मिल्क थिसल एक प्रकार का गुणकारी पौधा होता है। खास कर इसके पत्ते और बीज स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते है। मिल्क थिसल के पौधे से दवाइया और काढ़ा बनाया जाता है। अधिकतर लोग किडनी से जुडी समस्या का निवारण करने के लिए Milk Thistle In Hindi का उपयोग करते है।
बैगनी रंग के सुंदर फूल धारण करने वाला यह पौधा एस्टरेसिया (Asteraceae) परिवार से संबंध रखता है। इसका वैज्ञानिक नाम सिलिबम मेरियानम (Silybum Marianum) है। इसके पत्ते कद में थोड़े छोटे, नुकीले, चमकदार और हरे रंग के होते है।
मुख्य रूप से मिल्क थिसल का पौधा उत्तरी आफ्रिका, रूस के दक्षिणी भाग, यूरोप और एशिया के कही हिस्सों में पाया जाता है। यह जड़ी बूटी 30 से 200 सेमी यानि 12 से 79 इंच तक लंबाई में होती है। मिल्क थिसल का योग्य तरीके से उपयोग कर के इसके कही स्वास्थ्य लाभ पाए जा सकते है।
मिल्क थिसल के लाभ Milk Thistle In Hindi
हर्बल प्लांट के रूप में मिल्क थिसल दुनियाभर में मशहूर है। इसके फूल और बीज को पीस कर औषधीय गुणवत्ता युक्त काढ़ा बनाया जाता है। इसके पत्ते आयुर्वेदिक दवाइया बनाने में इस्तेमाल किये जाते है। अब जानते है मिल्क थ्रिस्ट से शरीर को कैसे फायदे मिलते है।
(1) किडनी रोग निवारण
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए मिल्क थिसल का उपयोग आपके लिए बहुत लाभकारी होगा। किडनी के साथ यह पित्ताशय सम्बंधित बीमारियों को भी हल करता है। किडनी के ज़्यादातर रोगो को यह दूर करता है।
इस पौधे के बीज को पीस कर दूध के साथ पीने से किडनी स्वास्थ्य पर हकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किडनी को विषाक्त पदार्थो से दूर रखने में मिल्क थिसल से बना हुआ गुणकारी काढ़ा मददगार बनता है।
(2) लिवर के लिए लाभकारी
लिवर शरीर के विषाक्त पदार्थो को बहार निकालने का कार्य करता है। लेकिन कभी कभार लिवर खराबी आ जाती है। ऐसे में मिल्क थिसल लिवर स्वास्थ्य के सुधार में बहुत असरकारक भूमिका निभाता है।
दरअसल में मिल्क थिसल के बीजो में सिलेमेरिन (Silymarin) नामक पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड पाया जाता है। जो लिवर को डिटॉक्सीफाईड करने का कार्य करता है। लिवर की सूजन को भी यह कम करता है।
(3) पथरी रोग दूर करने में
किडनी स्टोन यानि गुर्दे की पथरी एक मूत्र नलिका की बीमारी है। इस बीमारी के उपचार में मिल्क थिसल कही फायदे देता है। मिल्क थिसल पाउडर को दूध में मिलकर नियमित पीने से यह समस्या दूर होती है।
जो लोग पथरी की दिक्क्त से गुजर रहे है उनके लिए यह औषधि श्रेष्ठ है। रोजाना मिल्क थ्रिस्ट की चाय या काढ़ा पीने से पथरी में राहत मिलती है। साथ ही यह लिवर डेमेज की परिस्थिति को भी ठीक करता है।
(4) एंटी कैंसर गुणों से युक्त
कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मिल्क थिसल काफी मददगार बनता है। इसके एंटी कैंसर गुण हमे कैंसर की बीमारी से बचाते है। कैंसर की बीमारी के लक्षणों को भी यह आसानी से कम कर सकता है।
कही अध्ययनों में पाया गया है की मिल्क थिसल कैंसर पीड़ितों के लिए लाभकारक है। कैंसर ट्रीटमेंट के साथ नियमित रूप से, मिल्क थिसल की दवाइया और काढ़ा पीने से कैंसर से होने वाले जोखिम कम होते है।
(5) पाचन प्रक्रिया में सुधार
पाचन लक्षी ज़्यादातर विकार दूर करने में मिल्क थिसल सहायक का काम करता है। पाचन सम्बंधित परेशानी जैसे की गैस, एसिडिटी, कब्ज, दस्त, डायरिया और पेट दर्द की समस्या में यह आराम दिलाता है।
प्राकृतिक गुणों से भरपूर मिल्क थिसल बीज का पाउडर गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से कही पाचन विकार दूर होते है। इसी के साथ मिल्क थ्रिस्ट पाचन प्रणाली को बेहतरीन कार्यक्षमता प्रदान करता है।
(6) स्ट्रोंग इम्युनिटी के लिए
आज कल के जमाने में संक्रमण की बीमारियो में बढ़ावा हो रहा है। ऐसे में इस समस्या का सामना करने के लिए मजबूत रोग प्रतिकारक शक्ति होना जरूरी है। मिल्क थिसल इम्युनिटी सिस्टम को सस्ट्रोंग बनाता है।
संक्रमण कारक बीमारियों को दूर रखने के लिए मिल्क थिसल की चाय पीना फायदेमंद है। साथ ही मिल्क थिसल के पत्तो को स्नेक्स के तोर पर खा कर भी मजबूत रोग प्रतिरक्षा प्रणाली बनाई जा सकती है।
(7) मानसिक स्वास्थ्य में लाभदायी
मानसिक रोगो का फैलवा बहुत तेजी से हो रहा है ऐसी स्थिति में दिमागी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो, ऐसे खाद्य पदार्थ की मांग बहुत बढ़ गयी है। मिल्क थिसल से बने पेय पदार्थ मानसिक तंदुरस्ती के लिए असरकारक है।
अल्ज़ाइमर जैसी भूलने की बीमारी को भी यह दूर रखता है। मिल्क थिसल में पाए जाने वाला सिलिबिनिन (Silibinin) नाम का तत्व याद रखने की क्षमता में बढ़ावा करता है।
(8) वजन कम करता है
2016 में किए गए प्रारंभिक पशु अनुसंधान में पाया गया है की मिल्क थिसल में मौजूद सिलीमरिन वजन घटाने में मददगार है। जो लोग वजन कम करने के लिए जिम जाते है वह मिल्क थिसल की स्मूथी बेजिझक पी सकते है।
वेट लॉस करने के लिए रोजाना नॉर्मल टी के बदले मिल्क थिसल पाउडर से बनी हर्बल टी पीना उत्तम है। यह औषधिय गुणों से युक्त चाय नियमित रूप से पीने पर शरीर की बिनजरूरी चर्बी कम होती है।
(9) प्राकृतिक एंटी एजिंग
बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए मिल्क थिसल अच्छा उपाय है। एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर मिल्क थ्रिस्ट त्वचा में मौजूद फ्री रेडिकल्स की समस्या से लड़ता है। जिससे एंटी एजिंग की प्रक्रिया धीमी होती है।
त्वचा सौंदर्य के लिए अनगिनत गुणों से युक्त मिल्क थिसल बहुत लाभकारक है। यह त्वचा में होने वाले दाग, धब्बे और सूजन को कम करता है। खूबसूरत त्वचा पाने के लिए अपनी डाइट में मिल्क थिसल को स्थान दे।
(10) डायबिटीज कंट्रोल में
शुगर की बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए मिल्क थिसल लाभदायी पुरवार हुआ है। रक्त में मौजूद शर्करा के प्रमाण को यह सरलता से कम करता है। टाइप 2 डायबिटीज के दर्दियो के लिए मिल्क थिसल गुणकारी है।
एक स्टडी के अनुसार मधुमेह की बीमारी में मिल्क थिसल से बना काढ़ा बहुत फायदेकारक होता है। इसके एंटी डायबिटिक गुण मानव शरीर को डायबिटीज से बचाने का कार्य करते है।
आशा करती हु Milk Thistle In Hindi की पूरी जानकारी अच्छे से दे पायी हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।