गोक्षुरादि गुग्गुल क्या है और फायदे (Gokshuradi Guggulu Uses)

गोक्षुरादि गुग्गुल एक प्रकार की गुणकारी वनस्पति है। जिससे कही उपयोगी दवाई, काढ़ा और औषधिया बनाई जाती है। इसे गोखरू, त्रिकटु, त्रिफला एवं गुग्गुलु जैसी चीजों से तैयार किया जाता है। इन लाभकारी चीजों से बना गोक्षुरादि गुग्गल (Gokshuradi Guggulu) स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

गोक्षुरादि गुग्गुल क्या है और फायदे (Gokshuradi Guggulu)

ज़्यादातर प्रजनन सम्बंधित समस्याए दूर करने के लिए गोक्षुरादि गुग्गुल सहायक है। गोक्षुरादि गुग्गुल एक जड़ी-बूटी की तरह स्वास्थ्यकिय परेशानिया दूर करता है। इसके चूर्ण या दवाई का रोजाना सेवन करने से सेहत अच्छी रहती है।

गोक्षुरादि गुग्गुल क्या है Gokshuradi Guggulu In Hindi

अधिकतर उत्तरी भारत में पाए जाती फूल वाली वनस्पति गोक्षुरादि गुग्गुल है। गुग्गुल भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के मूल निवासी है। यह फायदेकारक औषधि बर्सेरासी परिवार नामक परिवार से सम्बंधित है।

पौधे की पत्तिया ट्राइफोलिएट यानि पोन्किरस ट्राइफोलिएटा (Poncirus Trifoliata) गुणवत्ता युक्त है। इस झाड़ी की शाखाएं कांटेदार होती है।

इसका चूर्ण दवाई या काढ़ा बनाने में गोखरू, गुग्गुलु, शुंठी, मिर्च, पीपल , हरड़, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा और अरंड तेल वगेरा का इस्तेमाल होता है।

सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गोक्षुरादि गुग्गुल का उपयोग किया जाता है। इसमें स्टेरॉयड, आवश्यक तेल, लिग्नान, फ्लेवोनोइड, कार्बोहाइड्रेट और अमीनो एसिड सहित पौधों के यौगिकों का मिश्रण होता है।

इन सब पोषक तत्वों के कारण गुग्गुल औषधि ज़्यादा गुणवत्ता युक्त बन जाती है। यह खिल-मुहांसे जैसी त्वचा लक्षी समस्याओ का भी निवारण करता है। यह वनस्पति एंटीबायोटिक है जिस कारण इससे बेक्टेरिया या संक्रमण से बचा जा सकता है।

गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे Gokshuradi Guggulu Uses

आयुर्वेद में इस औषधि को दर्द निवारक माना गया है। नियमित रूप से इसका काढ़ा, चूर्ण या दवाई लेने शारीरिक तंदुरस्ती बढ़ती है। आइये जानते है गोक्षुरादि गुग्गुल के क्या फायदे है।

(1) तेजी से करे मोटापा कम

ज़्यादा जंक फ़ूड का सेवन करने से शरीर में बिनजरूरी चर्बी बढ़ जाती है। ऐसे में कभी कभार लोग मोटापा जैसी समस्या का शिकार भी बन जाते है। प्राकृतिक रूप से शारीरिक चर्बी कम करना चाहते है तो गुग्गुल का इस्तेमाल करे।

रोजाना गोक्षुरादि गुग्गुल का चूर्ण गरम पानी के साथ पीने से मोटापा कम होता है। इसके लिए सुबह खाली पेट इस मिश्रण को पीए। वजन घटाने वाली टेबलेट्स की जगह पर यह करना ज़्यादा सुरक्षित रहेगा।

(2) शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है

शरीर में विषाक्त पदार्थ ज़्यादा हो तो शरीर ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाता। इस वक्त शरीर को डिटॉक्सिफाई करना जरूरी होता है। गोक्षुरादि गुग्गुल शरीर के विष युक्त पदार्थो को आसानी से बहार निकाल देता है।

इसमें मौजूद त्रिफला शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में ज़्यादा मदद रूप बनता है। नियमित गोक्षुरादि गुग्गुल से बना काढ़ा पीना चाहिए। इससे शरीर विषाक्त पदार्थो से दूर अच्छी तरह कार्यरत रहता है।

(3) पित्ताशय पथरी को रोकता है

पित्ताशय में मौजूद पाचक द्रव (पित्त) का ठोसावस्था में जमा हो कर पित्त की पथरी का निर्माण करते है। जैसे की हमने ऊपर बताया, गोक्षुरादि गुग्गुल जननांग सम्बंधित समस्याओ को अच्छी तरह से हल करता है।

वैसे ही पित्ताशय की पथरी को भी यह रोकता है। गोक्षुरादि गुग्गुल में मौजूद पोषक द्रव्य पथरी का निर्माण होने से रोकते है। साथ ही यह मूत्र मार्ग सम्बंधित विकारो को भी दूर करते है।

(4) गठिया रोग का इलाज

जब जोड़ो में अत्याधिक सूजन आ जाए तो गठिया रोग की समस्या होती है। गठिया रोग के कारण शरीर और हड्डियों में बहुत दर्द होने लगता है। इस दर्द को दूर करने में गोक्षुरादि गुग्गुल आपकी मदद कर सकता है।

अगर आप तीव्र गठिया रोग के दर्द से पीड़ित है तो गोक्षुरादि गुग्गुल के पत्तो का लेप बनाए। और सुबह शाम इस लेप को दर्द वाली जगह पर लगाए। इससे आपको थोड़े ही दिनों में गठिया रोग से राहत मिलेगी।

(5) गुर्दे की पथरी में सहायक

जिस तरह गोक्षुरादि गुग्गुल पित्ताशय की पथरी होने से रोकता है। उसी तरह यह गुर्दे की पथरी के इलाज में भी सहायक भूमिका निभाता है। गुर्दे की पथरी में 80% कैल्शियम के बने पत्थर मौजूद होते है।

इसे पिघलाने में गोक्षुरादि गुग्गुल रामबाण इलाज समान है। इसके अलावा ये मूत्र पथ की पथरी को तोड़ने या कम करने में भी कारगर है। यह मुख्यतर मूत्र विकारो को दूर कर के प्रजनन को स्वस्थ रखता है।

(6) जोड़ो के दर्द में मिले आराम

अधिक काम करने से या संक्रमणकारक बीमारी लग जाने से जोड़ो में दर्द होने लगता है। जोड़ो के दर्द को दूर करने के लिए लोग कही तरह से उपचार करते है। पर गोक्षुरादि गुग्गुल जोड़ो का बहुत अच्छा इलाज करते है।

जोड़ो के दर्द में आराम पाने के लिए गोक्षुरादि गुग्गुल के पौधो का लेप लगाना बेहतर है। इसी के साथ इसका चूर्ण खाना भी फायदेमंद है। यह जोड़ो के दर्द को कम कर के मांसपेशियों को राहत देता है।

(7) बवासीर को ठीक करने में

बवासीर की समस्या से जो लोग पीड़ित है उनको अधिक परेशानिया सहनी पड़ती है। बवासीर का जड़ से इलाज करने के लिए आप गोक्षुरादि गुग्गुल का उपयोग कर सकते है। यह स्वास्थ्य को बिना कोई नुकसान पहुंचाए बवासीर को ठीक करता है।

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर गोक्षुरादि गुग्गुल का चूर्ण नियमित खाने से बवासीर की समस्या ख़तम होती है। बवासीर के साथ यह औषधि फिस्टुला यानि की भगंदर का इलाज भी कर सकती है।

(8) कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करता है

शरीर में मौजूद बेड कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इस कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना जरूरी है। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए आप अनेक गुणों से युक्त गोक्षुरादि गुग्गुल का इस्तेमाल करे।

यह औषधि शरीर में मौजूद बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। साथ ही गुड कोलेस्ट्रॉल में भी बढ़ावा करने का कार्य करती है। इसके लिए आप रोजाना गोक्षुरादि गुग्गुल की दवाई या द्रव्य का सेवन कर सकते है।

(9) मासिक विकार को दूर करने में

महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान अनेक स्वास्थ्य सम्बंधित विकार होते है। इस विकारो को दूर करने में आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर गोक्षुरादि गुग्गुल आपकी मदद करता है।

मासिक धर्म में होने वाले पेट दर्द, कमर दर्द सहित की पीड़ाओं को यह दूर करता है। इन दिनों गोक्षुरादि गुग्गुल का चूर्ण गरम पानी के साथ पीने से प्रजनन स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

(10) प्रजनन सम्बंधित स्वास्थ्य

गोक्षुरादि गुग्गुल सबसे ज़्यादा प्रजनन सम्बंधित विकार दूर करने में सहाय रूप बनती है। यह औषधि का पौधा और उसके प्रोडक्ट्स जैसे की दवाई, काढ़ा या चूर्ण सभी प्रजनन समस्याए दूर करते है।

बांझपन की समस्या से जूझ रहे है तो गोक्षुरादि गुग्गुल का उपयोग जरूर करे। यह स्पर्म यानि शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में सुधार करते है। साथ ही यह ओवुलेशन की क्रिया में भी मदद रूप है।

आशा करती हु गोक्षुरादि गुग्गुल क्या है (Gokshuradi Guggulu) की अच्छी जानकारी दे पायी हु। पोस्ट पसंद आए तो शेयर करना बिलकुल ना भूले।

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