जैंथीन्स (Xanthines) नामक दवा के अंतर्गत आती, थियोफाइलिइन से बनी दवा को Deriphyllin Injection कहा जाता है। मुख्य रूप से सांस सम्बंधित विकार को दूर करने में यह सहायक है। इस इंजेक्शन को सिर्फ डॉक्टर की पर्ची द्वारा ही ख़रीदा जा सकता है।
यह दवा द्रव्य ब्रांकोडायलेटर (Bronchodilator) वर्ग में शामिल है। इस प्रकार की दवाइया वायुमार्ग की मांसपेशियों में आराम दिलाती है। साथ ही श्वसन नली तथा फेफड़ो के मसल्स में सुधार करती है। उनकी स्पेस को बढ़ाती है जिस कारण व्यक्ति आसानी से साँस ले सकता है।
डेरीफाइलिन इंजेक्शन क्या है What Is Deriphyllin Injection
थियोफाइलिइन और डेटोफाइलिइन से तैयार हुए दवा द्रव्य को डेरीफाइलिन इंजेक्शन के नाम से जाना जाता है। यह वायुमार्ग से जुडी तमाम प्रकार की दिक्कतों से लड़ने में मददरूप है। श्वसन विकार के अलावा भी कही परिस्थिति में इंजेक्शन के फायदे देखने मिलते है।
दवा का उपयोग खास तौर पर अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर के उपचार में किया जाता है। दवा ब्रांकोडायलेटर के रूप में भी अच्छी तरह से कार्यरत है। वायु मार्ग में आयी सूजन इस इंजेक्शन को लगाने पर कम होती है।
इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज आसानी से सांस ले सकता है। बड़ी उम्र की व्यक्तियों में ब्रीथिंग प्रॉब्लम ज़्यादा देखने मिलती है। डॉक्टरी सलाह अनुसार किसी भी उम्र के व्यक्ति इसे लगवा सकते है।
डेरीफाइलिन इंजेक्शन का कार्य How Deriphyllin Injection Works
एक बेहतरीन ब्रांकोडायलेटर की तरह इंजेक्शन बखूबी से अपना कार्य करता है। ब्रोन्कोडायलेटर्स एक प्रकार की दवा है। जो फेफड़ों द्वारा मांसपेशियों को आराम देकर और वायुमार्ग (ब्रांकाई) को चौड़ा करके सांस लेना आसान बनाती है।
अस्थमा, वायुमार्ग की सूजन के कारण होने वाली एक सामान्य फेफड़ों की स्थिति। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और फेफड़ो की सूजन के दौरान इंजेक्शन अच्छी तरह से कार्यरत बनता है।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड के प्रभाव को बढ़ाने के लिए ब्रोन्कोडायलेटर्स इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। यदि लंबे समय तक इस इंजेक्शन का उपयोग किया जाए तो, शरीर की कार्य क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
डेरीफाइलिन इंजेक्शन के मुख्य घटक Deriphyllin Injection Content
मुख्य रूप से डेरीफाइलिन इंजेक्शन में दो घटक पाए जाते है। पहला थिओफाइलिन और दूसरा इटोफाइलिन नामक घटक। अब जानते है इंजेक्शन में यह घटक कितनी मात्रा में पाए जाते है।
- थिओफाइलिन (Theophylline) – 84.7 mg
- इटोफाइलिन (Etophylline) – 25.7 mg
डेरीफाइलिन इंजेक्शन का उपयोग Deriphyllin Injection Uses In Hindi
अनगिनत फायदों से भरपूर डेरीफाइलिन इंजेक्शन बहुत सी समस्याओ का हल करने में उपयोगी है। सामान्य तौर पर लोग इसे सिर्फ सांस सम्बन्धित समस्याओ का इलाज मानते है। मगर अन्य कुछ स्वास्थ्य विकार में भी इसका उपयोग किया जाता है।
- अस्थमा की समस्या
- ब्रोंकाइटिस के दौरान
- क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस में
- सांस लेने में दिक्क्त
- घबराहट होना
- खांसी की समस्या
- छाती में जकड़न
डेरीफाइलिन इंजेक्शन के फायदे Benefits Of Deriphyllin Injection
खास कर श्वसन सम्बंधित समस्या से पीड़ित व्यक्ति इस इंजेक्शन का ज़्यादा उपयोग करते है। साथ ही इंजेक्शन लगवाने पर अन्य कुछ स्वास्थ्य लक्षी लाभ मिलते है।
(1) अस्थमा का अक्सीर इलाज
अस्थमा यानि दमा वायु मार्ग में आयी सामान्य सूजन की बीमारी है। जो मुख्यतर बड़ी उम्र के व्यक्तियों में ज़्यादा दिखी जाती है। भारत में अस्थमा पीड़ित मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
अस्थमा का अक्सीर इलाज चाहते है तो डेरीफाइलिन इंजेक्शन का उपयोग करे। जैसे की हमने ऊपर बताया दवा ब्रांकोडायलेटर के रूप में कार्य करती है। इससे वायु मार्ग में आयी तमाम प्रकार की दिक्क़ते दूर होती है।
(2) छाती में जकड़न
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक छाती में भारीपन या जकड़न की समस्या एक साँस सम्बंधित बीमारी है। ज़्यादातर यह समस्या ठंड के मौसम में दिखी जाती है। समान्यतौर पर सर्दी-जुकाम के कारण होने वाली छाती में जकड़न की समस्या 7-10 दिनों में ठीक हो जाती है।
यदि छाती में जकड़न की समस्या ज़्यादा बढ़ गयी हो तो Deriphyllin Injection लगवाना चाहिए। इंजेक्शन के कारण बहुत आसानी से यह परेशानी दूर हो जाती है। इससे बहुत कम समय में आपको अच्छे परिणाम मिलते है।
(3) COPD के उपचार में
सीओपीडी बीमारी का पूरा नाम क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस/सीओपीडी या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग्स डिसीस होता है। यह एक गंभीर बीमारी है जो फेफड़ो के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करती है।
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस के उपचर में डेरीफाइलिन इंजेक्शन बहुत उपयोगी है। बीमारी के कारण सांस लेने की परेशानी होती है। मगर इंजेक्शन लेने पर सीओपीडी सम्बंधित सभी दिक्क्तों में राहत मिलती है।
(4) घबराहट को दूर करे
घबराहट या बेचैनी को मेडिकल भाषा में एंग्जायटी (Anxiety) कहा जाता है। सांस की कोई बीमारी हो तो घबराहट होने की समस्या रहती है। आमतौर पर ऐसे वक्त में लंबी-लंबी साँसे लेने की सलाह दी जाती है।
मगर यह परेशानी ज़्यादा हो तो डेरीफाइलिन इंजेक्शन फायदेमंद है। यह दवा से श्वसन मार्ग में आयी तमाम प्रकार की दिक्क़ते खतम होती है। जिस कारण घबराहट की परेशानी भी इससे दूर होती है।
(5) सांस लेने में आसानी
खास कर वायु प्रदूषण के कारण श्वसन सम्बंधित रोग खड़े होते है। इसके अलावा सिगरेट और धूम्रपान के कारण भी सांस लेने में दिक्क्त होती है। सांस लेने में बार-बार परेशानी हो तो यह कोई गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है।
Deriphyllin Injection का उपयोग करने पर सांस लेने में आसानी रहती है। इस दवा के कारण हमारी ब्रीथिंग बहुत अच्छी तरह से कार्यरत बनती है। श्वसन लक्षी बीमारी के मरीज इसे बिना हिचकिचाहट लगवा सकते है।
(6) श्वास नली की सूजन दूर करे
श्वसन नली में आयी सूजन को हम ब्रॉन्काइटिस विकार के नाम से जानते है। यह बीमारी बच्चो से लेकर बड़ी उम्र की व्यक्तियों तक किसी में भी हो सकती है। इस बीमारी में लगातार खांसी आने के साथ फेफड़ों में संक्रमण तेजी से बढ़ता है।
ब्रॉन्काइटिस विकार से छुटकारा दिलाने में डेरीफाइलिन इंजेक्शन मददगार है। इंजेक्शन लगवाने पर सांस की नली में आयी सूजन आसानी से दूर होती है। जिस कारण हम आराम से सांस ले पाते है।
(7) खांसी की समस्या में राहत
खांसी एक प्रकार का रिएक्शन होता है जो शरीर में किसी बाहरी कीटाणु के संक्रमण के कारण होता है। मुख्य तौर पर खांसी दो प्रकार की होती है, कफ वाली और सुखी खांसी। दोनों प्रकार की खांसी में संक्रमण कारक जीवाणु पाए जाते है।
इन्हे दूर करने के लिए आप डेरीफाइलिन इंजेक्शन का सहारा ले सकते है। यदि लंबे समय तक खांसी की समस्या चली आ रही है। तो इस इंजेक्शन के कारण ऐसी ज़िद्दी खांसी में भी राहत मिल जाती है।
(8) एम्फिसीमा
एम्फिसीमा (Emphysema) क्रोनिक अवरोधक फुफ्फुसीय विकार का एक प्रकार है। जो फेफड़ों में हवा की थैली को बढ़ाता है और इससे लोच को भी कम कर देता है। एम्फिसीमा से पीड़ित लोग भी क्रोनिक ब्रोंकाइटिस से पीड़ित होते है।
इन दोनों परिस्थितियों में डेरीफाइलिन इंजेक्शन लगवाना लाभकारक है। बीमारी के कारण डैमेज हुए लंग्स सेल्स को यह इंजेक्शन ठीक करता है। एम्फिसीमा से पीड़ित मरीज इस इंजेक्शन को लगा कर अपनी समस्या का समाधान कर सकते है।
डेरीफाइलिन इंजेक्शन के नुकसान Side Effects Of Deriphyllin Injection
लाभकारी गुणों से भरपूर डेरीफाइलिन इंजेक्शन लगाने पर अनेक फायदे प्राप्त होते है। पर इसे गलत तरीके से लगवाने से इसके थोड़े-बहुत नुकसान भी दिखे जाते है।
- त्वचा पर रेडनेस आना
- दर्द होना
- जलन महसूस करना
- खुजली होना
- मरोड़ आना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सिरदर्द की समस्या
- अनियमित दिल की धड़कन
- नींद आना
- अधिक सुस्ती महसूस करना
डेरीफाइलीन इंजेक्शन लगाते वक्त यह सावधानिया रखे
इंजेक्शन के कारण कोई साइड इफेक्ट्स न हो इसलिए इंजेक्शन लगवाने पर कुछ सावधानिया रखनी चाहिए।
- यदि आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे है, तो इंजेक्शन लगवाने से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श जरूर करे।
- गर्भावस्था के दौरान इंजेक्शन लगवाना नुकसानकारक हो सकता है।
- स्तनपान कराने वाली महिलाए इसे ले सकती है, मगर इंजेक्शन लगवाने के लगभग 3 घंटे तक बच्चे को स्तनपान नहीं करवाना चाहिए। इंजेक्शन का प्रभाव माता एवं शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
- इंजेक्शन लगवाने के बाद शरीर में कमजोरी या सुस्ती महसूस होती है। इसलिए इंजेक्शन लगवाने के बाद थोड़ा आराम कीजिए।
- यदि आप नियमित रूप से इंजेक्शन लगवाते है तो डॉक्टर की सलाह के बगैर दवाई का उपयोग बंद ना करे।
- कम आयु वाले बच्चे को यह इंजेक्शन ज़्यादा नहीं देना चाहिए।
डेरीफाइलिन इंजेक्शन की कीमत Deriphyllin Injection Price
यह दवाई सिरप, टेबलेट और इंजेक्शन तीनो रूप में मौजूद है। इंजेक्शन लगाते है तो इसे स्वास्थ्य निष्णांत द्वारा ही लगवाना चाहिए। इंजेक्शन बहुत ही सस्ते दाम में डॉक्टर की पर्ची द्वारा मिल जाता है।
- Deriphyllin Injection – ₹6 (2 ml)
इंजेक्शन को आप किसी नज़दीकी मेडिकल स्टोर या हॉस्पिटल से ले सकते है। इसके अलावा ऑनलाइन आर्डर कर के इंजेक्शन को ख़रीदा जा सकता है।
सवाल जवाब (FAQ)
डेरीफाइलिन इंजेक्शन को लेकर लोगो के मन में अनेक प्रकार के प्रश्न है। उनमे से जो सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल है, उनके जवाब हमने यहाँ दर्शाए है।
(1) Deriphyllin Injection का उपयोग क्या है?
गुणकारी तत्वों से बना इंजेक्शन कही तरह से उपयोगी है। इंजेक्शन को बहुत से उपयोग में लिया जाता है। जैसे,
Deriphyllin Injection Uses In Hindi
- अस्थमा के उपचार में
- सांस सम्बंधित परेशानी में
- घबराहट की समस्या
- क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस में
- सुखी या कफ वाली खांसी होना
- छाती में जकड़न
(2) किडनी पर डेरीफाइलिन इंजेक्शन का प्रभाव होता है?
किडनी स्वास्थ्य पर कभी कभार इंजेक्शन का दुष्प्रभाव होने की संभावना रहती है।
(3) लिवर स्वास्थ्य पर डेरीफाइलिन इंजेक्शन की क्या असर होती है?
इंजेक्शन के कारण लिवर का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसलिए यदि दवा का कोई भी साइड इफ़ेक्ट दिखे तो इंजेक्शन लेना तुरंत बंद करे।
(4) क्या डेरीफाइलिन इंजेक्शन हृदय को प्रभावित करता है?
अगर कोई व्यक्ति पहले से ही हृदय सम्बंधित समस्याओ से जूझ रहा है। तो उसे डेरीफाइलिन इंजेक्शन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
आशा करती हु Deriphyllin Injection Uses In Hindi की पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। पोस्ट पसंद आयी हो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।