EEG Test In Hindi मस्तिष्क विकार में जरुरी ईईजी टेस्ट क्या है
मस्तिष्क विकार में जरुरी ईईजी टेस्ट (EEG Test) का पूरा नाम इलेक्ट्रोइन्सेफलोग्राम है। इस टेस्ट में ब्रेन की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड कर के ग्राफ में देखा जाता है। जिसके आधार पर व्यक्ति की मानसिक स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल जाती है।
ब्रेन हमारी पूरी बॉडी को कंट्रोल करने का काम करता है। जिसके लिए ब्रेन इलेक्ट्रिक एक्टिविटी बनाता है। जो न्यूरॉन से होती हुई हमारी बॉडी को आदेश देती है। यदि इस तरह की गतिविधि में कोई समस्या नजर आये। तो डॉक्टर की सलाह अनुसार ईईजी कराना जरुरी है।
ईईजी टेस्ट क्या है EEG Test In Hindi
जैसे इंसानो का समूह सोशल वेबसाइट पर जुड़ कर एकदूसरे के साथ संपर्क करने का नेटवर्क बनाते है। कुछ उसी प्रकार मस्तिष्क की कोशिकाएं भी विद्युत आवेगों द्वारा एक दूसरे के संपर्क में रहती है।
इसी सिस्टम के कारण ब्रेन अच्छी तरह कार्य कर पाता है। पर यदि इन कोशिकाओं की गतिविधि में कोई समस्या आ जाये तो मस्तिष्क विकार खड़े होते है। जिन्हे जानने के लिए व्यक्ति पर ईईजी टेस्ट किया जाता है।
ईईजी टेस्ट में मस्तिष्क पर कुछ इलेक्ट्रोड्स लगा कर ब्रेन तरंगो की पैटर्न को समझा जाता है। इलेक्ट्रोड्स तार के माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम तक जुड़े होते है। टेस्ट के दौरान ब्रेन में जो भी इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी होती है, वो सब कंप्यूटर रिकॉर्ड करता है।
इस संपूर्ण प्रक्रिया को ईईजी टेस्ट (EEG Test) कहते है। जिससे डॉक्टर मस्तिष्क की सामान्य और असामान्य स्थिति को समझ पाते है। EEG full form in hindi इलेक्ट्रोइन्सेफलोग्राम (Electroencephalogram) है।
क्यों और कब ईईजी टेस्ट करते है
ईईजी टेस्ट ब्रेन की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी में चल रही समस्याओ का पता लगाने के लिए किया जाता है। जिसका कारण कोई मानसिक रोग, घाव, सर्जरी वगेरा हो सकता है। निचे कुछ स्थिति बताई है जिनमे ईईजी करवाना पड़ता है।
- मिर्गी की स्थिति में
- मस्तिष्क में घाव
- अल्ज़ाइमर रोग में
- मस्तिष्क की सूजन
- मनोविकार की स्थिति
- ब्रेन ट्यूमर या स्ट्रोक
- मंदबुद्धि पागल के लिए
- नींद विकार में
- मस्तिष्क मृत्यु की पुष्टि
इन सभी स्थिति में ईईजी करने पर परिणाम स्वरुप उतार-चढ़ाव की लाइने विभिन्न दिखती है। लाइने ग्राफ में रिकॉर्ड होती रहती है। जिसे बाद में डॉक्टर देख कर बताते है की मस्तिष्क की स्थिति सामान्य है या असामान्य।
ईईजी टेस्ट से पहले क्या करे
- टेस्ट के एक दिन पहले अपने बालो को शैम्पू की मदद से वॉश कर लेना है।
- बालो पर कोई भी हेयर प्रोडक्ट्स या ऑइल लगा कर नहीं जाना।
- अगर आपकी कोई दवा या ट्रीटमेंट चल रही है तो उसके बारे में डॉक्टर को बताये।
- जिस दिन टेस्ट के लिए जाना हो उस दिन चाय-कॉफ़ी ना पिए।
- यदि धूम्रपान या कोई नशा करते है तो टेस्ट के 1-2 दिन पहले बंद कर दे।
- घर से हेल्थी खाना खा कर जाये, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो।
ईईजी टेस्ट की प्रक्रिया Process Of EEG Test
टेस्ट शुरू करने से पहले मस्तिष्क पर इलेक्ट्रोड्स लगाए जाते है, जो धातु से बनी छोटी डिस्क होती है। ये डिस्क इलेक्ट्रोड्स तार द्वारा ईईजी मशीन से जुड़े होते है। ईईजी टेस्ट प्रक्रिया के लिए कम से कम 16 इलेक्ट्रोड होना जरुरी है।
- सबसे पहले आपको बेड पर लेट जाना है या स्लीपिंग चेयर पर बैठना है।
- फिर एक्सपर्ट्स आपके सिर पर 16 से 25 इलेक्ट्रोड्स लगाएंगे।
- ये बिलकुल किसी टॉप की तरह सिर पर सेट हो जाता है।
- इलेक्ट्रोड तार से जुड़े होते है जो तार सीधा मशीन की तरफ जाती है।
- टेस्ट का आरंभ होते ही ब्रेन की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी रिकॉर्ड होना शुरू हो जाएगी।
- टेस्ट के दौरान एक्सपर्ट्स आपकी स्थिति अनुसार कुछ आदेश दे सकते है।
- जैसे मिर्गी के मरीज के सामने लाइट रखी होती है, जिसमे मरीज को देखना होता है।
- या गहरी सांसे लेना, आराम से नींद जैसे लेट जाना, आँखे बंद करना कहा जायेगा।
- आमतौर पर EEG Test 30 से 120 मिनट तक चलता है।
- पर कुछ स्थिति में यह टेस्ट बढ़ कर 24 घंटे तक जा सकता है।
- टेस्ट रूम में गतिविधि पर नजर रखने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया जाता है।
- टेस्ट पूरा होने के बाद इलेक्ट्रोड्स हटा दिए जाते है।
क्या ईईजी टेस्ट सुरक्षित है EEG Test Is Safe
जी हां, ईईजी टेस्ट पूरी तरह सेफ सुरक्षित है कोई खतरा या रिस्क नहीं। इसमें व्यक्ति को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
पर यदि आपको टेस्ट के दौरान बेहोशी या नींद की कोई दवाई दी हो। तो टेस्ट के बाद खुद ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में कोई आपके साथ होना चाहिए, जो आपको घर ले जाये।
ईईजी तरंगो के प्रकार Types Of EEG Waves
टेस्ट द्वारा प्राप्त हुआ परिणाम समझने से पहले ईईजी के तरंगो का प्रकार समझना जरुरी है। यहाँ फ्रीक्वेंसी को हम CPS यानी Cycles per second में समझेंगे।
- आल्फा – इसकी फ्रीक्वेंसी 8 से 12 cps होती है। यह स्थिति तब होती है जब मरीज की आँखे बंद और मानसिक रूप से सचेत होता है। आँखे खोलने पर अल्फा तरंगे चली जाती है।
- बीटा – बीटा की फ्रीक्वेंसी 13 से 30 cps होती है। यह मरीज ने दवाई का सेवन किया हो तब दिखती है।
- डेल्टा – टेस्ट के दौरान मरीज सोई हुई अवस्था में है। तो डेल्टा फ्रीक्वेंसी 4 से कम दिखनी चाहिए।
- थीटा – अक्सर बच्चों के टेस्ट के दौरान थीटा फ्रीक्वेंसी 4 से 7 cps दिखती है।
ईईजी टेस्ट के परिणाम EEG Test Result
इस प्रकार के टेस्ट के एक्सपर्ट्स को न्यूरोलॉजिस्ट कहा जाता है। जो ईईजी टेस्ट द्वारा प्राप्त हुयी तरंगो के परिणाम अनुसार टेस्ट रिपोर्ट तैयार करते है। फिर इन रिजल्ट को आपके डॉक्टर के पास भेजा जाता है।
संपूर्ण टेस्ट की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद दो प्रकार के परिणाम प्राप्त हो सकते है। सामान्य या असामान्य, जो मस्तिष्क की पैटर्न को समझते हुए तैयार किये जाते है।
(1) सामान्य परिणाम Normal EEG
यदि आपको मस्तिष्क विकार से जुडी कोई भी समस्या नहीं होगी। तो इलेक्ट्रिक गतिविधि की पैटर्न वही दिखेगी जो एक स्वस्थ मस्तिष्क की होती है। इस तरह के सामान्य परिणाम में आपको कुछ करने की जरुरत नहीं होती।
(2) असामान्य परिणाम Abnormal EEG
यदि आप में कोई मस्तिष्क विकार होगा। तो इलेक्ट्रिक गतिविधि में उस बीमारी अनुसार पैटर्न बनेगी। जो कुछ समस्या होने का संकेत देती है। इस तरह के रिजल्ट को असामान्य परिणाम माना जाता है। जिसके पीछे कुछ इस तरह की वजह हो सकती है।
- मिर्गी या दौरे से सम्बंधित विकार
- सिर पर लगी चोट
- असामान्य रक्तस्त्राव या हेमरेज
- मस्तिष्क में सूजन होना
- ब्रेन ट्यूमर की स्थिति
- नींद सम्बंधित विकार
- कोई दिमागी बीमारी
- धूम्रपान या नशे की लत
- कोमा में मृत मस्तिष्क
ईईजी टेस्ट की कीमत EEG Test Price
भारत के ज्यादातर सभी हॉस्पिटल्स में ईईजी टेस्ट की कीमत ₹1000 से ₹3000 के बिच में होती है। यह EEG test price सुविधा अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है।
यदि आपको या आपके परिवार में से किसी को भी ईईजी टेस्ट करवाना है। तो नजदीकी हॉस्पिटल से सीधा संपर्क कर के प्राइस पूछ लीजिये। या ऑनलाइन गूगल पर सर्च कर के भी प्राइस पता कर सकते है।
आशा करता हु EEG test in hindi के बारे में पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।