मटर की दाल के फायदे और रेसिपी Split Peas In Hindi

भारतीय व्यंजनों में कही ऐसे ख़ास व्यंजन मौजूद है जो स्वाद के साथ सेहत के लिए भी गुणकारी है। ऐसा ही एक औषधीय गुणों से भरपूर खुराक है, मटर की दाल। इसमे पौष्टिक तत्वों की भरमार है, जिससे मटर की दाल के फायदे अनगिनत रूप से बढ़ जाते है। यह दाल प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्त्रोत है। नियमित रूप से मटर दाल का सेवन किया जाए तो कही गंभीर बीमारयों का खतरा टलता है।

मटर की दाल के फायदे Split Peas In Hindi

जड़ी बूटी स्वरुप मटर का पौधा फूल धारण करने वाला द्विबीजपत्री पौधा होता है। इस पौधे की फली में से हरे मटर को निकाल कर, उन्हें वैक्यूम कर फ्रोज़न कर दिया जाता है। जिससे पुरे साल भर मटर बिगड़ ना सके। मटर के दानो को सूखा कर दो हिस्सों में तोड़ा जाता है। और उसे मटर दाल का स्वरूप दिया जाता है।

इन दालों का उत्पादन भारत में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र में होता है। मटर दाल का वार्षिक उत्पादन 8.3 लाख टन है। साथ ही भारत दूसरे देशो में भी मटर दाल निर्यात करता है। इस पोस्ट में हम Split Peas In Hindi की दिलचस्प जानकारी शेयर कर रहे है।

मटर की दाल के फायदे Split Peas In Hindi

अनेक पोषक तत्वों से भरपूर मटर की दाल खाने से अधिक फायदे मिलते है। अब जानते है प्रति 100 ग्राम मटर की दाल में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा कितनी है।

  • कैलोरी – 125 kcal
  • फेट – 0.39 g
  • प्रोटीन – 8.34 g
  • फाइबर – 8.3 g
  • कार्बोहाइड्रेट – 20.8 g
  • शुगर – 2.9 g
  • कैल्शियम – 14 mg
  • मैग्नीशियम – 36 mg
  • पोटैशियम – 362 mg
  • आयरन – 1.29 mg
  • सोडियम – 120 mg
  • जिंक – 1 mg

हरी और पीली मटर दाल में अंतर

मुख्य रूप से मटर दाल के दो प्रकार देखने को मिलते है।

  1. हरी मटर दाल (Green Split Peas)
  2. पीली मटर दाल (Yellow Split Peas)

दोनों दाल एक ही पौंधे से बनती है, फिर भी उनमे थोड़ा बहुत अंतर देखने को मिलता है।

  • पोषक गुणों के मामले में दोनों ही दाल एक समान है।
  • इनके बिच का मुख्य अंतर दाल के रंग और स्वाद से होता है।
  • हरी दाल की पहचान उसके हरे रंग आधारित होती है। उसी प्रकार पिले दाल की पहचान भी रंग से होती है।
  • हरे रंग की मटर दाल में उसका मुख्य स्वाद रहता है, जो पौंधे जैसा ही लगता है और पौष्टिक होता है।
  • पीली दाल का स्वाद हल्का सा मीठा और पैलेट वाला होता है।
  • हरी दाल हृदय स्वास्थ्य और मसल्स ग्रोथ के लिए अच्छी है।
  • पीली दाल पाचनक्रिया को मजबूत बनाती है।

मटर की दाल के फायदे

पीली और हरी दोनों दाल लाभकारक होती है। इन दालो में मिनरल, विटामिन्स और कही उपयोगी खनिज तत्व पाए जाते है। रोजाना मटर की दाल का सेवन किया जाए, तो स्वास्थ्य लक्षी कही समस्या दूर करने में फायदे प्राप्त होते है। मटर की दाल के अलावा मटर की सब्जी, सूप वगेरा खाया जाता है।

(1) हृदय स्वास्थ्य में लाभदायी

हृदय स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए मटर की दाल खाना फायदेमंद है। इस दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व फाइबर, पोटैशियम, ट्रिप्टोफैन और एमिनो एसिड हृदय के लिए लाभदायी है। इसमें खून की सफाई का अद्भुत गुण पाया जाता है।

मटर दाल का सेवन करने से रक्तचाप या अन्य कोई हृदय रोग होने का खतरा कम होता है। शरीर की रक्त वाहिकाओं के कार्य में सुधार लाने के लिए मटर दाल उपयोगी है।

(2) कैंसर का जोखिम कम करता है

कैंसर का खतरा कम करने के लिए मटर दाल का सेवन करना अच्छा है। मटर की दाल में आइसोफ्लेवोन्स (विशेष रूप से डेडेज़िन) पाया जाता है। जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव करता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, स्तन कैंसर और प्रॉस्टेट कैंसर की बीमारी से बचाने में, आइसोफ्लेवोन्स हार्मोन सुधारने का काम करता है। कैंसर पीड़ितों के लिए मटर की दाल खाना फायदेमंद है।

(3) शुगर लेवल सही रखने में

डायबिटीज के मरीजों के लिए मटर दाल खाना फायदेकारक है। मटर की दाल खाने से रक्त में शर्करा का प्रमाण नियंत्रित रहता है। इसमें एंटी-हाइपर ग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाले) गुणों की मौजूदगी है।

साथ ही मटर की दाल में रहे धुलनशील फाइबर शर्करा के स्तर में वृद्धि होने से रोकता है। नियमित रूप से इस दाल सेवन करने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। डायबिटीज में मीठी चीज़ो का परहेज करना पड़ता है, और इस तरह की पौष्टिक दाल से भूख पूरी करनी होती है।

(4) सल्फेट के प्रभाव को कम करता है

सल्फेट ज्यादातर इंडस्ट्री में यूज़ होता है। सल्फाइट युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन करने से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। पर मटर दाल का सेवन करने से सल्फेट का असर कम होता है। और शारीरिक नुकसानों से भी बचा जा सकता है।

जंक फ़ूड में सल्फेट की मात्रा ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अस्थमा पीड़ित व्यक्तियों में सल्फेट का स्तर बढ़ने की अधिक संभावना रहती है। लेकिन मटर की दाल में मोलिब्डेनम नाम का मिनरल पाया जाता है। जो सल्फेट की संवेदनशीलता को कम करता है।

(5) बड़ी आंत की बीमारी में लाभकारी

आंतो को सड़ाने वाली यह बीमारी पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव डालती है। इस बीमारी को कम करने के लिए योग्य खान पान और जीवनशैली की आदत अपनाए। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम पीड़ितों को मटर की दाल का सेवन करना लाभदायी है।

मटर की दाल में धुलनशील फाइबर की अधिक मात्रा है। जो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के पाचन विकारो से लड़ने की ताकत प्रदान करता है। साथ ही पाचनक्रिया को सरल बनाने का काम करती है।

(6) कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में फायदे

पोषण युक्त मटर की दाल में हाइपर कोलेस्ट्रॉल मिया (एंटी-कोलेस्ट्रॉल) गुण पाए जाते है। जिस कारण कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को मटर दाल खानी चाहिए। दैनिक आहार में मटर दाल को शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहता है।

फाइबर की अच्छी मात्रा होने से मटर की दाल कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में लाभदायी है। बहुत ही कम धनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मटर दाल उपयोगी है। कोलेस्ट्रॉल से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने लिए यहाँ पढ़े।

(7) वजन कम करने में मददगार

जो लोग तेजी से वजन घटाना चाहते है, उनके लिए मटर की दाल लाभकारी है। रोजाना मटर की दाल, मटर की सब्जी, परोठे और सूप का सेवन किया जाए तो इससे काफी फायदे मिलते है।

इस दाल में फाइबर की अच्छी मात्रा है, जो भूख को शांत करने में मददगार है। और इसमे प्रोटीन, विटामिन, मैग्नीशियम, ज़िंक, आयरन वगेरा पोषक तत्व है। जिनसे पुरे दिन शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

मटर दाल की रेसिपी

स्वाद और सेहत गुणों से भरपूर मटर के कही व्यंजन बनते है। पर आज हम मटर से बनने वाली फेमस इंडियन रेसिपीज़ के बारे में बतायेगे।

(1) स्वादिष्ट हरे मटर की दाल

सबसे पहले नंबर पर इस विशिष्ट रेसिपी का नाम है। जो भारत के साथ विश्व भर में मशहूर है। हरे मटर की दाल को बनाना बेहद आसान है। तो आइये जानते है स्टेप बाय स्टेप इस दाल को बनाने का तरीका।

सामग्री

  • हरे मटर के दाने
  • टमाटर
  • हरी और लाल मिर्च
  • धनिया
  • तेल
  • देसी घी
  • जीरा
  • अदरक पेस्ट
  • हल्दी पाउडर
  • गरम मसाला
  • नमक

बनाने का तरीका

  • कुकर में तेल को दाल कर उसे गरम होने दे। और उस तेल में जीरा दाल कर भून लीजिये। फिर उसमे हींग, हल्दी और धनिया पाउडर डाल कर धीमी आंच तक भुनने दे।
  • उसके बाद कटे हुए टमाटर डाले। अब उसमे अदरक और मिर्च के पेस्ट को दाल दे। इसके बाद हर मसाले को एक के बाद एक कर के डाले।
  • इस बिच मटर को दरदरा पीस ले।
  • थोड़ी देर बाद कुकर में पीसे हुए मटर डाले, और स्वाद के अनुसार नमक डाले।
  • कुकर को 1 सीटी आने तक बंद रखे।
  • थोड़ी देर बाद गैस को बंद कर के। दाल में गरम मसाला और हरा धनिया दाल कर उसे अच्छे से मिक्स कर दे। थोड़ी देर बाद यह दाल पूरी तरह से पक जाएगी।
  • अब तैयार है आपकी लज़ीज जायकेदार हरे मटर की दाल। आप इसे रोटी या चावल के साथ खा सकते है।

(2) मसालेदार बंगाली मटर दाल

बंगाल के अनेक टेस्टी व्यंजनों में मटर दाल का नाम भी शामिल है। बंगाल की लोकप्रिय मटर दाल अब पुरे भारत में ख्यातनाम है। तो अब जान ले मसालेदार बंगाली मटर दाल की रेसिपी के बारे में।

सामग्री

  • मटर दाल
  • घी
  • तेज पत्ते
  • लहसुन और अदरक की पेस्ट
  • टमाटर
  • कटे हुए प्याज के टुकड़े
  • काली मिर्च
  • मिर्च पाउडर
  • हल्दी पाउडर
  • गरम मसाला
  • नमक

बनाने का तरीका

  • पहले नॉन स्टिक पैन में घी को गरम करे। फिर उसमे पीसी हुई हरी मटर की दाल और तेज पत्ता को दाल कर, माध्यम आंच पर भुनने दीजिये।
  • फिर लहसुन और अदरक की पेस्ट को उसमे डाल दे। इसके बाद आपको कटे हुए प्याज और टमाटर के टुकड़ो को डालना है।
  • थोड़ी देर बाद जिसमे आप दाल बना रहे हो उस बर्तन के आसपास थोड़ा सा तेल डाले। और मिर्च, हल्दी पाउडर और अन्य मसाले डाल ले।
  • बाद में इसके अंदर ताज़ी पीसी हुई काली मिर्च डाल दे।
  • पानी में भिगोई हुई मटर दाल उसमे डाल कर स्वाद के मुताबिक नमक डाले फिर बर्तन बंद कर ले।
  • अब हैंड ब्लेंडर का उपयोग कर के इसे दरदरा ब्लेंड करे।
  • इस स्वादिष्ट मसालेदार बंगाली दाल में धनिये को सजा कर तुरंत गरमा-गरम पिरोसे।

आशा करती हु Split Peas In Hindi के बारे में अच्छी जानकारी देने में सफल रही हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

DAWAiLAJ
Logo