कोशिका क्या है, खोज और कार्य Koshika Ki Khoj Kisne Ki

कोशिका यानि सेल (Cell) जीवन की रचनात्मक और कार्यात्मक मुलभुत इकाई है। सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की थी। मानव शरीर पूरा कोशिकाओं से मिलकर बना हुआ है। एक कोशिका टूट कर दूसरी कोशिकाओं का निर्माण करती है।

कोशिका क्या है, खोज और कार्य (Koshika Ki Khoj Kisne Ki)

जिस तरह इट से पूरी इमारत का निर्माण होता है। इसी तरह हमारे शरीर का निर्माण भी छोटी-छोटी कोशिकाओं द्वारा होता है। मानव शरीर कही करोड़ो कोशिका से बना हुआ है। कोशिका के अलग-अलग प्रकार होते है जोअपनी तरह से कार्य करते है।

कोशिका किसे कहते है Koshika Kya Hai

सबसे छोटी कोशिका इकाई है की जिसमे जीवन संभव होता है। सजीव और निर्जीव में भी यही अंतर होता है। की सजीव में जीवित और क्रियात्मक कोशिका पायी जाती है। तथा निर्जीव में मृत और निष्क्रिय कोशिका होती है।

एक समान कोशिकाओं का समूह उत्तक यानि टिश्यू का निर्माण करते है। एक समान उत्तक शरीर के एक अंग का निर्माण करते है। इसी तरह सभी उत्तक मिल के अंग की रचना करते है जिसे जिव कहते है।

इस तरह सिद्ध होता है की कोशिका जीवन के लिए अति महत्व पूर्ण है। सामन्य शब्दों में कहे तो शरीर के भीतर पाए जाने वाले छोटे जिव कोशो को कोशिका कहते है

कोशिका को साइटों (Cyto) और उसके अध्ययन को साइटोंलोजी (Cytology) कहा जाता है। कुछ सजीव सिर्फ एक कोष से बने होते है, जिसे एक कोशीय जिव कहते है।

कोशिका की खोज किसने की थी Koshika Ki Khoj Kisne Ki

वैसे तो विश्व भर के कही विज्ञानीओ ने कोशिका पर अधिक संशोधन किया है। पर विश्व में सबसे पहले रोबर्ट हुक (Robert Hooke) नाम के विज्ञानी ने 1665 में कोशिका की खोज की थी। उनका जन्म 18 जुलाई 1635 के दौरान इंग्लैंड के वाइट द्रीप में हुआ था।

रॉबर्ट हुक एफ.आर.एस. एक अंग्रेजी प्राकृतिक दार्शनिक, वास्तुकार और बाहुश्रुत वैज्ञानिक थे। उन्होंने दुनिया में सौप्रथम कोशिका की परिभाषा दी थी जो कुछ इस तरह है।

”विश्व के सभी सजीव के शरीर अनेक छोटी-बड़ी कोशिकाओं से मिल कर बना हुआ है ”

– रोबर्ट हुक (1665)

लेकिन रोबर्ट हुक द्वारा खोज की हुई कोशिका मृत थी। फिर कोशिका की खोज 1674 के दौरान की गयी थी। डच विज्ञानी एंटोनी वैन लेउवेनहोएक ने सबसे पहले जीवित कोशिका की खोज की थी।

एंटोनी वैन लेउवेनहोएक (Antonie van Leeuwenhoek) को सूक्ष्म जिव विज्ञान के पिता माने जाते है। 1670 के दशक में, उन्होंने अपने माइक्रोस्कोप से माइक्रोबियल जीवन का पता लगाना शुरू किया था।

पौधे जानवरो से लेकर इंसान में मौजूद लाल रक्त कोशिका की थियरी उन्होंने दी थी। लेउवेनहोएक ने दी कोशिका की परिभाषा को हमने निचे आसान शब्दों में समझाया है।

” मानव शरीर में मौजूद जीवित कोशिका उत्तको का निर्माण कर के शरीर को सजीव और क्रियात्मक रखती है ”

– एंटोनी वैन लेउवेनहोएक

माइक्रोस्कोप जैसे महत्व पूर्ण आविष्कारक अपने नाम करने वाले इस वैज्ञानिक ने, कोशिका विषय को आसान शब्दों में व्याख्याइत किया था। इसके अलावा वैन लीउवेनहोएक बेहतर गुणवत्ता के लेंस विकसित करने वाले पहले व्यक्ति थे।

कोशिका का कार्य क्या है Koshika Ka Kary

एक रिसर्च के दौरान पता चला है की शरीर में अलग-अलग प्रकार की 200 कोशिका होती है। अंडाणु मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका है। और शुक्राणु (स्पर्म) नर की सबसे छोटी कोशिका होती है।

सभी कोशिका मिल कर अंग और पुरे शरीर का निर्माण करते है। कोशिका बॉडी के लिए बहुत जरूरी होती है वह कही तरह के कार्य करती है जो निचे बताए है। सबसे पहले जान लेते है कोशिका के 3 प्रमुख कार्य क्षेत्र कोनसे है।

  1. प्लाज़्मा झिल्ली
  2. केंद्रक
  3. कोशिका द्रव्य

अधिकतर कोशिका में होने वाले समस्त क्रियाकलाप और बाह्य पर्यावरण से क्रियाएं इन्हीं तीन गुणों के कारण होती है। कोशिका का मुख्य कार्य उत्तक को बनाना और सजीव की कार्य प्रणाली में सुधार करना है।

कोशिका कितने प्रकार की होती है Koshika Ke Prakar

विभिन्न पदार्थों का कोशिका छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती है। जिनको सामूहिक रूप से हम जीवन के नाम से जानते है। कुछ सजीव एक कोष से बने होते है वह एक कोशीय जिव है जैसे की अमीबा, पैरामीशियम, यूग्लीना, यीस्ट आदि।

दूसरे होते है बहुकोशिकीय जीव (Multicellular Organism) वह जीव अधिक कोशिकाओं से बने होते है। बहुकोशिकिय जीवों में अलग-अलग कार्य करने के लिए विशिष्ट कोशिकाएं पायी जाती है।

इसे कार्य विभाजन या श्रम विभाजन (Division Of Labour) कहा जाता है। मुख्य रूप में कोशिका के 2 प्रकार देखने को मिलते है।

  1. प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokaryotic Cells)
  2. यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic Cell)

प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका एक दूसरे से थोड़े अलग प्रकार की होती है। उनका कार्य भी अलग-अलग होता है। तो आइये इन दोनों कोशिकाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकरी प्राप्त करते है।

(1) प्रोकैरियोटिक कोशिका Prokaryotic Cells

कोई भी जिव जिसमे आंतरिक झिल्ली उपस्थित नहीं होती। जिस कारण नाभिक और बैक्टीरिया की कमी उत्पन्न होती है। प्रोकैरियोटिक कोशिका भी एक तरह ऐसी ही कोशिका है। जिसमे आंतरिक झिल्ली की अनुपस्थिति नज़र आती है। अब जानते है प्रोकैरियोटिक के नाम के बारे में।

  • Pro – Primitive (आरंभी या आद्य)
  • Karyon – Nucleus (केन्द्रक)

अर्थात यह रचना में आद्य कोशिकाए होती है। सामान्य शब्दों में कहे तो, ऐसी कोशिकाए जिनमे आरंभी अविकसित केंद्रक होता है। या केंद्रक का आभाव होता है उसे प्रोकैरियोटिक कोशिका कहा जाता है।

प्रोकैरियोटिक कोशिका में सभी सूक्ष्म जिव जैसे की जीवाणु, नील हरित शैवाल, विषाणु आदि में पायी जाती है। इस कोशिका में केन्द्रक का आभाव होता है जिससे पदार्थ सीधे कोशिका द्रव्य से जुड़े रहते है। केंद्रक पदार्थ में प्रोटीन, DNA, RNA वगेरा होता है।

(2) यूकैरियोटिक कोशिका Eukaryotic Cell

इन कोशिकाओं में दोहरी झिल्ली के आवरण, केन्द्रक आवरण से घिरा केन्द्रक पाया जाता है। जो DNA और हिस्टोन प्रोटीन से युक्त होता है। यह कोशिका दूसरी कोशिकाओं से कद में बड़ी होती है।

यूकेरियोटिक कोशिका में केंद्रक उपस्थित होता है तथा केंद्र के चारों तरफ भी केंद्रक कला उपस्थित होती है। सामान्य भाषा में कहे तो इस कोशिका में विकसित प्रकार का केंद्रक पाया जाता है। अब जानते है यूकेरियोटिक कोशिका के नाम के बारे में।

  • Eu – Good Or Well (अच्छी तरह विकसित)
  • Karyon – Nucleus (केन्द्रक)

इसका मतलब यह होता है की यूकेरियोटिक कोशिका रचना में सुविकसित कोशिकाए होती है। इसमें सभी जिव-जंतु एवं वनस्पति, उच्च कक्षा के पेड़ पौधे, जानवर, मानव आदि सभी आते है।

यूकेरियोटिक कोशिका में केंद्रक उपस्थित होता है तथा केंद्र के चारों तरफ भी केंद्रक कला उपस्थित होती है। सामान्य भाषा में कहे तो इस कोशिका में विकसित प्रकार का केंद्रक पाया जाता है।

पादप कोशिका क्या है Plant Cell In Hindi

सर्व सामान्य प्रकार जानने के बाद जानते है वनस्पति कोशिका क्या है। मानव, प्राणी एवं पेड़ पौधो के अंदर अलग-अलग प्रकार की कोशिकाए मौजूद होती है। इसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते है।

आमतोर पर वनस्पति में पाए जाने वाली कोशिका को पादप कोशिका के नाम से जाना जाता है। वैसे तो पादप की गणना करना मुश्किल है। पर साल 2020 में किए गए संशोधन के आधार पर इसकी संख्या 2.7 लाख तक रहती है।

पादप कोशिका सजीव सृष्टि के लिए अधिक महत्व पूर्ण है। क्यों की हरे पादपों द्वारा हमे शुद्ध ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। पादप वनस्पति द्वारा कही प्रकर की दवाइया और औषधीय भी तैयार की जाती है।

इस कोशिका के प्रकार में 2 कोशिका स्क्लेरीड या पाषाण कोशिकाएं और रेशे शामिल है। पादप कोशिकाओं में कोशिका भित्ति, क्लोरोप्लास्ट और अन्य विशिष्ट प्लास्टिड्स और एक बड़ी केंद्रीय रिक्तिका होता है।

पादप कोशिका का चित्र Plant Cell Photo

खास कर वनस्पति में पाए जाने वाली पादप कोशिका दिखने में थोड़ी सी गोलाकार होती है। पादप कोशिका चित्र को देख कर इसे आप अपनी नोटबुक, कागज या बुक के अंदर ड्रॉ कर सकते है।

plant cell 1

plant cell 2

आशा करती हु कोशिका के बारे में पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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