गोटू कोला क्या है, फायदे, उपयोग Gotu Kola In Hindi

आयुर्वेद में कही गुणकारी औषधियों का उल्लेख किया गया है उनमे से एक है गोटू कोला। इस औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पति को मंडूकपर्णी नाम से भी जाना जाता है। Gotu Kola In Hindi में फ्लेवोनॉइड, पोलीफेनॉल, प्रोटीन, विटामिन सी और इ की अच्छी मात्रा होती है।

गोटू कोला क्या है, फायदे, उपयोग Gotu Kola In Hindi

दक्षिण भारत के लोग गोटू कोला को ब्राह्मी के नाम से जानते है। लेकिन ब्राह्मी एक अलग पौधा है जिसके स्वास्थ्य लाभ गोटू कोला जैसे ही है। मस्तिष्क विकास के लिए गोटू कोला का अर्क या चूर्ण खाना फायदेकारक है। गोटू कोला नाम की इस औषधि का उपयोग सप्लीमेंट के रूप में भी कर सकते है।

गोटू कोला क्या है Gotu Kola In Hindi

ब्राह्मी बूटी के नाम से प्रसिद्ध गोटू कोला एपियेसी (Apiaceae) परिवार की प्रजाति है। इसका वानस्पतिक नाम सेंटेला आस्टीटिका (Centella asiatica) है। गोटू कोला पौधा दिखने में बेहद आकर्षक लगता है। इसकी हरे रंग की गोलाकार पत्तिया बहुत खूबसूरत होती है।

गोटू कोला फूल सफ़ेद, बैगनी और गुलाबी रंग के होते है। यह एक प्रकार की लता है जिसे आप घरो की छत पर लगा सकते है। इसे गमलों या बगीचों में लगा कर प्राकृतिक वातावरण खड़ा किया जा सकता है। अंग्रेजी में गोटू कोला को Centella asiatica और Indian Pennywort कहा जाता है।

आज कल मार्किट में गोटू कोला से बने नए नए प्रोडक्ट्स आ गए है। लेकिन हो सके तो इन प्रोडक्ट्स का उपयोग ज़्यादा न करे। इसके बजाए गोटू कोला पत्तियों का रस या लेप बना कर उसका इस्तेमाल करे। गोटू कोला का पौधा ज़्यादातर उत्तरी भारत के नमी वाले विस्तारो में होता है।

गोटू कोला के फायदे और उपयोग

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखना हो तो गोटू कोला जैसी गुणकारी औषधि का उपयोग जरूर करे। इसी के साथ यह औषधि सौंदर्य लक्षी समस्याओ को भी आसानी से दूर करती है। अब जानते है गोटू कला से शरीर को कोनसे स्वास्थ्यकिय लाभ मिलते है।

(1) अवसाद की स्थिति में लाभदायी

लंबे समय तक चिंता करने से हम अवसाद की स्थिति में आ जाते है। मानसिक स्वास्थ्य की तंदुरस्ती के लिए गोटू कोला फायदेकारक है। गुनगुने पानी में गोटू कोला पाउडर मिला कर पीना लाभदायक है।

अवसाद की परिस्थिति से छुटकारा पाने के लिए यह उत्तम उपाय है। गोटू कोला में एंटी डिसपेंटेट गुण पाए जाते है। जो मानसिक स्वास्थ्य पर हकारात्मक प्रभाव डाल कर उसे स्वस्थ बनाने का कार्य करते है।

(2) बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में मददगार

दिमागी कार्य क्षमता में बढ़ावा हो तो हम किसी भी परिस्थिति में से जल्दी बहार निकल सकते है। बच्चो के मानसिक विकास में भी यह औषधि मददगार है। छोटे बच्चो को गोटू कोला रस पीलाना फायदेमंद है।

आयुर्वेद के अनुसार गोटू कोला की ताज़ी पत्तियों को पीस कर गाय के उबले हुए दूध में डाल कर पीना लाभकारी है। सप्ताह में 2 से 3 बार यह प्रक्रिया दोहराने पर थोड़े ही दिनों में इसकी असरकारकता दिख जाती है।

(3) याद शक्ति बढ़ती है

याद शक्ति कम होने के शुरुआती लक्षण को ज़्यादातर लोग नज़रअंदाज कर देते है। पर इसका योग्य समय पर उपचार न किया जाये तो समस्या ज़्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में गोटू कोला औषधि आपके लिए बिलकुल योग्य है।

दिमाग तेज कर के यह औषधि याद शक्ति में बढ़ावा करती है। गोटू कोला औषधि की पत्तियों को पीस कर लेप बनाना चाहिए। और उस लेप को सिर पर लगाना चाहिए इससे मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

(4) ध्यान में एकाग्रता

मन की शांति के लिए भारत और पुरे विश्व में ध्यान करना मशहूर है। एक संशोधन के आधार पर पता चला है की गोटू कोला ध्यान, एकाग्रता में मदद करता है। ध्यान में कमी के विकार को भी यह दूर करता है।

मन की उत्तेजना के लक्षणों को यह कम करता है। गोटू कोला में शंखपुष्पी, मुक्त पिष्टी, प्रुष्ट्मधू और ब्राह्मी मिला कर काढ़ा बनाया जाता है। यह आयुर्वेदिक काढ़ा ध्यान में एकाग्रता को बढ़ाता है।

(5) एंटी ऑक्सीडेंट का स्त्रोत

एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होने के कारण मंडूकपर्णी शरीर की अधिकतर समस्याओ को दूर करता है। साथ ही यह फ्री रेडिकल्स से होने वाले शारीरिक एवं मानसिक नुकसान को भी कम करता है।

शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने में गोटू कोला फायदेकारक है। गोटू कोला में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट रक्त कोशिकाओं में हो रहे नुकसान को कम करता है। यह शरीर में रहे विषाक्त पदार्थो को बहार निकालता है।

(6) जल्दी घांव भरने में

कही बार चोट लगने के कारण गहरा या सामन्य घांव लग जाता है। आम तोर पर ऐसे घांव योग्य समय पर भर जाते है। लेकिन कोई रोग या विटामिन्स की कमी होने से यह प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।

ऐसे वक्त में उपयोग में ले अनेक गुणों से भरी औषधि। जड़ी बूटी के रूप में घांव जल्दी भरने के लिए गोटू कोला अच्छी वनस्पति है। आयुर्वेद में बताया गया है की Gotu Kola In Hindi लेप लगाने से घांव जल्दी भर जाते है।

(7) ब्लड सर्क्युलेशन अच्छा रहता है

शरीर में हर जगह पर सही तरह से रक्त परिसंचरण होना जरूरी है। कही हिस्सों में खून सही तरह से नहीं पहुंच पाने से वहा झुनझुनी होने लगती है। कभी कभार यह खून की कमी का लक्षण भी हो सकता है।

ब्लड सर्क्युलेशन सही तरह से हो इसलिए गोटू कोला का लेप शरीर पर लगाना चाहिए। इसमें मौजूद पोषक गुण त्वचा और शरीर दोनों के लिए लाभकारक है। आप चाहे तो इसमें शहद और जैतून का तेल भी मिला सकते है।

(8) विटामिन सी गुणों से समृद्ध

विटामिन सी हमारे शरीर के लिए महत्व पूर्ण पोषक तत्व है। यह रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने से लेकर कही स्वास्थ्य लक्षी समस्याओ से राहत देता है। गोटू कोला औषधि विटामिन सी के गुणों से समृद्ध है।

विटामिन्स की कमी पुरे करने के लिए गोटू कोला का रस नियमित पीना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य तो अच्छा रहता ही है। साथ ही सौंदर्य की परेशानियों से भी निजात पायी जा सकती है।

(9) फटी एड़ियों का अक्सीर इलाज

महिलाओ में बारिश और सर्दियों के मौसम में फटी एड़ियों की समस्या ज़्यादा रहती है। एड़िया फटी होने के कारण उस जगह पर दर्द होता है। और यह पैरो की खूबसूरती को भी छीन लेता है।

फटी एड़ियों का अक्सीर इलाज है गोटू कोला वनस्पति। इस लाभकारी औषधि के लेप में पेट्रोलियम जैली मिला कर एक पेस्ट तैयार किया जाता है। इस लेप को लगाने से फटी एड़ियों की समस्या ठीक हो जाती है।

(10) अच्छी नींद के लिए

व्यक्ति जब मानसिक रूप से तनाव में हो तो इसकी बुरी असर नींद पर पड़ती है जिस कारण अच्छी नींद नहीं मिल पाती। पर गोटू कोला औषधि ज़्यादातर मस्तिष्क सम्बंधित विकारो को दूर करती है।

रात को सोने से पहले गोटू कोला चूर्ण को गुनगुने पानी में डाल कर पीए। ऐसा करने से अनिंद्रा की समस्या दूर होती है। साथ ही इससे गहरी और अच्छी नींद भी आ जाती है।

गोटू कोला के नुकसान

अनगिनत फायदों से भरपूर गोटू कोला को अगर अयोग्य तरीके से खाया या इस्तेमाल किया जाए तो यह गुणकारी औषधि नुकसान भी करती है।

  • गोटू कोला रस या काढ़ा अत्याधिक मात्रा में पीया जाए तो इससे पेट सम्बंधित विकार खड़े हो सकते है।
  • संवेदनशील त्वचा वालों को गोटू कोला लेप शरीर या चेहरे पर नहीं लगाना चाहिए। क्यों की यह त्वचा को हानि पहुंचा सकता है।
  • कभी कभार गोटू कोला के कारण एलर्जी भी लग सकती है।
  • गोटू कोला चूर्ण का अधिक मात्रा में सेवन करने पर पेट दर्द, मतली, चक्कर आना, सिरदर्द और बहुत ज़्यादा नींद आने लगना जैसे बुरे लक्षण दीखते है।
  • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाए गोटू कोला का अधिक सेवन करने से बचे।
  • अगर आपने ताज़ा ही कोई ऑपरेशन करवाया है। या कोई बीमारी की विशेष प्रकार की दवाइया ले रहे है। तो गोटू कोला का सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करे।

आशा करती हु Gotu Kola In Hindi की अच्छी जानकारी दे पायी हु। पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

DAWAiLAJ
Logo