रागी क्या है, रागी खाने के 10 चमत्कारी फायदे | Ragi Hindi Name And Meaning

स्वादिष्ट व्यंजनों में उपयोग होने वाला रागी क्या है? यह सवाल हर किसी के मन में आता है। तो रागी एक प्रकार की औषधि है, जिसके द्वारा अनाज बनता है। Ragi को हिंदी में रागी, मंडुआ और नाचनी के नाम से जाना जाता है।

रागी क्या है, रागी खाने के 10 चमत्कारी फायदे | Ragi Hindi Name And Meaning

लगभग 4000 हजार वर्ष पहले भारत में रागी का पौधा लगाया गया था। यह पौधा ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रो में ज़्यादा देखने मिलता है। भारत के साथ अफ्रीका की कही जगहों पर भी यह पौधा उगता है।

विश्व भर में रागी की अनेक किस्मे पायी जाती है। मगर भारत में मुख्य रूप से रागी की 2 प्रजातियां मौजूद है।

  1. जंगली प्रजाति
  2. खेती वाली प्रजाति (एलुसीन कोराकाना)

भारत में उपरोक्त दोनों प्रकार के रागी है, लेकिन सबसे अधिक उपयोग एलुसीन कोराकाना यानि खेत वाली प्रजाति का होता है। इस अनाज में मुख्यरूप से अमीनो अम्ल मेथोनाइन पाया जाता है।

स्वास्थ्य प्रेमी लोग अपनी बेहतर तंदुरस्ती के लिए रागी से निर्माण हुए खुराक खाना पसंद करते है। रागी के अनाज द्वारा पाउडर और आटा भी बनता है। जिससे बनी रोटी खाने पर कही स्वास्थ्यकिय फायदे मिलते है।

रागी क्या है (What Is Ragi In Hindi)

पोषक गुणों से भरपूर रागी एक अनाज की प्रजाति है। जिसका वैज्ञानिक नाम एलुसीन कोरकाना (Eleusine coracana) है। यह भारत में उत्पादित होने वाले प्रमुख अनाजों में से एक है।

दिखने में यह बिलकुल राइ की तरह होता है। रागी का बीज गोलाकार छोटे दाने जैसा होता है। इसका रंग हल्का सा भूरा या लाल होता है। दूसरे अनाज के मुकाबले यह लंबे समय तक सुरक्षित रह सकता है।

मूल रूप से रागी इथियोपिया देश की पैदाइश है। यह भारत के कर्नाटक ,उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणांचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और आन्ध्र प्रदेश में उत्पादित होता है।

रागी का पौधा समुंद्र तल से 2000 मीटर के ऊपर तक उगता है। खरीफ मौसम में रागी की खेती ज़्यादा होती है। बुलाई मिट्टी में आसानी से इसकी खेती हो सकती है।

रागी के अन्य नाम (Ragi Names In Hindi)

भारत और विश्व के अन्य देशो में रागी को कही नाम से बुलाया जाता है। यहाँ की प्रादेशिक भाषाओ में भी रागी के अलग नाम देखने मिलते है।

  • फिंगर मिलेट : इंग्लिश
  • मंडुआ, नागची, रागी : हिंदी
  • केलवारगु : तमिल
  • रागी : राजस्थानी
  • नावतो नागली : गुजराती
  • नृत्य कुँडल : संस्कृत
  • रागुलु : तेलुगु
  • नचिरी : मराठी
  • मुत्तरी : मलयालम

रागी के पोषक तत्व (Ragi Nutritional Value)

आयुर्वेदिक दृष्टि से रागी बहुत लाभकारी अनाज है। क्यों की इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। निचे हमने प्रति 100 ग्राम रागी में मौजूद पौष्टिक तत्वों की जानकारी दी है।

पोषक तत्व मात्रा 100 ग्राम में
ऊर्जा 328 कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट 72 ग्राम
प्रोटीन 7.3 ग्राम
वसा 1.3 ग्राम
कैल्शियम 344 मिलीग्राम
आयरन 3.9 मिलीग्राम
विटामिन बी1 0.42 मिलीग्राम
नियासिन 1.1 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.19 मिलीग्राम

रागी के 10 फायदे (Benefits Of Ragi In Hindi)

अमीनो अम्ल मेथोनाइन नामक तत्व से भरपूर रागी एक गुणकारी आनाज है। इसमें सबसे ज़्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। जिस कारण यह सेहतकिय दृष्टि बहुत फायदेमंद है।

खास कर दक्षिण भारत के लोग रागी से बने खाद्य पदार्थ का सेवन करना अधिक पसंद करते है। इससे रोटी, डोसा और सांभर जैसे कही स्वादिष्ट व्यंजनों का निर्माण होता है। जिसके सेवन से लोग स्वाद के साथ स्वास्थ्य भी अच्छा रख सकते है।

(1) दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

हृदय सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंग है, जिस कारण इसकी देखभाल करना भी जरूरी है। संशोधन में पाया गया है की रागी के सेवन से हृदय स्वास्थ्य की तंदुरस्ती बरकरार रहती है।

इसके कारण शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। यदि कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त में थक्के जमे है, तो वह भी रागी के नियमित सेवन से दूर हो सकते है।

(2) मधुमेह के नियंत्रण में सहायक

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसका प्रमाण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। भारत में भी मधुमेह से पीड़ितों लोगो की संख्या अधिक है। पर हेल्थी डाइट में रागी को शामिल करने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।

टाइप 2 प्रकार के डायबिटीज का जोखिम कम करने में रागी मददगार है। रागी एक लो ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ है, जो ब्लड में से ग्लूकोज को नियंत्रित कर सकता है। इसके एंटी डायबिटिक गुण मधुमेह में काफी हद तक राहत देते है।

(3) वजन घटाने में है मददरूप

आज कल लोग अपनी अयोग्य आहार शैली के कारण कम उम्र में ही मोटापे जैसी परेशानी का शिकार बनते है। मोटापे को कम करने के लिए ऐसे आहार का सेवन करना योग्य है जिसमे फैट की मात्रा कम हो।

लाभकारी तत्वों से बने रागी में फैट की मात्रा बहुत कम होती है। जिसके सेवन से शरीर में बिनजरूरी चर्बी जमा नहीं होती। वजन कम करने के लिए आप रागी को सेवन में ले सकते है।

(4) हीमोग्लोबिन में बढ़ावा करे

हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने वाला एक मेटल प्रोटीन है। जिसके कारण शरीर की तंदुरस्ती सही बनी रहती है। पर कभी कभार कुछ कारणों से हीमोग्लोबिन स्तर में कमी आती है और इंसान कही रोगो का शिकार बनते है।

शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाए रखने में रागी मददरूप है। जिन लोगो में खून की कमी है वह रागी का सेवन कर सकते है। इससे कम समय में ही खून में बढ़ावा किया जा सकता है।

(5) पाचन तंत्र में सुधार लाए

भोजन को पचाने का कार्य हमारा पाचन तंत्र करता है। लेकिन कुछ बिन आरोग्यप्रद खुराक खा लेने से पाचन में विकार खड़े हो सकते है। इसे दूर करने में रागी अनाज फायदेमंद है।

इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन और फाइबर की उपस्थिति है। जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मददरूप बनते है। सप्ताह में केवल 1 या 2 बार भी रागी से बने खुराक आहार में लेते है तो इससे पाचन क्रिया काफी अच्छी रहती है।

(6) एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर

इंफ्लेमेशन को रोकने के लिए खास कर एंटी इंफ्लेमेटरी गुण वाले खाद्य पदार्थ आहार में लेने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्यकिय गुणों से युक्त रागी अनाज में भी एंटी इंफ्लेमेटरी मौजूद है।

इसके कारण मधुमेह, गठिया, एलर्जी और हृदय में आयी सूजन ठीक हो सकती है। रागी को दैनिक आहार का हिस्सा बनाने पर सभी प्रकार की सूजन से जुडी समस्याओ में राहत मिलती है।

(7) कैल्शियम की आपूर्ति होती है

कैल्शियम एक प्रकार का खनिज तत्व है। जो दांत, हड्डियों और मांसपेशियों को तंदुरस्त रखने का कार्य करता है। कुछ वक्त योग्य आहार न लेने पर शरीर में कैल्शियम नाम के मिनरल की कमी भी आ सकती है

ऐसे में कैल्शियम की कमी को पूर्ण करने में रागी अनाज सहाय रूप है। यह हड्डी, दांत एवं मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। गर्भावस्था के दौरान महिलाए कैल्शियम की आपूर्ति के लिए इससे निर्मित खुराक खा सकती है।

(8) त्वचा के लिए लाभकारी

कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते है जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से सुंदर और स्वस्थ बनाते है। रागी अनाज भी उन्ही में से एक है जिसे आहार में लेने पर त्वचा से संबंधी कही प्रकार की समस्याओ में राहत मिल सकती है।

पौष्टिकता से भरपूर रागी में फेरुलिक एसिड की अधिक मात्रा है। जो सूर्य के हानिकारक UV किरणों से त्वचा का रक्षण करता है। साथ ही यह त्वचा पर एजिंग के प्रभाव को कम करने में सक्षम है।

(9) मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर बनाए

बढ़ती टेक्नोलॉजी और समय के साथ लोग मानसिक समस्याओ का भोग अधिक बन रहे है। ऐसी परिस्थिति में मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखना बेहद जरूरी है। जिसके लिए आपको मस्तिष्तक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले खुराक आहार में लेने है।

एक संशोधन में पाया गया है की मस्तिष्क विकास में रागी मददरूप है। इसके नियमित सेवन से दिमाग से जुडी गंभीर समस्याओ से बचा जा सकता है। अवसाद की स्थिति में ऐसे फ़ूड मानसिक राहत प्रदान करते है।

(10) एंटी कैंसर गुणों से युक्त

कैंसर के खिलाड़ लड़ने वाले या उसे रोकने वाले गुण को एंटी कैंसर गुण कहा जाता है। यह गुण बहुत से लाभकारी आहार में मौजूद होता है। जिसके सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा काफी हद तक टल सकता है।

असल में रागी के अंदर रहे एमिनो एसिड जैसे की मेथिओनाइन, सिस्टीन और लायसिन कैंसर के सामने रोकथाम करते है। इसका डाइट्री फाइबर भी कैंसर की समस्या से बचाव करता है।

(11) प्रोटीन का उत्तम स्त्रोत है

प्रोटीन मानव शरीर के लिए सबसे गुणकारी पोषक तत्व है। शरीर में प्रोटीन की कमी होने से कही रोग होने की संभावना रहती है। लाभकारक रागी के सेवन से प्रोटीन की कमी पूर्ण की जा सकती है।

यह शरीर की मांसपेशियों को तंदुरस्त रख के शारीरिक ऊर्जा प्रदान करता है। आप अपने रोजाना प्रोटीन युक्त आहार में रागी से बने खाद्य पदार्थ को शामिल कर सकते है।

(12) शिशुओं के लिए गुणकारी

अनेक गुणकारी पोषक तत्वों से भरा रागी न ही केवल बड़ो के लिए बल्कि छोटे शिशुओं के लिए भी फ़ायदेकारी है। 6 महीने से ऊपर के शिशुओं को यह दिया जा सकता है। इसमें रहे गुण बच्चो के स्वास्थ्य में विकास करते है।

जिन बच्चो में खून की कमी है उन्हें रागी का सूप पिलाया जा सकता है। रागी कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। जो बच्चो के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अच्छा है।

रागी के नुकसान (Side Effects Of Ragi)

सही प्रमाण में रागी के सेवन से शरीर को अनेक स्वास्थ्यकिय लाभ मिलते है। लेकिन अत्याधिक मात्रा में किसी भी चीज़ का सेवन अच्छा नहीं होता। उसी तरह रागी के अत्याधिक सेवन से भी कुछ नुकसान हो सकते है।

(1) पथरी की समस्या हो सकती है

एक संशोधन में पाया गया था की रागी के अत्याधिक सेवन से किडनी में पथरी की समस्या हो सकती है। क्यों की इसके अंदर कैल्शियम और प्रोटीन की अधिक मात्रा में उपस्थिति है।

किडनी समस्या के मरीजों को भी रागी के अधिक सेवन से दूर रहना चाहिए। वरना इसके कारण किडनी से जुड़े कुछ अन्य विकार भी हो सकते है।

(2) पेट संबंधी विकार हो सकते है

रागी के अंदर अत्याधिक मात्रा में फाइबर मौजूद है। ज़्यादा फाइबर के कारण पेट से जुड़े कुछ विकार खड़े हो सकते है। जिस वजह से रागी का ज़्यादा सेवन पेट दर्द का कारण भी बन सकता है।

इसके कारण पेट विकार जैसे की गैस, पेट फूलना और पेट में ऐंठन जैसी समस्याए हो सकती है। इसलिए हमेशा उचित मात्रा में ही रागी का सेवन करे।

(3) एलर्जी होने की संभावना है

कुछ लोगो को कभी कभार किसी आहार के कारण परेशानी होती है, जिसे फ़ूड एलर्जी कहा जाता है। रागी के अत्यधिक सेवन की वजह से फ़ूड एलर्जी हो सकती है।

इस एलर्जी की वजह से आपको खाना न पचना या उलटी होने जैसे लक्षण दिखाओ देते है। इसके आलावा भी रागी के कारण अन्य एलर्जी भी हो सकती है।

(4) बच्चो को नुकसान हो सकता है

वैसे तो रागी के लाभ बच्चो और शिशुओं के लिए भी अच्छे है। लेकिन बच्चो को ज़्यादा मात्रा में रागी का सेवन कराने पर उनके स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।

छोटे बच्चो को रागी से तैयार हुए दूषित खुराक भी नुकसान पंहुचा सकते है। इसलिए हमेशा छोटे बच्चो को रागी से बने पौष्टिक और ताज़े आहार ही दे।

रागी के उपयोग (Uses Of Ragi In Hindi)

आवश्यकताओ के अनुसार हर जगहों पर रागी का अलग अलग रूप से इस्तेमाल किया जाता है। विश्व के अन्य देशो में रागी का कही तरह से उपयोग होता है। यहाँ हमने भारत में होने वाले रागी के उपयोग की जानकारी दर्शाई है।

  • रागी औषधि से कही गुणकारी दवाइयों का निर्माण होता है।
  • रागी की औषधि में इसके बीज पाए जाते है, जिसे अनाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • इन बीजो में से रागी के पाउडर और आटे का निर्माण होता है।
  • दक्षिण भारत में रागी से तैयार हुई इडली काफी लोकप्रिय है।
  • रागी के आटे द्वारा पूरी, रोटी और पराठे बनाए जाते है।
  • दक्षण भारतीय त्योहारों में रागी का हलवा भी बनाया जाता है।
  • बच्चो के लिए आप रागी के टेस्टी बॉल्स बना सकते है।
  • रागी द्वारा बनी चकली को काफी पसंद किया जाता है।
  • रागी के पाउडर द्वारा उबटन और फेसपेक भी बनाया जाता है।
  • इसे पानी में उबाल कर गुणकारी काढ़ा बनाया जाता है।
  • रागी से निर्माण हुए डोसा खाने में स्वादिष्ट होते है।
  • इससे लड्डू एवं बिस्कुट भी बनाए जा सकते है।
  • कुछ जगहों पर रागी से मदिरा बनाई जाती है।

रागी के स्वादिष्ट व्यंजन (Ragi Recipe In Hindi)

केवल स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि स्वाद की दृष्टि से भी रागी बहुत अच्छा होता है। इसके द्वारा कही स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते है। निचे हमने रागी के कुछ भोजन की रेसिपी दर्शाई है।

(1) रागी का डोसा

दक्षिण भारत में लोकप्रिय रागी का डोसा बनाना बहुत आसान है। निचे दर्शाई सामग्री द्वारा आप इसे सरलता से तैयार कर सकते है।

सामग्री

  1. 1 कप रागी का आटा
  2. 1/4 कप चावल का आटा
  3. 1/4 कप अडद दाल का आटा
  4. 1 चम्मच पीसा हुआ धनिया
  5. 1/2 चम्मच नमक
  6. पानी (आवश्यकता अनुसार)
  7. तेल (दोसा बनाने के लिए)

तरीका

  • सभी आटा एवं मसालों को एक बड़े पात्र में ले लीजिये।
  • फिर धीरे-धीरे पानी मिलाते हुए गाढ़ा मिश्रण तैयार करे, ध्यान रखें मिश्रण ढीला न हो।
  • मिश्रण को 4-5 घंटे तक ढक कर रख दे या आप इसे रात भर के लिए तैयार कर सकते है।
  • डोसा बनाने के लिए एक नॉन-स्टिक तवे को मध्यम आंच पर गरम करे फिर तवे पर थोड़ा तेल लगाए।
  • तैयार मिश्रण को चम्मच से ले कर तवे पर घोलें और धीरे-धीरे गोलाकार में फैला दे।
  • फिर इसमें तेल की कुछ बूंदे डाले और मिश्रण पर सुनहरी कुरकुरी होने तक तले।
  • डोसा को दूसरी तरफ भी ऐसे ही तल लीजिये।
  • अंत में रागी के डोसे को हरी चटनी या टमाटर की चटनी के साथ गरमा गरम सर्व करे।

(2) रागी का हलवा

स्वाद से भरपूर मीठा रागी का हलवा हर किसी के मुँह में पानी ला देता है। आप चाहे तो रागी के इस हलवे को कम समय में भी तैयार कर सकते है।

सामग्री

  1. 1 कप रागी आटा
  2. 1/2 कप गुड़ या चीनी
  3. 1/4 कप घी या तेल
  4. 3-4 इलायची
  5. 1 चम्मच काजू और बादाम कटा हुआ
  6. 4 कप पानी

तरीका

  • सबसे पहले आप सभी मसालों को एक बाउल में इकठा कर ले।
  • अब आटे को एक कढ़ाई में तेल या घी डाल कर गरम कीजिये।
  • बाद में जरूरत अनुसार रागी का आटा डाले।
  • थोड़ी देर तक इसे अच्छे से भून लीजिये।
  • थोड़ा भून जाने के बाद इसमें चीनी या गुड़ डाल दे।
  • जब इस मिश्रण में से हल्की की खुशबु आने लगे तब तक मिक्स करे रहे।
  • जब तक मिश्रण सही तरह से सुख न जाए तब तक इसे गरम करे।
  • बाद में इसके ऊपर काजू बादाम काट कर डाले।

सवाल जवाब (FAQ)

अनेक लाभकारी पोषक गुणों के खजाने रागी के बहुत से फायदे है। गुणकारी रागी को लेकर लोगो में अधिक प्रश्न है, जिनमे से मुख्य सवालों के जवाब हमने यहाँ दर्शाए है।

(1) रागी क्या होता है?

पौष्टिकता से भरपूर रागी एक प्रकार के वनस्पति है, जिसके द्वारा रागी के बीज या रागी अनाज का निर्माण होता है।

(2) रागी अनाज क्या होता है?

आयुर्वेदिक रागी औषधि में से मिलते बीजो को सुखाकर जो अनाज बनता है, उसे रागी का अनाज कहते है।

(3) रागी खाने के क्या फायदे है?

सेहत प्रेमी लोग रागी का सेवन कर के अनेक फायदे प्राप्त कर सकते है। जैसे की,

  1. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी
  2. हृदय लक्षी समस्याओ में फायदेमंद
  3. कैल्शियम की कमी पूर्ण करे
  4. मानसिक विकास में फायदेमंद
  5. त्वचा के लिए उत्तम है

(4) रागी के आटे को उत्तर भारत में क्या कहते है?

रागी के आटे को उत्तर भारत में नचनी के नाम से जाना जाता है।

(5) रागी में सबसे ज्यादा क्या पाया जाता है?

रागी में सबसे ज़्यादा प्रोटीन अत्याधिक मात्रा में पाया जाता है।

आशा करती हु रागी सम्बंधित पूरी जानकरी देने में सफल रही हु। पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

DAWAiLAJ
Logo