Anxiety Meaning In Hindi | चिंता क्या है पूरी जानकारी

एंग्जायटी का हिंदी में मतलब (Anxiety Meaning In Hindi) चिंता या व्यग्रता होता है। यह एक प्रकार का मस्तिष्क सम्बंधित विकार है। जिसे मेडिकल भाषा में एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorder) कहा जाता है।

Anxiety Meaning In Hindi | चिंता क्या है पूरी जानकारी

दुनियाभर के अधिकांश देशो में यह समस्या दिन-प्रतिदिन तेजी से फैलती जा रही है। यह परेशानी आगे बढ़ कर शरीर स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक बन सकती है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षण दीखते ही तुरंत योग्य इलाज करवाना चाहिए।

Anxiety Meaning In Hindi चिंता क्या है

एंग्जायटी लेटिन भाषा के शब्द Anxietas और Anxious से बना है। इसका मतलब होता है ज़्यादा परेशानी में रहना या अत्याधिक चिंता करना। किसी भी उम्र वाले व्यक्ति में यह समस्या देखने मिल सकती है।

चिंता या घभराहट के दौरान व्यक्ति के मन में कुछ बुरा होने की आशंका रहती है। जबकि इनके विचार या बातो का कोई वास्तविक आधार नहीं होता। चिंता सभी को होती है, ऐसा होना एक आम बात है। मगर एंग्जायटी पीड़ित दर्दी हमेशा ज़्यादा चिंता में रहता है।

हर किसी को कोई न कोई डर होता है। किसी को नौकरी खोने का डर, किसी को अच्छे मार्क्स ना आने का तो किसी को अपने स्वास्थ्य बिगड़ जाने का डर। डर होने से मन में चिंता भी ज़्यादा बढ़ती है। यह परेशानी आगे बढ़ कर अवसाद का कारण बनती है।

आज की स्ट्रेस वाली ज़िंदगी में बहुत से लोग एंग्जायटी रोग का शिकार बन चुके है। ऐसा न हो इसके लिए हमेशा अपनी सकारात्मक सोच का सहारा ले। साथ ही मनोरोग स्पेशलिस्ट इस परेशानी का बहुत अच्छे से हल करने में आपकी मदद कर सकते है।

Types Of Anxiety चिंता के प्रकार

अधिकतर लोग चिंता के प्रकार की सही जानकारी से अनजान है। पर इन प्रकारो की योग्य माहिती आपके पास हो तो इसके इलाज में आसानी रहती है। मुख्य रूप से एंग्जायटी विकार के 3 प्रकार है जो निचे मुताबिक है।

(1) व्यापक चिंता रोग (Generalized Anxiety Disorder)

जर्नलाइज़्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर में व्यक्ति जो परिस्थिति है, उससे ज़्यादा चिंता करने लगता है। हालांकि यह चिंता अवास्तविक होती है। इसमें व्यक्ति को एक विचार से पैदा हुआ डर सच्चाई ही लगने लगता है।

ऐसे रोगी में नेगेटिव ख़यालात बहुत होते है। उनमें हकीकत और उनकी सोच का अंतर समझ आना भी बंद हो जाता है। जिस कारण उनकी सोच ही उन्हें वास्तविकता लगने लगती है।

व्यापक चिंता रोग के लक्षण

  1. मांसपेशियों में तनाव
  2. दिमाग में भारीपन
  3. मुँह सुखना
  4. उबकाई या उलटी आना
  5. पेट सम्बंधित विकार
  6. सांस फूलना
  7. पसीना आना

(2) तीव्र घभराहट (Panic Attack)

व्यापक चिंता रोग के बढ़ने के कारण पैनिक अटैक होने की संभावना रहती है। जो व्यक्ति अवास्तविक को ही वास्तविक समझ लेता है वः पैनिक अटैक की चपेट में आसानी से आ सकता है।

यह बीमारी दिमागी एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव डालती है। पैनिक अटैक के दौरान मरीज अपना मस्तिष्क नियंत्रण खो चूका होता है। वह बहुत ही तीव्र घभराहट की परिस्थति से गुजर रहा होता है।

तीव्र घभराहट के लक्षण

  1. सांस लेने में दिक्कत होना
  2. चक्कर आना
  3. अजीब सी झनझनाहट महसूस करना
  4. बेहोशी की स्थिति
  5. अनियमित दिल की धड़कन
  6. कही मन न लगना
  7. लगातार बुरे विचार आना

(3) दुर्भीति या अनावश्यक डर (Phobia)

दुर्भीति जिसे हम मेडिकल भाषा में फोबिया के नाम से जानते है। यह एक एक प्रकार का मनोरोग है, जिसमे व्यक्ति अनावश्यक डर महसूस करता है। आज-कल के जमाने में यह विकार बहुत से लोगो में दिखाई देता है।

इंसान को ऊंचाई, पानी, पब्लिक, परिस्थिति या अन्य कोई भी चीज़ का फोबिया हो सकता है। इस समस्या में यदि व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है, तो उसका डर धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसके लिए आप साइकोथेरेपिस्ट की सहायता ले सकते है।

फोबिया के लक्षण

  1. ऊंचाई का डर
  2. बंद जगहों का डर
  3. लिफ्ट के अंदर जाने का डर
  4. भीड़-भाड़ वाली जगहों का डर
  5. सिर में भारीपन
  6. तेज आवाज़े सुनाई देना
  7. डायरिया
  8. किसी प्राणी से डर
  9. ज्यादा लोगो से डर
  10. अकेलापन

What Causes Anxiety In Hindi चिंता के कारण

अवास्तविक चिंता होने के पीछे बहुत से कारण जिम्मेदार होते है। पर शोधकर्ताए ठीक से नहीं जान पाए की एंग्जायटी के पीछे का मुख्य कारण कोनसा है। यहाँ हमने एंग्जायटी के अधिकतर केसिस में दिखे कारणों को दर्शाया है।

  • जिन्होंने छोटी उम्र में ही किसी दर्दनाक घटना का सामना किया हो, वैसे लोगो में व्यापक चिंता का प्रमाण देखने मिलता है।
  • किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों में एंग्जायटी होने की संभावना ज़्यादा रहती है।
  • जीवन की तनाव पूर्ण स्थितियों के दौरान आप इस रोग की चपेट में आ सकते है।
  • जो लोग हमेशा दुसरो से तुलना करते रहते है। या खुद को उनकी तुलना में बहुत छोटा महसूस करते है। तो ऐसे लोग जल्द ही एंग्जायटी का शिकार बन जाते है।
  • मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधित विकार वाले व्यक्ति तेज़ी से इस रोग के जल में फस जाते है।
  • ड्रग्स या अल्कोहोल के सेवन से मानसिक विकार होने की संभावना बढ़ती है।
  • धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की मानसिक हालत एंग्जायटी के रूप में ख़राब हो सकती है।

Symptoms Of Anxiety in Hindi एंग्जायटी के सामान्य लक्षण

मानसिक चिंता से सम्बंधित इस रोग के दौरान दर्दी में बहुत से लक्षण दिखाई देते है। पर इन लक्षणों को नज़रअंदाज न करते हुए तुरंत इसका इलाज करना चाहिए।

  • घभराहट होना
  • अत्याधिक डर लगना
  • बेचैनी महसूस करना
  • मुँह सुखना
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • साँस लेने में परेशानी
  • ज़्यादा पसीना आना
  • कमजोरी एवं सुस्ती महसूस करना
  • ज़्यादा चिंतित रहना
  • पाचन तंत्र में विकार होना
  • हाथ-पैरो का ठंडा पड़ना
  • स्पष्ट रूप से सोचने में दिक्कत होना
  • स्थिर खड़े रहने में अक्षमता

जाने डिप्रेशन क्या है पूरी जानकारी

Prevention Of Anxiety In Hindi चिंता से बचाव

आज की भाग-दौड़ वाली ज़िंदगी में हर कोई चिंता ग्रस्त हो जाता है। आगे बढ़ कर यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव कर सकता है। इसलिए चिंता से बचने के लिए कुछ जरूरी बाते ध्यान में रखे।

(1) तनाव नियंत्रण करे

स्ट्रेस यानि तनाव हर किसी की ज़िंदगी में होता है। मगर याद रहे ज़्यादा तनाव लेने से आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसके बचाव के लिए आप हकारात्मक सोच का सहारा ले सकते है।

किसी भी परिस्थिति में अपना मनोबल ना टूटने दे। चिंता की स्थिति में खुद को शांत रखने की कोशिश करे। अच्छे लोगो से मिले और अच्छी किताबे पढ़ना शुरू करे। खुद को यकीन दिलाए की ये परिस्थिति ज़्यादा समय तक नहीं रहेगी।

(2) अपनी मनोदशा का हिसाब रखे

व्यक्ति को समय-समय पर अपनी मनोस्थिति कैसी है वह जान लेनी चाहिए। साथ ही उन कारणों का हिसाब रखे जिससे आप चिंता में रहते है। समय के साथ उन्हें अपनी पॉजिटिव थिंकिंग के साथ सुलझाने की कोशिश करे।

यदि आप ऐसी छोटी-छोटी बातो का ध्यान रखते है। तो आपकी मनोदशा और सोच दोनों में हकारात्मक परिणाम देखने मिलते है। जिससे मानसिक तनाव और चिंता में रहत मिलेगी।

(3) पोषण युक्त आहार ले

आहार भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा या अच्छा प्रभाव डालते है। इसलिए हमेशा ऐसे ही खुराक का सेवन करना चाहिए। जिससे स्वास्थ्य को नुकसान कम और फायदे ज्यादा हो।

इसके लिए आप रोजाना फल, जूस, सुप, हरी सब्जिया, ओट्स, सीड्स और ड्राई फ्रूट्स खा सकते है। आप मानसिक समस्याओ से जूझ रहे है। तो वसायुक्त असंतुलिन गलत खान-पान से बचे।

(4) अच्छे वातावरण में रहे

व्यक्ति के दिमाग पर सबसे ज़्यादा असर उसके आसपास का वातारवरण करता है। यदि गंभीर या बिद्गा हुआ वातारवरण हो उसकी सोच भी वैसी ही बनती जाती है। हो सके तो आप प्राकृतिक या खुद को पसंद हो वैसे वातावरण में रहे।

इसके साथ आप मानसिक स्वास्थ्य की तंदुरस्ती के लिए ध्यान भी कर सकते है। ध्यान करने से आपके मनोजगत को शांति प्राप्त होती है। ऐसा करने से आप जल्द ही इस परिस्थिति से बहार आ जायेगे।

(5) नशीले पदार्थो से बचे

चिंता होने के कारणों में से एक है नशीली चीज़ो का सेवन करना। नशीले पदार्थ शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से खतरनाक है। इस वजह से ऐसे पदार्थो का सेवन करने से हमेशा बचे।

अक्सर लोग समझते है की तम्बाकू, ड्रग्स और शराब तनाव निवारक का काम करते है। मगर वास्तव में इनका उपयोग स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है। कैफीन जैसे पदार्थ मानसिक विकार को अधिक बढ़ा सकते है, इसलिए इससे दूर रहे।

Anxiety Treatment In Hindi चिंता का इलाज

एंग्जायटी एक गंभीर मानसिक समस्या है, जिसका जल्द ही इलाज करना चाहिए। उपचार के साथ हकारात्मक प्रवृति की तरफ ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे आपको बहुत कम समय में अच्छे परिणाम मिलते है।

मुख्यरूप से 2 प्रकार से एंग्जायटी का इलाज किया जा सकता है।

(1) चिंता की दवा (Anxiety Medicine)

दवा द्वारा आप इस समस्या का जड़ से निवारण कर सकते है। पर याद रहे दवाई को हमेशा हेल्थ एक्सपर्ट यानि मानसिक रोगो के निष्णांत की सलाह अनुसार ही ले। निचे हमने एंग्जायटी के दौरान ली जाती दवाई की लिस्ट बताई है।

  1. डायजे़पाम (Diazepam)
  2. क्लोरोडायजेपोक्साइड (Chlordiazepoxide)
  3. ऑक्साज़ेपम टैबलेट (Oxazepam)
  4. लोराज़ेपम टैबलेट (Lorazepam)
  5. अल्प्राजोलम (Alprazolam)
  6. बुसपिरोन (Buspirone)
  7. हाइड्रोक्सिज़ीन (Hydroxyzine)

(2) मनोचिकित्सा (Psychotherapy)

मनोचिकित्स्क काउन्सलिंग द्वारा मरीज का उपचार करते है, जिसे साइकोथेरेपी कहा जाता है। इस उपचार में डॉक्टर मरीज को सेशन के दौरान बुलाते है। जिसमे उन्हें कुछ सवाल-जवाब करते है। मनोचिकित्सा से व्यक्ति जल्द ही ठीक हो जाता है और फिर से अपनी नार्मल लाइफ में वापस लौटता है।

मनोचिकित्सा के 6 प्रकार देखने मिलते है।

  1. व्यवहार चिकित्सा (Behavioral Therapy)
  2. संज्ञात्मक चिकित्सा (Cognitive Behavioral Therapy)
  3. अंतर्वैयक्तिक चिकित्सा (Interpersonal Therapy)
  4. परिवार चिकित्सा (Family Therapy)
  5. समूह चिकित्सा (Group Therapy)
  6. साइकोडाईनेमिक (Psychodynamic Therapy)

सवाल-जवाब (FAQ)

ज़्यादातर लोगो के पास एंग्जायटी नामक मानसिक बीमारी की पर्याप्त जानकारी नहीं होती। उन लोगो के मन में एंग्जायटी को लेकर कही प्रश्न होते है। उनमे से मुख्यतर सवालों के जवाब हमने निचे दर्शाए है।

(1) एंग्जायटी का हिंदी अर्थ (Anxiety Meaning In Hindi) क्या है?

एंग्जायटी एक प्रकार का मानसिक रोग है। इसे हिंदी में चिंता, व्यग्रता या घभराहट के नाम से जाना जाता है।

(2) एंजायटी कैसे होती है?

ज़्यादातर नकारात्मक विचार या सोच रखने से एंग्जायटी होने की संभावना रहती है। इसके अलावा अयोग्य खान-पान, जीवनशैली और आसपास के वातावरण से एंग्जायटी की समस्या हो सकती है।

(3) एंजायटी और डिप्रेशन में क्या अंतर है?

घभराहट या चिंता के शुरुआती हिस्से को एंग्जायटी कहते है। यह समस्या यदि ज़्यादा बड़े तो डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। एंग्जायटी के शुरुआती लक्षणों में ही इसका उपचार किया जाए तो अवसाद का खतरा कम रहता है।

(4) एंग्जायटी को कैसे दूर करें?

एंग्जायटी कोई गंभीर रोग नहीं है यह एक मानसिक समस्या है। जिसका सही समय पर योग्य उपचार करने से इससे छुटकारा मिलता है। इसे दूर करने के लिए आप दवाइया या मनोचिकित्सा का सहारा ले सकते है।

(5) ज्यादा टेंशन लेने से कौन सी बीमारी होती है?

अत्याधिक तनाव या टेंशन में रहने से आप मानसिक बीमारियों का शिकार बन सकते है। जिसमे एंग्जायटी, डिप्रेशन, फोबिया या मूड डिसऑर्डर जैसी बीमारी होने की संभावना रहती है।

आशा करती हु Anxiety Meaning In Hindi चिंता क्या है की पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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