चक्रासन करने का सही तरीका और फायदे Chakrasana In Hindi
चक्रासन हठ योग का आसन है इसका दूसरा नाम “उर्ध्व धनुरासन” भी है। इसका मतलब है चक्र यानी “पहिया” और आसन मतलब “बैठक”। पीछे की और झुक कर करने वाला यह आसन ह्रदय को खोलता है। चक्रासन करने का सही तरीका है पहले पीठ का लचीलापन बढ़ाने के बाद इसे किया जाये। छाती, पीठ, घुटने, कलाई, कंधे और गले के आसपास दबाव बढ़ाने वाला चक्रासन के लाभ अनेक है।
आम तौर पर जिमनास्टिक करने वाले लोग इसे अपनाते है। अक्सर लोगो को बैठकर लम्बे समय तक काम करना पड़ता है। ऐसे में पीठ दर्द करने लगती है। Chakrasana करने से पीठ दर्द से काफी राहत मिलती है। अक्सर लोगो को Yoga Poses करने का वक़्त नहीं मिलता या फिर उन्हें समज नहीं आता के योग की शुरूआत कैसे करे। इसी समस्या का समाधान करते हुए आज हम चक्रासन करने का सही तरीका बता रहे है।
चक्रासन क्या है Chakrasana In Hindi
इस आसन को करने पर यह चक्र जैसा दिखाई पड़ता इसलिए इसे चक्रासन कहते है। चक्रासन करने के बाद पवनमुक्तासन करना चाहिए। चक्रासन को इंग्लिश में Wheel Pose Yoga कहा जाता है। आसन के अंत में शरीर धनुर जैसा दिखने के कारण इसे उर्ध्व धनुरासन कहते है। इंग्लिश में इसका नाम Upward-Facing Bow Pose है।
चक्रासन करने का सही तरीका
पीठ को पीछे मोड़कर करनेवाला यह आसन युवावस्था को बनाये रखता है। पीठ के बल सोकर या फिर खड़े होकर इस आसन को कर सकते है। किसी चीज का सहारा लेकर इस आसन को करना चाहिए। बच्चो की हाइट बढ़ाने के लिए यह अच्छा आसन है।
अगर आप पहले से योग प्रैक्टिस करते है तो आपके लिए चक्रासन सीखना आसान होगा। लेकिन जो पहली बार चक्रासन कर रहे है वो सेतुबंधासन पहले कर ले। चाहे तो आप हलासन, विरासन, ऊर्ध्व मुख श्वानासन कर ले। इस पोस्ट में चक्रासन या उर्ध्वा धनुरासन कैसे करे यह स्टेप बाय स्टेप बताया है।
चक्रासन के स्टेप Chakrasana Steps
- आसन बिछा कर आराम से शवासन में लेट जाएँ।
- दोनों पैर को घुटने से मोड़ दे और नितंब के पास ले आये।
- एड़िया नितंब से जुडी रखिए और तलवे जमीन को छूने चाहिए।
- दोनों पेरो को एकदूसरे से दूर रखिये और आधा या एक फुट का अंतर रखे।
- दोनों हाथ को कोणीयो से मोड़कर सिर के पास में रखिये।
- हाथो की उंगलिया कंधो की दिशा में रखे।
- दोनों हाथ और पाँव को आरामदायक स्थिति में टिका दे।
- अब धीरे धीरे सांस भरते हुए दोनों हाथो और पेरो के पंजो का सहारा लेते हुए पीठ को ऊपर की तरफ उठाये।
- पेट और छाती को ऊपर की और उठाये।
- दोनों हाथ और पैर को पास लाने की कोशिश कीजिये।
- हाथ और कोणीयो को सीधा रखना है, सिर को भी हो सके उतना ऊपर उठाना है।
- गले की आसपास की मांसपेशियों को ढीला छोड़ दे।
- सांस को सामान्य रखे 15 सेकंड से 2-3 मिनिट तक यह चक्रासन कर सकते है।
- सांस को फेफड़ो में रोक कर रखते हुए निचे सो जाइए अब थोडि देर शवासन में रहिये।
- या फिर पवनमुक्त आसन करे।
- अगर आप संतुलन बनाना जानते है तो खड़े हुए भी यह आसन कर सकते है।
सावधानी रखनेवाली बाते
- दोनों हाथ और पैर को संतुलित रखने के लिए आरामदायक दुरी पर रखे।
- हाथ और पाँव के ऊपर वजन समान तरिके से आने दे ताकि आसन बिगड़ न जाये।
- पीठ की किसी भी प्रकार की चोट आने पर यह आसन न करे।
- उच्च रक्तचाप, हर्निया, चक्कर, गर्दन या कमर दर्द हो, कोई ऑपरेशन हुआ हो तभी चक्रासन न करे।
- चक्रासन उनके लिए ठीक नहीं जो किसी भी प्रकार कमजोरी महसूस कर रहे हो।
- कलाई या फिर पीठ में या पैर की कमजोरी हो तब यह आसन न करे।
- मासिकधर्म में और गर्भावस्था में यह आसन नहीं करना चाहिए।
- खाली पेट ही चक्रासन आसन को करे।
चक्रासन करने के फायदे Chakrasana Benefits In Hindi
- डिप्रेशन, मूड ऑफ, या सुस्त महसूस होने पर चक्रासन करना उत्तम है।
- चक्रासन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।
- रीड की हड्डी को लचीली बनाकर मजबूती देता है।
- जवानी को टिकाये रखता है यानी के बुढ़ापे के लक्षणों को पीछे धकेलता है।
- हाथ, पैर, पेट और पीठ की मांसपेशिया बहुत मजबूत बनती है।
- श्वसन प्रणाली ज्यादा बेहतर तरीके से काम करती है। आस्थमा के मरीजों के लिए लाभकारी है।
- ब्लॉक नाड़ियो को खोलकर उन्हें साफ़ करता है। जिस वजह से रक्तप्रवाह आसानी से सभी जगह बहने लगता है।
- फेफड़ो को शक्तिवान बनाके छाती का विकास करता है।
- पेट की बिनजरूरी चर्बी को घटाता है।
- हाइट बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा असरकारक आसन माना गया है।
- मस्तिष्क की और खून का प्रवाह बढ़ने से दिमाग के सभी हिस्सों में ज्यादा खून और ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है।
- सिर के और रक्तपरिभ्रमण बढ़ने से बालो और चेहरे के ऊपर अच्छा प्रभाव देखने मिलता है।
- कंधे और घुटनो को मजबूत बनाता है, शरीर को ऊर्जा से भरकर स्फूर्ति प्रदान करता है।
चक्रासन करते समय क्या गलतिया करते है
शुरुआत में चक्रासन करने में बहुत सी दिक्कते होती है। इसके दो मुख्य कारण है छाती को स्ट्रेच न कर पाना और दूसरा पीठ को ऊपर उठाने में तकलीफ होना। शुरू में बैलेंस न बन पाना आम बात है प्रैक्टिस करने से बैलेंस बन जाता है।
- छाती को चौड़ा किये बिना ही आसन को करने की कोशिश करना ये एक सामान्य गलती है जो सभी करते है। शुरुआत में 15 से 20 मिनट पीठ को मजबूत और लचीली बनाने वाले आसन और एक्सरसाइज करे। 15 से 20 मिनट अपने शरीर के आगे के हिस्सों को स्ट्रेचिंग करने के लिए आसन या वॉर्म अप कीजिये।
- पहले कुछ स्ट्रेचिंग आसन करे सीधा चक्रासन न करे। चक्रासन सिखने से पहले उष्ट्रासन, सलभासन, भुजंगासन, बद्ध पद्मासन, नौकासन करना चाहिए। इस से आपकी पीठ और छाती अच्छी तरह स्ट्रेच और मजबूत हो जाएगी।
- घुटने और एड़ियों को सही तरह न टेक पाना ज्यादातर लोगो की समस्या होती है। एड़िया और घुटनो को गलत दिशा में रखने से आसन सही नहीं होता। बैलेंस न होने पर गिरने की या चोट लगने की संभावना रहती है।
आशा करती हु चक्रासन की पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।