जीजीटी एक एंजाइम है जो ड्रग और टोक्सिन के मेटाबोलिज्म में काम आता है। जीजीटी लिवर, हार्ट, ब्रेन जैसे अंगो में पाया जाता है। लेकिन हड्डिया और प्लेसेंटा में नहीं होता। आमतौर पर डॉक्टर GGT Test को एएलपी टेस्ट के साथ कराने की सलाह देते है। जिससे समस्या लिवर में है या हड्डियों में वो पता चल पाता है।
लिवर को नुकसान होने पर जीजीटी का प्रमाण रक्त में बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में लिवर फंक्शन टेस्ट के साथ जीजीटी टेस्ट भी शामिल होता है। जिससे अलक्होलिक लिवर, हेपेटाइटिस जैसे रोगो के बारे में जानकारी मिलती है।
ज्यादातर केस में शराब के कारण लिवर ख़राब होता है। और ऐसे शराबियों में अलक्होलिक लिवर डिजीज का पता लगाने के लिए जीजीटी टेस्ट जरुरी बन जाता है।
जीजीटी टेस्ट क्या है GGT Test In Hindi
सरल भाषा में कहे तो जीजीटी टेस्ट एक सामान्य रक्त परिक्षण है। जिसमे जीजीटी नॉर्मल रेंज 8 से 50 IU/L में आये तो सब बढ़िया है। लेकिन इससे अधिक परिणाम आये तो लिवर सम्बंधित बीमारियों का खतरा है।
जीजीटी (GGT Test) का पूरा नाम या फुल फॉर्म गामा ग्लूटामिल ट्रांसफरेज है। जिसे गामा-ग्लूटामिल ट्रांस्पेप्टिडेज (जीजीटीपी) नाम से भी जाना जाता है।
LFT एंजाइम टेस्ट में यदि ALP का स्तर बढ़ा हुआ है। तो वो किस कारण बढ़ा है, वो पता करने के लिए GGT Test जरुरी है। यदि एएलपी और जीजीटी दोनों हाई वैल्यू पर है तो लिवर बीमारी हो सकती है। लेकिन सिर्फ एएलपी बढ़ा है और जीजीटी कम तो हड्डी विकार के संकेत है।
क्यों और कब जीजीटी टेस्ट करते है Purpose Of GGT Test
लंबे समय से चल रही शराब की लत के कारण लिवर ख़राब हो जाता है। या कुछ अन्य स्थिति में भी लिवर को क्षति होती है। जिसके लक्षण दिखने पर डॉक्टर जीजीटी टेस्ट (GGT Test) कराने की सलाह देते है।
यहाँ निचे कुछ ऐसी ही स्थिति और लक्षण के बारे में बताया है। जिनमे डॉक्टर गामा ग्लूटामिल ट्रांसफरेज टेस्ट के लिए कह सकते है।
- पेट में दर्द
- भूख में कमी
- पीलिया के लक्षण
- कमजोरी महसूस होना
- थकान की स्थिति
- उलटी या जी मिचलाना
- ज्यादा बार मलत्याग
ऊपर बताई परिस्थितियों में जीजीटी के साथ एएलपी या बिलीरुबिन टेस्ट भी किया जा सकता है।
गामा जीटी टेस्ट से पहले क्या करे Before Gamma GT Test
- कुछ दवाइया होती है जो रक्त में जीजीटी के स्तर को प्रभावित कर सकती है।
- इसलिए टेस्ट से पहले अपनी चल रही दवाइयों के बारे में डॉक्टर को जरूर बताये।
- यदि शराब पिने की आदत है तो टेस्ट के 24 घंटे पहले से बंद कर दीजिये।
- बेहतर परिणाम के लिए टेस्ट से पहले 12 घंटे का उपवास करना जरुरी है।
- मरीज रात में उपवास शुरू कर के सुबह के समय टेस्ट दे सकता है।
जीजीटी टेस्ट की प्रक्रिया Process Of GGT Test
एक्सपर्ट पैथोलोजिस्ट द्वारा GGT Test प्रक्रिया लैब में की जाती है। जिसकी पूरी जानकारी निचे अनुसार है।
- सबसे पहले मरीज की बांह की नस से सुई द्वारा ब्लड सैंपल लिया जायेगा।
- ब्लड को एक ट्यूब में डाल कर लैब में भेज दिया जाता है।
- जहा ब्लड को सेंट्रीफ्यूज कर के सीरम प्राप्त किया जाता है।
- सीरम को एनालाइजर मशीन में लगा कर टेस्ट किया जायेगा।
टेस्ट के परिणाम आने में ज्यादा समय नहीं लगता। आपको एक दिन के अंदर GGT Test का रिजल्ट मिल जायेगा।
जीजीटी टेस्ट के परिणाम (नॉर्मल रेंज) GGT Test Result
टेस्ट कराने पर व्यक्ति की उम्र, लिंग और लैब अनुसार परिणाम में थोड़ा अंतर देखने मिलता है। फिर भी आमतौर पर जीजीटी नॉर्मल रेंज 8 से 50 IU/L होना चाहिए। निचे लिंग के आधार पर GGT Test Result के बारे में बताया है।
- पुरुषों में – 15 से 75 IU/L
- महिलाओं में – 5 से 55 IU/L
वयस्कों के मुकाबले नवजात शिशुओं में जीजीटी 5 से 6 गुना ज्यादा होता है। यदि रिपोर्ट में जीजीटी नॉर्मल रेंज से ज्यादा आ रहा है। तो उसके पीछे कुछ निम्न कारण या बीमारिया हो सकती है।
- वायरल हेपेटाइटिस
- लिवर सिरोसिस
- अलक्होलिक लिवर
- ड्रग्स के कारण
- ट्यूमर या कैंसर
- फैटी लिवर
- गॉल ब्लैडर स्टोन
- वायरल इन्फेक्शन
- कोलेस्टासिस
- हार्ट फेलियर
जीजीटी टेस्ट की कीमत GGT Test Price
₹300 से ₹600 में पूरा लिवर फंक्शन टेस्ट हो जाता है। उसी में डॉक्टर जीजीटी टेस्ट को भी शामिल कर देते है। पर यदि कोई लैब अलग से सिर्फ GGT Test करती है। तो ऐसे में जीजीटी टेस्ट की कीमत ₹100 से ₹200 हो सकती है। लैब की सुविधा अनुसार प्राइस में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।
आशा करता हु GGT Test In Hindi की पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक स्वस्थ और मस्त रहिये।