गोमुखासन (Gomukhasana) कैसे करे, फायदे और सावधानी

योग द्वारा कही स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या का अंत लाया जा सकता है। पूर्ण रूप में यह आसन गाय के मुख जैसा दीखता है। इसलिए इसे गोमुखासन (Gomukhasana) कहते है। गौ मतलब ‘गाय’ और मुख मतलब ‘मुंह’। आसन की पूर्ण स्थिति में दोनों पैर गाय के होठ जैसे दिखते है। हाथ ऊपर और शरीर गाय के नाक जैसा दीखता है।

गोमुखासन (Gomukhasana) कैसे करे, फायदे और सावधानी

गोमुखासन हठयोग का आसन है, गौ का एक मतलब प्रकाश भी है। इस आसन को करने से मन शांत होता है। बहोत से योगी ध्यान करने से पहले ये आसन करते है। पेट सम्बंधित समस्याओ से छुटकारा पाया जा सकता है। यहाँ हमने गोमुखासन करने का सरल तरीका और फायदे की जानकारी दी है।

गोमुखासन (Gomukhasana) कैसे करे

किसी भी आसन को करने से पहले खुले और सुविधाजनक कपडे पहने। पेट सम्बंधित समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह आसन अच्छा है। शरीर को सीधा रखने में यह आसन अत्यंत उपयोगी है।

बैठक की मुद्रा और चाल सुधारने में असरकारक है। इस से शरीर का लचीलापन बढ़ाने में मदद मिलती है। निचे बताये गए तरीके द्वारा गोमुखासन की शुरुआत करे।

गोमुखासन करने का तरीका

  1. आसन बिछा कर पैरो को लम्बा करके बैठ जाइये।
  2. दाहिंने पैर को घुटनो से बाए और मोड़ ले शरीर के पास ले आइये।
  3. बाये कूल्हों के नीचे दाहिनी एडि होनी चाहिए, उस पर बैठ जाइये।
  4. बाए पैर घुटनो से मोड़कर दाहिने पैर के ऊपर रख दे। और एडिया दाहिने कूल्हों से नीचे रखे।
  5. ध्यान रखे दोनों घुटने बिलकुल एक दूसरे के ऊपर हो।
  6. अगर आप का वजन एक पैर पर आये तो कम्बल का सहारा लीजिये।
  7. जो पैर ऊपर हो उसी के उपरवाला हाथ ऊपर उठाये।
  8. अब कोहनी से मोड़ के पीठ के पीछे हाथ खींचे।
  9. दूसरा हाथ साइड से मोड़ दे और पीछे ले जाइये।
  10. नीचे वाले हाथ से उपर वाले हाथ को पकडे।
  11. 10 से 20 सेकंड तक रुकिये और गहरी सांस ले।
  12. अगर आपका हाथ पकड़ा नहीं जाता तो भी, जहा तक जाये वहा तक कोशिश करे।
  13. हाथो को छोड़ दे और पैरो की बैठक खोलकर दूसरे पैर को ऊपर लाये।
  14. साथ ही दूसरे हाथ से कोहनी से मोड़कर पीछे से दूसरे हाथ को पकडे।
  15. अगर आपके कंधे लचीले नहीं तब आपको ज्यादा कोशिश करनी होगी।
  16. दोनों हाथो को मिलाने के लिए चाहे तो किसी अन्य व्यक्ति की मदद ले सकते है।

सावधानी रखनेवाली बाते

  • अगर कंधो में चोट लगी हो तो इस आसन को ज्यादा न खींचे।
  • घुटनो की चोट में या किसी भी चोट हो तब आसन न करे।
  • पीठ में दर्द हो तो ये आसन नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी असहज पोज़ में ना बैठे।
  • बवासीर में यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • आसन करने में हाथ को ज्यादा जबरजस्ती न खींचिये।
  • गर्भावस्था के समय और उसके बाद यह आसन ना करे।

गोमुखासन करने के फायदे

  • महिलाओ के मासिकधर्म सम्बंधित समस्या दूर करने में सहायक है।
  • डायबिटीज पीड़ितों के लिए यह आसान फायदेकारक है। यह आसान नियमित रूप से करने पर मधुमेह नियंत्रित रहता है।
  • हृदय स्वास्थ्य को तंदुरस्त बनाये रखने में गोमुखासन उपयोगी है।
  • यह आसन अत्यधिक तनाव और चिंता को दूर करके मन को शांत रखने में मददगार है।
  • हाथो और पैरो को खींचने के कारण कंधो, कूल्हों, जांध, घुटनो, एड़ियों, छाती, पीठ को मजबूत बनाता है।
  • Gomukhasana सायटिका और पीठ दर्द की समस्या को कम करता है।
  • मन शांत हो जाता है तनाव काम कर देता है ध्यान करने में मदद मिलती है।
  • छाती का विकास करता है साथ ही आगे की रीड की हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  • आस्थमा के दर्दियो के लिए ये आशीर्वाद समान है।
  • वजन कम करने में, उच्च रक्तचाप में, ढले हुआ कंधो को सीधा करने में फायदेमंद है।
  • किडनी की काम करने की क्षमता को बढ़ाता है।
  • मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाता है। पहले से यह आसन करे तो बढ़ती उम्र में होनेवाली अक्कड़पन की समस्या नहीं होती।

हो सके तो गोमुखासन करने से पहले ताड़ासन, वीरासन, तितली आसन और बद्ध कोणासन कीजिये। इस से आपको गोमुखासन का अधिक लाभ मिलेगा।

आशा करती हू गोमुखासन की पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपने नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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