RFT/KFT Test In Hindi क्या है, नॉर्मल रेंज, प्रक्रिया, खर्च

गुर्दे की कार्यक्षमता पता लगाने के लिए RFT या KFT Test किया जाता है। जिसका पूरा नाम रीनल या किडनी फंक्शन टेस्ट है। यह एक पूरा किडनी प्रोफाइल टेस्ट होता है। जिसमे 16 तरह के रीनल फंक्शन पर जाँच की जाती है।

RFT/KFT Test In Hindi क्या है, नॉर्मल रेंज, प्रक्रिया, खर्च

किडनी का काम है रक्त को साफ़ कर के उसमे रही गंदगी को यूरिन द्वारा बहार निकालना। साथ ही किडनी शरीर में पानी की मात्रा और खनिज स्तर को भी नियंत्रित रखती है। टेस्ट द्वारा कुछ परिणाम प्राप्त होते है, जो नॉर्मल रेंज में ना हो तो किडनी के लिए खतरा है।

किडनी फंक्शन टेस्ट क्या है RFT/KFT Test In Hindi

गुर्दे यानी की किडनी द्वारा जो भी कार्य होते है उसे किडनी फंक्शन के नाम से जाना जाता है। जिसके कुछ मुख्य कार्य निचे अनुसार है।

  1. ब्लड को फ़िल्टर कर के अपशिष्ट पदार्थों को बहार निकालना
  2. पानी के स्तर को शरीर में नियंत्रित रखना
  3. हॉर्मोन प्रोडक्शन करना

यदि किडनी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो वह अपना कार्य सही से नहीं कर पायेगी। ऐसी स्थिति में खून या मूत्र के नमूने द्वारा किडनी फंक्शन टेस्ट किया जाता है।

RFT या KFT Test में सभी फंक्शन की नॉर्मल रेंज के साथ तुलना की जाती है। यदि रिजल्ट सामान्य वैल्यू से ज्यादा आते है। तो इसका मतलब किडनी में कोई बीमारी है या उसे कुछ क्षति हुई है।

KFT Test कब और क्यों किया जाता है

यदि व्यक्ति में किडनी ख़राब होने के निम्नलिखित लक्षण पाए जाये। तो डॉक्टर की सलाह अनुसार KFT Test करवाना जरुरी है।

KFT Test कब और क्यों किया जाता है

  • पेशाब करने में जलन या कठनाई होना
  • यूरिन के साथ खून आना
  • हाथ और पैरो में सूजन होना
  • पीठ या किडनी के हिस्से में दर्द होना

कुछ अन्य स्थिति या बीमारी में भी किडनी फंक्शन टेस्ट किया जाता है। जैसे की,

  • उच्च रक्तचाप की स्थिति में
  • किडनी की बीमारी में
  • डायबिटीज मरीज के लिए
  • दवाई का साइड इफ़ेक्ट देखने
  • किडनी प्रॉब्लम मॉनिटर करने
  • खनिज स्तर की मात्रा जाँच करने

इसके अलावा सामान्य स्वास्थ्य जाँच या रूटीन हेल्थ चेकउप के लिए RFT Test होता है।

किडनी फंक्शन टेस्ट की प्रक्रिया Process Of KFT Test

रीनल टेस्ट की प्रक्रिया में जाने से पहले डॉक्टर को आप जो भी दवाइयों का सेवन करते है वो बता दीजिये। टेस्ट के 1-2 दिन पहले हाई प्रोटीन फ़ूड या मांस खाना बंद कर दीजिये। अब समझते है किडनी फंक्शन टेस्ट की प्रक्रिया।

  • रीनल टेस्ट ब्लड या यूरिन द्वारा किया जा सकता है।
  • ब्लड टेस्ट में सुई की मदद से आपका खून लिया जायेगा।
  • उस रक्त के नमूने को लैब में टेस्ट के लिए भेजा जायेगा।
  • यूरिन टेस्ट में सुबह के मूत्र का सैंपल लिया जाता है।
  • दोनों ही टेस्ट में कोई खास दर्द या खतरा नहीं है।

गुर्दे में कुछ अन्य समस्या भी हो सकती है जैसे साइज में बदलाव, पथरी वगेरा। जिसे चेक करने के लिए डॉक्टर सोनोग्राफी (USG Test) या रीनल बायोप्सी का सहारा ले सकते है।

केएफटी टेस्ट का परिणाम (नॉर्मल रेंज) KFT Test Result

जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद किडनी फंक्शन का पूरा प्रोफाइल रिपोर्ट तैयार होता है। जिसके परिणाम में KFT Test नॉर्मल रेंज कुछ निचे अनुसार होनी चाहिए।

No Test Name Normal Value
1 Serum Urea 10-40 mg/dl
2 S. Uric Acid 3.5-6 mg/dl
3 S. Creatinine 0.5-1.4 mg/dl
4 SCC Test 85-125 ml/min
5 eGFR 90-120 ml/min
6 Sodium 135-145 mEq/L
7 Potassium 3.5-5.5 mEq/L
8 Chloride 98-106 mEq/L
9 Calcium 8.5-10.5 mg/dl
10 Bicarbonate 20-30 mEq/L
11 Total Protein 6.5-8.5 g/dl
12 Albumin 3.5-5.5 g/dl
13 Globulin 3.5-5.5 g/dl
14 BUN 7-20 mg/dl
15 Phosphorus 2.5-4.5 mg/dl
16 Magnesium 1.5-2.5 mEq/L

(1) Serum Creatinine Level

शरीर की मांसपेशी में क्रिएटिन टूटने पर क्रिएटिनिन नाम का वेस्ट प्रोडक्ट बनता है। किडनी इसे पेशाब द्वारा बहार निकाल देती है। क्रिएटिनिन की नॉर्मल रेंज 0.5 से 1.4 mg/dl है।

(2) Glomerular Filteration Rate

आपकी किडनी 1 मिनट में कितने ब्लड को फ़िल्टर कर पा रही है वो GFR से पता चलता है। GFR ऑनलाइन MDRD या CKD-EPI Equation की मदद से चेक कर सकते है। जो सीरम क्रिएटिनिन लेवल के आधारित होता है। जीएफआर से पता चलता है किडनी 1 से 5 में किस स्टेज तक डैमेज हुई है।

(3) Serum Urea/BUN

ब्लड सीरम यूरिया नॉर्मल रेंज 10 से 40 mg/dl होना चाहिए। ये स्तर ब्लड में तब बढ़ता है जब किडनी अपना कार्य सही से ना कर पा रही हो।नॉर्मल लेवल से अधिक परिणाम किडनी के लिए खतरा है।

(4) Serum Uric Acid

सीरम यूरिक एसिड प्रोटीन मेटाबोलिज्म से बनता है। इसका नॉर्मल लेवल 3.5 से 6 mg/dl होता है। यदि ये स्तर ज्यादा हो तो यूरिक हाथ-पैर तक आ जाता है। इस स्थिति को Gaut भी कहते है।

(5) Creatinine Clearance

क्रिएटिनिन खून में रहा एक बिनजरूरी पदार्थ है। जिसे किडनी फ़िल्टर कर के पेशाब से बहार करती है। इसकी नॉर्मल वैल्यू 85 से 125 ml/min है।

(6) Serum Electrolyte

इलेक्ट्रोलाइट में सोडियम और पोटैशियम की मात्रा देखि जाती है। किडनी ख़राब होने की स्थिति में इन दोनों की मात्रा बढ़ जाती है। सोडियम नॉर्मल वैल्यू 135-145 mEq/L और नॉर्मल पोटैशियम 3.5-5.5 mEq/L होना चाहिए।

(7) Urine Albumin

जैसे ही किडनी ख़राब होना शुरू होता है, यूरिन में एल्ब्यूमिन का प्रमाण बढ़ने लगता है। एल्ब्यूमिन से डैमेज किडनी के बारे में जल्दी पता लगाया जा सकता है। एल्ब्यूमिन की नॉर्मल रेंज 3.5-5.5 g/dl है।

यह थी जरुरी और मुख्य टेस्ट की जानकारी। इसके अलावा भी मरीज की स्थिति अनुसार डॉक्टर अन्य टेस्ट कराने की सलाह दे सकते है। जैसे क्लोराइड, कैल्शियम, टोटल प्रोटीन, फॉस्फोरस टेस्ट।

किडनी फंक्शन टेस्ट की कीमत KFT Test Price

किडनी फंक्शन की संपूर्ण जाँच यानि KFT Test की कीमत ₹400 से ₹1000 है। इसमें आपका कोई ज्यादा खर्चा नहीं होता। बस कुछ सुविधा अनुसार प्राइस में थोड़ा बहुत अंतर देखने मिलता है।

यदि स्थिति समझ के बहार या ज्यादा गंभीर नजर आती है। तो सोनोग्राफी या बायोप्सी टेस्ट की सलाह दी जा सकती है। जिसमे बायोप्सी का ₹1000 और सोनोग्राफी का ₹700 खर्चा है।

किडनी ख़राब होने के कारण Causes Of Kidney Damage

जाने अनजाने में हमारे महत्वपूर्ण अंग किडनी के साथ कुछ ऐसा हो जाता है। जिससे उसकी स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ने लगती है। निचे कुछ स्थिति और कारण है जिनसे किडनी ख़राब होती है।

किडनी ख़राब होने के कारण Causes Of Kidney Damage

  • डायबिटीज की स्थिति में
  • उच्च रक्तचाप के कारण
  • एंटी-बायोटिक दवाएं
  • किडनी में खून कम पहुंचना
  • मूत्र सम्बंधित रोग में
  • पथरी या प्रोस्टेट ग्रंथी
  • कोशिका का कैंसर

इन कारणों के अलावा और भी कुछ हो सकता है, जिसे रीनल फंक्शन टेस्ट से पता लगाया जाता है।

आशा करता हु RFT/KFT Test In Hindi की पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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