मेडिकल में MLC क्या है? फुल फॉर्म और किन केस में एमएलसी बनता है

बहुत से लोगो को प्रश्न है की मेडिकल में MLC क्या है या इसका फुल फॉर्म क्या है? तो यह एक क़ानूनी प्रक्रिया होती है, जिसका फुल फॉर्म मेडिकल लीगल केस (Medico Legal Cases) होता है।

मेडिकल में MLC क्या है? फुल फॉर्म और किन केस में एमएलसी बनता है

यदि किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट, रेप, मार-पिट, हिंसा या अन्य किसी बनाव के कारण शारीरिक नुकसान हुआ हो तो एमएलसी बनाई जाती है। एमएलसी को पुलिस या हॉस्पिटल द्वारा बनाया जाता है।

जो लोग राजनीती या न्याय में दिलचस्पी रखते है, उन लोगो ने कभी न कभी एमएलसी जैसा शब्द जरूर सुना होगा। तो एमएलसी किसी बड़े अपराध या चोट और हमलो के कारण बनाई जाती है।

जब किसी के कारण कोई व्यक्ति को शारीरिक चोट लगी हो तो वह कोर्ट में उसके खिलाफ केस कर सकता है। सबूत के तोर पर वह हॉस्पिटल के पास से एमएलसी बनवा सकता है। जिस कारण उसे अपने न्याय में एक मजबूत सबूत मिल सके।

कुछ बार ऐसा भी होता है की कोई हॉस्पिटल या पुलिस आपकी एमएलसी नहीं बनाती है। ऐसे केस में आप खुद कैसे एमएलसी बनवा सकते है? यह सब जानने के लिए हमारी पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

एमएलसी क्या है (What Is MLC In Hindi)

किसी गंभीर चिकित्स्कीय मामलो में एक एविडेंस के रूप में एमएलसी बनाई जाती है। यह एक लीगल क़ानूनी प्रक्रिया होती है। जिसमे मरीज के शरीर से कोई सबूत जुटाया जा सकता है जैसे खून के नमूने आदि।

जब कोई व्यक्ति चोट, दुर्घटना या हिंसा के कारण शारीरिक रूप से जख्मी हुआ हो। तो वह हॉस्पिटल जा कर अपनी एमएलसी बनवाता है।

इस प्रक्रिया में डॉक्टर्स द्वारा मरीज की योग्य जांच की जाती है। फोटोग्राफ्स और टेस्ट्स द्वारा व्यक्ति को लगी चोट की एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। जो पुलिस को मामले की जाँच के लिए सौंपी जाती है।

असली एमएलसी हमेशा पुलिस के पास रहती है। मरीज या एमएलसी अरजदार व्यक्ति को एमएलसी जाँच की एक कॉपी दी जाती है। एमएलसी द्वारा अपराधियों का पता लगाने और दोषी को सजा दिलाने में मदद मिलती है।

एमएलसी का फुल फॉर्म (MLC Full Form In Hindi)

कुछ लोग एमएलसी को ही उसका पूरा नाम समझ लेते है। मगर इसका पूरा नाम हिंदी में मेडिकल लीगल केस (Medico Legal Cases) है।

चिकित्सा एवं क़ानूनी मामलो में मेडिकल लीगल केस किया जाता है। इसका मुख्य उदेश्य होता है की एक सबूत द्वारा अपराधी को सजा मिल सके।

एमएलसी के अन्य कुछ फुल फॉर्म होते है। जैसे की,

  • MLC: मेडिकल लीगल केस (Medico-Legal Case)
  • MLC: मजिस्ट्रेट लिबर्टी सर्टिफिकेट (Magistrate’s Liability Certificate)
  • MLC: मल्टीलीगल कोम्पुयूटिंग (Multilingual Computing)
  • MLC: मास्टर लोन एग्रीमेंट (Master Loan Agreement)
  • MLC: मंथली लेवल कमीशन (Monthly Level Commission)

हर एमएलसी का अलग-अलग अर्थ होता है। इसका प्रयोग विभिन्न जगहों पर अनेक रूप से किया जाता है। चिकित्सा से लेकर न्याय प्रणाली में इस शब्द का प्रयोग होता है।

MLC और Non MLC के बिच का अंतर

रोजाना हॉस्पिटल में अनेक मरीज भर्ती होते है। जिनके लिए हॉस्पिटल द्वारा एक केस फाइल तैयार की जाती है। मरीज को किस तरह की हानि पहुंची है। उस आधार पर एमएलसी या नॉन एमएलसी केस बनाया जाता है।

(1) MLC मेडिको लीगल केस

  • किसी चोट, दुर्घटना या हिंसा के कारण व्यक्ति को हानि पहुंचती है। तब हॉस्पिटल द्वारा उसको लगी हानि की जांच की जाती है।
  • जिसमे व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हानि पहुंचाई जाती है, तब मेडिको लीगल केस बनता है।
  • इसमें पुलिस को सूचित करना अनिवार्य होता है।
  • एमएलसी प्रक्रिया में व्यक्ति का मेडिकल इतिहास दर्ज करना होता है।
  • व्यक्ति को लगी चोट का इसमें विस्तृत विवरण किया जाता है।
  • इस तरह क़ानूनी सबूत इकट्ठे किये जाते है।
  • अदालत में एमएलसी को सबूत के तोर पर प्रस्तुत किया जाता है।

(2) नॉन MLC केस

  • इसमें व्यक्ति सामान्य बीमारी से हॉस्पिटल में भर्ती होता है।
  • जिसे किडनी, लिवर, हार्ट, फीवर या अन्य कोई बीमारी हो वह मरीज नॉन एमएलसी में आते है।
  • इसमें किसी भी प्रकार की पोलिस कम्प्लेन या जाँच नहीं करनी होती।
  • इसमें कानूनी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है।
  • नॉन एमएलसी में केवल इलाज के तोर पर जांच की जाती है।

जाने विनेगर क्या होता है

किस केस में एमएलसी बनता है

यदि कोई इंसान को अन्य इंसान द्वारा व्यक्तिगत रूप से हानि पहुंचाई जाए तो ऐसे मामलो में एमएलसी बनता है। निचे दर्शाए कुछ कारणोंसर एमएलसी यानि फॉरेंसिक मेडिकल केस किया जाता है।

(1) किसी दुर्घटना की वजह से

गंभीर मार्ग अकस्मात के कारण भी एमएलसी बनता है। की कौनसे वाहन द्वारा व्यक्ति को कहा चोट लगी है। इस मामले की संपूर्ण जाँच पुलिस द्वारा की जाती है।

(2) हत्या या आत्महत्या के मामलो में

किसी की हत्या करना या उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करना जैसे मामलो में भी एमएलसी की जाती है। इसमें मरीज की गवाही के साथ उसकी मेडिकल जांच करते है।

(3) मारपीट या किसी को चोट पहुंचाना

कोई व्यक्ति द्वारा अन्य व्यक्ति पर किये गए हमले से व्यक्ति को चोट लगती है। तो ऐसे किस्सों में हॉस्पिटल द्वारा मरीज की एमएलसी बनाई जाती है।

(4) गर्भपात या गर्भ में ही बच्चे की मौत होना

कुछ पारिवारिक परेशानियों के कारण लोग गर्भ में ही बच्चे को मार देते है। ऐसा करना क़ानूनी तोर पर एक अपराध है। जिसे लेकर एमएलसी की जांच होती है।

(5) किसी का अपहरण करना

व्यक्ति का गायब हो जाना या किसी अन्य द्वारा अपहरण करना एक गुनाह होता है। अपहरण कर के उसे शारीरिक चोट पहुंचाने जैसी स्थितियों में एमएलसी का केस दर्ज होता है।

(6) विषाक्त पदार्थो के कारण हुई मोत

यदि खाने में विषाक्त पदार्थ मिला कर व्यक्ति को दिए जाए, और उससे उसकी मोत या किसी भी प्रकार की शारीरिक हानि हो तो एमएलसी बनता है।

(7) यौन हिंसा या बालात्कार के मामलो में

महिलाओ पर आज कल यौन उत्पीड़न जैसे किस्से बढ़ते जा रहे है। अगर किसी के साथ जबरदस्ती या फिर बालात्कार किया गया हो तो हॉस्पिटल द्वारा उसकी चिकित्स्कीय रूप से जांच की जाती है।

(8) किसी को मानसिक रूप से परेशान करना

शरीर के साथ यदि किसी को मानसिक रूप से कोई परेशानी हुई हो तो वह भी एमएलसी बनवा सकता है। इसके लिए मानसिक रोगो के निष्णांत के पास जांच करवानी होती है।

(9) अचानक हुई मौत के कारण

अगर किसी व्यक्ति की अचानक ही मृत्यु हो जाती है। तो ऐसे में उसके पीछे के कारण जानने के लिए उसकी चिकित्स्कीय जांच करी जाती है।

(10) कोर्ट के आदेश पर

कोई केस सही तरह से सुलझ ना रहा हो या उसमे सबूत की कमी हो तो, कोर्ट के आदेश पर एमएलसी बनाई जाती है। जिसकी संपूर्ण जानकारी पुलिस और कोर्ट को सौंपी जाती है।

MLC रजिस्ट्रेशन कैसे करते है

अगर किसी व्यक्ति को कुछ कारणों द्वारा व्यक्तिगत हानि पहुंचाई गयी है। तो वह हॉस्पिटल में जा कर अपनी एमएलसी करवा सकता है। यहाँ हमने एलएलसी करवाने की सारी प्रक्रिया दर्शाई है।

  • दुर्घटनाग्रस्त पीड़ित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाए।
  • चिकित्स्क को व्यक्ति को पहुंची हानि या बीमारी की जानकारी देनी चाहिए।
  • डॉक्टर द्वारा एमएलसी का फॉर्म तैयार करवाए।
  • मरीज की पहचान सहित उसकी आयु और पता की जानकारी दर्ज करा दे।
  • चोट कब, कहा और कैसे लगी है सहित घटना का विवरण दे दीजिए।
  • व्यक्ति को लगे चोट के निशान घांव आदि का सही से जांच करवाए।
  • यदि चोट ज़्यादा हो तो उसका मीडियल टेस्ट और एक्स रे करवाए।
  • पुलिस को सूचित कर के FIR दर्ज करवानी होती है।
  • प्रक्रिया के बाद MLC रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ले लीजिए।
  • MLC रिपोर्ट की कॉपी अदालत में जमा करे।

सवाल जवाब (FAQ)

लोगो में एमएलसी को लेकर बहुत से प्रश्न है। उनमे से मुख्यतार सवालों के जवाब हमने यहाँ दर्शाए है।

(1) एमएलसी का पूरा नाम और फुल फॉर्म क्या है?

एमएलसी का पूरा नाम और फुल फॉर्म मेडिकल लीगल केस (Medico Legal Cases) होता है।

(2) एमएलसी और नॉन एमएलसी क्या है?

जब किसी व्यक्ति पर जान बुझ कर हमला या उसके साथ कोई दुर्घटना हो तो केस एमएलसी होता है। इसके आलावा हॉस्पिटल में सामान्य बीमारी के कारण भर्ती होने वाले मरीज को नॉन एमएलसी कहा जाता है।

(3) पुलिस आपकी एमएलसी नहीं बनवाती तो क्या करे?

कुछ बार ऐसा होता है की किसी कारण से पोलिस आपकी एमएलसी नहीं बनवाती। ऐसे में आप हॉस्पिटल में जाकर खुद अपनी एमएलसी बना सकते है। साथ ही इसे आप सबूत के तोर पर कोर्ट में भी दे सकते है।

(4) अच्छी एमएलसी कैसे बनवाते है?

सबूत के लिए अच्छी एमएलसी तैयार करनी होती है। जिसके लिए यह बाते ध्यान रखे,

  • सभी छोटो की अच्छे से जाँच करवा ले।
  • इसके लिए मेडिकल टेस्ट भी करवा सकते है।
  • एमएलसी के लिए एक्स रे बनवा सकते है।
  • यदि हानि के दौरान कपड़े फ़टे है तो इसे सबूत के रूप में पोलिस के पास जमा करवाए।

(5) एमएलसी की ऑरिजिनत कॉपी किसे दी जाती है?

एमएलसी की ओरिजिनल कॉपी हमेशा पोलिस अधिकारी को ही दी जाती है। अरजदार व्यक्ति को एमएलसी की दूसरी कॉपी दी जाती है।

आशा करती हु Medical MLC सम्बंधित पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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