरी हो चुकी है तो उसके टिश्यू की जांच करने के लिए भी बायोप्सी होती है।

बायोप्सी टेस्ट की प्रक्रिया Process Of Biopsy

बायोप्सी टेस्ट की प्रक्रिया Process Of Biopsy

प्रकार अनुसार बायोप्सी Biopsy test in hindi की प्रक्रिया में थोड़ा अंतर है। ज्यादातर प्रक्रिया में सिटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड की मदद ली जाती है।

(1) Punch Biopsy

पंच बायोप्सी पूरी तरह सर्जिकल नहीं होती, इसे सेमि सर्जिकल कह सकते है। इसमें गोल उपकरण की मदद से त्वचा में छेद किया जाता है।

उपकरण के साथ कुछ अन्य टूल का इस्तेमाल कर के टिश्यू सैंपल लिया जाता है। प्रक्रिया के दौरान त्वचा को सुन्न कर दिया जाता है।

(2) Needle Biopsy

नीडल बायोप्सी में अल्ट्रासाउंड की मदद से एक खोखली सुई को स्किन में डाला जाता है। सुई सही स्थान पर पहुंचने पर टिश्यू का नमूना ले लेते है।

डॉक्टर बायोप्सी के हिस्से को सुन्न करने के लिए मरीज को लोकल एनेस्थीसिया देते है। जिससे बिना किसी असह्य दर्द के बीओप्सी टेस्ट किया जा सके।

(3) Organ Biopsy

इस प्रक्रिया में पहले मरीज को सांस लेने और छोड़ने के आदेश डॉक्टर द्वारा समझा दिए जाते है। फिर बायोप्सी हिस्से को सुन्न कर के प्रक्रिया शुरू करते है।

जिसमे लिवर या किडनी जैसे खास ऑर्गन से टिश्यू निकालने के लिए सुई डाली जाती है। कुछ सेकंड्स में सुई द्वारा सैंपल कलेक्ट कर के सुई बहार निकाल लेते है।

(4) Bone Marrow

शरीर में रही हड्डिया ऊपर से मजबूत और अंदर से खोखली होती है। जिसमे सिर्फ नरम जैली जैसा पदार्थ होता है, जिसे बोन मेरो कहते है।

हड्डी की समस्या में बायोप्सी करने के लिए बड़ी सुई को हड्डी के अंदर रहे बोन मेरो तक पहुंचाया जाता है। उसी स्थान से ऊतक का नमूना लेकर सुई बहार निकालते है। इसमें पेशेंट को बेहोश कर दिया जाता है।

बायोप्सी टेस्ट के परिणाम Biopsy Result

परिणाम से यह पता चल जाता है की कैंसर है या नहीं, कैंसर किस तरह का है, कौनसा है। कैंसर की स्थिति को बायोप्सी टेस्ट रिपोर्ट में ग्रेड (स्टेज) के आधार पर समझ सकते है।

टिश्यू सैंपल को माइक्रोस्कोप में देख कर और अच्छे से समझ कर रिपोर्ट बनाया जाता है। जिसमे स्टेज या ग्रेड 1 से 4 अंक के बिच में होता है।

यदि परिणाम में ग्रेड-1 है तो मतलब कैंसर कम गंभीर है। इस तरह ग्रेड जैसे आगे बढ़ता जायेगा उस तरह परिणाम गंभीर माने जायेगे। जैसे ग्रेड-4 मतलब कैंसर हाई स्टेज पर है।

अंत में बायोप्सी सैंपल पर जांच प्रकिया 1 हफ्ते तक तक चल सकती है। इसलिए टेस्ट कराने के बाद परिणाम भी 1 हफ्ते के बाद ही पता चलते है।

बायोप्सी टेस्ट की कीमत Biopsy Test Price

बायोप्सी के प्रकार और हॉस्पिटल की सुविधा अनुसार खर्चा कम या ज्यादा हो सकता है। भारत के ज्यादातर शहरों में बायोप्सी टेस्ट की कीमत ₹800 से ₹10000 तक है।

आशा करता हु Biopsy test in hindi के बारे में पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

DAWAiLAJ
Logo