पनीर जैसा दिखने वाला टोफू क्या होता है? यह सवाल अक्सर मन में आता है। तो सफ़ेद रंग का टोफू मुख्यरूप से सोया दूध से निर्माण होने वाला एक खाद्यपदार्थ है। जिसे वेगन और पौष्टिक डाइट में महत्वपूर्ण स्थान मिला है।
कही लोग पनीर और टोफू को एक समझ लेते है। मगर इन दोनों में थोड़ा बहुत अंतर देखने मिलता है। पनीर की तरह टोफू में भी पोषक तत्वों का खजाना होता है। इससे कही पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन बनते है।
सोया दूध को जमा कर टोफू को बनाया जाता है। बनावट और रूप में टोफू बिलकुल पनीर के जैसा सफ़ेद और नरम होता है। टोफू का स्वाद हल्का सा खट्टा होता है, जिस कारण टोफू को सोया दही भी कहा जाता है।
सर्वसामान्य रूप से टोफू के कुल 5 प्रकार होते है।
- सिल्कन टोफू
- रेगुलर टोफू
- फर्म टोफू
- एक्स्ट्रा फर्म टोफू
- सुपर फर्म टोफू
ज़्यादातर लोग इनमे से रेगुलर टाइप के टोफू को खरीदना पसंद करते है। भारत की जनता सबसे ज़्यादा फर्म और रेलुलर टोफू का उपयोग करती है।
टोफू क्या होता है (What Is Tofu In Hindi)
पनीर जैसा दिखने वाला टोफू एक प्रकार का पौष्टिक खाद्यपदार्थ है। यह सोया के दूध से बनता है, जिसे वेजिटेरिअन और वेगन डाइट में महत्वपूर्ण स्थान मिला है।
कहा जाता है की लगभग 2000 साल पहले टोफू की उत्पति हुई थी। इसे सबसे पहले चीन में ही बनाया जाता था। धीरे धीरे अपनी पौष्टिकता और गुणधर्म के कारण यह दुनियाभर में फ़ैल चूका है।
वैसे तो टोफू बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है। मगर टोफू के कुछ विभिन्न प्रकार को बनाना थोड़ा मुश्किल होता है। पनीर के मुकाबले टोफू को बनाना थोड़ा कठिन होता है। फ्रीज में टोफू को रख कर आप इसका उपयोग 2-3 दिन तक कर सकते है।
8वीं शताब्दी के दौरान जापान में इसका इस्तेमाल शुरू हुआ था। उन्नीसवीं सदी के चलते लोग इसे खाद्यपदार्थ के रूप में उपयोग में लेने लगे। आज दुनियाभर में स्वास्थ्यकारी आहार के रूप में टोफू लोकप्रिय है।
टोफू और पनीर में अंतर (Difference Between Tofu And Paneer)
कही लोग पनीर और टोफू को एक ही समझ लेते है। मगर इन दोनों में कुछ थोड़ा बहुत अंतर है। यहाँ हमने पनीर और टोफू के बिच का अंतर समझाया है।
पनीर
- पनीर गाय या भैंस के दूध से निर्माण होता है।
- शाकाहारी भोजन में पनीर का महत्वपूर्ण स्थान है।
- पनीर बहुत नरम और सफ़ेद रंग का होता है।
- पनीर की उत्पत्ति भारत में हुई थी।
- इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व मौजूद है।
टोफू
- टोफू को सोया मिल्क से बनाया जाता है।
- वेगन डायट में टोफू खाया जाता है।
- टोफू अधिक नरम नहीं होता।
- चीन में सबसे पहले टोफू बना था।
- इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम की अधिक मात्रा है।
टोफू के पौष्टिक गुणों की जानकारी
स्वास्थ्य लक्षी खाद्यपदार्थ टोफू अनेक समस्याओ में राहत दे सकता है। जिसके पीछे उसमे मौजूद पोषक गुण जिम्मेदार है। तो आइए जानते है टोफू में कितने पोषक गुण है।
- ऊर्जा : 5.78 ग्राम
- प्रोटीन : 477 केसीएल
- फैट : 52.47 ग्राम
- ऐश : 30.34 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट : 1.38 ग्राम
- फाइबर : 10.3 ग्राम
- कैल्शियम : 364 मिलीग्राम
- आयरन : 9.73 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम : 9.73 मिलीग्राम
- फ़ास्फ़रोस : 59 मिलीग्राम
- पोटेशियम : 483 मिलीग्राम
- सोडियम : 6 मिलीग्राम
- ज़िंक : 4.9 मिलीग्राम
- कॉपर : 1.179 मिलीग्राम
- मैगनीज : 3.689 मिलीग्राम
- सेलेनियम : 54.3 माइक्रोग्राम
- विटामिन सी : 0.7 मिलीग्राम
- थायमिन : 0.494 मिलीग्राम
- राइबोफ्लेविन : 0.317 मिलीग्राम
- नियासिन : 1.189 मिलीग्राम
- पैंटोथेनिक एसिड : 0.415 मिलीग्राम
- विटामिन बी 6 : 0.286 मिलीग्राम
- फोलेट : 92 माइक्रोग्राम
- विटामिन ए : 26 माइक्रोग्राम
- फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड : 4.388 ग्राम
- फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड : 6.701 ग्राम
- फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड : 17.128 ग्राम
टोफू कैसे बनता है (Tofu Making Process)
वैसे तो ज़्यादातर लोग बहार से ही टोफू खरीद कर लाते है। मगर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार घर में बना टोफू ज़्यादा लाभकारी होता है। यहाँ हमने घर पर आसानी से टोफू बनाने की सारी जानकारी दी है।
मुख्य सामग्री
- 2 लीटर सोयाबीन का दूध
- 2 या 3 मात्रा में नींबू
बनाने की विधि
- 400 ग्राम टोफू बनाने के लिए 2 लीटर सोयाबीन दूध की जरूरत पड़ती है।
- सबसे पहले सोयाबीन दूध को एक पतेली में लीजिये।
- गैस पर यह पतेली को रखिये और थोड़ा उबलने दीजिये।
- दूसरी तरफ थोड़ा सा गुनगुना पानी लीजिये और उसमे नींबू का रस डाले।
- पनीर की तरह ही इसमें दूध को फाड़ना होता है।
- इसके लिए सोया मिल्क में आप साइट्रिक एसिड यानि नींबू के रस वाले मिश्रण को डाले।
- अब चम्मच की मदद से आप मिश्रण को थोड़ा हिलाते रहे।
- इसे धीरे-धीरे हिलाते रहिये जब तक दूध फटना शुरू न हो जाए।
- यह प्रक्रिया आसानी से 10 से 15 मिनिट तक हो जाती है।
- चम्मच से दूध को हिलाए क्यों की इससे टोफू ज्यादा सॉफ्ट होता है।
- यह प्रक्रिया के बाद दूध और उसमे रहे पानी को अलग करना होता है।
- इसके लिए आप एक स्वच्छ कपड़े की मदद ले।
- अब कपड़े को थोड़ा गिला कर लीजिए और चलनी के ऊपर रखे।
- कपड़े में टोफू को बांध कर उसमे से पानी निकाल लीजिये।
- बचा हुआ पानी निकालने के लिये कपड़े में बंधे टोफू को किसी भारी चीज से दबा कर रखे।
- केवल 30-40 मिनिट में ही आपको अच्छे और मुलायम टोफू मिल जायेगे।
- जिसके द्वारा आप आसानी से कोई भी स्वादिष्ट व्यंजन बना सकते है।
टोफू के 10 फायदे (Benefits Of Tofu In Hindi)
हेल्थी डायट में शामिल होने वाला टोफू पोषक गुणों से भरपूर है। जिस कारण यह कही बीमारियों और उसके लक्षणों से राहत पाने में हमारी मदद करता है।
आयरन और प्रोटीन के स्त्रोत टोफू के बहुत से फायदे है। जैसे की यह हृदय, लिवर और किडनी स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकता है। इससे मिलने वाले फायदों की पूरी जानकारी हमने निचे दर्शाई है।
(1) प्रोटीन का उत्तम स्त्रोत
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। प्रोटीन की कमी के कारण बहुत सी स्वास्थ्य लक्षी समस्या हो सकती है। इसलिए आहार में प्रोटीन हो वैसे खुराक लेने चाहिए।
गुणकारी पोषक तत्वों से भरपूर टोफू प्रोटीन का एक उत्तम स्त्रोत है। यदि शरीर में प्रोटीन की कमी हो तो आप टोफू को सेवन में ले सकते है।
इसके कारण मांसपेशियों, हड्डियों और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाए भी इसका सेवन बिना हिचकिचाए कर सकती है।
(2) लिवर के लिए फायदेमंद
लिवर जिसे हम सामान्य भाषा में विकृत या जिगर के नाम से जानते है वह शरीर का एक अभिन्न अंग है। यह शरीर में भोजन पचाने से लेकर पित्त बनाने तक का काम करता है।
मगर कुछ बार अयोग्य खान पान और आहारशैली के कारण लिवर विकार खड़े हो सकते है। ऐसे में आप स्वास्थ्यकिय टोफू का उपयोग कर सकते है।
एक शोध के मुताबिक इसमें एसिटामिनोफेन की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट और हेपटोप्रोटेक्टिव गुण से भरपूर है। जो लिवर को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने में सक्षम है।
(3) कैल्शियम से है भरपूर
कैल्शियम एक प्रकार का मिनरल होता है, जो दांत, हड्डियां और मांसपेशियों के लिए महत्वपूर्ण है। कैल्शियम की कमी से ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों और जोड़ों में जकड़न, दांतों में दर्द, ड्राई स्किन, नाखून का कमजोर होना और टूटना जैसी समस्याए होती है।
शरीर में कैल्शियम बढ़ाने के लिए आप डायट में टोफू को शामिल कर सकते है। फोर्टिफाइड टोफू के अंदर सबसे अधिक मंत्र में कैल्शियम पाया जाता है।
जो लोग दूध से निर्मित या मांसाहार से दूर रहना चाहते है। उनके लिए टोफू कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है। जिसके द्वारा वह सरलता से अपने शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते है।
(4) एंटी कैंसर गुणों से युक्त
सामान्य तोर पर मोटापा, पोषण की कमी, एक गतिहीन जीवन शैली और शराब के कारण कैंसर होता है। इसके आलावा भी कैंसर होने के कही कारण है।
कैंसर के खतरे को टालने के लिए आप अपने नियमित भोजन में टोफू को शामिल कर सकते है। इसमें मौजूद आइसोफ्लेवोंस नामक तत्व कैंसर जैसी गंभीर समस्या में बचाव कर सकता है।
टोफू के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के जोखिम कम किया जा सकता है। यह कैंसर का कोई कारगर इलाज तो नहीं है। मगर कैंसर के शुरुआती लक्षण इससे दूर हो सकते है।
(5) मेनोपॉज के लक्षणों में
जब मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो जाए तब इसे रजोनिवृत्ति (Menopause) कहा जाता है। यह प्रक्रिया खास कर 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओ में देखने मिलती है।
मेनोपॉज के कुछ गंभीर लक्षण भी हो सकते है। जैसे की अत्यंत थकन महसूस होना, अवसाद की स्थिति, योनि में सूखापन और संभोग करने की इच्छा में कमी आना। ऐसे लक्षणों को दूर करने के लिए टोफू का इस्तेमाल करना बेहतर है।
इसमें कभी कभार अत्याधिक पसीना और शरीर में तेज गर्मी की परेशानी हो सकती है। लेकिन टोफू के सेवन से शारीरिक ठंडक मिलती है, और मेनोपॉज के लक्षण कम होते है।
(6) वेटलॉस के लिए टोफू
आज कल कही लोग ऐसे है जो अत्याधिक वजन या मोटापा से परेशान है। उनके लिए आहार में टोफू लेना काफी लाभकारी है। टोफू अत्याधिक भूख को नियंत्रित कर सकता है।
एक संशोधन अनुसार कहा गया है की सोया प्रोडक्ट्स से जल्दी वजन कम होता है। मोटापे को असरदार रूप से दूर करना चाहते है तो टोफू बेस्ट फ़ूड है।
सोया प्रोडक्ट में रहा आइसोफ्लेवोंस नाम का तत्व शरीर की अत्याधिक चर्बी मिटाने में सक्षम है। साथ ही इसके रोजाना सेवन से ज़्यादा भूख भी नहीं लगती और एनर्जी भी मिलती है।
(7) हृदय स्वास्थ्य में प्रभावकारी
मानव शरीर में हृदय का एक विशिष्ट स्थान है, इसके बिना संभव ही नहीं है। इसलिए बहुत से स्वास्थ्य प्रेमी लोग अपने आहार में हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी टोफू लेना पसंद करते है।
यदि आप केवल हफ्ते में 2 बार भी टोफू का सेवन करते है, तो इससे हृदय रोग होने का खतरा टलता है। साथ ही हृदय से जुडी अन्य समस्याओ में भी इसके कारण राहत मिलती है।
असल में टोफू के अंदर रहा आइसोफ्लेवोंस पोषक गुण हृदय को अनेक बीमारियों से बचाने में सक्षम है। यदि आपको हृदय लक्षी समस्या है तो टोफू का उपयोग जरूर करे।
(8) किडनी के लिए लाभकारी
किडनी शरीर में खून साफ़ करने का कार्य करती है। लेकिन आसपास के वातावरण और आहारशैली के कारण किडनी को कुछ दुष्प्रभाव होते है।
टोफू के अंदर उच्च मात्रा में सोया प्रोटीन होता है, जो किडनी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। किडनी की समस्या से परेशान लोग डॉक्टर की सलाह अनुसार इसे आहार में ले सकते है।
स्वास्थ्य वर्धक फ़ूड टोफू के अंदर भरपूर मात्रा में पोटेशियम मौजूद है। जो किडनी स्वास्थ्य को अच्छा रखने में मददरूप है। किडनी के मरीज इसे सप्ताह में 3 बार खाने में ले।
(9) याददास्त बढ़ाने में उपयोगी
उम्र बढ़ने के साथ यादशक्ति कम होना एक सामान्य बात है। जिसके आलावा ज़्यादा नशे करने वालो में भी याददास्त को लेकर विकार खड़े होते है।
ऐसे में अपनी याद शक्ति को बरकरार रखने के लिए आप टोफू का इस्तेमाल कर सकते है। इसमें कैल्शियम, मेग्नेशियम, पोटेशियम, फोलेट, आयरन विटामिन ई और विटामिन बी 6 की अच्छी मात्रा है।
यह सभी पोषक गुण दिमागी स्वास्थ्य के लिए लाभकारक है। जिन लोगो की याद शक्ति कमज़ोर है वह अपनी याददास्त को तेज करने के लिए टोफू खा सकते है।
(10) सौंदर्य समस्या मिटाए
अयोग्य खान पान के कारण शरीर स्वास्थ्य के साथ सौंदर्य पर भी असर होता है। जिस कारण त्वचाकीय और बाल सम्बंधित समस्याए होती है।
मगर टोफू के सेवन से बाल और त्वचा दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। यदि आपके बाल ज़्यादा झड़ रहे है या स्किन सम्बंधित समस्या हो तो टोफू का सेवन करना सही है।
सौंदर्य समस्याओ के उपचार में टोफू खाना लाभदायक है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व त्वचा की रक्षा करते है। साथ ही टोफू में रहा प्रोटीन बालों को झड़ने से रोकता है।
टोफू के नुकसान (Side Effects Of Tofu In Hindi)
आमतौर पर टोफू खाने के बहुत से फायदे है। लेकिन कभी कभार इसका अत्याधिक सेवन करने पर कुछ स्वास्थ्यकिय समस्या हो सकती है।
(1) दस्त होना
सामान्य रूप से अयोग्य खान पान के कारण दस्त की समस्या हो सकती है। यदि आप अधिक मात्रा में टोफू कहते है तो इससे दस्त हो सकता है।
(2) ब्लड क्लॉटिंग की समस्या
शरीर के रक्त में जब थक्के जमने लगे तो इस समस्या को ब्लड क्लॉटिंग कहा जाता है। यदि आप टोफू को हद से ज़्यादा खाते है तो रक्त के थक्के जमने की संभावना रहती है।
(3) पुरुषो के लिए हानिकारक
जान कर हैरानी होगी लेकि टोफू पुरुषो के लिए हानिकारक हो सकता है। क्यों की इसमें मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेन पुरुषो के स्पर्म पर नकारात्मक असर कर सकता है। साथ ही इससे पुरुषो की यौन क्षमता में कमी आ सकती है।
(4) गर्भावस्था में नुकसानकारक
स्वास्थ्य निष्णांत द्वारा गर्भावस्था के दौरान आहार में बहुत सावधानिया रखनी होती है। गर्भावस्था के दौरान टोफू का अत्याधिक सेवन भी नुकसानकारक है।
(5) एलर्जी हो सकती है
टोफू को ज्यादा खाने से एलर्जी भी हो सकती है। जैसे की इससे त्वचा पर रेशिस, सर्दी, थकान, नींद ना आना और सिरदर्द जैसी समस्या हो सकती है।
टोफू का उपयोग (Uses Of Tofu In Hindi)
सभी प्रकार के टोफू स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होते। आप चाहे तो इसे कही तरह से उपयोग में ले सकते है। निचे हमने टोफू के अलग अलग उपयोग के बारे में दर्शाया है।
- गुणकारी टोफू की टेस्टी सैंडविच बना सकते है।
- पनीर की तरह इसकी भी सब्ज़ी या टोफू मसाला तैयार होता है।
- इसे आप तल कर या भून कर खा सकते है।
- कही लोग टोफू की भुर्जी बना कर भी खाते है।
- इसे सलाड के रूप में भी खाया जाता है।
- टोफू का उपयोग सुप के साथ भी कर सकते है।
- पालक या अन्य हरी सब्ज़ियों के साथ टोफू को बना सकते है।
- रोजाना सुबह नाश्ते में डाल कर इसे इस्तेमाल करे।
सवाल जवाब (FAQ)
सोया पनीर के नाम से जाने जाते टोफू को लेकर लोगो के मन में अनेक प्रश्न है। उनमे से मुख्यतर सवालों के जवाब हमने यहाँ दर्शाए है।
(1) टोफू और पनीर में क्या अंतर है?
वैसे तो टोफू और पनीर में बहुत से अंतर है। मगर इसका सबसे बड़ा अंतर यह है की पनीर गाय या भैंस के दूध से बनता है और टोफू सोया दूध से निर्माण होता है।
(2) टोफू खाने से क्या लाभ होता है?
लाभकारी पोषक तत्वों से भरपूर टोफू खाने से कही लाभ होते है। जैसे की,
- वजन तेजी से कम होता है।
- इससे नींद में सुधार आता है।
- कैल्शियम की कमी पूर्ण होती है।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है।
- लिवर विकार दूर करने में सही है।
- प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है।
(3) टोफू बेहतर है या पनीर?
पनीर और टोफू दोनों स्वास्थ्यकिय दृष्टि से अच्छे है। लेकिन आप केवल अपना स्वास्थ्य अच्छा रखना चाहते है तो टोफू सही है। और अच्छा स्वाद भी चाहते है तो पनीर योग्य है।
(4) कौन सा टोफू स्वास्थ्यप्रद है?
आमतौर पर सभी प्रकार के टोफू स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते है। लेकिन रेशमी टोफू को सबसे अधिक स्वास्थ्यप्रद माना जाता है। क्यों की इसमें पोषक तत्वों की मात्रा अच्छी होती है।
(5) टोफू को भारत में क्या कहते है?
टोफू को भारत में कही नामों से बुलाया जाता है। लेकिन उनमे सबसे ज़्यादा लोकप्रिय नाम सोया दही, सोया पनीर और टोफू है।
आशा करती हु टोफू क्या होता है सम्बंधित पूरी जानकरी देने में सफल रही हु। पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले।