देवता प्रिय गुड़हल का फूल (Gudhal Ka Phool) और औषधिय गुण

गुड़हल का फूल जिसे हम अंग्रेजी में हिबीस्क्स (Hibiscus In Hindi) के नाम से जानते है। वह कोई सामान्य फूल की तरह नहीं है बल्कि यह अनेक फायदे देता है। सौंदर्य लक्षी समस्याओ से लेकर शरीर स्वास्थ्य को अच्छा रखने में Gudhal Ka Phool मददगार है।

देवताओ को प्रिय गुड़हल का फूल (Gudhal Ka Phool) और औषधिय गुण

पुरानी मान्यताओं अनुसार देवी-देवताओ को गुड़हल का फूल चढाने से भाग्य खुल जाते है। गुड़हल फूल को मंगल ग्रह का प्रतिक माना जाता है। यदि मंगल दोष हो तो इस फूल को आप हनुमान जी को अर्पित कर सकते है।

आयुर्वेद अनुसार गुड़हल का फूल एक उत्तम औषधि है। जो एनिमिआ, याद शक्ति, मासिक विकार, पाचन तंत्र, बुखार और सरदर्द की समस्या ख़तम करता है। यहाँ हमने गुड़हल फूल क्या है, फायदे, मान्यता और उपयोग की पूरी जानकारी दी है।

गुड़हल का फूल क्या है (Gudhal Ka Phool)

मालवेसी परिवार से संबंधित पुष्प को गुड़हल के नाम से जाना जाता है। गुड़हल का वानस्पतिक नाम हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस (Hibiscus Rosa-Sinensis) है। गुड़हल जाती के पौधो में ये अधिक फायदेकारक है।

इसे जवाकुसुम फूल (Javakusum Flower) के नाम से भी जाना जाता है। इसका पौधा बहुवार्षिक यानि वर्षो तक सुरक्षित रहता है। फूल दिखने में बड़ा, 5 पंखुड़ियों वाला सुंदर और आकर्षक होता है।

इस फूल का रंग सफेद से लेकर गुलाबी, लाल, पीला या बैंगनी होता है। पर अधिकतर लोगो को इस फूल का लाल कलर पसंद होता है। फूल में से केसर या उसकी कली बहार की तरफ निकली हुई होती है।

मलेशिया और दक्षिण कोरिया में गुड़हल राष्ट्रीय पुष्प है। फूल को अक्सर देवी माँ और गणेश भगवन के मंदिर में चढ़ाया जाता है। इसके फूल का तेल बालों में और लेप चेहरे पर लगाने से बाल और त्वचा चमकदार बनते है।

गुड़हल फूल के फायदे Benefits Of Hibiscus In Hindi

अनेक तरह से गुणकारी गुड़हल का फूल (Gudhal Ka Phool) जितना दिखने में सुंदर है। उतना ही सेहत के लिए भी लाभकारी है। ताज़े फूल के पत्ते, फूल भिगोया पानी, फूल की डाली, लेप और फूल का चूर्ण उपयोग में ले सकते है।

(1) गुड़हल करता है गंजेपन का इलाज

बालों के लिए अगर कोई सबसे ज़्यादा फायदेमंद फूल है तो वह गुड़हल है। बाल टूटने की या गंजेपन की समस्या से पीड़ित है तो गुड़हल का उपयोग जरूर करे। गुड़हल का फूल बालों को जड़ो से मजबूत करता है।

बालों की मजबूती के लिए नियमित गुड़हल का तेल लगाना चाहिए। इसके अलावा आप गुड़हल पत्तो के लेप में ओलिव और गुड़हल तेल का मिश्रण बनाए। इसे गरम कर के बालों की जड़ो तक मालिश करे।

(2) डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा

डैंड्रफ होने पर बाल कितने भी लंबे और अच्छे क्यों न हो लेकिन खराब ही दीखते है। रुसी हेयर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप गुड़हल फूल का इस्तेमाल करे। यह तेल बालों के लिए बहुत फायदेकारक है।

बाल धोने के 1 घंटे पहले आप इस प्रक्रिया को कर सकते है। इसके लिए आप थोड़ा सा गुड़हल का रस, तेल और तिल मिलाइए। इसे छान कर बरनी में भर ले। इस मिश्रण को सप्ताह में 2 या 3 बार लगाया जा सकता है।

(3) बालों को स्वस्थ रखने के लिए

स्वस्थ लंबे, घने और खूबसूरत बाल सौंदर्य पर चार चांद लगा देते है। नियमित गुड़हल के पत्तो का लेप बालों पर लगाने से बाल चमकदार बनते है। लेप से सिर्फ बाल स्वास्थ्य नहीं बल्कि दिमागी ठंडक भी प्राप्त होती है।

इसके अलावा आप गुड़हल का रस और जैतून का तेल मिला कर बालों पर लगाए। इस मिश्रण से बालों पर हलके हाथो से मालिश करनी चाहिए। इससे बाल मजबूत, लंबे, घने, खूबसूरत और स्वस्थ बनते है।

(4) याद शक्ति में बढ़ोतरी

आज के डिजिटल युग में याद शक्ति में कमजोरी आना एक आम बात बन गयी है। स्मरण शक्ति में बढ़ावा करने में गुड़हल आपकी मदद करता है। इसके लिए आप रोजाना गुड़हल का चूर्ण गरम पानी के साथ ले।

चूर्ण के लिए सूखे गुड़हल का फूल का पाउडर बना कर एक शीशी में भर ले। फिर नियमित सुबह-शाम इस मिश्रण का दूध या पानी के साथ सेवन करे। रोजाना ऐसा करने से याद शक्ति में बढ़ोतरी होने लगती है।

(5) एनिमिआ रोग में लाभदायी

लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से होने वाले रोग को एनिमिआ कहते है। गुड़हल फूल का चूर्ण एक गिलास दूध के साथ लेने से इसमें राहत मिलती है। फूल के अंदर अधिक मात्रा में आयरन की उपलब्धि है।

जिस कारण फूल का चूर्ण आयरन की कमी पूरी करता है। शरीर में कमजोरी या अशक्ति खून की कमी के कारण होती है। इसलिए इसे दूर करने के लिए आप टेबलेट्स की जगह पर चूर्ण का सेवन करे तो ज़्यादा बेहतर है।

(6) सिरदर्द से जल्द ही राहत

ज़्यादातर तनाव में रहने से अधिक सिरदर्द होने की संभावना रहती है। सिरदर्द से जल्द ही छुटकारा पाने के लिये गुड़हल का फूल सहाय रूप बनता है। गुड़हल के पत्तियों का लेप सिर पर लगाने से तुरंत राहत मिलती है।

गुणकारी काढ़ा बनाने के लिए गुड़हल पाउडर और गुलाब जल को एक शीशी में भरे। 2 दिन तक शीशी को धुप में रखे और हिलाए। इससे बना शरबत पीने से सिरदर्द सहित मष्तिष्क विकारो में भी आराम मिलता है।

(7) खांसी दूर करने में सहायक

अयोग्य खान पान के कारण खांसी की समस्या हो जाती है। खांसी का इलाज करने के लिए गुड़हल की जड़ो से 10 से 15 मिली तक रस निकाल ले। इस रस का दिन में 3 या 4 बार सेवन जरूर करना चाहिए।

इसके अलावा गुड़हल से काढ़ा बना लीजिये और उसमे शहद डाल कर पीए। इससे शरीर में रहा कफ निकल जाता है। गुड़हल फूल का काढ़ा पीने से खांसी के साथ गले की सूजन भी कम होने लगती है।

(8) आंखो की जलन करे दूर

कभी कुछ आंखो में गिर जाने से या लगने से आंखो में जलन होने लगती है। यह जलन के कारण आंख में अत्याधिक दर्द होने लगता है। ऐसे में तुरंत गुड़हल की पत्तियों को गुलाब जल में भिगो कर आँख पर रखनी चाहिए।

ऐसा करने से आंख में हो रहा दर्द जल्दी से दूर होने लगता है। इसी के साथ आप फूल के पत्तो का लेप बना कर भी आंख पर लगा सकते है। यह उपचार करना आंखो की सेहत के लिए बहुत लाभकारी है।

(9) अच्छी नींद लाने में मददगार

नींद न आने की परेशानी से जूझ रहे है तो गुड़हल आपके लिए फायदेकारक है। नियमित रात को सोने से पहले गुड़हल का चूर्ण गरम दूध के साथ पीना चाहिए। इससे पूरी रात अच्छी और गहरी नींद आती है।

साथ ही गुड़हल के फूल और पत्तियों को पीस कर लेप बनाना चाहिए। यह लेप रात को सिर पर लगाने से सिर को ठंडक और आराम मिलता है। जिस कारण पूरी रात आप अच्छी नींद में सो पाते है।

(10) हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए गुड़हल का इस्तेमाल जरूर करे। चमत्कारी औषधि समान गुड़हल का चूर्ण रोजाना सेवन कर सकते है। एक गिलास गरम पानी में नींबू निचोड़ कर उसमे चूर्ण डाल कर पीए।

सुबह खाली पेट गुड़हल रस, संतरा रस, अनार रस, केसर, कस्तूरी तथा गुलाब के अर्क से बना मिश्रण पीना चाहिए। यह शरबत पीने से हृदय सम्बंधित ज़्यादातर समस्याए दूर होती है।

देवताओ को प्रिय गुड़हल का फूल (Gudhal Ka Phool)

शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को सफ़ेद रंग का फूल अति प्रिय है। लेकिन सभी सफ़ेद रंग के फूल उनको नहीं पसंद क्यों की, केतकी का फूल शिव पूजा में वर्जित है। पर सफ़ेद गुड़हल का फूल शिव जी को अधिक प्रिय है।

ऐसी मान्यता है की पार्वती जी को गुड़हल के फूल बहुत पसंद थे। और शिव शंभु अर्धनारीश्वर के रूप माने जाते है। शिव जी को अगर हम सच्चे मन और भक्ति भाव से यह फूल चढ़ाते है तो हमारी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है।

माँ दुर्गा, महा लक्ष्मी, गणेश, हनुमान जी और भगवान विष्णु को गुड़हल फूल पसंद है। इसलिए इन देवताओ की पूजा में गुड़हल का फूल होता है। इन देवी-देवताओं को गुड़हल का फूल चढाने से वह प्रसन्न होते है।

मान्यता के मुताबिक हर शुक्रवार को माँ लक्ष्मी के मंदिर में गुड़हल का फूल चढ़ाया जाए तो, विशेष लाभ होता है। इससे सुख, समृद्धि और धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। घर में इस फूल का पौधा लगाने से सदस्यों में अपनापन बढ़ता है।

गुड़हल है मंगल ग्रह का प्रतीक

हर फूल की अपनी कोई ना कोई विशेषता होती है। उसी तरह गुड़हल का फूल अपनी बेहतरीन विशेषताओं के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है। जान कर शायद हैरानी होगी की गुड़हल का फूल मंगल दोष भी दूर करता है।

जिनकी कुंडली में मंगल दोष प्रबल है उनके लिए गुड़हल फूल लाभदायी है। उनको ज्योतिष शास्त्र अनुसार हर मंगल वार को हनुमान जी के मंदिर में गुड़हल फूल चढाने चाहिए। ऐसा करने से मंगल ग्रह का दोष जल्द ही दूर होता है।

गुड़हल का फूल जल में डाल कर सूर्य देव को अर्पित करना लाभकारी है। मान्यताओं के मुताबिक इससे आंखो और हड्डियों की सेहत अच्छी रहती है। साथ ही शत्रु और विरोधियो से भी राहत मिलती है।

गुड़हल फूल का चित्र Gudhal Ka Phool Photo

कही रंगो में खूबसूरत गुड़हल के फूल उगते है। लेकिन ज़्यादातर हमे लाल रंग के फूल का चित्र देखने मिलता है। हमने यहाँ अलग-अलग रंगो के सुंदर गुड़हल फूल का चित्र प्रस्तुत किया है।

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आशा करती हु देवता प्रिय गुड़हल का फूल (Gudhal Ka Phool) की अच्छी जानकारी दे पायी हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

DAWAiLAJ
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