विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग, कारण और इलाज

हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा में जरूरत होती है। इसकी असंतुलित मात्रा कभी-कभी बड़े रोग भी खड़े कर सकती है। जैसे की vitamin a ki kami se hone wale rog इन रोगो के कारण बहुत सी समस्याए होती है। इससे बचने के लिए अच्छी दिनचर्या होना बेहद जरूरी है, साथ ही व्यायाम और पौष्टिक आहार भी एक बेहतरीन इलाज रहेगा।

विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग, कारण और इलाज

विटामिन ए में अच्छी मात्रा में रेटिनॉल और कैरोटिन पाया जाता है। जो विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग से छुटकारा पाने के लिए अक्सीर उपाय रहेगा। त्वचा, बाल, नाख़ून, हड्डिया और आँखों की रौशनी तेज़ करने में विटामिन ए काफी असरकारक है।

तो जानते है vitamin a ki kami se kya hota hai? इसके कारण आँखो की कई बीमारिया होने की संभावना रहती है। जैसे की रतौंधी और आंख के सफ़ेद हिस्से में धब्बे पड़ना। छोटे बच्चो में विटामिन ए की कमी के कारण अंधेपन की समस्या भी हो सकती है। यह रोग आगे जाकर बड़ा स्वरूप न धारण करे इसलिए योग्य समय पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग, कारण और इलाज

आँखे हमारे शरीर का एक ऐसा नाजुक विभाग है जिसे हमेशा एक्स्ट्रा केयर की जरुरत पड़ती है। कुछ बच्चो की जीवनशैली ऐसी होती है की उन्हें विटामिन ए खुराक कम मिलती है। जिसके कारण आगे चल कर आँखों की रोशनी में धुंधलापन आने लगता है। यही नहीं श्वसन प्रक्रिया में मुश्किली आती है और एनीमिया जैसी बीमारी भी हो सकती है।

बचपन से विटामिन ए वाली सही खुराक मिली हो तो इस तरह की समस्याए नहीं होती है। और यदि हो जाये तो उसे डॉक्टर की सलाह के आधार पर कुछ इलाज और मेडिसिन द्वारा ठीक किया जा सकता है।

Vitamin a ki kami se hone wale rog

अच्छा खाना, गहरी नींद लेना और व्यायाम करना हर विटामिन की कमी को दूर रखता है। विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग में सबसे ज्यादा प्रभाव आँखों पर पड़ता है। जिसके कारण धुंधलापन आता है और समस्या बढ़ जाये तो अंधापा भी हो सकता है। इसीलिए अपनी आँखों की रक्षा करने के लिए हो सके उतना ब्लू लाइट स्क्रीन के संपर्क में कम आये, जो मोबाइल द्वारा निकलती है। अब बढ़ते है आगे Vitamin a ki kami se hone wale rog की तरफ।

(1) अंधापन

विटामिन ए का मुख्य लक्षण यह की आँखों की रौशनी धीरे धीरे कम हो जाना यानि की अंधापन। इसके कारण ड्राई आईज की समस्या होती है जिससे आंसू बनने की प्रक्रिया बंद हो जाती है। आज-कल जब लोग टीवी, कम्प्यूटर या मोबाइल पर ज़्यादा वक़्त बिताते है। तब आंख में जलन या फिर सूजन होने की शिकायत होती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जा के जाँच करवानी चाहिए।

इस बीमारी का खतरा कम करने के लिए विटामिन ए का प्राकृतिक स्त्रोत दूध उत्तम माना जाता है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जिया और उनका सुप पीना काफी फायदेमंद रहेगा। शिमला मिर्च और फिश भी आँखों की सेहत के लिए उत्तम खुराक माना जाता है। बाकी जैसा कहा मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन से आँखों को बचाये रखे, जिसके लिए Eye Portection Mode ऑन कर सकते है।

(2) ऐनिमिआ

शरीर में जब रक्त की कमी उतपन्न होती है तब ऐनिमिआ जैसे रोग होते है। भारत में यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। महिलाओ में ज़्यादातर इसकी शिकायत होती है और पुरुष भी इस हीमोग्लोबिन यानि की ऐनिमिआ की बीमारी से पीड़ित है। काम करते वक़्त जल्दी थक जाना, साँस फूलना, कमजोरी महसूस करना, चक्कर आना, बाल झड़ना और आँखों का पीला पड़ जाना जैसे इसके सामन्य लक्षण है।

खून में लाल रक्त कोशिकाओ का निर्माण बढ़ाने के लिए विटामिन ए फ़ूड आहार स्त्रोत खाने में शामिल करना चाहिए। गाजर का सेवन करना ऐनिमिआ के दर्दीओ के लिए फायदेमंद है। इससे शरीर में अच्छी मात्रा में खून बनता है। एप्पल जूस में दो चम्मच शहद मिला कर पिने से खून की कमी दूर होती है।

(3) रोगप्रतिकारक शक्ति में कमी

साल में दो तीन बार बीमार पड़ना आम बात है, पर लगातार बीमार होते रहे तो समझ लो रोगप्रतिकारक शक्ति की कमी है। इसका कारण हो सकता है अयोग्य खान-पान और व्यायाम का आभाव।

इसके उपचार में ताज़ा फलो का सेवन या फिर उसका रस पीना काफी लाभदायी होगा। खास कर के संतरे का जूस पीना अति उत्तम होगा। इसके अलावा आयुर्वेदिक काढ़ा भी आप ले सकते हो। रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने के लिए रात को सोने से पहले दूध को गर्म करके उसमे थोड़ी हल्दी दाल कर पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेकारक है।

(4) श्वसन प्रणाली में मुश्किली होना

बढ़ती उम्र के साथ शरीर में काफी सारे रोग आ जाते है। लेकिन पहले से ही कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो यह सब कम होगा। ऐसी ही एक बीमारी है साँस सबंधित समस्याए, इसके कारण व्यक्ति को साँस लेने में काफी दिक्कत होती है। आगे जाकर यह बीमारी अस्थमा भी बन सकती है। जिन लोगो को धूम्रपान करने की आदत है उनमे यह बीमारी ज़्यादा होती है।

श्वसन सबंधित बीमारियों को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यह है की नियमित योगासन करे। अब सवाल यह उठेगा की कोनसा योग करे, आप विडिओ, ब्लॉग या फिर योग की बुक्स पढ़के इसे सिख सकते है। प्राणायम करना भी काफी बहेतरीन विकल्प रहेगा। ये सब करने पर विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग से दूर रहा जा सकता है।

(5) पेशाब नली में संक्रमण

सबसे अधिक परेशान करने वाली यह बीमारी का सामना करने में काफी दिक्कत होती है। पेशाब में खून आना, जलन होना और पेशाब में मवाद आना जैसे इसके सामान्य लक्षण है। जिससे मूत्र सबंधित रोग कहते है, जो संक्रमण लगने कारण होता है। इसके साइड इफ़ेक्ट में कभी कभी कमर और पेट का दर्द भी होता है।

घरेलु उपचार के लिए पीसी हुई इलायची को गरम पानी या दूध के साथ मिला कर पीना इस संक्रमण का रामबाण इलाज होगा। ऐसे वक़्त पे तीखा या मासलेदार खुराक नहीं लेना चाहिए, क्यों की तीखापन संक्रमण बढ़ा सकता है। दही या नारियल पानी का सेवन करने पर शरीर में ठंडक आती है और संक्रमण कम होता है।

आखरी शब्द

सेहत बनाये रखने के लिए केवल विटामिन ए की ही जरुरत नहीं होती। हमें सारे विटामिन्स, प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर सब चाहिए होता है। इनमे से किसी की भी छोटी कमी आ जाये तो शरीर की सेहत बिगड़ना शुरू कर देती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए दवाइलाज हर जरुरी तत्वों की कमी दूर करने की जानकारी लिखता है, जिन्हे विटामिन सीरीज में पढ़ सकते है।

आशा करती हु Vitamin a ki kami se hone wale rog पर दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

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