कम बोलने के फायदे और नुकसान Kam Bolne Ke Fayde

ज़्यादातर लोगो ने यह कहावत जरूर सुनी होंगी ”बिद्धिमान चुप रहते है, समझदार बोलते है और मुर्ख बहस करते है।” प्रतिभावान व्यक्ति हमेशा शांत, प्रसन्न और चुप रहना पसंद करते है। वह कभी कोई नाकाम बाते, गपशप में रस नहीं लेते। क्यों की वह अच्छी तरह जानते है कम बोलने के फायदे (Kam Bolne Ke Fayde) क्या है।

कम बोलने के फायदे और नुकसान Kam Bolne Ke Fayde

पुराने जमाने के विद्वान ज़्यादा बोलने के बजाए ग्रंथ या पुस्तकों में लिख कर अपना ज्ञान बांटते थे। प्राचीन भारत से लेकर आज तक हमारे देश में मौन व्रत की महिमा है। यह व्रत जो कोई भी रखता है उसे पुरे दिन चुप रहना पड़ता है। ज़्यादा बोलने से अच्छा है चुप रहे इससे हमारे शरीर की काफी ऊर्जा बचती है। जिसे हम अपने अन्य जरुरी कामो में लगा सकते है।

कम बोलने के फायदे Kam Bolne Ke Fayde

व्यक्तित्व में बढोतरी करने के लिए चुप रहने के फायदे अत्याधिक है। लेकिन जब कोई महत्वपर्ण बात हो तब चुप रहना बेवकूफी है। इसलिए आप जरूरत के वक्त कभी चुप मत रहे और बेमतलब की बातों से हमेशा बचे। अब जानते है कम बोलने के फायदे क्या है और ज्यादा क्यों नहीं बोलना चाहिए।

(1) विचार शक्ति बढ़ती है

बोलते रहने से ज़्यादा सोचने का वक्त नहीं मिलता। इसी कारण कही लोग बिना सोंचे समझे कुछ भी बोल देते है। और फिर अपनी गलत बोली की वजह से पछतावे में रहते है। इससे बचने के लिए आप भले कम बोले लेकिन हमेशा सोच समझ कर सामने वाले से बातचीत करे।

चुप रहने से यह सोचने का ज़्यादा समय मिलता है की, हमारे बोलने से सामने वाली व्यक्ति और हमारे बिच के रिश्ते पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। कम बोलने पर आपकी विचार शक्ति बढ़ती है। जिससे किसी को भी दुखी किये बिना आप सही बात कह पाएंगे।

(2) ऊर्जा का बचाव होता है

बिनजरूरी ज़्यादा बोलने से शरीर ऊर्जा व्यर्थ होती है। इस कारण कभी कभी गला सुखना, गले में दर्द, सूजन और मुँह में दर्द होना जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ता है। एक संशोधन में यह बताया गया है की ज़्यादा बोलने से आवाज़ धीरे धीरे बिगड़ने लगती है।

इन सब समस्याओ का समाधान और शरीर की शक्ति बचाने के लिए कम बोलना उत्तम उपाय है। बोलते वक्त शरीर की ऊर्जा का ज़्यादा उपयोग होता है। और कम बोलने से वह ऊर्जा बचती है जिसका उपयोग हम जरूरी कामो में भी कर सकते है।

(3) बातों में गंभीरता आती है

एक अध्ययन के मुताबिक जो व्यक्ति ज़्यादा बोलता है उसकी तुलना में जो कम बोलता है उसकी बातों को लोग गंभीरता से लेते है। ऐसे व्यक्ति की बात लोग ज़्यादा सुनना पसंद करते है जो कम और हमेशा अच्छी बात सबको सुनाते है।

संत, महात्मा, साधुओ से लेकर अनेक विद्वान अपनी बातों में कम बोल कर गंभीरता लाते है। जिस वजह लोग उन्हें सुनने में ज़्यादा दिलचस्पी लेते है। कम बोलने वाले लोगो में कोई भी चीज या विषय पर पूरा ध्यान लगा कर सोचने की क्षमता दुसरो के मुकाबले ज़्यादा होती है।

(4) दूसरे लोग ध्यान से बात सुनते है

बहुत बोलने की बुरी आदत हो उन्हें लोग कही बार अनसुना कर देते है। लेकिन जो इंसान हमेशा कम बोलता है उसकी बात ज़्यादातर लोग ध्यान से सुनते है। लोग कम बोलने वाले इंसान की बातों को गहराई से लेते है। और उनकी बातों को समझने की कोशिश भी करते है।

चुप रहने वाले और कम बोलने वाले इंसान को शब्दों की कीमत पता होती है। इसलिए वह गॉसिप या कोई समय बर्बाद करने वाली बातो से हमेशा दूर रहते है। जिस कारण उन्हें सुनने वालों को भी पता होता है की यह इंसान कोई काम की बात ही बता रहा है।

(5) दिमागी कार्यक्षमता में तेज़ी

सोचना हमारे दिमाग के लिए एक तरह का व्यायाम है। जैसे की हमने ऊपर बताया कम बोलने से सोचने का ज़्यादा समय मिलता है। जिससे परिस्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है की हमारे बोलने से क्या होगा। चुप रह कर सोचते रहने से दिमागी कार्यक्षमता में तेजी आती है।

प्रश्न का उत्तर देते वक्त झटपट जवाब देने के बजाए सोच कर सही उत्तर देना लाभदायी है। स्टूडेंट्स इस टिप्स को फॉलो कर के कम बोलने के फायदे प्राप्त कर सकते है। यदि आपको कम बोलने की आदत नहीं है। तो सुबह जल्दी उठ कर योगा करे, इससे मन शांत रहेगा।

(6) कम बोलने से ज्ञान मिलता है

शांति से चुप रह कर ध्यान से बात सुनने वालो को ज़्यादा ज्ञान मिलता है। दूसरी तरफ ज़्यादा बोलने वाले थोड़ी देर तक भी शांत नहीं रह पाते। जिससे उनको चुप रहने वालो के मुकाबले कम ज्ञान मिलता है। हो सके तो कोई व्यक्ति जब ज्ञान की महत्व पूर्ण बात कर रहा हो तो उसे ध्यान से सुने।

मौन धारण कर के शांति से बात सुनने वाला व्यक्ति कम बोल कर भी ज़्यादा ज्ञान प्राप्त कर सकता है। ज़्यादातर लोग ऐसे व्यक्ति को ज़्यादा ज्ञान देना पसंद करते है जो उसकी बातो को शांति से सुने।

(7) बातों में सभ्यता रहती है

एक सभ्य इंसान की पहचान यह है की वह कम शब्दों में बहुत कुछ कह जाता है। कम और सही बोलने वाले इंसान को समाज में लोग समझदार मानते है। ज़्यादातर लोग कोई महत्व पूर्ण सलाह लेने के लिए ऐसे इंसान के पास जाते है। जो बुद्धिमान हो और उन्हें सही रास्ता दिखाए।

कही रिसर्चो में पाया गया है की कम बोलने वाले लोग कुशाग्र बुद्धि के होते है। कम बोलने वाले इंसान शर्मीले ही नहीं बल्कि सही और गलत को अच्छे से पहचानने वाले भी होते है। ज्यादा ना बोलने से इंसान सभ्यता में रहता है और यही कम बोलने के फायदे दर्शाता है।

(8) कम बोलने से समय बचता है

बहुत बोलने वाले लोग दिन का अधिकतर समय गपशप करने में ही निकाल देते है। दूसरी तरफ कम बोलने वाले लोग समय और शब्दों का महत्व अच्छी तरह समझते है। जिस वजह से वह नाकाम बातों में अपना कीमती समय बर्बाद नहीं करते।

इस समय का सदुपयोग कर के वह अपने जरूरी काम निपटा लेते है। कम बोलने वाला व्यक्ति ज़्यादातर अंर्तमुखी होता है। वह अपने अंदर की दुनिया में ही मस्त रहता है। उसे बहार की कोई बेवजह बातों में रस नहीं होता।

(9) सीक्रेट्स कोई नही जान पाता

कम बोलने वालो को अपने सीक्रेट्स किसी के साथ शेयर करना बिलकुल भी पसंद नहीं होता। उन्हें अपनी निजी लाइफ में किसी की दखलअंदाजी नहीं चाहिए। इसलिए अंतर्मुखी लोग अधिकतर समय चुप रह कर अपने आप के साथ बिताते है।

अपने सीक्रेट्स किसी डायरी या बुक में लिख कर भी संभालते है। ऐसे लोग अपनी बाते अपने आप से ही करते है। ऐसा करते करते वह कोई भी प्रॉब्लम का झट से सोल्युशन ला सकते है।

कम बोलने के नुकसान Kam Bolne Ke Nuksan

चुप रहने के फायदे बहुत है लेकिन जरूरी काम के वक्त या महत्व पूर्ण बात बताते वक्त चुप रहना एक मूर्खता है। इसलिए भले आप कम बोले पर जरूरत के वक्त हो सके उतना सही बोले जिससे आपके व्यक्तित्व में भी बढ़ोतरी होती रहे।

  • जब कोई व्यक्ति आपसे मदद मांग रहा हो। ऐसे वक्त मौन धारण करने के बजाए आपसे हो उतनी मदद करना योग्य है।
  • कुछ लोगो को कम बोलने वाले लोग पसंद नहीं होते। लेकिन ऐसे लोगो के साथ भी आप मित्रता पूर्ण व्यवहार करे।
  • चुप रहने वालो को कभी कभार अनसुना कर दिया जाता है। ऐसे वक्त अपना एक सही अभिप्राय सबके सामने रखे जिससे कोई आपकी बातों को टाल न सके।
  • कोई आपकी बातों को जुठ समझ रहा हो तो कम बोल कर उसे मौन सहमति मत दे। बल्कि आप अपनी बातों की सच्चाई साबित करते रहे।
  • कही लोग चुप रहने वालो को घमंडी समझ लेते है। इसलिए योग्य समय पर आप जरूरत अनुसार बातचीत करे।
  • दोस्तों के सामने चुप रहने से उनको कभी कभी ऐसा लगने लगता है की आप उनमे दिलचस्पी नहीं लेते। ऐसे में आप उनसे समय समय पर बात करते रहे।

आशा करती हु कम बोलने के फायदे (Kam Bolne Ke Fayde) अच्छी तरह समझा पायी हु। जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

DAWAiLAJ
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