विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों और उपचार

सुबह-सुबह की प्यारी सी धुप जब आपके शरीर पर आती है। तब आपको पता भी नहीं चलता और पुरे बॉडी में विटामिन डी 3 की प्राप्ति हो जाती है। विटामिन डी का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य को माना जाता है। कई लोगो को डर है की सूर्य प्रकाश में आने से उनकी त्वचा को नुकसान होगा। पर तेज धुप में बहार निकलने पर ही ऐसी संभवना है। जो लोग जरुरी धुप के प्रमाण में नहीं आ पाते उनमे विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों नजर आने लगते है।

विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों और उपचार

सूर्य प्रकाश में रहे, खूब ज़्यादा पानी पिए, सुबह-शाम चलने जाए। ऐसी छोटी-छोटी बातो की तकेदारी रखी जाये तो कई गंभीर बीमारियों से भी दूर रहा जा सकता है। आज की इस पोस्ट में हमने आपके लिए कुछ मजेदार और उपयोगी जानकारी शेयर की है। तो शुरू करते हमारी नयी पोस्ट इसे अंत तक जरूर पढ़े।

विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों और उपचार

जो लोग अपने आरोग्य पे सही तरह से ध्यान नहीं दे पाते और जिनकी दिनचर्या ठीक न हो। उन लोगों में विटामिन डी 3 की कमी के लक्षण देखने को मिलते है। इसलिए हो सके उतना अपने स्वास्थ्य को तंदुरस्त बनाये रखे और रोग मुक्त रहे। तो आइए जानते है विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों और उपचार के बारे में पूरी जानकारी।

(1) घबराहट या बेचैनी महसूस करना

कुछ लोगो के मन में हमेशा नकारात्मक विचार चलते रहते है। इसकी वजह से उनकी सही तरह से तर्क करने की शक्ति को खो बैठते है। और हमेशा अज्ञात करणोसर डर महसूस करते है। ऐसे लोग खुद को मानसिक रूप से शांत नहीं रख पाते। नशे के लत वाली व्यक्तियों में यह लक्षण ज़्यादा देखने को मिलता है।

इसके बचाव में आप कई तरह के तरीके इस्तेमाल कर सकते है। जैसा की ध्यान और योगा कर सकते है जो मन को अंदर से शांति दे। साथ ही विटामिन डी 3 मिल सके ऐसे खाद्य पदार्थ को भी अपनी डाइट में शामिल करे।

(2) सांस लेने में मुश्किली होना

श्वसनतंत्र सबंधित रोग आम तोर पर ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से होते है। गहरी सांस ना ले पाने से हृदय में जकड़न होती है और हवा की कमी महसूस होती है। और इस तरह सांस लेने में दिक्कते होती है, बड़े उम्र वाली व्यक्तियों में इस बीमारी का प्रमाण अधिक होता है। रात के दौरान कभी अचानक ही इसका प्रभाव हो जाए तो काफी परेशानी हो जाती है। जिसे हम सांस फूलने की बीमारी के नाम से भी पहचानते है।

समस्या को रोकने के लिए ब्रीथिंग एक्सरसाइज करना रामबाण इलाज साबित होगा। इसके अलावा हो सके उतना शांत रहने की कोशिश करे। यह बीमारी ज़्यादा हो गयी हो तो देर न करते हुए सीधे डॉक्टर के पास जाये और जरुरी मेडिसिन लीजिये।

(3) हड्डियों का कमजोर पड़ना

जो लोग हद से ज़्यादा शारीरिक श्रम करते है उनमे हड्डिया कमजोर पड़ने पर विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों नजर आते है। आहार में पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है। इसलिए खाने में हड्डियों के लिए बेहद लाभदायी कैल्शियम युक्त खुराक लेना चाहिए।

जैसा की दूध, पनीर, मछली, खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियो को रोजाना सेवन करे। इन सब का सेवन हड्डियों में धनत्व बढ़ा कर हड्डियों को मजबूतबनाता है। हड्डी सम्बंधित समस्याए शुरुआत में छोटी लगती है जिस पर ध्यान ना दिया जाये तो बड़ा स्वरुप ले लेती है।

(4) जोड़ो में दर्द

बढ़ती उम्र के साथ कई सारे रोग हमारे शरीर में प्रवेश करते है। पर अनुचित खान पान और अयोग्य जीवनशैली के कारण वक़्त से पहले ही बीमारिया आ जाती है। जो विटामिन्स की कमी की वजह से भी हो सकती है, ऐसी ही बीमारी हे जोड़ो का यानि की घुटनो का दर्द।

जोड़ो में दर्द होने कारण बैठने-उठने और चलने में भी काफी परेशनिया होती है। ऐसे में आप सरसों, बादाम या नारियल तेल को थोड़ा गर्म कर के जोड़ो में मालिश कर सकते है। इससे काफी राहत भी महसूस होगी और ताज़गी भी मिलेगी। यदि आप लगातार होने वाले घुटनो के दर्द से परेशान है तो 5 आसान एक्सरसाइज की पोस्ट जरूर पढ़े।

(5) बार बार बीमार पड़ना

कुछ लोग ऐसे होते है जो बार बार बीमार पड जाते है। जो अच्छे से स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते अनियंत्रित ढंग से जीवन जीते है। या तो फिर अधिक तनाव में रहते है, ऐसे लोगो में बीमार पड जाना स्वाभाविक बन गया है। कई बार इन्हे तेज़ बुखार की समस्या भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह अनुसार अपने खानपान को सुधारे और दवाई लीजिये।

आज की जीवनशैली के अनुसार साल में 1-2 बार बीमारी पड़ना स्वाभाविक हो गया है। जिसे हम मेडिसिन द्वारा ठीक कर देते है। पर लगातार बीमारी पड़ना विटामिन डी 3 की कमी का साफ़ लक्षण है, जो आगे चल कर गंभीर बीमारियों द्वारा खतरा बन सकता है।

(6) मष्तिष्क विकार

दिमाग सही तरह से सोचना बंद कर दे तो उसे मस्तिष्क विकार कहा जाता है। सिर पर चोट लगने के कारण मष्तिस्क विकार होने की संभावना रहती है। Autism नाम से मशहूर यह बीमारी का शिकार अब अधिकतर लोग हो रहे है।

हमारे भारत देश में इसका प्रमाण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसी चिंताजनक स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखना बेहद ज़रूरी है। मेडिटेशन करने से इसका खतरा तल सकता है। पर अगर यह बीमारी विकराल रूप धारण कर ले तो मनोचिकित्स्क के पास जाना अत्यंत ज़रूरी है।

आशा करती हु विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों के बारे में पूरी जानकारी देने में सफल रही हु। जानकारी पसंद आयी हो तो लोगो के साथ शेयर करे और ब्लॉग को सब्सक्राइब करे।

DAWAiLAJ
Logo