Remdesivir Injection उपयोग, फायदे, नुकसान, कीमत की जानकारी

रेमडिसीवर एक एंटी वायरस दवाई है जो मानव शरीर में कीटाणु संक्रमण को रोकती है। हाल ही कोविड-19 की परिस्थिति में, डॉक्टर्स अधिकतर दर्दियो को यह दवाई देते थे। Remdesivir Injection विषाणुओ के विरुद्ध कार्य कर के शरीर को रोग मुक्त रखता है।

Remdesivir Injection Uses In Hindi उपयोग, फायदे, नुकसान, कीमत

संक्रमणकारक बीमारीयों का यह इंजेक्शन एक अक्सीर इलाज है। सबसे पहले हेपटाइटिस नाम की बीमारी में इस इंजेक्शन का प्रयोग किया गया था। बाद में इबोला वायरस के इलाज में इंजेक्शन का अच्छा असर देखने मिला। जब कोरोना की वैक्सीन नहीं थी तब मरीज को रेमडिसीवर इंजेक्शन दिया जाता था।

रेमडिसीवर इंजेक्शन क्या है What Is Remdesivir Injection

मुख्य रूप से रेमडिसीवर एक एंटी बैक्टेरियल दवाई है। जो खास कर वाइरल इन्फेक्शन के दौरान डॉक्टर्स द्वारा मरीज को लगाया जाता है। दवाई का मुख्य कार्य शरीर में बैक्टेरिया पनपने से रोकना है। साथ ही यह कीटाणुओं का सफाया भी करती है।

वर्ष 2009 में केलिफोर्निया के वैज्ञानिक गिलीड साइंसेज ने रेमडिसीवर इंजेक्शन को विकसित किया था। मगर उस समय इंजेक्शन की स्वास्थ्य पर कोई विशेष असर नहीं देखने मिली। सामान्य तौर पर इंजेक्शन को हेपटाइटिस बीमारी के लिए बनाया गया था।

फिर वर्ष 2014 में इबोला वायरस के इलाज में इंजेक्शन कारगर साबित हुआ। रेमडिसीवर का उपयोग संक्रमण लक्षी रोगो को दूर करने के लिए किया जाता था। वर्तमान में Covid 19 संक्रमितों को यह इंजेक्शन दिया जाता है।

रेमडिसीवर इंजेक्शन का कार्य How Remdesivir Injection Works

मानव शरीर में से हानिकारक बैक्टेरिया को दूर करने का कार्य रेमडिसीवर इंजेक्शन करता है। खास कर कोरोना के इलाज में यह अच्छी तरह कार्यरत है। जो बाहरी संक्रमण के कारण हुई स्वास्थ्य हानि को भी ठीक कर सकता है।

कोरोना वायरस शरीर में उपलब्ध RNA Polymerase एंजाइम्स द्वारा पुरे शरीर में फैलता है। रेमडिसीवर एंजाइम्स के कार्य पर रोकथाम लगा देता है। जिस वजह से शरीर में ज़्यादा संक्रमण नहीं होता।

रेमडिसीवर इंजेक्शन का उपयोग Remdesivir Injection Uses In Hindi

Remdesivir Injection Uses

 

बेहतरीन एंटी बैक्टेरियल गुणों के कारण, इंजेक्शन को अनेक संक्रमणकारक रोगो के दौरान उपयोग में लिया जाता है। तो जानते है किन-किन बीमारियों में रेमडिसीवर का उपयोग किया जा सकता है।

Remdesivir Injection Uses In Hindi

  • हेपटाइटिस बीमारी में
  • इबोला वायरस में
  • कोविड 19 परिस्थिति में
  • अन्य संक्रमणकारक रोगो में

मरीज के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास के आधार पर उसे यह इंजेक्शन दिया जाता है। इसका उपयोग 12 साल की उम्र से बड़े हर व्यक्ति कर सकते है।

रेमडिसीवर इंजेक्शन के फायदे Benefits Of Remdesivir Injection

Remdesivir Injection Benefits

जब से रेमडिसीवर इंजेक्शन की खोज हुई तभी से लेकर आज तक 3 बीमारियों में इस इंजेक्शन के मुख्य फायदे देखने मिले है। इसके अलावा सामान्य संक्रमण लक्षी रोग में भी इसे लिया जा सकता है।

(1) हेपेटाइटिस की बीमारी में

हेपेटाइटिस एक प्रकार की संक्रमण लक्षी बीमारी है जो यकृत की सूजन का कारण बनती है। इस बीमारी से लिवर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। यदि योग्य समय पर इस बीमारी पे ध्यान नहीं देते तो आगे जा कर इससे लिवर कैंसर होने की संभावना रहती है।

मुख्य रूप से 4 हेपेटाइटिस बीमारी के कारक ए, बी, सी और ई अल्पकालिक संक्रमण माने जाते है। हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के अधिक गंभीर प्रकार होते है। इस बीमारी की प्रारंभिक अवस्था पता चलने पर दवाइयों के साथ 3 से 6 महीने तक इसका इलाज योग्य है।

साल 2009 में हेपेटाइटिस का खतरा अधिक लोगो पर देखा गया। तभी वैज्ञानिक संशोधन द्वारा Remdesivir Injection का निर्मण हुआ। मगर उस वक्त हेपेटाइटिस का इलाज रेमडिसीवर से खास कारगर साबित नहीं हुआ।

हालांकि रेमडेसिविर का विकास ही हेपटाइटिस सी के इलाज के लिए किया गया था। मगर थोड़े बदलाव के साथ बना रेमडिसीवर इंजेक्शन लिवर स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है।

एक संशोधन के मुताबिक लिवर स्वास्थ्य पर अगर संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। तो इसे हल करने के लिए आप रेमडिसीवर का उपयोग कर सकते है। यानि अब यह इंजेक्शन हेपेटाइटिस की अच्छी दवा बन चूका है।

(2) इबोला वायरस में

इबोला वायरस एक अत्यंत घातक संक्रमणकारक रोग है। साल 1976 में इस रोग की पहचान सर्वप्रथम इबोला नदी के पास स्थित एक गाँव में हुई थी। इस कारण से वायरस का नाम इबोला रखा गया। इबोला एक ऐसा रोग है जो मरीज के संपर्क में आने से फैलता है।

रोगी के पसीने, खून या श्वास के संपर्क में आने से हम इसकी चपेट में आ सकते है। इसके चपेट में आने से टाइफाइड, कॉलरा, बुखार,और मांसपेशियों में दर्द होना या खून उतरना जैसे लक्षण दीखते है।

इसके अलावा उल्टी-दस्त, बुखार, सिरदर्द, रक्तस्त्राव, आँखें लाल होना और गले में कफ़ होना जैसे लक्षण दिखाई देते है। इस रोग में रोगी की त्वचा गलने लगती है, यहाँ तक की हाथ, पैर और चेहरे से लेकर पूरा शरीर गल जाता है।

एक रिपोर्ट अनुसार इबोला वायरस का अभी तक कोई अक्सीर इलाज नहीं मिला। मगर रेमडिसीवर का उपयोग कर के इसके लक्षणों में काफी हद तक राहत पायी जा सकती है। रेमडिसीवर इंजेक्शन इबोला वायरस की दवा के रूप में मशहूर है।

इबोला वायरस संक्रमितों पर इंजेक्शन का अच्छा प्रभाव देखने मिलता है। इसलिए रेमडिसीवर को सही पहचान एबोला वायरस द्वारा मिली। इस बीमारी के दौरान इंजेक्शन को एंटी बैक्टेरियल के रूप में लगाया जाता था।

(3) कोरोना वायरस में

सबसे ज़्यादा लोग रेमडिसीवर के बारे में कोविड 19 के दौरान जान गए। क्यों की इसका प्रयोग कोरोना की परिस्थिति में बहुत से लोगो पे किया गया। एंटी वाइरल ड्रग के रूप में यह बहुत प्रचलित है। मगर इसे कोरोना का अक्सीर इलाज नहीं माना जाता।

जैसे की हमने ऊपर बताया कोरोना वायरस यूकेरियोटिक आरएनए पॉलीमरेज़ एंजाइम्स द्वारा पुरे शरीर में फैलते है। मगर रेमडिसीवर का उपयोग करने से RNA Polymerase का कार्य रुक जाता है। जिस कारण रेमडिसीवर लगवाने पर संक्रमण कम हो जाता है।

डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गयी मात्रा में यदि इंजेक्शन लगाया जाए तो इससे अच्छे परिणाम मिलते है। कोविड-19 का इलाज करने के लिए Remdesivir को कितनी मात्रा में लेना है। यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है।

हालांकि 20 नवम्बर 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक रिपोर्ट के मुताबिक। कोरोना मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को रेमडेसिविर के इस्तेमाल से बचना चाहिए ऐसा कहा गया था। लेकिन रेमडिसीवर का निर्माण करने वाली कंपनी ने बताया हमारी दवा संपूर्ण सुरक्षित है।

बिना जरूरत के यदि रेमडिसीवर कोरोना मरीज को लगाया जाए। तो उसके लिवर स्वास्थ्य इस इंजेक्शन की गंभीर असर होती है। इसलिए हमेशा डॉक्टरी परामर्श के अनुसार ही इंजेक्शन लगवाना चाहिए।

रेमडिसीवर के नुकसान Side Effects Of Remdesivir Injection

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अधिक प्रमाण में रेमडिसीवर इंजेक्शन लेना नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए हमेशा मरीज को रेमडिसीवर कम मात्रा में लगाया जाता है।

  • किडनी स्वास्थ्य विकार
  • लिवर रोग में नुकसानदायक
  • एनिमिआ होने की संभावना
  • बुखार लग सकता है
  • बीपी कम होना
  • चक्कर आना
  • सुस्ती महसूस करना
  • सिरदर्द होना
  • घबराहट महसूस होना
  • उल्टी होने की संभावना

समान्य रूप से मरीज को 3 से 7 दिनों तक यह इंजेक्शन दिया जाता है। सबसे पहले दर्दी को 200 mg की मात्रा में इंजेक्शन दिया जाता है। फिर इस मात्रा का प्रमाण धीरे-धीरे कम कर दिया जाता है।

भारत में रेमडिसीवर इंजेक्शन का निर्माण और कीमत

भारत में अनेक कंपनिया रेमडिसीवर इंजेक्शन का निर्माण करती है। सात भारतीय कंपनियों के पास गालीड साइन्सेस (Gilead Sciences) की इस दवा को बनाने का लाइसेंस है। इनमें मुख्य डॉक्टर रेड्डीज लैब, जायडस कैडिला (Zydus Cadila), सिप्ला और हेटेरो लैब शामिल है।

यहाँ रेमडेसिविर इंजेक्शन 100 एमजी के वॉयल का बन रहा है। जो अनेक लोगो में कोरोना इलाज के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ है। इसके एक वॉयल का मूल्य 2800 रुपये से 6000 रुपये के बीच रहता है।

भारत में इसकी सबसे सस्ती दवा कैडिला जायडस नाम की दवा कंपनी बना रही है। जिसमे एक वॉयल की कीमत 2800 रुपये है। लोकप्रिय ब्रांड सिप्ला भी इसका निर्माण कर रही है जिसकी कीमत 4000 रुपये है।

डॉक्टर रेड्डीज लैब द्वारा निर्मित दवा की कीमत 5400 रुपये के आसपास रहती है। रेमडिसीवर की सब से महंगी दवाई हेटेरो लैब की है। जिसकी कीमत 5000 से 6000 रुपये के अंदर होती है।

रेमडिसीवर इंजेक्शन लगाते वक्त यह सावधानिया रखे

Remdesivir Injection

विश्व भर में किए गए अनेक संशोधनों अनुसार रेमडिसीवर लगाना कभी कभार नुकसानकारक साबित हो सकता है। इसलिए इंजेक्शन लगाते वक्त पहले से ही कुछ सावधानिया रखी जाए तो अच्छा है। तो आइये जानते है इंजेक्शन लगाते वक्त क्या सावधानिया रखनी चाहिए।

  • इंजेक्शन के कारण एनिमिआ बीमारी हो सकती है। यदि आप पहले से ही इस बिमारी से पीड़ित है तो इंजेक्शन का उपयोग ना करे।
  • रेमडिसीवर लगाने के पहले या बाद में किसी भी प्रकार की अन्य दवाई का सेवन ना करे।
  • यदि कोई गंभीर ऑपरेशन करवाया है या कोई खतरनाक बीमारी से पीड़ित है तो इंजेक्शन नहीं लगवाना चाहिए।
  • इससे कभी कभार बीपी कम होना और चक्कर आना जैसी समस्या होती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह और अपने स्वास्थ्य के अनुसार इंजेक्शन लगाए।
  • अगर आपको पेट सम्बंधित किसी प्रकार की गंभीर बीमारी है, तो इसका उपयोग ना करे। क्यों की इंजेक्शन लगाने के बाद तेज उल्टी और पेट दर्द की समस्या रहती है।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाए इंजेक्शन को न लगाए। क्यों की इससे माता एवं शिशु दोनों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखना पड़ता है इसलिए इस इंजेक्शन से बचे। इसका उपयोग महिलाओ का स्वास्थ्य बिगाड़ सकता है।
  • हृदय लक्षी कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तिया इंजेक्शन ना लगाए। इस इंजेक्शन के कारण हृदय स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।

सवाल जवाब (FAQ)

रेमडिसीवर इंजेक्शन को लेकर लोगो में अनेक प्रकार के प्रश्न है। उनमे से मुख्यतर सवालों के जवाब हमने यहाँ देने की कोशिश की है।

(1) रेमडिसीवर इंजेक्शन का उपयोग कैसे किया जाता है?

जैसे की हमने ऊपर बताया संक्रमणकारक बीमारियों में खास कर रेमडिसीवर लगाया जाता है। तो आइये जानते है किन बीमारियों में इंजेक्शन का उपयोग होता है।

  1. हेपटाइटिस
  2. इबोला संक्रमण में
  3. कोरोना वायरस में

(2) क्या स्तनपान कराने वाली महिलाए इस इंजेक्शन को ले सकती है?

स्तनपान कराने वाली महिलाए इंजेक्शन को ना ले। एक संसोधन में यह साबित हुआ की इंजेक्शन का नकारात्मक प्रभाव, स्तनपान कराने वाली महिला और शिशु दोनों पर होता है।

(3) क्या गर्भावस्था के दौरान इंजेक्शन को ले सकते है?

गर्भावस्था के दौरान इंजेक्शन को नहीं लगवाना चाहिए। इसके कारण स्वास्थ्य पर कही प्रकार के दुष्प्रभाव पड़ सकते है।

आशा करती हु Remdesivir Injection Uses In Hindi की जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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